RE: Antarvasna kahani चुदाई का घमासान
फातिमा ने कटाक्ष भरे स्वर में कहा- वाह बहुत बढ़िया… वो हमें नंगी देखना चाहता है, तभी हस्तमैथुन करेगा.
शबाना ने उसे उकसाते हुए कहा- पर जरा सोचो… उसका लम्बा और खूबसूरत लंड तुम्हारी नाक से सिर्फ कुछ ही दूरी पर होगा.
फातिमा कुछ सोचते हुए बोली- चलो वो तो ठीक है, पर क्या तुम अपने भाई के सामने नंगी हो सकती हो?
शबाना- उसे अपने सामने मुठ मारता हुए देखने के लिए तो मैं ये सब कर ही सकती हूँ… ये कोई बड़ी बात नहीं है और जब हम दोनों करेंगे तो मुझे इसमें ज्यादा शर्म भी नहीं आएगी.
फातिमा- हम दोनों से तुम्हारा क्या मतलब है… मैं तो अभी तक इसके लिए तैयार ही नहीं हुई.
शबाना ने अपनी आवाज में थोड़ी कठोरता लाते हुए कहा- तुम मुझे ये बताओ तुम तैयार हो या नहीं… ये तुम्हारा लास्ट चांस है?
फातिमा- ठीक है… जब तुम्हें अपने भाई के सामने नंगी होने में कोई परेशानी नहीं है तो मुझे क्या… वो ये सब कब करेगा?
शबाना- शायद आज रात को सबके सोने के बाद!
फातिमा- मुझे तो बड़ी घबराहट हो रही है… क्या सच में तुम ये सब करना चाहती हो?
शबाना- अरे हाँ… ये एक नया एडवेंचर होगा… मजा आएगा… और फिर हम बाद में… समझ गई ना?
फातिमा- ठीक है… पर सच में तुम बड़ी पागल हो.
शबाना- पागलपन करने में भी कभी-कभी बड़ा मजा आता है… चलो अब अपना होमवर्क कर लेती हैं, फिर रात को तो कुछ और नहीं कर पायेंगी.
रात को जब सभी डिनर कर रहे थे तो शबाना ने सारी बातें मेरे कान में बता दी. बीच-बीच में जब मैं फातिमा की तरफ देखता था तो वो शरमा कर अपना चेहरा नीचे कर लेती थी.
जब खाना ख़त्म हुआ तो शबाना और फातिमा अपने रूम में चली गई और आखिरकार सारे घर में शांति छा गई. शबाना और फातिमा अपने रूम में गाउन पहनकर मेरा इंतजार कर रही थी.
फातिमा ने सोचा कि शायद मैं नहीं आऊँगा और कुछ बोलने के लिए अपना मुंह खोला ही था कि उसे दरवाजे पर हल्की सी खटखट सुनाई दी. आवाज सुनते ही शबाना उछल कर दरवाजे के पास गई और मुझे अन्दर खींच लिया.
मुझे खींचकर वो बेड के पास तक ले गई और वहाँ बैठी फातिमा के पास बैठ गई.
मैं उन दोनों के सामने नर्वस सा खड़ा हुआ था.
शबाना ने पूछा- अरे भाई, किस बात का वेट कर रहे हो… तुम ये करना भी चाहते हो या नहीं?
मैं- मुझे लगा तुम मुझे पहले पैसे दोगी.
शबाना फातिमा की तरफ देखकर- बिल्कुल देंगी, हमने बोला है तो जरूर देंगी.
मैं- तुमने बोला था कि तुम मुझे 2000 रूपए दोगी और नंगी भी होओगी दोनों?
शबाना- क्या तब तुम हस्तमैथुन करना शुरू करोगे?
मैं संकुचाते हुए- ह्म्म्म हाँ!
शबाना- ठीक है…
और फातिमा की तरफ देखकर उसे कुछ इशारा किया, फातिमा ने झट से अपने पर्स में से 2000 रूपए निकाल कर मुझे दिए पर मुझे कुछ न करते देखकर वो समझ गई कि आगे क्या करना है.
शबाना- फातिमा… चलो एक साथ नंगी होती हैं.
फिर फातिमा उठी और दूसरी तरफ मुंह करके अपना गाउन खोल कर नीचे गिरा दिया, शबाना ने भी उसके साथ-साथ वही किया, दोनों की गांड मेरी तरफ थी. मैं तो वो दृश्य देखकर पागल ही हो गया. एक गोरी और दूसरी सांवली… एकदम ताजा माल… भरी हुई जांघें और सुडौल पिंडलियाँ…
फिर दोनों घूम कर मेरी तरफ मुंह करके बेड के किनारे पर बैठ गई. फातिमा के चुचे देखकर मेरे मुंह से ‘आह’ निकल गई और मैं अपने लंड को अपने पायजामे के ऊपर से ही मसलने लगा.
यह देखकर शबाना ने मुझे घूर कर गुस्से के लहजे में देखा और अगले ही पल हंसकर मुझे आँख मार दी.
पर फातिमा ये सब नहीं देख पाई… वो तो अपनी नजरें भी नहीं उठा रही थी.
मैंने देखा कि उसके चुचे शबाना से काफी बड़े हैं. थोड़े लटके हुए… शायद ज्यादा भार की वजह से… और उसके लाल निप्पल इतने बड़े थे कि शायद मेरे पैर की उंगली के बराबर… पेट बिल्कुल गोल मटोल और सुडौल था.
मैं खड़ा हो गया और अब मैं उसकी योनि भी देख पा रहा था. वो बिल्कुल काली थी, बालों से ढकी हुई और बीच में जो चीरा था, उसमें से गुलाबी पंखुड़ियाँ अपनी बाहें फैला कर जैसे मुझे ही बुला रही थी.
मेरी बहन और उसकी सहेली मेरे सामने बिल्कुल नंगी बैठी थी. दो नंगी स्कूल गर्ल्स को देख कर मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया. मैंने शबाना की तरफ देखा, उसके चूचों का तो मैं वैसे ही दीवाना था. मुझे अपनी तरफ देखते पाकर उसकी आँखें बंद सी होने लगी और अपनी एक उंगली अपने मुंह में डालकर वो बोली- चलो अब तुम्हारी बारी है.
मैंने एक गहरी सांस लेकर अपना पायजामा और चड्डी नीचे गिरा दी और अपनी टी-शर्ट भी उतार दी. फिर मैंने अपना तना हुआ लंड हाथ में लिया और उसे आगे पीछे करने लगा.
शबाना ने कहा- इतना दूर नहीं… यहाँ हमारे पास आकर खड़े हो जाओ और फिर हिलाओ.
मैं खिसककर आगे आ गया और अब मेरे पैर बेड से टकरा रहे थे और उन दोनों के नंगे जिस्म आपस में रगड़ खा रहे थे और उन दोनों का चेहरा मेरे लंड से सिर्फ चार या पांच इंच की दूरी पर ही था.
मैं लंड हिलाने लगा. फातिमा ने शबाना की तरफ देखा और वो मुस्कुरा दी. जवाब में फातिमा भी मुस्कुरा दी और वो अब अपने सामने के नज़ारे के मजे लेने लगी.
मेरा पूरा ध्यान अब फातिमा की तरफ था. वो अपनी आँखें फाड़े मेरे लंड को देख रही थी, उसका होंठ थोड़े से खुले हुए थे, चूचे तन कर खड़े हो गए थे, लगता था वो अपनी सुध बुध खो चुकी है.
मैंने शबाना की तरफ देखा तो वो बड़े ही कामुक स्टाइल से मेरी ही तरफ देख रही थी. उसका एक हाथ अपनी योनि की मालिश कर रहा था और वो अपने होंठों पर अपनी लाल जीभ फिरा रही थी जैसे वो मेरा लंड चूसना चाहती हो.
पर वो फातिमा के सामने मेरा लंड कैसे चूस लेगी.
यही सब सोच सोच कर मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और मैं छुटने के बिल्कुल करीब पहुँच गया. शबाना को शायद इस बात का अंदाजा हो गया था, वो थोड़ी और आगे खिसक आई.
साली मेरे रस की भूखी!
और मेरे लंड ने अपना रस उबाल कर बाहर उड़ेलना शुरू कर दिया.
मेरी पहली धार सीधे शबाना के चेहरे से टकराई और वो थोड़ा पीछे हटी और फिर दूसरी धार सीधे फातिमा के खुले हुए मुंह के अन्दर और तीसरी और चोथी उसके गालों और माथे पर जा लगी.
फिर मैंने थोड़ा लेफ्ट टर्न लिया और बाकी की बची हुई पिचकारी अपनी बहन के चेहरे पर खाली कर दी.
फातिमा तो अवाक रह गई.. जब मैंने अपना वीर्य उसके मुंह में डाला पर जब उसने अपना मुंह बंद करके स्वाद चखा तो उसे साल्टी सा लगा और वो उसे निगल गई.
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