RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
प्रीती – देख कुशल देख, इस खूबसूरत बदन को चोदने के लिए तो लोग खून करने को भी तैयार हो जाए, और तू है कि ....
कुशल – नह.....न...नही प्रीती...मुझे मजबूर मत कर...
अब तो प्रीती का गुस्सा सातवे आसमान पर चढ़ चूका था, और उसने वो बोल दिया जो शायद वो बोलना भी नही चाहती थी....
प्रीती – क्यों नही चोदना चाहता तू मुझे.... क्या कमी है मुझमे.... और क्या खास बात है मोम में जो तू मुझ जैसी जवान लड़की को छोडकर उसके पीछे पागल हुआ पड़ा है...बोल..
प्रीती की बात सुनकर कुशल बुरी तरह चोंक गया, साथ ही आरू और सिमरन भी अपने माथा पीट बैठे कि इस लडकी ने गुस्से में ये क्या बक दिया...
कुशल को समझ ही नही आ रहा था कि उसकी बहन को उसका ये राज़ कैसे पता चल गया, अब क्या होगा, सोच सोचकर उसका दिमाग भन्ना गया था,
कुशल – ये.....ये... क्या बकवास कर रही है....तू.....
प्रीती – मैं कोई बकवास नही कर रही.... तू मोम को चोदता है ये बात मुझे पता है....
कुशल – क...क....क्या...नही ऐसा कुछ नही है...तू ये सोच भी कैसे सकती है....
प्रीती – ज्यादा नाटक करने की जरूरत नही है....मुझे सब पता है...
कुशल – क्या पता है तुझे
प्रीती – यही कि तू मोम को कई दिनों से चोद रहा है....
कुशल – नही ये सब झूट है...तेरे पास क्या सबूत है.......कि...
प्रीती – कमीने तुझे सबूत चाहिए ना....तो ठीक है, मैं अभी तेरी उस गस्ती मोम के पास जाकर उसी से पूछ लेती हूँ......और फिर पापा को भी बता दूंगी सब....” ये सब बोलकर प्रीती नंगे बदन ही बाहर जाने के लिए बढ़ी.....
आरू और सिमरन को भी समझ नही आ रहा था कि आखिर ये लडकी कर क्या रही है...
पर इससे पहले कि प्रीती दरवाज़ा खोल पाती, कुशल जल्दी से बेड से खड़ा हुआ और भागकर प्रीती को पकड़ लिया....
प्रीती – छोड़ मेरा हाथ, तुझे सबूत चाहिए ना....मैं लाकर देती हूँ तुझे सबूत...
कुशल – ओके..ओके... मैं मानता हूँ मैंने मोम के साथ सेक्स किया है... तुझे उनके पास जाने की जरुरत नहीं है.....प्लीज़ प्रीती पापा को ये सब मत बताना..वरना वो मुझे घर से निकाल देंगे
प्रीती – ठीक है मैं उन्हें नही बताउंगी, पर एक शर्त पर...
कुशल – क्या
प्रीती – तुझे अभी इसी वक्त मुझे चोदना होगा....
कुशल – नही यार मैं ये नही कर सकता....प्लीज़ मेरी मजबूरी समझ
प्रीती – ठीक है तो फिर मैं जा रही हूँ...
पर इससे पहले की प्रीती मुड पाती कुशल ने उसे एक झटके में खिंच कर अपनी बाँहों में लिया और झट से उसके होटों को अपने होटों की कैद में ले लिया... दोनों एक प्रगाढ़ चुम्बन में लीन हो गये.....कुशल जोर लगाकर प्रीती के गुलाबी होठों का रसपान कर रहा था...लगभग 2 मिनट तक दोनों एक दुसरे के होठो को चूसते रहे....
प्रीती – वाह, ये हुई ना बात, अब बाकी का काम भी कर ही डालो...
कुशल – यार प्रीती मेरी मजबूरी है कि मैं चाहते हुए भी तुझे नही चोद सकता....
प्रीती – ऐसी क्या मजबूरी है जो तू मुझे नही चोद रहा है...
कुशल – वैसे भी तुझे मेरे और मोम के बारे में पता चल ही चूका है तो तुझे बताने में कोई हर्ज़ नही... तो सुन क्यों मैं तुझे चाहते हुए भी नही चोद सकता....
प्रीती – हाँ बता........ इधर आरू और सिमरन भी फ़ोन पर चिपके उनकी बाते सुन रही थी....
कुशल – असल में आज जब मैं और मोम स्विमिंग क्लास से वापस घर की तरफ आ रहे थे तो मेरे मुंह से गलती से निकल गया था कि मैं तुझे चोद चूका हूँ....
प्रीती – क्या....इसका मतलब मोम को पता है कि तू मेरे साथ सेक्स करता है...
कुशल – हाँ...पर इस बात से मोम बहुत ही ज्यादा सेड हो गयी थी...और नाराज़ भी.... और उन्होंने मुझे कसम दी कि मैं उनकी मर्ज़ी के बिना उनके अलावा किसी भी और लड़की को नही चोद सकता.....
प्रीती – ओह तो इस वजह से तू मुझे नही चोद रहा...
कुशल – हाँ, मेरी इच्छा तो बहुत ज्यादा है कि मैं तुझे अभी यहीं पटक कर चोद दूँ, पर यार मोम की कसम जो रखी है है..........
प्रीती – ह्म्म्म.....ये तो बड़ी प्रॉब्लम हो गयी है.
कुशल – अब तू ही बता मैं कैसे मोम की कसम तोड़ दूँ...
प्रीती काफी देर सोच विचार करके बोली..
प्रीती – हाँ वैसे एक आईडिया है मेरे पास
कुशल – वो क्या
प्रीती – देख मोम ने तुझे बाकि लडकियों के साथ सेक्स करने के लिए मना किया है पर उनके खुद के साथ तो मना नही किया ना.....
कुशल – ऑफ़ कोर्स नोट
प्रीती – तो तू एक काम कर, तू अभी मोम के कमरे में जा और उनकी फुद्दी में अपना लंड घुसा कर उन्हें चोद दे
कुशल – पर इससे तुझे क्या फायदा होगा...
प्रीती – सुन तू जब मोम के कमरे में जाये तो दरवाज़ा हलका सा खुला छोड़ देना, और तू जब मोम की बुर में अपना लंड घुसाकर उन्हें पेल रहा होगा तो चुपके से कमरे के अंदर आ जाउंगी और तुम दोनों को रंगे हाथ पकड़ने का नाटक करूंगी...
कुशल – फिर
प्रीती – फिर मैं पहले मोम को थोडा सा डरा दूंगी पापा के नाम से, और फिर मैं उन्हें मजबूर कर ही दूंगी कि वो तुझे मुझे चोदने की परमिशन दे ही दे
कुशल – ह्म्म्म, आईडिया तो तेरा ठीक है पर थोडा सा मुश्किल लग रहा है...
प्रीती – कुछ मुश्किल नही है, अब तू नीचे जा और मोम पूछे तो बोल देना कि हम तीनो लडकियां सो चुकी है, और फिर तू अपना काम शुरू कर देना...ठीक है ना..
कुशल – ह्म्म्म, ठीक है मैं जाता हूँ...
कुशल अब धीरे से गेट खोल कर निचे की तरफ चल दिया....और प्रीती भी अपने कपडे पहनने लगी.....
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कुशल जब निचे जा चूका तो प्रीती झट से आरू के कमरे में चली गई...
प्रीती – दीदी, मैं कुशल को निचे ले जा रही हूँ...मैं...
आरू – हाँ हमने सब सुन लिया.. पर देखना कहीं कुछ गड़बड़ न हो जाये..और लेने के देने ना पड जाये..
सिमरन – अरे आरू हम तो देने के लिए ही तो तैयार बैठी है.....हे हे हे..
सिमरन की बात सुनकर सबके चेहरे पर एक मुस्कान आ गई..
प्रीती – अच्छा दीदी अब मैं जाती हूँ...शायद निचे कार्यक्रम शुरू हो गया होगा....
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इधर अब कुशल स्मृति के रूम में पहुंच चूका था, स्मृति ने जब कुशल को अपने रूम में देखा तो वो चोंक गयी
स्मृति – अरे कुशल, तू इतने रात गये यहाँ क्या कर रहा है........तुझे पता हैं ना कि आज रात हम कुछ भी नही कर सकते , जा जाकर अपने रूम में सोजा
कुशल – मोम, मुझे बिलकुल भी नींद नही आ रही है...प्लीज़ थोड़ी देर अपने पास सोने दो ना....प्लीज़...
स्मृति – नही कुशल, समझा कर यार, उपर तीन तीन लडकियाँ सो रही है, अगर कोई निचे आ गई तो,
कुशल – नही मोम, मैं अभी उन्हें देखकर आया हूँ, वो तो गहरी नींद में सो रही है सब...
स्मृति – नही मुझे ये ठीक नही लग रहा
कुशल – अच्छा ठीक है, माँ, मैं आपको चोदुंगा नही, बस थोड़ी देर आपके पास सोकर वापस चला जाऊंगा...
स्मृति – नही तू कुछ ऐसी वैसी हरकत करेगा जरुर
कुशल – नही मोम, पक्का प्रॉमिस, मैं कुछ नही करूँगा...
सच तो ये था कि स्मृति भी कुशल को देखकर अब गरम हो चुकी थी
स्मृति – चल ठीक है फिर आजा, पर जल्दी ही वापस उपर चले जाना...
कुशल – ठीक है मोम...
ये कहकर स्मृति वापस बेड की तरफ चल दी, कुशल ने बड़ी ही होशियारी से गेट को इस तरफ बंद किया कि उसमे थोड़ी सी जगह रह जाये, ताकि प्रीती आराम से उन दोनों की रासलीला देख सके....
स्मृति – चल अब चुपचाप सोजा
कुशल – नही मोम, हम दोनों एक ही कम्बल में सोयेंगे
स्मृति – पर....चल ठीक है आजा सोजा...
स्मृति भी कुशल के साथ एक ही कम्बल में ही लेट गयी, पर आज की रात क्या होने वाला था इसकी भनक उसको बिलकुल भी नही थी
स्मृति और कुशल एक साथ सो तो गये पर वो दोनों एक दुसरे के बिलकुल करीब लेटे हुए थे, और उपर से स्मृति के जिस्म से बार बार रगड खाने से कुशल के शरीर में एक अजीब सी लहर उठ रही थी जिसकी वजह से उसके सोये लंड में अब थोड़ी थोड़ी हरकत भी होने लगी थी,
कुशल – मोम, क्या आप मेरे उपर आकर सों सकती हो, प्लीज़
स्मृति – नही नही, अगर मैं तेरे और करीब आई तो फिर तो तू मुझे चोदे बिना नही मानेगा
कुशल – प्लीज़ मोम, मैं प्रॉमिस करता हूँ कि आपकी मर्ज़ी के बिना आपको नही चोदुंगा...
स्मृति – पर मैं कितनी भारी हूँ ना....
कुशल – नही आप कोई भारी वारी नही हो, मेरे लिए तो आप फुल की तरफ हल्की हो बिलकुल
स्मृति – चल चल रहने दे, ज्यादा मक्खन ना लगा अब मुझे, सोती हूँ मैं अभी, तभी तुझे पता चलेगा मैं कितनी भरी हूँ....
स्मृति ने कह तो दिया पर उसे भी नही पता था कि उसके इस तरह कहने का कुशल पर क्या असर पड़ेगा खासकर कुशल के लंड पर, क्यूंकि अब कुशल का लंड एक झटके में पूरी तरह तनकर उसकी पेंट फाड़ने को तैयार खड़ा था, कुशल की सिट्टी पिट्टी गुल हो चुकी थी ये सुनकर
अब स्मृति भी धीरे धीरे मुड में आ चुकी थी और वो अब अपने कुशल के सामीप्य का सुख लेना चाहती थी , अब स्मृति धीरे से कुशल के शरीर के उपर आकर लेट गयी, पर जैसे ही वो कुशल के जिस्म के उपर पेट के बल लेटी अगले ही पल उसकी आँखे आश्चर्य के मारे फ़ैल गयी, क्यूंकि उसकी सलवार के उपर कुशल का खड़ा हुआ लंड बुरी तरह से धंसने की कोशिश कर रहा था,
स्मृति के जिस्म में तो एक तेज़ सरसराहट दौड़ गयी, और साथ ही कुशल भी अजीब से सुख की अनुभूति कर रहा था, तभी अचानक ना जाने स्मृति को क्या सुझा और उसने एक झटके में कुशल के होटो पर अपने होठ सटा दिए पर अगले ही पल वापस भी पीछे खीच लिए,
कुशल तो समझ ही नही पाया कि क्या हुआ, पर इतना साफ था कि उसे ये बहुत ही ज्यादा पसंद आया, इधर स्मृति को लगा कि शायद उसने जल्दबाजी कर दी, उसने तो खुद कुशल को मना किया था आज की रात कुछ भी करने के लिए,
इसीलिए स्मृति ने अपना मुंह घुमाया और कुशल के बदन से निचे उतरने लगी कि तभी अचानक कुशल ने उसे पकड़कर वापस अपने शारीर पर खीच लिया और अगले ही पल उसने ज़ोरदार तरीके से स्मृति के होठों को अपने होटों के कब्ज़े में ले लिए और उन फूलों का रसपान करने लगा,
थोड़ी देर बाद जब वो अलग हुए तो स्मृति बोली – कुशल बेटा, अब नही रहा जाता, मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ, तू भी मुझे अपना प्यार दिखा ना
कुशल – मैं भी आपसे बहुत बहुत प्यार करता हूँ मोम
ये कहकर कुशल ने स्मृति को पलट कर खुद उसके उपर लेट गया
स्मृति अब कोई बात करके समय नही गवाना चाहती थी….वो फिर से कुशल के होंठो को चूसने लगी. इस बार उसने कुछ देर कुशल होंठो को चूसने के बाद, अपने होंठो को अलग कर दिया….और कुशल के सर को अपनी गर्दन पर झुकाते हुए बोली.
स्मृति: कुशल मुझे प्यार करो ना…मुझे किस करो. मेरे बदन के हर हिस्से को चुमो, चाटो….खा जाओ मुझे….
कुशल जैसे ही स्मृति के ऊपर आया…स्मृति ने अपनी टाँगे खोल ली, जिससे कुशल की टाँगें उसकी जाँघो के दरमियाँ आ गई…और उसका तना हुआ लंड उसके पेंट में से स्मृति की सलवार के ऊपर से उसकी चूत से जा टकराया..
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