RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
कुशल अब सच में एक अजीब सी स्तिथि में फंस चूका था, एक तरफ वो अपनी मोम को वादा कर चूका था कि अब वो उनकी मर्ज़ी के बिना किसी और लडकी की चूत की तरफ देखेगा भी नही और दूसरी तरफ उसकी इच्छा थी कि उसे प्रीती की कोरी मलाईदार चूत से हाथ भी ना धोना पड़े, अजीब उहापोह में फंस चूका था बेचारा, पर अब तो वो अपनी मोम की कसम भी खा चूका था तो वादा तो उसे निभाना ही पड़ेगा, यही सब सोचते सोचते ना जाने कब स्मृति और कुशल वापस घर पहुंच चुके थे,
आरू, प्रीती और सिमरन अपने रूम में बैठी बाते कर रही थी, जब उन्होंने निचे गाडी की आवाज़ सुनी तो उन सबके चेहरे पर एक शातिर मुस्कान आ गयी...
सिमरन – ये ले आरू, आ गया बकरा अपनी अम्मा को चोदकर, हे हे हे
आरू – आने दो, आज तो प्रीती इसका पूरा मजा ले लेगी, क्यों प्रीती
प्रीती – हाँ दीदी, आज तो मैं कुशल को वो जन्नत दिखाउंगी कि आज के बाद ये मोम की चूत को भूलकर सिर्फ मेरी चूत के पीछे ही पड़ा रहेगा देखना....
सिमरन – अरे देखना प्रीती, कहीं हम दोनों को ना भूल जाना,
प्रीती –अरे नही दीदी, एक बार मैं जम कर चुदवा लूँ, फिर तो आप दोनों को भी जल्द ही कुशल के लंड के निचे लेटाने की जिम्मेदारी मेरी, क्यूँ आरू दीदी,, चुदोगी ना कुशल से या सिर्फ आपकी इस चूत पर सिर्फ पापा का ही नाम लिखा है..
आरू – अब भला चूत पर भी किसी का नाम लिखा होता है क्या, हे हे हे
आरू की बात सुनकर प्रीती और सिमरन हंसने लगे........
सिमरन – लगता है मेरी बिल्लो रानी को कुशल का लंड लेने की बड़ी खुजली हो रही है, क्यों आरू.. हो रही है ना तुझे खुजली
आरू – यार तू भी ना, अब एक तो इस प्रीती ने कुशल के लंड के बारे में जब से बताया है, वैसे ही मेरा मन बार बार उसका लंड देखने को हो रहा है अब ऐसे में चूत तो बेचारी टेसुए बहाएगी ही ना... वैसे तुझे इच्छा नही हो रही क्या कुशल का लंड लेने की कमीनी
सिमरन – अरे यार मुझे तो सबसे ज्यादा इच्छा हो रही है, देख मेरे भाई का लंड उतना ज्यादा बड़ा नही और प्रीती की बात अगर सही है तो कुशल का लंड तो मेरे भाई से दुगुना लम्बा और ढाई गुना मोटा है, अब ऐसे लंड को भला मैं अपनी बुर से कैसे दूर रख सकती हूँ, तू ही बता, हे हे हे...........
सिमरन की बाते सुनकर तीनो हंसने लगी....
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इधर कुशल और स्मृति अब कार पार्क करने के बाद घर के अंदर आ गये, उन्हें देखकर कोई नही बता सकता था कि अभी अभी ये गाड़ी में रासलीला मना कर आ रहे है,
स्मृति – कुशल बेटा, तू उपर जाकर हाथ मुंह धो ले, मैं भी थोडा फ्रेश हो जाती हूँ, फिर जल्दी से खाना बना देती हूँ, ओके
कुशल – ओके मोम
और कुशल उपर की और जाने लगता है.....तभी अचानक स्मृति ने दोबारा से उसे टोका
स्मृति – कुशल सुन,
कुशल – हाँ मोम
स्मृति – अपना वादा याद रखना.....
कुशल – पक्का मोम...
कुशल ने बोल तो दिया था पर उसे भी पता था कि उसे अपने वादा निभाने में बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी, प्रीती की जवानी से बचने के लिए उसे ना जाने अब क्या क्या करना पड़ेगा.....यही सब सोचते हुए कुशल अपने रूम में चला गया....
इधर स्मृति भी अपने रूम के अंदर आ गयी.... पर जैसे ही वो अंदर आई... उसने देखा पंकज तैयार अपना बैग पैक कर रहा था जैसे कहीं जाना हो उसे....
स्मृति – अरे आप कहीं जा रहे हो क्या....
पंकज – हाँ यार, अभी अभी गुप्ता का फ़ोन आया था, कल दिल्ली में एक बहुत बड़ा कस्टमर के साथ मीटिंग फिक्स हुई है, इसलिए अभी रात को ही निकलना पड़ेगा....
स्मृति – पर इतनी रात को....
पंकज – क्या करूं यार बिज़नस के लिए जाना ही पड़ेगा....अपना मेनेजर गुप्ता है ना वो भी जाएगा मेरे साथ, अभी रस्ते में उसे भी पिक करना है मुझे
स्मृति – वापस कब आओगे...
पंकज – कुछ कह नही सकता....अगर कल की मीटिंग कामयाब रही तो कम से कम एक हफ्ता वहीं रुकना पड़ेगा....पर अगर ये डील मिल गयी तो हमारे पो बारह हो जायेगे....
स्मृति – पर आप... चलो ठीक है आप तैयार हो जाओ, मैं अभी आपके लिए फटाफट खाना बना देती हूँ... खाना खाकर ही जाना...
पंकज – ठीक है, पर जल्दी करो.....
फिर स्मृति ने जल्दी से कपडे चेंज किये और हाथ मुंह धोकर फटाफट किचन में घुस गयी.... लगभग आधे पोंन घंटे में उसने खाना बना दिया.....इधर पंकज की भी पैकिंग पूरी हो चुकी थी.....
स्मृति ने बच्चो को भी आवाज़ देकर बुला लिया.... कुशल, आरू प्रीती और सिमरन सब निचे आ चुके थे.... आरू ने जब पापा को इस तरह तैयार देखा तो बोली
आरू – अरे पापा, आप इस टाइम ऐसे सूट बूट में कैसे???
पंकज – बेटा, क्या है न कि मुझे वापस दिल्ली जाना है अर्जेंट काम से, १ हफ्ते के लिए.....इसीलिए.....
पंकज की बात सुनकर आरू थोड़ी सी उदास हो गयी, पर वो भी जानती थी कि बिज़नस भी बहुत जरूरी है... इसलिए कुछ नही बोली.....
सभी ने जल्दी से खाना खा लिया और फिर पंकज को कार में विदा किया......
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आरू – मोम, आज सिमरन मेरे साथ ही रुकेगी, आज इनके घर पर कोई नही है ना इसलिए
स्मृति – कोई बात नही बेटी, जैसे तुम्हारी मर्ज़ी, वैसे भी सिमरन तो मेरी बेटी जैसी ही है....
आरू – थैंक यू मोम....
अब सब लोग अपने अपने कमरे में जा चुके थे.........
सब लोग अपनी अपनी जगह खुश थे सिवाय एक इन्सान के, वो था कुशल
क्यूंकि कुशल को पता था कि आज दोपहर को ही लंच के वक्त उसने प्रीती को बोला था कि वो आज रात उसकी चूत की सारी गर्मी निकाल देगा, पर अब वो प्रीती को कैसे मना करेगा, और अगर उसने आज भी उसे मना कर दिया तो वो पक्का उसका मजाक उड़ाएगी...... अजीब हालत हो गयी बेचारे कुशल की.... लंड कह रहा था कि जा जाकर मारले प्रीती की मक्खन चूत... और दिमाग कह रहा था कि नही, मोम से किया वादा नही तोड़ सकते...
अब बेचारा कुशल करे तो क्या करे....
इधर स्मृति आराम से अपने कमरे में आकर सो गई क्यूंकि उसे पता था कि आज रात उसे अकेले ही सोना पड़ेगा क्यूंकि आज तो सिमरन भी यही रुकी है, ऐसे में वो कोई भी रिस्क नही ले सकती थी.....
आरू और सिमरन टकटकी लगाये घडी की तरफ देखकर समय काटने की कोशिश कर रही थी, एक एक पल उन्हें एक एक दिन जितना लम्बा लग रहा था, वो तो बस चाह रही थी थी कि कब कुशल जल्दी से प्रीती के रूम में आये, और उन दोनों की चुदाई शुरू हो, ताकि उन्हें भी कुशल का लंड देखने का मौका मिल सके
प्रीती भी अपने रूम में जीरो वाट का बल्ब जलाये अपने बिस्टर पर करवटे बदल रही थी, पर वक्त तो उसका भी बड़ी मुश्किल से कट रहा था, वो तो बस उस पल का इंतज़ार कर रही थी कि कब उसके गेट का दरवाज़ा खटखटाये और कब कुशल आकर उसकी गरम फुद्दी को अपने लंड के गरमा गरम पानी से लबालब कर दे....
पर वक्त बीतता गया और रात के लगभग 11 बजने वाले थे, पर ना तो उसके दरवाज़े पर कोई दस्तक हुई ना ही कुशल का कोई मेसेज उसके फ़ोन पर आया... अब उससे और इन्तेजार नही हो पा रहा था,
“कहीं वो कुशल भूल तो नही गया दोपहर वाली बात, या फिर कही वो सो तो नही गया है, तभी शायद नही आया होगा, पर अगर वो सो गया तो मुझे चोदेगा कौन, नही नही, मैं उसे नही सोने दे सकती, मुझे उसके पास जाना ही होगा, अगर वो नही आता तो मुझे ही उसके पास जाना होगा, पर फिर आरू और सिमरन दीदी कैसे देख पायेगी, पर..........एक काम करती हूँ, कुशल को मेसेज कर देती हूँ, शायद फिर वो आ जाये....” प्रीती ने मन में सोचा
प्रीती ने कुशल को मेसेज टाइप किया – हाय, प्रीती हियर, सो गये क्या
इधर कुशल के फ़ोन पर मेसेज टोन आते ही कुशल समझ गया कि हो ना हो ये पक्का प्रीती का मेसेज है, पर अब वो क्या करे, वो प्रीती को चोद तो सकता नही था, तो फिर मेसेज पढकर क्या फायदा, उसने कुछ देर इग्नोर किया पर दोबारा प्रीती ने एक और मेसेज भेज दिया....इस बार कुशल से बर्दास्त नही हुआ और उसने फ़ोन उठा कर मेसेज चेक किये
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