antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
12-05-2018, 03:06 AM,
#89
RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स

सिमरन – सही कहा यार, जो लड़का अपने लंड से तेरी मोम जैसे मस्त घोड़ी की चूत शांत कर दे उसका लंड पक्का बड़ा ही तगड़ा होगा,

आरू – क्यूँ कमीनी, लगता है तेरा भी मन कर रहा है कुशल का लंड खाने का 

सिमरन – हाँ यार, प्लीज़ कोई जुगाड़ कर ना 

आरू – पहले मेरा तो होने दे, फिर तेरा भी करा दूंगी 

सिमरन – चल फिर ठीक है, तू जल्द से जल्द तेरे पापा की तरह ही कुशल को अपने जाल में फंसा कर अपने हुस्न का दीदार करा दे, फिर मैं भी थोडा हाथ साफ कर ही लुंगी,...हा हा हा ...

आरू भी सिमरन की बात सुनकर हंसने लगी....

कुछ देर और दोनों सहेलियाँ ऐसे ही बात करती रही... फिर सिमरन अपने घर चली गई... और आरू ये सोचने लगी कि अब कुशल को कैसे अपने जाल में फंसाया जाए....

………………………………………………………….

आरू – अरे हाँ, याद आया, तुझे पता है? आज रात कुशल प्रीती की मस्त वाली चुदाई करने वाला है, 

सिमरन – तुझे कैसे पता???

आरू – अरे आज जब हम सब दोपहर को लंच कर रहे थे ना तो प्रीती और कुशल आपस में चैटिंग कर रहे थे मोबाइल पर, और उस टाइम प्रीती कुशल को बहुत ज्यादा चिड़ा रही थी, कुशल को भी बहुत गुस्सा आ गया था, और उसने मेसेज किया कि आज रात वो प्रीती की चूत बुरी तरह चोदेगा,

सिमरन – ओह माय गॉड, तब तो प्रीती की मौज है आज रात को...

आरू – हम्म्म्म यार....

सिमरन – काश मैं उन दोनों की चुदाई देख पाती 

आरू – यार इच्छा तो मेरी भी है.....

सिमरन – चल कोई नही फिर कभी देखा जाएगा

आरू – वैसे एक तरीका है मेरे पास, जिससे हम दोनों कुशल और प्रीती की चुदाई देख सकते है...

सिमरन – सच्ची... बता ना जल्दी से क्या तरीका है..

आरू – देख पहले तो तू आज रात यहीं रुक जा, अपने भैया को फ़ोन कर देना कि आज रात हमारे यहाँ ही रुकेगी...

सिमरन – हम्म... वो तो कोई प्रॉब्लम नही.... आगे बता

आरू – देख, मेरा और प्रीती का रूम बिलकुल आजू बाजू है, यानी कि एक ही दिवार है, और हमारा बाथरूम भी कॉमन है, कुशल का रूम हमारे सामने है,

सिमरन – हाँ वो तो मुझे पता ही है, पर इससे क्या फायदा 

आरू – सुन तो सही पूरी बात, हम चुपके से प्रीती के रूम की तरफ जो दरवाज़ा है ना बाथरूम का, उसमे छेद कर देते है.... और फिर रात को मजे से पूरा शो देख सकते है, क्यों क्या बोलती है...

सिमरन – वाह, आईडिया तो तेरा मस्त है, पर रात को हमे दिखेगा कैसा?

आरू – इसकी फ़िक्र तू ना कर, मैं प्रीती को बोल दूंगी कि रात को कमरे की लाइट बंद ना करे.... 

सिमरन – ह्म्म्म.... यार आईडिया तो तेरा एकदम धांसू है, चल फिर अभी से छेद के जुगाड़ में लग जाते है.... 

आरू – हाँ चल....

उसके बाद वो दोनों सहेलियाँ बाथरूम के अंदर गई, और किसी तरह प्रीती की तरफ वाले दरवाज़े में छेद करने लगी........

खटपट की आवाज़ से दूसरी तरफ सोयी हुई प्रीती की नींद खुल गयी, वो उठकर बाथरूम की तरफ गयी और इससे पहले कि वो दरवाज़ा खोले, अंदर से आराधना ने पहले ही दरवाज़ा खोल दिया 

प्रीती, आरू और सिमरन को एक साथ देखकर थोड़ी हैरान हुई, पर फिर बोली

प्रीती – आरू दीदी, ये आवाज़ कहाँ से आ रही थी, और आप दोनों बाथरूम के अंदर क्या कर रहे हो??

आरू – प्रीती, मैंने सिमरन को तेरे और मेरे बारे में सब कुछ बता दिया है, और कुशल के बारे में भी, अब हम तीनो एक दुसरे के राजदार है, 

प्रीती – सच में ....” प्रीती को ये सुनकर बड़ी ख़ुशी हुई......

सिमरन – हाँ मेरी प्यारी गुड़िया..... अब हम तीनो के बिच कुछ नही छुपा... और हमे ये भी पता है कि आज रात तू कुशल के साथ मस्त सुहागरात मनाने वाली है 

सिमरन की बात सुनकर प्रीती बिलकुल शरमा गई..

प्रीती – स्टॉप इट ना दीदी, कुछ भी बोलते हो आप, 

सिमरन – देखो तो सही, कैसे सुहागरात के नाम से शर्मा गई बेचारी,,,

प्रीती को शर्माता देख आरू और सिमरन हंसने लगे 

प्रीती – पर आप दोनों यहाँ बाथरूम में क्या कर रही हो???

आरू – एक्चुअली हम दोनों तेरी और कुशल की चुदाई देखना चाहते है आज रात, सिमरन भी आज रात मेरे साथ ही रुकेगी... इसीलिए हम इस दरवाजे में छोटा सा छेद कर रहे है.... ताकि तुम दोनों की चुदाई देख सके.....

प्रीती – ओह तो ये बात है.... बड़ी इच्छा हो रही है आपको मेरी चुदाई देखने की बात क्या है... कहीं कुशल का लंड लेने की इच्छा तो नही हो रही ना... हा हा हा

प्रीती की बात सुनकर तीनो हंसने लगी....

उसके बाद तीनो लोग दरवाजे में किसी तरह छेद करने में लग गये, और कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने दो छोटे छोटे छेद बाथरूम के दरवाजे में कर दिए..... बाहर से वो छेद आसानी से नज़र नही आते,

अपनी मेहनत सफल होते देख तीनो सहेलियां बहुत खुश हो गयी.... इस बिच सिमरन ने फ़ोन करके अपने भाई को भी बता दिया कि आज रात वो आराधना के पास रुकेगी.....

...........................................................

अब कहानी को वापस कुशल की तरफ ले आते है......और वहीं से शुरू करते है जहाँ छोड़ा था.......

कुशल और स्मृति स्विमिंग पूल में मस्त चुदाई करने के बाद वापस अपनी कार में बैठकर घर की तरफ रवाना हो गये, शाम का समय हो चूका था.. इसलिए थोडा अँधेरा भी हो चूका था......सडक थोड़ी सुनसान सी ही लग रही थी.... पर स्मृति के चेहरे पर पूर्ण संतुस्टी के भाव झलक रहे थे, और कुशल भी बहुत ही खुश नज़र आ रहा था 

कुशल – मोम, आज तो सच में मजा आ गया, आपकी टाइट चूत मारकर 

स्मृति – हाँ सच में यार, मुझे भी बहुत मजा आया आज तो, तेरे उसमे कोई जादू है, 

कुशल – उसमे किसमे??

स्मृति – “अरे तेरे इसमें...” स्मृति ने एक हाथ कुशल के लंड पर पेंट के उपर से ही फेरते हुए कहा 

कुशल – प्लीज़ नाम लेकर बोलो ना मोम 

स्मृति – लगता है तू मुझे अपने जैसा ही बना कर रहेगा??

कुशल – प्लीज़ मोम बोलो ना एक बार... मेरे किसमे जादू है....

स्मृति – अच्छा बाबा बोलती हूँ.... तेरे लंड में जादू है... जब भी अंदर जाता है... रोम रोम रोमांचित हो उठता है मेरा तो....

कुशल – कसम से मोम, मैंने आज तक जितनी भी चूत मारी है, आपकी चूत बेस्ट है, और आपकी चुत मारने में सबसे ज्यादा मजा आता है, 

कुशल का इतना बोलना था कि स्मृति ने जोर से ब्रेक मार दिया...और गाड़ी की स्टीअरिंग का बैलेंस थोडा बिगड़ गया.... कार सड़क से उतर गयी.... और सडक से थोडा दूर आकर रुकी.....अब सुनसान सी जगह पर कार में स्मृति और कुशल बैठे थे.....

स्मृति – क्या कहा तुमने...

कुशल – मैंने क्या कहा 

स्मृति – अभी अभी जो कहा था,

कुशल – यही की आपकी चुत मारने में सबसे ज्यादा मजा आता है 

स्मृति – नही उससे पहले

कुशल – “यहीं कि मैंने आज तक जितनी भी चुत मारी है, उसमे से आपकी चूत.....”

“ओह तेरी बहन दी....ये क्या बोल दिया मैंने” कुशल के दिमाग में आवाज आई......

स्मृति – इसका मतलब तूने किसी और की भी चूत मारी है... है ना 

कुशल – न....न......वो...वो...मोम.........मैं......

स्मृति – सच सच बता कुशल.... मेरे अलावा और किस किस की चूत मारी है तूने.......... 

कुशल – नही तो मोम... मैं तो बस......

स्मृति – “तुझे मेरी कसम, सच सच बता” स्मृति ने कुशल को बिच में टोक दिया

अब स्मृति ने अपनी कसम दे दी थी, अब बेचारा कुशल बुरी तरह फंस चूका था, झूट बोल नही सकता था, और सच वो बताना नही चाहता था.....

स्मृति – सोच क्या रहा है, जवाब दे मेरी बात का 

कुशल – पर आप नाराज़ तो नही होगी ना मोम....

स्मृति – वो बाद की बात है, पहले तू मुझे सच सच बता कि तूने मेरे अलावा और किस किस की चूत मारी है... और सच सच बताना बिलकुल....

कुशल – मोम..... वो मैंने...... आपके अलावा...दो... दो और लडकियों की चुत मारी है 

कुशल की बात सुनकर स्मृति के चेहरे पर नाराजगी के भाव साफ देखे जा सकते थे, शायद उसके मन में जलन की भावना थी, 

स्मृति – कौन है वो दो लड़कियां 

कुशल – मोम, एक तो वो .....वो..

स्मृति – वो वो क्या लगा रखा है.... साफ साफ बोल ना 

कुशल – मोम, एक तो वो मेरी टीचर है ना, प्रिया मेम.... करण की माँ 

स्मृति – क्या, तूने अपनी टीचर के साथ ही चुदाई कर ली.... 

कुशल – मोम वो सब कुछ इतने जल्दी में हो गया कि मुझे पता ही नही चला 

स्मृति – तो तू मना भी तो कर सकता था ना

कुशल – मैं सच में नही करना चाहता था मोम, पर ...

स्मृति – “पर यही ना, कि तुझसे कण्ट्रोल नही हुआ, शायद तेरा मुझसे जी भर गया है तभी बाहर मुंह मारता है....” स्मृति सच में कुशल की बात से थोड़ी दुखी हो गयी थी, उसे बहुत जलन हो रही थी....... वो कुशल को सिर्फ अपने लिए चाहती थी ..और शायद इसी वजह से उसे इतना बुरा फील हो रहा था...

कुशल – नही मोम, ये आप क्या बोल रही हो, आप बिलकुल गलत सोच रही हो, मैं तो आपको सब से ज्यादा प्यार करता हूँ, आप ये सोच भी कैसे सकती हैं कि मेरा आपसे जी भर गया है, मैं तो आपके बिना रहने का सोच भी नही सकता 

स्मृति – तू ये सब मुझे बहलाने के लिए बोल रहा है, सच तो ये है कि तू मुझसे प्यार ही नही करता, तुझे सिर्फ और सिर्फ चुत चाहिए, जहाँ भी तुझे चुत मिलेगी तू वहीं लार टपकाते हुए चल............

इससे पहले कि स्मृति कुछ भी और बोलती उसके गा्ल पर एक जोरदार तमाचा आकर पड़ा, वो तो वहीं सुन्न हो गयी....

कुशल – खबरदार जो ऐसा फिर कहा.... आपको पाने के लिए मैंने ना जाने क्या क्या किया है, और आप कह रही हो कि मैं आपसे प्यार नही करता... मैंने आपसे ज्यादा प्यार आज तक किसी से नही किया .... आपके लिए मैं कुछ भी कर सकता हूँ.... आपके बिना तो मैं एक पल भी नही रह सकता......... पर अगर आपको अब मुझसे प्यार नही है तो मैं आपकी जिंदगी से हमेशा हमेशा के लिए दूर हो जाऊंगा....

कुशल अभी बोल ही रहा था कि उसके गा्ल पर भी एक जोरदार चांटा आकर पड़ा... 

स्मृति – ख़बरदार जो मुझसे दूर जाने की बात भी की तो.... बड़ी मुस्किल से जिंदगी में कुछ खुशियाँ आई हैं और तू चाहता है कि वो भी मुझसे छीन जाए.... 

स्मृति और कुशल दोनों की आँखों से आंसू बहने लगे... अब कुशल से रहा नही गया और उसने झट से आगे बढ़कर स्मृति के होठों को अपने होठों की कैद में ले लिया...... और जोर जोर से उसके होठों को चूसने लगा... स्मृति भी अब कुशल का पूरा साथ दे रही थी....... कुशल ने एक झटके में स्मृति के बूब्स को अपने हाथों की कैद में ले लिया..... और जोर जोर से दबाने लगा.... स्मृति ने भी अपना एक हाथ बढ़ाकर कुशल के लोअर में घुसा दिया और उसके लंड को मसलने लगी.... कुशल का लंड अपने आकार में आने लगा... दोनों के चेहरे पर हवस पूरी तरह से हावी हो चुकी थी....

स्मृति ने झट से कार में एक बटन दबाया जिससे आगे वाली दोनों सीटें अनफोल्ड होकर बिलकुल निचे हो गयी.... अब ऐसा लग रहा था जैसे गाड़ी में कोई छोटा सा बेड बन गया हो...

इधर कुशल जोर जोर से स्मृति के बूब्स दबाये जा रहा था.... स्मृति से अब बर्दास्त नही हो रहा था ...उसने खुद ही अपनी साडी का पल्लू गिरा दिया.... और फटाफट अपनी साडी खोलने लगी.....कुशल भी जल्दी से अपने कपडे उतारने लगा.... कुछ ही पलो में स्मृति और कुशल बिलकुल नंगे हो चुके थे.........

कुशल ने स्मृति को उस सीट पर लेटाया और उसकी चूत में अपनी एक ऊँगली पेल दी......

स्मृति - हाऽऽऽऽऽऽय्यय ऽऽऽऽऽ डाल...इइइइइइइइ, उइओओओओओओ, 

कुशल की उँगलियाँ अब अपनी मोम की बुर के अंदर बाहर हो रही थी, 

स्मृति- आऽऽहहह अब रुका नहीं जा रहा कुशल , चल फाड़ दे मेरी बुर अभी के अभी , 

कुशल- मोम, आज तो पूरी तरह आपकी बुर फाड़ूँगा

स्मृति- हाय्य्य्य्य जो करना है कर ले, मगर अब और ना तरसा, 

अब कुशल ने अपनी भरे बदन की मोम को सीट पर लेटाया...और अपने होठों को स्मृति की गर्दन पर घुमाने लगा...

अब कुशल ने स्मृति को उलटा करके पेट के बल लिटा दिया, और उसकी गर्दन का पिछला हिस्सा चूमते हुए नीचे पीठ को चूमने लगा, फिर नीचे आकर उसने बड़े बड़े चूतरों को चाटने लगा....फिर नीचे जाकर उसकी जाँघों और पिंडलियों को चूमते हुए उसके पैर के पंजे को चूमने और चाटने लगा, स्मृति की आऽऽहहह निकलने लगी, 

स्मृति- आऽऽह क्या कर रहा है? ह्म्म्म्म्म्म.... डाल ना... क्यों तडपा रहा है......

पर कुशल तो फिर से उसके पावों को चाटते हुए ऊपर आया और उसकी चूतरों की दरार को खोल कर उसने अपना मुँह डालकर वहाँ भी चाटने लगा, 

स्मृति- आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बेटाआऽऽऽऽऽ उइइओइइइइइ 

कुशल अब उसकी गाँड़ के छेद पर जीभ फिराने लगा, 

स्मृति- उइइइइओओओ 

कुशल- मोम, थोड़ा चूतर ऊपर उठाओ ना, 

स्मृति ने अपना पिछवाड़ा उठा लिया.... 

कुशल थोड़ी देर तक तो उसके पिछवाड़े की सुंदरता को निहारता रहा 

“हाय....क्या गोरे गोल मांसल चूतड हैं मोम आपके... भूरी सिकुड़ी सी गाँड़ तो बिलकुल मक्खन जैसी चिकनी लग रही है....और ये रेशम जैसी मुलायम बुर तो पूछो ही मत... जितना चुसो उतना और चूसने की इच्छा होती है..... अब कुशल स्मृति की बुर भी चाटने लगा, 

स्मृति- हाऽऽऽय्य्य्य्य बेटाआऽऽऽऽ आऽऽऽऽज माऽऽऽर डाऽऽऽऽऽऽलेगा क्याआऽऽऽऽ,

कुशल फिर अपना लौड़ा उसकी बुर में रखा और उसने कहा- मोम, डालूँ?

स्मृति- आऽऽहहह क्या पंडित बुलाऊँ और मुहूर्त निकलवाऊँ, अरे नालायक डाऽऽऽऽऽऽल नाआऽऽऽऽऽऽ, 

कुशल- पर पहले आप मुझसे मेरे लंड की भीख मांगो तभी डालूँगा...

स्मृति- आऽऽऽहहह क्यों तंग कर रहा है? डाल दे ना, वह अपनी कमर को पीछे की ओर हिलाकर बोली,

कुशल- पहले बोलो तब डालूँगा, ये कहते हुए उसने उसकी बुर में अपना सुपाड़ा रगड़ा , 

स्मृति- आऽऽऽऽहहह डाऽऽऽऽल्लल्ल कमीने साले मादरचोद ,

कुशल हँसते हुए बोला- क्या डालूँ मोम , बोल ना,

स्मृति- मादरचोद, अपना मोटा लौड़ा और क्या डालेगा, हाय्य्य्य्य्य अब ड़ाऽऽऽऽल दे ना मेरा राजा बेटा, 

कुशल ने अपना लौड़ा उसकी बुर में ठेला और बोला- लो मेरा लौड़ा अपनी बुर में , और उसने ज़ोर से धक्का मार कर अपना लौड़ा पूरा पेल दिया, जड़ तक, उसके बड़े बॉल्ज़ उसकी गाँड़ के छेद से रगड़ने लगे, 

अब उसने चुदायी चालू की और धक्कों की स्पीड भी बढ़ाता चला गया, अब वह स्मृति की चूचियाँ भी दबाने लगा और उसके अंगूर जैसे बड़े निपल्ज़ को भी मसलने लगा, 

स्मृति - आऽऽऽऽहहहह बहुत अच्छाआऽऽऽऽऽऽ लग रहाआऽऽऽऽऽऽ है बेटाआऽऽऽऽऽऽऽ, और जोओओओओओओओओओर्रर्र से चोओओओओओओओओदो आऽऽऽहहह फ़ाऽऽऽऽऽऽऽड़ दोओओओओओओओओ , उइइइइइओइइइइइइइ मैं तो गयी , कहते हुए वह ज़ोर ज़ोर से पीछे को धक्का लगाने लगी और उसके लौड़े को अपनी बुर में ज़ोर से भींच लिया, 

कुशल भी स्वर्गिक सूख का आनंद लेते हुए बोला- ले और ले , ह्म्म्म्म्म्म ले, आऽऽहहहह और ले साऽऽऽऽली क़ुतियाआऽऽऽऽऽऽऽऽ,

स्मृति उसके मुँह से ये शब्द सुनकर थोड़ी देर के लिए हैरान हुई पर फिर अपनी वासना की आँधी में बहते हुए मजा लेने लगी, 

स्मृति – और जोर से चोद साले मादरचोद...फाड़ दे मेरी बुर को आज...

कुशल – साली कुतिया...आज तो तुझे ऐसा चोदुंगा कि कई दिनों तक लंगड़ा कर चलेगी लोडी साली.....

कुशल और स्मृति दोनों ही इस जंगली चुदाई का मजा ले रहे थे.....गाली गलोच ने तो माहोल को और भी ज्यादा गरमा दिया था, और अब दोनों को बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था......


अब कुशल ने उसकी कमर को पकड़कर एक ज़बरदस्त धक्का दिया और स्मृति की चीख़ निकल गयी- हाऽऽऽऽऽऽऽयय्यय माआऽऽऽऽऽऽऽर्रर्र डाआऽऽऽऽऽऽऽऽला रेएएएएएएएएए, 
कुशल- मोम बस पूरा चला गया, अब नहीं दुखेगा,

स्मृति- आऽऽहहह फट गयी मेरीइइइइइइइ, आह्ह्ह्ह्ह अब चूचि दबा बेटा और बुर भी मसल दे बेटा,

अब कुशल उसकी चूचि दबाकर उसकी बुर के दाने को भी सहलाने लगा, जल्दी ही वह गरम हो गयी और बोली- आऽऽहहहह अब मज़ाआऽऽऽ आऽऽऽय्यय्या ना, हाय्यय्यूय चल अब चोद मेरा राजा बेटा अपनी मोम की चूत को, हाय्य्य्य्य्य्य्य्य,

अब स्मृति की चुदायी सही माने में चालू हुई, कुशल के धक्कों से पूरा कार ठप ठप और चूँ चूँ की आवाज़ कर रहा था, कुशल की मर्दाना जाँघें स्मृति के चूतरों से टकराकर मस्ती वाली ठप ठप की आवाज़ निकाल रही थी, 
स्मृति भी हाऽऽऽयय्यय बेएएएएएएएएएटा कहते हुए अपने चूतरों को पीछे की ओर दबाकर चुदायी का पूरा मज़ा ले रही थी, 
कुशल के जवान जिस्म की पूरी ताक़त का अन्दाज़ अब स्मृति को हो रहा था और हर धक्के के साथ वह सुख के गहरे सागर में गोते लगा रही थी, कुशल के हाथ उसकी चूत और चूचि पर थे 

वह चिल्लायी- आऽऽऽऽहहह बेटा फ़ाआऽऽऽऽऽऽऽऽड़ दे मेरीइइइइइइइइ गाँआऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽड़ , 

कुशल भी आह्ह्ह्भ्ह्ह्ह्ह्ह क्याआऽऽऽऽऽऽऽ मस्त चिकनी चूत है मोमआऽऽऽऽऽऽऽऽऽ, हाऽऽऽयय्यय ,


लगभग 15 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद कुशल को लगा मानो उसका पानी निकलने वाला है....

कुशल – हाय.....मोम.... मेरा पानी निकलने वाला है कहाँ निकलूं....

स्मृति – हाययय...बेटा.... अंदर ही निकाल दे......मैं तेरे पानी को अपनी चुत में महसूस करना चाहती हूँ....निकाल दे अंदर ही....

और तभी कुशल को ऐसा लगा मानो उसकी सारी सख्ती उसके लंड की नसों में इकठ्ठा हो गयी और जोर जोर से उसके लंड से उसके वीर्य की बड़ी बड़ी पिचकारियाँ स्मृति की गरम चूत में जाने लगी... स्मृति इन पिचकारियों को अपनी चूत की दीवारों पर महसूस करके मानो मदहोश सी हो गयी और उसका लावा भी साथ साथ फुट पड़ा......

कुशल और स्मृति दोनों ही आज बुरी तरह झड़े थे....इतना पानी आज तक दोनों का ही नही निकला था,,,, शायद गाली गलोच की वजह से दोनों ही कुछ ज्यादा ही गरम हो गये थे....

थोड़ी देर बाद दोनों ने अपनी सांसो को दुरुस्त किया, और अपने कपडे पहने ...

स्मृति और कुशल ने दोबारा एक बार किस किया और फिर स्मृति ने सीट को सही करके कार स्टार्ट की....और कार को घर की तरफ मोड़ दिया.....

स्मृति – वाह... आज तो सच में मजा आ गया बेटा....

कुशल – मोम, सोरी मैंने आप पर हाथ उठाया और आपको गाली दी...

स्मृति – नही बेटा, तेरा मुझे थप्पड़ मारना मुझे बिलकुल भी बुरा नही लगा, बल्कि ये तो इस बात का सबूत था कि तू मुझसे प्यार करता है.... थैंक्यू कुशल...

कुशल – थँक्स मोम.....

स्मृति – पर हाँ तूने ये तो बताया ही नही कि तूने दूसरी किस लडकी की चूत मारी....

कुशल – नही मोम, अगर मैंने आपको बताया तो आप मुझसे दोबारा गुस्सा हो जाओगी...

स्मृति – मैं प्रॉमिस करती हूँ कि गुस्सा नही करूंगी... तू बता...

कुशल – मोम.. वो वो दूसरी लडकी....

स्मृति – बोल ना कौन है वो दूसरी लडकी...

कुशल – मोम वो दूसरी लडकी प्रीती है.....

स्मृति पर तो जैसे बम फूटा.......उसने दोबारा जोर से ब्रेक लगाया..

स्मृति – क्या... तूने प्रीती को भी चोद दिया....कब हुआ ये...

कुशल – मोम... आपने प्रॉमिस किया था कि आप गुस्सा नही होगी....

स्मृति – पर तूने ऐसा क्यूँ किया.... 

कुशल – मोम.. मुझसे गलती हो गयी... पर मैं आपसे वादा करता हूँ कि आज के बाद आपके सिवा मैं किसी भी लडकी की तरफ देखूंगा भी नही... मुझे बस आप और आपकी ये प्यारी सी चूत चाहिए.....मैं आज के बाद किसी भी और लडकी को नही चोदुंगा......प्रॉमिस...

स्मृति – ठीक है तो.... अगर तू मुझसे प्यार करता है ना... तो मेरे से छुप कर कभी किसी दूसरी लड़की को नही चोदेगा...ठीक है ना..

कुशल – ठीक है मोम.......

अब स्मृति के चेहरे पर मुस्कान दोबारा आ चुकी थी.... उसे भरोसा हो चूका था कि उसका बेटा अब सिर्फ और सिर्फ उसे ही चोदेगा....भले ही स्मृति प्रीति की मोम थी पर थी तो ओरत ही.. और ओरत के मन में जलन की भावना आ ही जाती है... यहाँ भी स्मृति प्रीती और प्रिया मेम से जल रही थी.... उसे डर था कि उसका बेटा उसे छोड़ ना दे... पर अब उसका डर दूर हो चूका था.....

अब स्मृति और कुशल वापस घर की तरफ चल पड़े.....

..................

दोस्तों आपको क्या लगता है अब क्या होगा... एक तरफ तो प्रीति, आराधना और सिमरन बड़ी बेसब्री से रात को होने वाली चुदाई का इंतज़ार कर रहे है और इधर दूसरी तरफ कुशल ने अपनी मोम से वादा कर लिया है कि वो उसके अलावा और किसी को नही चोदेगा..... मामला बड़ा गड़बड़ होता जा रहा है........
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RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स - by sexstories - 12-05-2018, 03:06 AM

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