antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
12-05-2018, 03:00 AM,
#83
RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
[b][b][b][b][b][b][b][b][b][b][b][b]आराधना और प्रीती पूरी तरह संतुस्ट होने के बाद अपने कपड़े पहन कर निचे आ गयी और सीधा किचन में घुस गयी , नीचे किचन में स्मृति दोपहर का खाना तैयार कर चुकी थी, 

आराधना –“मोम, आपने खाना तैयार कर लिया क्या, मुझे बहुत भूख लगी है सच में” 

स्मृति –“बस 5 मिनट और रुक जाओ आरू बेटा, तब तक तुम दोनों हॉल में बैठ जाओ, मैं खाना तैयार करके टेबल पर लगा देती हूँ, और हाँ अपने पापा को भी बुला लो, वो जब से आये है, बस सो रहे है”

आराधना –“वो मोम, पापा कल पूरी रात ड्राइविंग करते रहे ना, इसलिए शायद थक गये होंगे”

स्मृति –“हम्म....पर फिर भी अब तो काफी टाइम हो गया उन्हें सोते हुए, जाओ और जाकर उठा दो उन्हें, फ्रेश होकर खाना खा लेंगे”

आराधना –“वैसे मोम, कुशल कहाँ गया, दिखाई नही दे रहा” आराधना स्मृति के चेहरे पर कुशल के नाम से आने वाले भाव देखना चाहती थी पर स्मृति एक मंझी हुई खिलाडी थी, उसने बिलकुल भी अपने चेहरे पर कोई भाव नही आने दिए और बड़े ही नार्मल तरीके से बोली

स्मृति –“वो तो अपने किसी फ्रेंड से मिलने चला गया था सुबह ही, शायद भी थोड़ी देर में आ जायेगा”

आराधना –“ओके मोम, मैं जाकर पापा को उठा देती हूँ, प्रीती तब तक तू खाना टेबल पर लगाने में मोम की हेल्प कर दे” आराधना ने प्रीती की तरफ आँख मारते हुए कहा, प्रीती को भी समझ आ गया कि शायद आरू दीदी पापा के साथ थोडा सा मजा लेना चाहती है

प्रीती –“आप चिंता मत करो दीदी, आप पापा का आराम से जगाइए.....ओह मेरा मतलब पापा को आराम से जगाइए” प्रीती ने एक टेढ़ी मुस्कान हंस दी 

आराधना ने आँखे दिखाकर प्रीती को डराने की कोशिश की कि कम से कम मोम के सामने तो ऐसी बाते मत कर पर प्रीती कहाँ मानने वाली थी 

आराधना भी मुस्कुराती हुई अपने पापा के कमरे की तरफ चल पड़ी 

अंदर जाकर उसने देखा कि पंकज तो मस्त बेड पर सोया हुआ है, उसने एक पजामा और टीशर्ट डाली हुई थी, जिसमे ध्यान से देखने पर उसके लोडे का मस्त उभार महसूस किया जा सकता था, आराधना धीरे धीरे चलकर पंकज के बिलकुल पास आई और फिर अपने पापा के माथे पर हल्का सा किस करते हुए कहा 

आराधना –“पापा....उठ जाइये......लंच का टाइम हो गया है...मम्मी बुला रही है....”

पंकज ने आवाज़ सुनकर जब अपनी आँखे खोली तो उसके सामने उसके सपनों की रानी उसकी प्यारी बेटी आराधना खड़ी थी, जो बड़े प्यार से उसे उठाने की कोशिश कर रही थी, पंकज ने भी धीरे से अपनी आँखे खोली, और इससे पहले कि आरू उसे कुछ और कह पाती, उसने झट से आराधना के दोनों हाथो को पकड़ा और अपने उपर गिराते हुए फटाक से उसके कोमल होटों को अपने होठों की कैद में ले लिया,
आराधना बहुत ही सेक्सी लग रही थी, उसने अभी एक मस्त झीना सा सलवार सूट पहना हुआ था, जिसमे वो बहुत ही हॉट और गदराई सी लग रही थी, उसका डार्क ग्रीन कलर की कुर्ती उसके बदन से पूरी तरह चिपकी हुई थी, और निचे उसने डार्क मेहरून कलर की चूड़ीदार सलवार पहनी हुई थी 

आराधना की सलवार का कपडा सच में काफी पतला था, और उसकी सलवार उसकी टांगों से बेतहाशा चिपकी हुई थी, कुर्ते के ऊपर उसने मेहरून कलर की ही चुन्नी डाल रखी थी और सामने से अपने कुर्ते के गले और बोबो को अच्छी तरह से ढक रखा था, उसकी चुन्नी में से निकलते उसके गोरे चमकते हुए हाथ, एक हाथ में ब्रेसलेट, एक हाथ में वाच, उसके काले घने बाल, जिन्हें उसने क्लचेर से बाँध रखा था, उसके बालों में से निकली दो लटे जो उसके खूबसूरत फेस पर आ रही थी, उसकी काली बड़ी आँखें होंठो पर लिप ग्लॉस, गले में एक पतली सी चेन, उसके परफ्यूम और उसके बदन की कामुक खुशबु, ये सब एक साथ देखकर तो पंकज का दिल जैसे बाहर ही आने को हो गया, उसका लोडा एकदम से सख्त हो गया, और पंकज आरू को घूरता ही रहा, मानो उसके सामने कोई अजन्ता की मूरत ही हो 

पंकज को इस तरह घूरता देख आराधना भी मुस्कुराने लगी और बोली “कहाँ खो गये पापा, मोम आपको लंच के लिए बुला रही है”

पंकज "यार आरू, आज तो तू सच में बहुत ही ज्यादा सेक्सी लग रही है इस सूट में, जी करता है कि तुझे कच्चा ही खा जाऊ”

आराधना थोड़ी सरमाते हुए –“मुझे बाद में खा लीजियेगा पर पहले लंच खा लीजिये” आराधना हल्का सा मुस्कुराते हुए बोली 

पंकज -"मेरा लंच तो तू ही है” पंकज ने भी आरू की गदराई जांघों को दबाते हुए कहा 

आराधना –“अच्छा जी, ये बात है” आरू ने भी मुस्कुराकर ही जवाब दिया 

पंकज –“हम्मम्मम्म........अच्छा आरू एक बात पूछता हूँ, पर गुस्सा मत करना”

आराधना –“अच्छा पूछिए” आरू को भी पता था कि कोई सीधा साधा सवाल तो नही पूछा जायेगा, पर वो भी अब मजे के मूड में थी, और अभी अभी वो प्रीती के साथ रंगरेलिया मना कर आ रही थी, पर उसका दिल तो अभी तक नही भरा था,

पंकज –“अच्छा ये बता ना कि, तूने अंदर क्या परहेन रखा है" पंकज ने कुटिल मुस्कान के साथ कहा 

आराधना –“चुप करो, आप तो बस हमेशा ये सब ही सोचते रहते हो” आराधना ने कहा, पर उसके मन में भी यही सब घूमता रहता था अब तो 

पंकज "आरू, प्लीज़ बताओ ना, इस प्यारे सूट के नीचे क्या पहेन रखा है तुमने" 

उसने मुस्कुराते हुए कहा -"क्या पापा, वही पहेन रखा है जो सब पहनते है, ब्रा और पेंटी" 
पंकज –"कौन सी वाली " 

आराधना –“क्या करोगे जानकार” आराधना कुटिल मुस्कान अपने चेहरे पर बिखरते हुए बोली

पंकज –“बता ना प्लीज़ आरू” पंकज एक छोटे बच्चे की तरह बेसब्रा हुआ जा रहा था

आराधना –“अच्छा बाबा बताती हूँ, ब्लैक कलर की ब्रा है नेट वाली और पिंक और ग्रे पेंटी" 

पंकज -"वाह आरू, तब तो बड़ी ही मस्त लग रही होगी अंदर तू तो आज”

आराधना –“चुप करो पापा,आपको तो बस हमेशा यही सब सूझता है, वो तो इस कुर्ते का कपडा थोडा सा पतला है ना तो नार्मल ब्रा की स्ट्रेप्स दिखती है और सामने से ब्रा का शेप भी दिखता है, इसलिए नेट वाली ब्रा पहनी आज,क्यूंकि वो चिपकी हुई रहती है तो दिखती नहीं है" 

आराधना का बस इतना कहना ही था कि पंकज ने उसे झट से पकड़ कर अपने उपर गिरा लिया और फिर बड़ी ही बेसब्री से किस करने लगा, वो छट पटाने और अपने हाथों से पंकज को अलग करने की नाकाम सी कोशिश करने लगी, पर पंकज अब कहाँ मानने वाला था, उसने पकड़ कर उसके दोनों हाथो को पीछे किया और लगातार आरू को किस करने लगा 


थोड़ी देर बाद आराधना ने छट पटाना बंद कर दिया, पंकज ने भी अब उसके हाथ छोड़ दिए, अब आरू भी अपने पापा का साथ दे रही थी और वो भी जमकर किस करने लगी,उसने अपने दोनों हाथ पंकज के सर पर रखे और फिर अपने कोमल रसीले होठों को अपने पापा के होठो से सटा दिया 

आरू को किस करते हुए ही पंकज धीरे धीरे चुन्नी पर से उसके खूबसूरत मम्मो को दबाने लगा, फिर उसने चुन्नी हटानी चाही पर 2 -3 बार कोशिश करने के बाद भी आराधना की चुन्नी हट नही पा रही थी, पंकज को इस तरह कोशिश करते देख आरू को अपने पापा पर बड़ा प्यार आया , उसने किस तोड़ते हुए कहा –

आराधना –“रुको पापा, पंकजने सेफ्टी पिन लगा रखी है, पहले पंकज उसे हटा लूँ” ये कहकर आराधना ने अपनी सेफ्टी पिन को हटाने लगी और पंकज उसकी गर्दन पर स्मूच करने लगा, फिर उसने सेफ्टी पिन हटा दी और उसकी चुन्नी साइड में गिर गयी, पंकज उसे वापस किस करने लगा, आराधना भी दोबारा पंकज को किस करने लगी, पंकज किस करते हुए उसके ग्रीन कुर्ते पर से उसके बोबे दबाने लगा, उन्हें सहलाने लगा 


फिर पंकज ने आराधना का हाथ पकड़ के अपनी पेंट पर से ही अपने लंड पर रख दिया, आराधना अब अपनी आँखें बंद किये बस अपने पापा के होठ चूस रही थी और साथ ही अब धीरे धीरे अपने पापा के लंड को भी सहलाते जा रही थी, फिर पंकज आराधना की कमर पर हाथ फेरने लगा और अचानक उसने आराधना के कुरते को पीछे से उपर कर दिया और अपना एक हाथ उसके अंदर डाल कर उसकी पतली सी सलवार के उपर से ही उसकी भरी हुई गांड को मस्ती से दबाने और सहलाने लगा,

इस अचानक हमले के असर से आराधना ने पंकज के होठो को छोड़ दिया और अपनी आँखे बंद करके सिसकियाँ भरने लगी, फिर पंकज आराधना के गले पर स्मूच करने लगा और उसके कुर्ते पर से उनके बोबो पर किस करने लगा, अब पंकज उस की पतली सलवार पर से उसकी चूत पर भी हाथ फेर रहा था उसे सहला रहा था, आराधना की उत्तेजना अब चरम पर थी, 

आराधना को पता था कि उसके पास ज्यादा वक्त नही है, इसलिए जो भी करना है जल्द से जल्द करना होगा, यही सोच कर आराधना ने झट से अपने पापा की पेंट के बटन खोलने शुरू कर दिए, और पलक झपकते ही पंकज की पेंट उसके शरीर से अलग होकर जमीन पर गिरी पड़ी थी 


अब आराधना ने जैसे ही अपने पापा की अंडरवियर पर से उनके लंड के उभार को देखा, उसके पुरे बदन में एक मस्त सी टिस उठ गयी, उसने चड्डी के उपर से लंड को अपने हाथो में भरने की कोशिश की और उसे सहलाने लगी, पंकज भी उसकी सलवार पर से उसकी चूत को सहला रहा था, फिर पंकज ने अपने होंठो से उसके कुर्ते पर से उसके बोबो पर स्मूच करने लगा, और जैसे ही पंकज ने उसका कुर्ता उतारना चाहा, आराधना ने पंकज का हाथ रोक लिया और बोली -"नहीं पापा, चुदाई नही, मोम लंच के लिए बुला रही है, कभी भी अंदर आ सकती है”

पंकज –“ठीक है बेटी, पर मेरे इस लंड को अब मैं कैसे शांत करूं जो तेरे करीब आने से ही पूरा तन कर खड़ा हो गया है”

आराधना –“ये नटखट तो जब देखो खड़ा हो जाता है” आराधना ने अंडर वियर के उपर से ही अपने पापा के लंड को अपनी मुट्ठी में भरते हुए कहा 

तभी अचानक पंकज ने नीचे से उनके कुर्ते के अंदर हाथ डाला और उसकी नेट वाली ब्रा पर से उसके कोमल कोमल गदराये बोबे दबाने लगा, आराधना के मुंह से अब सिसकियाँ छुट रही थी, फिर पंकज ने उसके कुर्ते को ऊपर किया और उसकी नेट वाली ब्रा पर से ही उसके मम्मो को चूमना शुरू कर दिया, और फिर पलक झपकते ही उसने आराधना की वो ब्रा भी खिसका कर उपर कर दी 


आराधना को पता था कि इसमें बहुत रिस्क है पर फिर भी वो अपने पापा को अब रोक नही पा रही थी, आराधना के दोनों निप्पल अब तनकर खड़े हुए थे, पंकज ने झट से उसके एक बोबे को अपने मुंह में भरकर चुसना शुरू कर दिया, अपने मम्मे पर अपने पापा के होठो के एहसास मात्र से ही आराधना की सिस्कारिया अब थोड़ी तेज़ हो गयी, उसके पुरे बदन में उत्तेजना की एक तेज़ लहर दोड गयी,

और उसने झट से अपने पापा के सर पर अपने हाथ रख दिए , वो अब पंकज के बालो में हाथ फेर रही थी, थोड़ी देर उसके बोबे चूसने के बाद पंकज ने आराधना को बेड पर पूरा लेटा दिया और खुद उसके उपर आ गया, अब पंकज धीरे धीरे आराधना को किस करते हुए उसकी सलवार का नाडा खोलने लगा, इधर आराधना ने भी अपने पापा की अंडर वियर अब पूरी निचे कर दी,

वाह क्या सिन था, एक बाप अपनी बेटी को लिटाकर उसे चुमते हुए उसके सलवार का नाडा खोल रहा है, और बेटी अपने बाप की चड्डी उतारकर उसके लंड को अपने हाथ में पकड़ी हुई है,
पंकज का लंड हाथ में आते ही आराधना का पारा और गरम हो गया, सच पूछो तो अब तो उसे परवाह ही नही थी कि उसकी मोम अंदर आ सकती है, वो तो अब बस अपने पापा के साथ सारी हदों को पार कर देना चाहती थी 

इधर अब पंकज ने भी आराधना की सलवार उतार दी और उसकी पेंटी पर से उसकी चूत को सहलाने लगा, आराधना की पेंटी उसकी चूत से निकले पानी से पूरी तरह गीली थी, पंकज समझ गया कि इस छोटे से एनकाउंटर से ही उसकी बेटी पूरी तरह गरम हो चुकी है, उसने धीरे से आरू की पेंटी के इलास्टिक को उपर उठाया और बड़े ही प्यार से अपना एक हाथ उसकी पेंटी के अंदर डालकर उसकी कोमल चूत के होठों को सहलाने लगा,

अपनी चूत पर अपने पापा के हाथ को महसूस कर तो आराधना की आग और भी ज्यादा भड़क उठी, उसका रोम रोम जैसे सेक्स की आग में ताप रहा था, उसके बदन ने अंगडाईयां लेनी शुरू कर दी, दोनों को अब बहुत ही ज्यादा आनंद की प्राप्ति हो रही थी, और फिर तभी अचानक आराधना ने पंकज के साथ किस तोडा और झट से अपने घुटनों के बल बैठ गयी, और पलक झपकते ही अपने पापा के लंड को अपने मुंह में भर लिया 

वो अपने होंठो और जीभ से पंकज के लंड को अच्छे से चूसने चाटने लगी, पंकज आराधना के बालो में अपने हाथ फेरने लगा,पंकज ने धीरे से आराधना के बालो में से उसका क्लेचर निकाल दिया जिससे आराधना के घने बाल अब खुल गये,पंकज ने तुरंत आरू के बालो को अपने हाथो से पकड़ा और फिर उन्हें उपर निचे करने लगा, आरू भी अपने बालो की ताल से ताल मिलाते हुए अपने मुंह में लंड को अंदर बाहर करने लगी,
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