antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
12-05-2018, 02:34 AM,
#78
RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
[b][b][b][b][b][b][b]कुशल- “यार करण जब तू अपनी मोम की मोटी-मोटी गदराई गान्ड देखता है तो तुझे कैसा फील होता है”

करण- “मुझे लगता है की पीछे से जाकर उसकी मोटी गान्ड मे अपना लंड फसा कर इस कदर अपनी मोम की मोटी और गदराई गान्ड मारू की वह मस्त हो जाए, मेरी मोम की गान्ड है भी इतनी मोटी और गदराई हुई की उसे खूब कस-कस कर अपने मोटे लंड से चोदना पड़े तब जाकर उसे कुछ मज़ा आएगा, तू सोच कुशल मेरी उस समय क्या हालत होती होगी जब मे अपने घर जाता हू और मेरी मोम दिन भर के स्कूल के बाद मेरे सामने अपनी मोटी-मोटी गान्ड मटकाती हुई घूमती है, तब तो दोस्त ऐसा लगता है कि अभी अपनी मोम की साडी उठा कर उसकी मोटी गान्ड मे अपना लंड फसा कर खूब कस-कस कर अपनी मोम की मोटे-मोटे चुतडो को चोद दू, मेरा तो लंड दिन भर उसकी गदराई जवानी, मोटे-मोटे फैले हुए चुतड और फूली हुई चूत को देख-देख कर खड़ा रहता है, उपर से अपनी छोटी सी पेंटी भी मेरे सामने ही बाथरूम मे टांग देती है तब बस यही कल्पना करता हू कि यह छोटी सी पेंटी मेरी मोम की मोटी गान्ड और फूली हुई चूत से कैसे कसी रहती होगी”

कुशल- “फिर तो करण तेरा मन अपनी मोम को पूरी नंगी करके खूब कस-कस कर चोदने का करता होगा?”

करण- “हा यार ऐसा लगता है कि दिन रात अपनी मोम को नंगी करके चोदता ही रहू”

कुशल- “पर तूने अपनी मोम को पहली बार पूरी नंगी कब देखा था?”

करण- “अरे एक दिन मैं अपने रूम मे लेटा हुआ था तभी मुझे प्यास लगी और मैं किचन की ओर पानी लेने गया तो देखा की मोम का रूम अंदर से बंद था, मैं सोचने लगा कि मोम दिन मे ही रूम लॉक करके क्या कर रही तब मैंने दरवाजे के के की होल से अंदर देखा ,जैसे ही अंदर झाँक कर देखा मेरे तो होश उड गये,

कुशल- क्यो ऐसा क्या देख लिया तूने

करण- अरे मेने देखा मेरी मोम पूरी नंगी खड़ी होकर अपनी चूत के बाल साफ कर रही थी, उसकी मोटी और गदराई जवान फूली हुई चूत और मोटी-मोटी गान्ड देख कर मे तो पागल हो गया और मेरा लंड अपनी मोम की नंगी मदमस्त जवानी को देख कर खड़ा हो गया, वह अपनी चूत के एक-एक बाल को बड़े प्यार से साफ कर रही थी और उसकी चूत से जैसे-जैसे बाल साफ हो रहे थे उसकी गोरी चूत और ज़्यादा फूली हुई नज़र आने लगी, उसकी फूली हुई चूत के मोटी-मोटी फूली हुई फांके और उसकी चूत का कटाव साफ नज़र आ रहा था और उसके पेडू और गदराए पेट के उठाव ने मुझे पागल कर दिया था, जब वह थोड़ा घूम गई तो उसकी गदराई मोटी गान्ड देख कर तो मेरा दिल करने लगा कि अभी जाकर अपनी मोम की गदराई उठी हुई मोटी गान्ड मे अपने लंड को कस कर पेल दू, जब मेरी मोम के चूत के बाल पूरे साफ हो गये तो वह अपनी फूली हुई गदराई चूत को अपने हाथ से सहलाते हुए बचे हुए बालो को ढूँढने लगी, उसकी चूत के फूले हुए हिस्से को देख कर मेरे मुँह मे पानी आ गया और मुझे ऐसा लगने लगा कि काश ऐसी फूली हुई चूत को चूमने का मोका मिल जाए तो ऐसी रसीली चूत को रात भर नंगी करके चाटूं

कुशल- “आगे बता फिर क्या हुआ” कुशल गर्म होते हुए बोला

करण- “फिर उस दिन मेने अपनी मोम की नंगी गदराई जवानी को ध्यान करते हुए, उसकी फूली हुई चूत और मोटी गान्ड को कस-कस कर चोदने की कल्पना करते हुए तबीयत से मूठ मारी और तू यकीन नही करेगा अपनी मोम को पूरी नंगी करके चोदने की कल्पना करके जब मेने अपना लंड हिलाया तो मुझे उस दिन सबसे ज़्यादा मज़ा आया, उस दिन के बाद मे अपनी मोम को पूरी नंगी देखने के मोके ढूढ़ने लगा और मेने फिर उसे कभी बाथरूम मे कभी उसके रूम मे कई बार नंगी देखा और अपनी मोम को पूरी नंगी करके चोदने का सोच-सोच के खूब लंड हिलाया,

कुशल- “कभी तूने अपनी मोम को चोदने की कोशिश नही की”

करण- “नही यार मेरी मोम बहुत सख़्त है, इसलिए मेरी कभी हिम्मत ही नही पड़ी, हाँ किसी ना किसी बहाने से कभी अपनी मोम की मोटी गान्ड कभी उसके मोटे-मोटे दूध, और कभी उसकी गदराई जाँघो को ज़रूर छू कर मज़ा लिया है पर चोदने का कभी मोका नही मिला और ना ही मेरी कभी हिम्मत ही पड़ी,

कुशल- “अबे यह बात तू मुझे पहले बता देता तो मैं कुछ ना कुछ आइडिया तो तुझे ज़रूर दे देता कि कैसे बात आगे बढे”

करण- “रहने दे यार, तेरे आइडिया मुझे किसी भी दिन मरवा देंगे, मैं तो अपनी मोम को चोदने की कल्पना करके लंड हिलाकर ही खुस हो लेता हू, मुझे कोई रिस्क नही लेना है”

कुशल- “खैर जैसी तेरी मर्ज़ी पर तूने अपनी मोम की चूत और गान्ड को जब से देखा होगा तब से तुझे भारी बदन वाली औरतो को ही चोदने का मन करता होगा”

करण- “अरे मुझे तो अपनी मोम को ही चोदने का मन करता है लेकिन क्या करू, अपनी मोम की चूत मारने के लिए गान्ड मे दम भी तो होना चाहिए, अपनी मोम को फसा कर चोदना कोई मज़ाक तो नही है”

कुशल- “तू ठीक कहता है, लेकिन अगर तू कोशिश करता तो शायद सफल भी हो जाता, क्योकी औरतो को भी मोटे-मोटे लंड की बहुत चाह होती है, तूने अपना मोटा लोडा अपनी मोम को दिखा दिया होता तो शायद वह भी तेरी और ध्यान देने लगती”

करण- “तू कहता तो ठीक है पर ऐसी स्थिति भी तो बनना चाहिए कि मैं यह सब कर सकता”

कुशल- “अरे यार ज़यादा कुछ नही तो अपनी मोम की फूली हुई चूत को एक बार सोते हुए ही अपनी मुट्ठी मे भर के तो देखता तुझे नही मालूम ऐसी गदराई औरतो की चूत को अपनी मुट्ठी मे भर कर मसल्ने मे कितना मज़ा आता है”

करण- “अरे डियर अपनी मोम की चूत को तो मैं कई बार जब वह गहरी नींद मे होती थी तब अपनी मुट्ठी मे भर कर दबोचने क्या, एक बार तो उसकी साडी सोते हुए पूरी उपर हो गई थी और उसने पेंटी भी नही पहनी हुई थी और शायद झाँट के बाल भी उसने एक दिन पहले ही बनाए थे, तब तू बात नही मानेगा मेने अपनी मोम की फूली हुई चूत पर अपने मुँह को रख कर जब उसकी गदराई मुलायम चूत को चूमा तो मेरा लंड अपना पेंट फाड़ कर बाहर आने को तड़प उठा, अपनी मोम की फूली हुई चूत की मादक गान्ड ने मुझको पागल कर दिया था, मुझसे रहा नही गया और जब मेने हिम्मत करके अपनी मोम की फूली हुई चूत की मोटी-मोटी गदराई फांको को अलग करने की कोशिश की वह एक दम से करवट ले कर लेट गई और मेरी तो गान्ड ही फॅट गई लेकिन किस्मत से मे बच गया तब से ज़्यादा कुछ नही करता हू, जब भी देखता हू कि वह गहरी नींद मे है तब कभी उसकी मोटी गान्ड को सहला लेता हू या फिर उसकी गदराई फूली हुई चूत पर अपना हाथ फेर लेता हू और फिर जाकर मूठ मार लेता हू”

कुशल- “हाय तुझे तो बड़ा मज़ा आया होगा प्रिया मेम की फूली हुई चुत को अपने हाथो मे भर कर दबोचने मे”

करण- “हा यार ऐसा मज़ा तो आदमी को पागल कर देता है”

कुशल –“चिंता मत कर मेरे भाई, हर कुत्ते का दिन आता है, तेरा भी आएगा, जरुर कभी ना कभी तू प्रिया मेम की फूली हुई चुत में अपना लंड डाल पायेगा”

करण –“तेरे मुंह में घी शक्कर मेरे भाई”

कुशल –“अच्छा, यार अब मैं चलता हूँ, घर पर कुछ काम भी है, बाय”

करण –“ओके, बाय, जल्दी वापस आना”

करण फिर अपने कमरे के बाथरूम में घुस गया और कुशल उसके कमरे से बाहर आ गया, बाहर प्रिया मेम सोफे पर बैठी टीवी देख रही थी, कुशल उसके पास गया और उनको अपनी बाँहों में लेते हुए मस्त किस करने लगा,

प्रिया मेम –“क्या कर रहे हो मेरे राजा, अभी करण घर पर है”

कुशल –“आपको एक खुसखबरी देनी है”

प्रिया मेम –“क्या”

कुशल –“अगर मेरा प्लान कामयाब हुआ तो जल्द से जल्द आपके बेटे का लंड आपकी मस्त चुत में फिट होगा”

प्रिया मेम –“सच्ची....काश ऐसा ही हो”

कुशल –“चलो ठीक है मेम अब मैं घर जाता हूँ, घर वाले वेट कर रहे होंगे, बाय मेम”

प्रिया मेम –“बाय मेरे राजा, जल्दी आना वापस, मैं और मेरी निगोड़ी चुत तुम्हारा इंतज़ार करेगी”

फिर कुशल वापस अपने घर के लिए निकल गया 
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