RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
[b][b][b]पर प्रीती ने तुरंत अपनी पूरी ताकत लगाकर उसे अपने से अलग किया और बोली
प्रीती –“ओये स्टुपिड, यहाँ खुले में क्यों ऐसा कर रहा है, अगर मोम ने देख लिया तो ......पागल कहीं का” प्रीती ने उसे कहा पर उसकी बात में गुस्सा कम और चिंता ज्यादा थी कि कहीं कोई देख ना ले
कुशल –“पर मोम तो अभी किचन में है, करने दे ना यार किस....पूरी रात तेरे बिना तडपा हूँ.......”
प्रीती –“वो तो मुझे पता है कि कितना तडपा है......जरुर पूरी रात मोम की जमकर ली होगी” प्रीति ने बड़े ही स्लो वौइस् में कहा ताकि कुशल को भी न सुनाई दे
कुशल –“क्या हुआ, दे न एक किस”
प्रीती –“नही कुशल समझा कर यार, अभी मोम है, अभी नही प्लीज़” प्रीती ने उसे समझाते हुए कहा
ये कहकर प्रीती ने कुशल को साइड हटाया और फिर अपने कमरे की तरफ जाने के लिए सीढियों की तरफ बढने लगी, तभी अचानक स्मृति भी किचन से बाहर आ गयी,
स्मृति – “अरे प्रीती बेटी, आ गयी तू, अच्छा तू हाथ मुंह धोकर आजा फिर साथ में नाश्ता करते है”
प्रीती –“मोम, आपने तो खा लिया होगा ना” प्रीती ने कहा, दरअसल वो तो ये कहना चाहती थी कि मोम आपने तो कुशल का लंड खा लिया होगा ना अपनी चूत में
स्मृति –“नही बेटा,हम भी तेरा ही वेट कर रहे थे”
प्रीती – “मुझे लगा कुशल यहाँ है तो आपने तो जी भरकर खा लिया होगा......नाश्ता”
स्मृति –“नही बेटी, हम दोनों ने ही नही खाया, अब तुम जल्दी से हाथ मुंह धोकर आ जाओ फिर हम साथ में मिलकर खाते है”
प्रीती तो आज डबल मीनिंग बाते कर रही थी, और जब स्मृति ने कहा कि साथ में खाते है तो उसे लगा कि उसकी मोम उसे कह रही है कि वो दोनों साथ में मिलकर कुशल का लंड अपनी चूत में ले, ये सोचकर ही उसका दिमाग भन्ना गया, और उसके गाल लाल होने लगे
पर उसने अपने दिमाग को झटका और बोली
प्रीती –“मोम आप नाश्ता लगाओ मैं बस 5 मिनट में आती हूँ”
ये कहकर प्रीती अपने कमरे में चली गयी, इधर कुशल ने एक बात नोटिस की कि प्रीती कल पहन कर कुछ और गयी थी और आज वापस कुछ और पहन कर आई है, पर कुशल ने सोचा की शायद बारिश की वजह से चेंज किया हो और उसने इस ओर ज्यादा ध्यान नही दिया
हकीकत में तो कल रात सिमरन और प्रीती की मस्ती के चक्कर में प्रीती के कपड़े पूरी तरह अस्त व्यस्त हो चुके थे, और उस पर पड़ी सलवटो से कोई भी अनुभवी इन्सान बता सकता था कि रात को उसने क्या गुल खिलाये होंगे, इसिलए सिमरन ने उसने अपने कपडे दे दिए
इधर पंकज और आराधना भी बस अब घर पहुचने ही वाले थे[/b][/b][/b]
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