RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
अब कहानी को सबसे डिमांडिंग करैक्टर की तरफ मोड़ते है यानि कि आराधना की तरफ
जब आराधना , पंकज, दीप्ती और शेट्टी , ये सब सिनेमा देखने के लिए गाडी में बैठे, तभी अचानक शेट्टी ने हल्के से आराधना की गांड पर हाथ फिरा दिया, आराधना को शेट्टी की इस हरकत पर बहुत गुस्सा आया, वो सोचने लगी कि उसकी बाप की उमर का एक आदमी आखिर कैसे उसके पिछवाड़े पर अपना हाथ फिरा सकता है, परन्तु गुस्सा होने के बाद भी आराधना कुछ नही कर सकती थी,
क्यूंकि एक तो वो उन लोगो के सामने पंकज की वाइफ होने की एक्टिंग कर रही थी, और दूसरा उसे डर था कि कहीं उसने कुछ रियेक्ट कर दिया तो शेट्टी उसके पापा का प्रोजेक्ट ना रोक दे
इसलीये आराधना ना चाहते हुए भी बिलकुल चुप रही और चुपचाप गाड़ी में पीछे दीप्ती के साथ जाकर बैठ गयी, शेट्टी और पंकज गाडी में आगे की तरफ बैठे थे और गप्पे हांक रहे थे, और पीछे दीप्ती और आराधना बाते कर रही थी
तभी दीप्ती ने आराधना के बिलकुल करीब आकर हल्की आवाज़ में कहा
दीप्ती –“अच्छा आराधना, एक बात बताओ , आप दोनों की शादी कब हुई थी, मेरा मतलब है कि कितना टाइम हो चूका”
आराधना – “जी....जी....लगभग 6 महीने होने को आये”
दीप्ती – “एक बात कहूँ, बुरा तो नहीं मानोगी?”
आराधना – “जी, पूछिए........” आरधना थोड़ी घबरा भी रही थी कि कहीं दीप्ती कोई ऐसी बात ना पूछ ले जिससे कि उसका भांडा फूट जाये
दीप्ती – “आप दोनों की लव मैरिज हुई है न”
आराधना – “जी ....जी हाँ, पर आपको कैसे पता चला” आराधना झूट मूट ही बोली
दीप्ती – “दरअसल आप दोनों की उम्र में भी थोडा गैप है, और जब हम आपके कमरे में आये थे तब आपने जो सेक्सी सी नाईटी पहन रखी थी वो तो कोई लवर ही अपने आशिक को खुश करने के लिए पहनता है”
आराधना (शर्माते हुए )– “जी..... वो तो बस यूँ ही......... दरअसल मुझे बिल्कुल अंदाजा नही था कि आप लोग आने वाले हो वरना मैं वो ड्रेस नही पहनती”
दीप्ती – “अरे शर्माती क्यूँ हो तुम, हाययय ....कितनी सुंदर लग रही थी तुम, बला की खुबसूरत......तुम्हे देखकर तो मुझे मेरी जवानी याद आ गयी, मैं भी जवानी में तुम्हारे जैसी ही सुंदर थी”
आराधना – “अरे आप तो अभी भी बहुत सुंदर है, आपको देखकर कोई भी आप पर फ़िदा हो जायेगा, अच्छा मेन्टेन किया है आपने अपनी फिगर को”
दीप्ती –“कहाँ मेन्टेन कियां है ....ये देखो कैसे मेरा पिछवाडा फ़ैल गया है बुरी तरह से.....”
दीप्ती की बात सुनकर आराधना थोड़ी झिझकी, पर फिर भी थोडा सम्भलते हुए बोली
आराधना –“नही नही, आपकी गलत वहमी है ये, आप तो अभी भी काफी ग्लैमरस दिखती है”
दीप्ती –“ नही यार अब वो पहले जैसी बात नही रही, अब तो mr. शेट्टी भी ज्यादा ध्यान नही देते, जब देखो इधर उधर मुंह मरते रहते है, अब देखो न तुमको भी कैसे खा जाने वाली नजरो से देख रहे थे”
आराधना को समझ नही आ रहा था कि वो इस बात का क्या जवाब दे, बस उसने बेमन से थोडा सा मुस्कुरा दिया
दीप्ती –“तुम जानती हो जब उन्होंने तुम्हे उस सेक्सी नाईटी में देखा था ना तो कमरे में आते ही मेरी जमकर ली थी, बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गये थे तुम्हे देखकर...हा हा हा हा”
आराधना –“पर..आपको बुरा नही लगता कि आपके पति ऐसे दुसरो की बीवियों की तरफ देखते है?” आरधना ने कोतुहल से ये सवाल पूछा
दीप्ती –“अरे इसमें बुरा मानने वाली कोई बात नही, दरअसल इनकी सेक्स ड्राइव कुछ ज्यादा ही है, और जिन लोगो की सेक्स ड्राइव ज्यादा होती है न उनका एक से मन नही भरता, बुरा तो तब मानती जब ये मुझे संतुस्ट न करते पर ये हमेशा मुझे जरुर खुश कर देते है अपने मोटे तगड़े लंड से” अब दीप्ती पुरे खुलेपन पर उतर आई थी,
आराधना को ये सुनकर बड़ा ही आश्चर्य हुआ, पर तभी उसे ध्यान आया कि उसके पापा की सेक्स ड्राइव भी कितनी तगड़ी है, कैसे घंटे भर तक वो जमकर उसको चोदते है, और फिर भी दोबारा चोदने के लिए तैयार रहते है, उन्होंने तो सिमरन को भी पटाने की कोशिस की थी
दीप्ती –“अरे मेरी रानी कहाँ खो गयी?” दीप्ती ने आराधना को झटकते हुए कहा
आराधना –“जी...कुछ नही वो तो बस ऐसे ही.............”
दीप्ती –“वैसे तुम्हे एक बात बताऊ, बुरा तो नही मानोगी?”
आराधना –“जी...बताइए” दरअसल अब आराधना को भी धीरे धीरे मजा आने लगा था दीप्ती की बातो में
दीप्ती – “वो ...वो ....मैंने भी कई बार इनके अलावा दुसरे मर्दों से चुदाई की है”
आराधना को ये सुनकर झटका सा लगा कि ये औरत जो उसे सिर्फ कुछ ही घंटो पहले मिली है वो उसे क्यों बता रही है कि वो अपने पति के अलावा भी किसी से चुदती है,
आराधना –“ओह माय गॉड ....क्या आपके पति जानते है?”
दीप्ती –“अरे जानते क्या, वो खुद ही कई बार अपने दोस्तों से मुझे चुदवाते है, और खुद अपने दोस्तों की बीवियों को चोदते है, इसे वाइफ स्वैपिंग कहते है, शुरू शुरू में तो मुझे बड़ा अजीब लगा था पर अब कसम से बड़ा मजा आता है चुदने में, कई बार तो मैं एक साथ दो दो लंडो से भी चुदी हूँ एकसाथ”
आराधना की आँखे तो दीप्ती की बाते सुनकर बिलकुल खुल सी गयी थी, वो तो आश्चर्य से उसकी बाते सूनी जा रही थी जैसे वो उसे कोई भारी ज्ञान दे रही हो
आराधना –“हे भगवान , कैसे कैसे काम होते है दुनिया में”
दीप्ती –“अरे मेरी बिल्लो रानी, ये तो कुछ भी नही है, आजकल तो भाई बहन, माँ बेटे, बाप बेटी भी आपस में चुदाई कर लेते है....”
दीप्ती की बात सुनकर एक बार तो आराधना थोड़ी सकपकाई, पर अगले ही पल उसने खुद को सम्भालते हुए कहा
आराधना- “नही ये आप कैसी बाते कर रही है, ऐसा थोड़े ही होता है?”
दीप्ती –“अरे होता है मेरी रानी,अच्छा अब मैं तुम्हे ऐसी बात बताती हूँ जो इनको भी नही पता”
आराधना –“जी बोलिए....” आराधना ने उत्सुकता वश पूछा
दीप्ती –“दरअसल जब मेरे पति और मैं वाइफ स्वैपिंग करने लगे तो धीरे धीरे मुझे चुदाई का नशा सा होने लगा था, और मुझे बस रोज़ ही चुदाई चाहिए होती थी, जब तक मैं दो मस्त लंडो से न चुद लेती मुझे चैन नही मिलता था, पर एक दिन मुझे अपने मायके जाना पड़ा,क्यूंकि मेरी मम्मी थोड़ी बीमार पड गयी थी, .....एक दो दिन तो किसी तरह गुजर गये पर फिर मुझे लंड की याद सताने लगी ....और उसी दोरान.....उसी दोरान....”
आराधना –“उसी दोरान क्या .....”
दीप्ती –“ उसी दोरान मेरे और मेरे भाई के जिस्मानी ताल्लुकात बन गये, और मेरा भाई मुझे चोदने लगा, हमारी चुदाई बड़े मजे से चल रही थी कि तभी एक दिन मेरे पापा ने मुझे देख लिया.....मैं और मेरा भाई बुरी तरह से घबरा गये पर फिर जो हुआ वो मैंने सपने में भी नही सोचा था...”
आराधना –“क्या हुआ दीदी....बताओ ना” आरधना अब उत्तेजित होने लगी थी
दीप्ती –“मेरे पापा ने अपनी पेंट और अंडर वियर उतारी और अपना ६ इंच का खड़ा हुआ लंड सीधा लाकर मेरी चुत में पेल दिया, पहले तो मुझे कुछ समझ नही आया पर बाद में मुझे मजा आने लगा, तब से मैं जब भी अपने मायके जाती हूँ मेरे भाई और मेरे पापा जमकर मेरी चुत और गांड बजाते है, और मैं भी खुलकर मजे लेती हूँ”
आराधना का हाल तो अब बुरा हो चूका था, वो पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी, और बस अब वो किसी तरह अपने पापा का हलब्बी लंड अपनी चुत में लेना चाहती थी, पर वो अभी मुमकिन नही था इसलिए वो खुद को किसी तरह शांत करने में लगी थी कि तभी अचानक उसकी आँखों के सामने एक दृश्य आ गया कि उसके पापा और उसका भाई कुशल दोनों मिलकर उसकी चूत और गांड मार रहे है,आराधना बुरी तरह से गनगना गयी,
पर उसने तुरंत अपने माथे को झटका और फिर वो दोबारा दीप्ती से बाते करने में मशगुल हो गयी,
कुछ देर बाद वो लोग सिनेमा हॉल पहुंच गये, जब वो लोग उतरे तो शेट्टी ने दोबारा नजर बचाकर आराधना की गांड पर हाथ फेर दिया, और इस बार तो उसने पीछे से अपना हाथ ले जाकर हल्के से साडी के ऊपर से आराधना की चूत दबा दी, आराधना भले ही बहुत उत्तेजित थी परन्तु उसे शेट्टी की ये हरकत बिलकुल पसंद नही आई, उपर से शेट्टी दिखने में भी साउथ की मूवी का गुंडा सा लगता था,
“कहीं दीप्ती और शेट्टी हम लोगो के साथ वाइफ स्वैपिंग ......” आराधना के दिमाग की बत्ती सी जली शेट्टी की इस हरकत की वजह से
“नही नही मैं इस काले कलूटे आदमी के साथ...........नही नही ये बिलकुल नही हो सकता .........मैं अभी पापा को यहाँ से ले जाती हूँ.........” आराधना ने मन में सोचा,
दीप्ती ने भले ही आराधना को गरम कर दिया था और उसके दिमाग में जाने अनजाने में कुशल के प्रति थोडा आकर्षण पैदा कर दिया था पर अभी भी उसके दिलो दिमाग में सिर्फ और सिर्फ उसके पापा ही बसे थे, वो किसी गैर मर्द के साथ चुदाई करने के बारे में सोच भी नही सकती थी,
शेट्टी –“आप सब लोग बैठिये, मैं अभी टिकेट लेने जाता हूँ” ये कहकर शेट्टी चला गया
दीप्ती –“आरधना, मुझे वाशरूम जाना है तुम भी चलोगी क्या?”
आराधना –“नही दीदी आप हो आइये मैं यहीं बैठूंगी”
दीप्ती भी वहां से चली गयी, आराधना को लगा की यही सही मोका है पंकज से बात करने का
आराधना –“पापा.......मुझे आपसे एक बात कहनी है ”
पंकज – “हा आरू बोलो....”
आराधना –“पापा मुझे अभी इसी वक्त वापस होटल जाना है, मुझे इन लोगो के साथ पिक्चर नही देखनी”
पंकज –“पर बेटी, अचानक क्या हुआ”
आराधना –“वो सब मैं आपको बाद में बता दूंगी, पर आप बस किसी भी तरह बहाना बनाकर यहाँ से चलिए”
पंकज –“पर बेटी ऐसे तो वो लोग बुरा मान जायेंगे, और फिर हो सकता है वो शेट्टी मेरे प्रोजेक्ट को बिलकुल भी पास ना करे”
आराधना –“पापा आपको प्रोजेक्ट ज्यादा प्यारा है या मैं”
पंकज –“ऑफ़ कोर्स बेटी ...तुम ही मुझे सबसे ज्यादा प्यारी हो इस दुनिया में, तुम्हारे लिए तो मैं कुछ भी कर सकता हूँ”
आराधना –“तो आप चलिए यहाँ से .......”
पंकज –“ठीक है आरू, अगर तुम्हारी यही इच्छा है तो ये ही सही”
थोड़ी देर बाद दीप्ती आ जाती है और उसके तुरंत बाद शेट्टी भी हवा में टिकट्स लहराता हुआ उनकी और आ रहा था
पंकज –“शेट्टी जी, माफ़ कीजियेगा पर हम आप लोगो के साथ मूवी नही देख पाएंगे, हमे जाना होगा अभी”
शेट्टी –“अरे पर ग्रोवर साहब अचानक क्या हुआ” शेट्टी को अपने इरादों पर पानी फिरता हुआ दिखाई दिया, दरअसल उसने सोचा था कि किसी तरह वो उन दोनों को भी अपने वाइफ स्वैपिंग वाले ग्रुप में शामिल कर लेगा प्रोजेक्ट का दबाव बनाकर पर उसकी सारी उम्मीदों पर पानी फिरता सा नजर आ रहा था उसे
पंकज –“दरअसल मुझे अभी घर से फ़ोन आया है कि हमारे रिश्ते दारी में किसी की डेथ हो गयी है और हमे तुरंत घर के लिए निकलना पड़ेगा, वैसे भी 6 -7 घंटे से ज्यादा लग जाते है पहुंचते पहुंचते तो हमे जल्द से जल्द निकलना होगा”
आराधना भी पंकज के सोच की दाद देने लगी कि क्या बेहतरीन बहाना ढूँढा है पापा ने अब तो शेट्टी उसे रोक ही नही सकता
शेट्टी –“पर ग्रोवर साहब आपके प्रोजेक्ट का क्या..” शेट्टी ने अपना आखिरी हथियार चलाते हुए कहा, इसी हथियार के दम पर ही वो पंकज को मजबूर करके आराधना की चुदाई करना चाहता था, पर पंकज ने जो जवाब दिया उससे शेट्टी के सारे अरमान धरे के धरे रह गये
पंकज – “शेट्टी जी, प्रोजेक्ट तो आते जाते रहते है, पर रिश्तेदारी निभानी ज्यादा जरूरी है.........और वैसे भी पैसे लेकर जाना कहाँ है, सब यही तो छुट जाना है”
आराधना तो पंकज का जवाब सुनकर उसे और भी ज्यादा चाहने लगी, उसे लगा कि उसके सिर्फ एक बार कहने पर ही उसके पापा ने उसके लिए करोडो के प्रोजेक्ट को भी ठुकरा दिया, आराधना के दिल में अपने पापा के लिए प्यार और भी ज्यादा गहरा हो गया था,
और इधर पंकज के जवाब ने शेट्टी की रही सही हिम्मत भी तोड़ दी, उसे समझ आ गया कि ये चिड़िया उसके हाथो से निकल चुकी है, और अब वो कुछ कर भी नही सकता था, इसलिए हताश होकर बोला
शेट्टी –“आप चिंता मत कीजिये ग्रोवर साहब, आपका प्रोजेक्ट का कम समझो हो गया, मैं आपके कॉन्ट्रैक्ट को साईंन कर दूंगा, आप मुझे ई मेल कर दीजियेगा” शेट्टी ने सोचा कि शायद भविष्य में कोई चांस बन जाये इसलिए ये कॉन्ट्रैक्ट देना भी जरूरी है
पंकज –“ बहुत बहुत सुक्रिया शेट्टी जी, अच्छा अब हम दोनों निकलते है, आप लोग मूवी एन्जॉय कीजिय, मैं होटल जाकर मनेजमेंट से कहकर यहाँ एक गाड़ी भिजवा दूंगा, अच्छा बाय”
ये कहकर पंकज और आराधना पार्किंग की तरफ चल दिए और शेट्टी और दीप्ती हॉल के अंदर चले गये
“आई लव यू पापा.......उम्म्म्मम्म हाआआ” ये कहकर आराधना ने पंकज के गालो पर एक किस कर दी
पंकज भी आराधना को खुश देखकर खुश था, उसने गाड़ी स्टार्ट की और होटल की तरफ निकल पड़ा, रस्ते में पंकज बोला
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