RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
[b][b][b][b][b][b]कुशल का लंड ऐसे होंठो के बीच था कि जो चाहे कितनी भी बार इस लंड को चूसे ये लंड बोर नही होने वाला था. और आज की रात तो जैसे ख़तम ही नही होने वाली थी क्यूंकी स्मृति भी फुल मूड मे थी और कुशल तो हमेशा ही एवरग्रीन रहा है.
स्मृति ऐसे ही उसका लंड चूसे जा रही थी और कुशल के मूँह से सिसकारियाँ निकलना शुरू हो गयी थी.
“उफफफफफ्फ़………….. ओूऊऊऊऊओ…आआहहह……….. “ कुशल ऐसी ही सिसकारियो के साथ अपने हाथ स्मृति की पीठ की तरफ बढ़ाता है. स्मृति आधे से ज़्यादा लंड अपने मूँह मे ले चुकी थी. कुशल अपना हाथ पीठ से और नीचे ले जाना चाह रहा था जहाँ स्मृति की गान्ड थी लेकिन वो ऐसा कर नही पाया.
कुशल की हालत और भी खराब होती जा रही थी. जवान खून था और पूरी रात बाकी थी.
“ आअहह……… मेडम आज तो दिखा दो अपने उस छेद को…….. जिसके लिए मैं दीवाना हू……….. उफफफफफफफ्फ़ मेरी जाआअन्न्*नणणन्….. ओह…….” कुशल की हालत बहुत ही ज़्यादा खराब हो रही थी.
कुशल की ये बात सुन कर स्मृति अपने होंठ उसके लंड से हटा लेती है और बेड पे लेटने की तैयारी करने लगती है. कुशल को ये उम्मीद थी कि आज तो उसका सपना पूरा होने जा रहा है लेकिन स्मृति अपनी दोनो टांगे फैलाती है और अपनी चूत के छेद को खोल कर कुशल को दिखाती है. ये भी एक बेहद एरॉटिक सीन था लेकिन कुशल तो जैसे स्मृति की गान्ड का दीवाना था.
“ आज तो कुच्छ स्पेशल हो जाए………” कुशल का इशारा शायद उसकी गान्ड की तरफ ही था.
“ स्पेशल ही तो है ये…………..” स्मृति फिर से अपनी चूत पर हाथ लगाते हुए बोलती है.
“ लेकिन आपने तो प्रॉमिस किया था कि मैं अपनी हर इच्छा पूरी कर सकता हू……” कुशल थोड़ा सा रूखे स्वर मे बोलता है.
“ लाइयन….. चिंता क्यू करता है….. मैने तो उस रात भी पूरा मौका दिया था लेकिन तू ही नीचे नही आया. लेकिन आज फिर से वोही से सिचुयेशन है पहले मेरी टर्न और फिर तेरा टर्न………..” स्मृति फिर से उसे खुला मौका देती है.
कुशल ये सुनते ही आगे बढ़ता है और झुक कर स्मृति की चूत पर एक स्ट्रॉंग किस करता है. ऐसे लगता है कि जैसे वो उसकी चूत खा जाने के मूड मे था. स्मृति उसकी इस मर्दानगी भरी स्टाइल से और भी इंप्रेस हो जाती है लेकिन फिर भी अपनी सिसकी को नही रोक पाती……
“ उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़…….. लाइयन………… कोई फॉर्मॅलेटीस नही…….. प्लीज़ बुझा दे इसकी प्याआसस्स्स्स्सस्स………….” स्मृति शायद उसका लंड अंदर जल्दी लेना चाहती थी.
कुशल भी वेट ना करते हुए लंड का मूँह चूत पर टिकाता है और धकककककक से अंदर घुसा देता है. स्मृति को तो जैसे दुनिया की सबसे बड़ी खुशी मिल जाती है.
“ उफफफफ्फ़……….ओह….आआहहह………आहहहहहः……………” स्मृति अपनी चूत मे लगते हुए झटको के साथ और भी मस्त हो जा रही थी. जैसे जैसे झटके लग रहे थे वैसे वैसे स्मृति अपनी टांगे और फैलाती जा रही थी.
जब वो इतना बड़ा लंड बाहर आ रहा था और जिस स्पीड के साथ अंदर जा रहा था तो सीन देखने लायक था. जैसे कोई समुद्रा मंथन से खास चीज निकलना चाह रहा हो लेकिन यहाँ पर तो कुशल सिर्फ़ स्मृति की चूत से पानी ही पानी निकाल रहा था जिसे खुद कुशल भी देख कर पागल हो रहा था.
“उईईईईईईई….आआहहह….. येस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स…………..फकक्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क………………………” स्मृति अपनी पूरी लाइफ जी रही थी. ऐसे स्ट्रॉंग स्ट्रोक्स जो कि किसी भी लड़की को स्वर्ग की सैर करा सकता था.
बेड रूम से फूच फुच्च के साउंड आने शुरू हो गये थे. कुशल की आँखे भी बंद हो गयी थी और वो मस्त होकर धक्के लगा रहा था. उसके मूँह से भी सिसकारियाँ निकल रही थी.
ऐसा करीबन कुच्छ मिनिट चला और तभी पता नही स्मृति को क्या सूझा कि वो डिफरेंट पोज़िशन मे आने की कोशिश करने लगी. कुशल को शुरू मे समझ नही आया लेकिन फिर वो समझ गया कि आख़िर स्मृति क्या चाहती है. अब स्मृति ऐसी पोज़िशन मे थी कि उसकी गान्ड का छेद भी कुशल को क्लियर दिखाई दे रहा था और लेकिन लंड अभी भी चूत मे ही था. स्मृति की गान्ड कुशल की बहुत बड़ी फॅंटेसी थी तो अब वो छेद उसके सामने था तो जैसे कुशल और भी पवरफुल सिचुयेशन मे था. कस कस के धक्के लगाने शुरू कर दिए थे और वहीं दूसरी तरफ स्मृति भी अपनी गान्ड अच्छे से उछाल रही थी. स्मृति एक एक्सपीरियेन्स्ड लेडी थी, किस मूव से कैसे लंड अंदर जाएगा उसको सब पता था और इसका वो पूरा फ़ायदा उठा रही थी.
कुशल पागल हुए जा रहा था और वहीं स्मृति भी पूरी मस्ती मे थी.
“उफफफफ्फ़…..हीईीईई………….एसस्स्स्स्स्सस्स……….फुक्कककककककक…………आआहहह…….म्ह” और कुच्छ ही देर मे स्मृति की गान्ड कुशल के लंड पर कसति चली गयी और वो मंज़िल तक पहुँच गयी थी. और इन नो टाइम कुशल भी अपनी पिचकारी उगल देता है. क्या मस्त सेक्स हुआ दोनो के बीच, दोनो उसी बेड पर लेट गये. और स्मृति कुशल के बालो मे हाथ फिराने लगी………. शायद उसे पूरा अहसास था कि ये मीटिंग पूरी रात चलेगी
सिमरन अपनी पास्ट स्टोरी प्रीति को सुना रही थी जिसमे सिमरन के भाई ने सिमरन को साड़ी मे देखा और वो रूम से बाहर चला गया क्यूंकी उसका लंड खड़ा हो गया था.
“ फिर क्या हुआ दीदी……. आगे बताओ ना…..” प्रीति फिर से पूछती है.
“उस दिन मैं बहुत खुस थी, आख़िर लड़की होने का अहसास मुझे उस दिन ही हुआ था. ये भी अहसास हो गया था कि लड़की का मीनिंग क्या है. लड़की का मीनिंग बस घर की चार दीवारी मे रह कर बस काम करना नही है बल्कि लड़की उनका मन बहलाने के लिए बनी है जो घर के लिए काम करते है – फॉर मेन. उपर वाले का तहे दिल से शुक्रिया अदा करा उस दिन, कि उसने मुझे किसी लायक बनाया. मैं इस लायक थी कि किसी के लंड को खड़ा कर पाऊ, और यही तो लड़की की सबे बड़ी इज़्ज़त है. मैने सोच लिया था कि अपने भैया के दिल मे उतर कर रहूंगी और अपनी शराफ़त से भी नही हटूँगी. मुझे पता था कि भैया के पास अब उनकी गर्ल फ्रेंड कभी नही आने वाली क्यूंकी चुदाई हुई ही इतने भयंकर तरीके से थी. और मुझे ये भी पता था कि अब भैया के मूँह खून लग चुका है. वो कहीं ना कहीं भटकेंगे ज़रूर तो क्यू ना मैं उन्हे अपने कदमो मे ही झुका लू.”
“वाउ दीदी ग्रेट….. क्या जबरदस्त एनकाउंटर रहा होगा….. आगे बताओ कि क्या हुआ……….” प्रीति और भी मज़े लेते हुए बोलती है.
“ अगले एक दिन भैया का मूड काफ़ी अपसेट रहा, सिर्फ़ अपने गर्ल फ्रेंड मॅटर की वजह से… मैं चाहती थी कि उनका मूड फ्रेश करू……. तो उस दिन उसके रूम मे पहुँच गयी……… और बात करनी शुरू करी –
“हेलो भैया….. कैसे हो….. क्या सोच रहे हो इतनी गौर से……….” वो अपने बेड पर उल्टे लेटे हुए थे और मैने उनके पास बैठते हुए पुछा. वो मेरी आवाज़ सुन कर चोंक गये थे. वो एक मॉर्निंग थी तो मैने अच्छे से अपने आप को रेफ्रेश किया था. हल्का सा मेक अप भी किया था जोकि भैया को दिखाई नही दे सकता था, बस लिप्स थोड़े ग्लॉसी नज़र आ रहे थे. एक लूस सी स्लीवेलेस्स टी-शर्ट पहनी थी और बेलून पयज़ामा पहना था.
“ बस मूड ऐसे ही ठीक नही है……” भैया ने थोड़ा अपसेट मन से जवाब दिया.
“ ऐसा क्या हो गया भैया जो इतने उदास हो…… आ जाओ चेस खेलते है………” मैने अपने भैया का हाथ पकड़ कर उन्हे उठाते हुए कहा.
“ सिम्मी मेरा मूड कुच्छ भी खेलने का नही है….. तू जा यहाँ से….” उन्होने फिर से रूखे से सुर मे जवाब दिया.
“ चेस नही तो क्या चेस्ट से खेलने का मन कर रहा है……….” मैं अपने मन ही मन बड़बड़ाई
“ क्या कहा तूने……?”
“ मैने कहा कि प्लीज़ चलो ना……….”
“ नही मुझे ऐसे लगा कि तूने कुच्छ और कहा……………” मेरे भैया को थोडा शक था कि मैने कुच्छ और कहा.
“ अब ये सोचना छोड़ो और चलो मेरे साथ खेलने…….” मैं भी भी उनका हाथ पकड़े ज़िद कर रही थी.
“उन्होने इस बार अपना हाथ ऐसे खींचा जैसे मुझसे छुड़ाना चाह रहे हो लेकिन उनके हाथ के साथ मैं भी खींचती हुई चली गयी और धदमम्म्मममममम…….वही हुआ जिसका मुझे इंतेज़ार था. सीधा उनके सीने पर जाकर गिरी मैं……. किसी मर्द की छाती से मेरे अनटच बूब्स की पहली टक्कर थी वो. उफ्फ क्या बताऊ प्रीति कि बदन मे कैसी आग सी लग गयी थी लेकिन कुच्छ कर नही सकती थी. फ़ायदा इतना मिला कि भैया को भी अहसास हो गया की कुच्छ तो है मेरे सीने मे. उनकी आवाज़ नही निकली लेकिन उनका चेहरा बता रहा था कि मेरी उभरती जवानी को वो अपने पूरे मन से देख रहे है.”
“ डीडीिईईईईईई…… बस बताती जाओ……………” प्रीति अपने बूब्स अब खुद प्रेस करने लगी थी.
“ मैं धीरे से उठी…… मेरे भैया वापिस अपने होश मे आए और मुझे सॉरी बोलने लगे…… मुझे पता था कि इसमे उनकी कोई ग़लती नही तो मैने भी उन्हे सॉरी बोलने के लिए मना किया. उठ कर बहुत ही सावधानी से अपनी टीशर्ट को सही किया और दोनो हाथो को उपर करके अपने बालो को सही किया…. मेरा टारगेट अब उन्हे अपनी आर्म्पाइट पे आए थोड़े बालो को दिखाना था. उन्होने उन बालो को गौर से देखा लेकिन कुच्छ बोले नही. मैं फिर से उनके साइड मे बैठ गयी और फिर से एक कॉन्वर्सेशन स्टार्ट हुई और पहले शुरू करने वाले वो ही थे –
“ छोटी तुझे नही लगता कि तू बड़ी हो रही है………..”
“ आपको क्यूँ लग रहा है…………. ऐसा?” मैने बहुत ही शरमाते हुए कहा
“ नही बस ऐसे ही…. और बता…. स्कूल का क्या प्लान है…………”
“क्या प्लान होता…. अब तो कल जाना है….. ड्रेस धोने के लिए डाल दी है……..”
“ तू कब तक वो ड्रेस पहनती रहेगी……….. बाकी लड़कियो की तरह कपड़े क्यूँ नही पहनती है…….”
“ बाकी लड़कियो की तरह?उनमे और मेरे कपड़ो मे क्या फ़र्क है…….?” मैने भी अंजान बनते हुए कहा.
“ पागल आज की लाइफ मे तुझे थोड़ा मॉडर्न होना चाहिए…… देख आज कल की लड़किया स्कर्ट पहनती है और तू है कि पढ़ने लिखने के बावजूद इतने कपड़ो के तले दबे रहती है……..तुझे स्कर्ट पहन नी चाहिए और टीशर्ट……. ज़्यादा कपड़े पहन ने से तेरी हाइट कम रह जाएगी. समझ आ रहा है या नही?”
“भैया समझ तो आ रहा है लेकिन मेरे पास स्कर्ट नही है और मुझे पता भी नही कि मैं स्कर्ट मे कैसी लगूंगी…..?”
“पूरा स्कूल पागल हो जाएगा तुझे देख कर…………..” भैया के मूँह से ये बात एग्ज़ाइट्मेंट मे निकल गयी थी और ये सुनकर मैं शरमा गयी….
“ लेकिन मैं स्कर्ट लेने किसके साथ जाउ……………?” मैने नादान बनते हुए बोला
“ चल तो फिर तुझे शॉपिंग करा के आता हू…….. चल तैयार होकर आ जा मैं तेरा नीचे वेट करूँगा…….” एक ही दिन मे इतना सब हो रहा था तो यकीन नही हो रहा था. कल तक जो भाई घास भी नही डालता था, आज वो शॉपिंग करने ले जाने को तैयार था. यही होता है लड़की के हुश्न का जादू…..”
“फिर आप गयी शॉपिंग करने….?” प्रीति सिमरन से पूछती है.
“फिर शॉपिंग करने के लिए मैं तैयार हो गयी और आख़िर नीचे चली गयी, मेरे दिल मे काफ़ी एग्ज़ाइट्मेंट था कि पता नही आख़िर मेरे लिए क्या शॉपिंग होने जा रही है. जो कुच्छ भी हो लेकिन सबसे ज़्यादा खुश मे इस बात के लिए थी कि मेरा भाई मुझ पर ध्यान दे रहा था और यही हर लड़की चाहती है कि उसको इग्नोर ना किया जाए और उसको हमेशा लोगो की अटेन्षन मिले. अपने भाई के साथ बाइक पर बैठने का उस दिन अलग ही एक्सपीरियेन्स था, बाइक जितनी तेज़ी के साथ चल रही थी उतनी ही तेज़ी के साथ हम दोनो एक दूसरे के और करीब आते जा रहे थे. ऐसा लग रहा था कि जैसे लाइफ मे कोई भी टेन्षन नही है और सब कुच्छ बहुत अच्छा चल रहा है. जब लड़की ऐसा सोचती है तो उसके चेहरे पर और भी निखार आ जाता है और वैसे भी उस टाइम तो मैं एक पूरी टीन थी.”
“वाउ…… ग्रेट…… आगे बताओ………..” प्रीति का एग्ज़ाइट्मेंट भी कम नही हो रहा था.
“ फिर काफ़ी चलने के बाद हम एक माल मे पहुँचे…… मेरा कॉन्फिडेन्स इतना अच्छा नही था और माल मे बहुत घबरा कर चल रही थी मैं, पता नही क्यूँ एक अजीब सा डर लग रहा था. माल मे पता नही कितने सारे गर्ल फ्रेंड और बॉय फ्रेंड के जोड़े बैठे थे. गर्ल्स ने बेहद टाइट टाइट क्लोदिंग पहनी हुई थी जिसे देख कर मुझे अपने भाई की एक्स गर्ल फ्रेंड की और भी याद आ रही थी और समझ भी आ रहा था कि जमाना आज कल उन्ही लड़कियो का है जिनमे अपनी बॉडी दिखाने का टॅलेंट है. नही तो खूबसूरती किसी भी काम की नही. खैर मेरे दिल मे अभी तक यही बात चल रही थी कि पता नही भैया आज मुझे कैसी शॉपिंग कराने जा रहे है. थोड़ी ही देर मे हम एक डिपार्ट्मेनल शोरुम मे घुस गये……. मुझे लगा कि भैया मेरी हेल्प करेंगे मेरी शॉपिंग मे क्यूंकी ये उन्ही का डिसिशन था कि मैं शॉपिंग करू…..” सिमरन बस बताती जा रही थी.
“ तो क्या उन्होने हेल्प नही की……..?” प्रीति क्वेस्चन मार्क वाली निगाहो से देखती है.
“सबसे पहले तो उन्होने पूरे शोरुम मे नज़रे फिरा कर देखी और फिर मेरे पास आकर बोले –
माइ ब्रदर- सिम्मी आज तेरी चाय्स देखता हू. तुझे एक मॉडर्न और टाइम के साथ चलने वाली लड़की बन ना है. ले ले जो मर्ज़ी लेना है.
मे – भैया सच मे मुझे कुच्छ आइडिया नही है. वैसे भी जैसे सूट सलवार मे पहनती हू तो वो तो मुझे यहाँ दिखाई भी नही दे रहे है……….
“और ये बात सच ही है कि मुझे आइडिया नही था कि मैं क्या लू….. मुझे उसे खुले आसमान मे ऐसे छोड़ दिया गया कि मुझे आइडिया लगाना मुश्किल था कि मैं क्या लू….. खैर फिर भैया आगे बोलते है….”
माइ ब्रदर – हा हा हा हा हा हा……… तुझे आइडिया नही है. अरे पगली तू कोई बच्ची थोड़े ही ना है. आज कल 80% शोरुम गर्ल्स के लिए होते है क्यूंकी उनके पास पहन ने के ऑप्षन ज़्यादा होते है. तेरे जैसी लड़की के लिए काउंटलेस ऑप्षन है पहन ने के लिए………..
“भैया बताते जा रहे थे और मैं सब सुन कर शरमा भी रही थी और खुश भी हो रही थी……. भैया खुल कर तो सब नही बोल सकते थे लेकिन मैं समझ रही थी कि वो बोलना चाहते थे कि मेरे जैसी सेक्सी लड़की के पास तो बहुत सारे ऑप्षन्स है ट्राइ करने के लिए… लेकिन फिर भी मुझे कुच्छ समझ नही आ रहा था तो मैने फिर से भैया से पुछा –
मे- भैया प्लीज़….. मैं इतनी बड़ी नही हुई हू. आप ही ने तो शॉपिंग के लिए कहा था तो मैं आ गयी अब आप ही हेल्प करिए मेरी. नही तो सच मे मुझे कुच्छ समझ नही आ रहा है………
“भैया जैसे मेरी उस रिक्वेस्ट को सुन ने के लिए ही खड़े थे और मेरे मूँह से ऐसी बात सुनते ही वो शोरुम मे आ आगे की तरफ बढ़ते है. मैं उनके पीछे पीछे चल रही थी…. वो एक स्कर्ट सेक्षन मे पहुँचे…… प्रीति तुझे क्या बताऊ कि जो उन्होने स्कर्ट उठाई उसे देख कर मेरा दिल कैसे धक धक करने लगा था. वो स्कर्ट बहुत ही छोटी थी………..”
“वाउ….. युवर ब्रो ईज़ सो रोमॅंटिक…. वो आपको छोटे कपड़ो मे देखना चाहते थे…….. एनीवे फिर क्या हुआ……………” प्रीति भी मुस्कुराते हुए कहती है.
“ वो स्कर्ट उठा कर मेरी तरफ टर्न हुए…… और मुझसे बोले –
माइ ब्रदर – सिम्मी ट्राइ दिस……….
मे- भैया आर यू सीरीयस……….. ये बहुत ही छोटी है
माइ ब्रदर – हा हा हा हा हा हा हा…….
मे – आप हंस क्यू रहे है…… क्या मैने कोई जोक सुनाया है…….
माइ ब्रदर – मैं हंस….. इसलिए रहा हू कि पता नही मेरी बहन बड़ी कब होगी……… मेरी ऐसी भी दोस्त है जिनके लिए ये स्कर्ट भी लोंग है….. और मेरी बहन कहती है कि ये छोटी है…. हा हा हा हा हा
मे- वाह वाह……… ये किसी के लिए लोंग स्कर्ट भी है. ये बहाने ना बनाइए………
माइ ब्रदर – देख सिम्मी, ये मेरी शॉप नही है. यहाँ पर वोही रखा है जो यहाँ बिकता है. और देख स्कर्ट सेक्षन मे सबसे पहले यही स्कर्ट रखी है क्यूंकी लड़कियो की पहली डिमॅंड ही यही है…………. चल अब बाते बाद मे…. इसे पकड़ और फिटिंग रूम मे इसे ट्राइ कर के आ……..
मे- यू श्योर भैया?????
माइ ब्रदर – अरे मेरी मा और कैसे बताऊ कि हाँ श्योर. अब जल्दी जा और ट्राइ करके बाहर आ………..
“ मैने उस टाइम तक अपने पाँव किसी को भी नही दिखने दिए थे. घर मे और या स्कूल मे, हमेशा धकि रहती थी. अब हाथ मे एक छोटी सी स्कर्ट को पकड़ के चलना बड़ा भारी सा लग रहा था.” सिमरन सीरीयस भाव बनाते हुए बोलती है.
“ तो क्या आपने वो ट्राइ करी या नही करी……..” प्रीति उसकी स्टोरी मे बहुत इंट्रेस्टेड थी.
“ आख़िर मैं फिटिंग रूम मे घुस ही गयी….. बॉटम उतारा और स्कर्ट ट्राइ की……. प्रीति सच बता रही हू कि इतनी शरम आई कि बता नही सकती…….. वो मिनी स्कर्ट थी. बचपन से कोई लड़की पहने तो बात नही लेकिन जब जवानी मे कोई लड़की पहली बार इसे पहनती है तो बड़ा अजीब लगता है. मेरी गोरी और टाइट जांघे पूरी विज़िबल हो गयी थी….. स्कर्ट इतनी छोटी थी कि अगर थोड़ी भी हवा नीचे चली जाए तो बस सब कुच्छ दर्शन हो जाए…….. स्कर्ट पहन ने के 5 मिनिट बाद तक भी मैं सोचती रही कि बाहर जाउ या नही… कन्फ्यूज़ थी ही कि इतने मे फिटिंग रूम का डोर नॉक हो गया…….. मैं समझ गयी कि ये भैया ही है………. बहुत ही दबे पाँवो से…. बढ़ी हुई धड़कनो के साथ मैने फिटिंग रूम का डोर खोला और धीरे धीरे गेट के पीछे से मैं सामने आई………. मेरे भैया की निगाहे मुझ पर पड़ी…….. उपर से नीचे तक उनकी निगाहे पहुँची………… मेरी थाइस पर रूकी और फिर और भी नीचे चली गयी….. मैने क्लियर देखा कि उनका मूँह खुला का खुला रह गया था और और गले के अंदर अटका हुआ सब कुच्छ अंदर ले जा रहे थे…….”
“ तो आख़िर गिरा ही दी बिजली……… ग्रेट…………” प्रीति सिमरन की बात सुनते हुए बोलती है.
“ कुच्छ सेकेंड्स तक भैया के मूँह से कोई शब्द नही निकले………… मुझे खुद भी टेन्षन हो रही थी कि कहीं उस स्कर्ट मे मैं जोकर तो नही लग रही थी… तभी भैया मे चुप्पी तोड़ी ……..
माइ ब्रदर – ओह माइ गॉड……. यू आर सो सो हॉट…………………
“ये बात बोलते हुए भैया की आइज़ मेरी थाइस पर थी…… और चेहरा बिल्कुल लाल पड़ चुका था…. वो आगे बोलते है………
माइ ब्रदर – यू आर नोट आ चाइल्ड अनीमोर………. इतनी गजब दिख सकती है कि मुझे आइडिया भी नही था…… ज़रा पीछे घूम कर दिखा……….
“अपने भाई के कहने पर मैं पीछे घूम गयी………… पीछे का हिस्सा तो मैं भी नही देखा था लेकिन मुझे इतना अहसास ज़रूर हो गया था कि पीछे से मेरे हिप्स पर वो स्कर्ट उठी हुई है………….. तभी मुझे कुच्छ गिरने की आवाज़ आती है…. मैं पीछे मूड कर देखती हू तो भैया नीचे झुक कर कुच्छ उठा रहे है…… मैने कोई रिएक्ट नही किया लेकिन जैसे ही मुझे याद आया कि आज मैने क्या पहना हुआ है तो ये सोचते ही मैं उच्छल पड़ी और फिटिंग रूम के अंदर की साइड हो गयी……”
माइ ब्रदर – वो… वो…. मोबाइल गिर गया था……..
“ अपने भाई की इस बात पर मुझे हँसी आ गयी लेकिन मुझे ये भी डर था कि आज तो मेरी पैंटी देख ही ली शायद भैया ने……… लेकिन मैं और कर भी क्या सकती थी……….”
“ हाई दीदी…….उस स्कर्ट को थोड़ा सा और उठा देती तो क्या हो जाता….. आपने तो भैया को तरसा ही दिया………….” प्रीति भी खुलती जा रही थी…. उसे सिमरन की ये स्टोरी काफ़ी एरॉटिक लग रही थी.
“ तू बाते ना बना और मेरी बात सुन……. मेरे भैया ने मुझसे वहीं रुकने के लिए बोला और कहा कि वो एक टॉप लेकर आते जो उस टीशर्ट के साथ अच्छा लगेगा……… मैने भी यही सोचा कि जब एक बात स्कर्ट पहन ही ली तो टॉप से क्या डरना…. मैने उन्हे हाँ बोल दिया और वो मेरे लिए टॉप लेने चले गये…… मैं बहुत हॅपी थी……. मिरर मे चारो और घूम कर देख रही थी…. जैसे ही मैं घूमती तो मेरी स्कर्ट हवा मे उड़ती और मेरी रेड पैंटी खुद भी मुझे दिख जाती…….” सिमरन रोमॅंटिक अंदाज़ मे सारी बात बताती जा रही थी.
“ हाई मैं मर जावा दीदी…. पैंट पहनी भी तो रेड……… अपने भैया को पूरा फ्लॅट करने की तैयारी कर रखी थी आपने तो………….. खैर आगे बताइए आप……….” प्रीति हर बार की तरह इस बार भी बहुत एग्ज़ाइटेड थी.
“ मैं खुश हो ही रही थी कि इतने मे भैया फिर एक टॉप लेकर आए…………. टॉप को देखते ही मेरी सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी. वो एक छोटा सा स्लीवेलेस्स टॉप था जोकि लेंग्थ मे काफ़ी चौड़ा था. गला इतना डीप कि क्या बताऊ……….. मुझे तो ऐसा लगा कि जैसे भैया दुश्मनी निभा रहे हो………….
माइ ब्रदर – ले सिम्मी इसे ट्राइ कर…………..
मे- ये कैसा टॉप है……………किसी बच्चे का तो नही है…………….
माइ ब्रदर – हा हा हा हा हा…. तू भी काफ़ी नॉटी है. अगर देखना चाहती है तो वहाँ देख उस मॅनिकिन पर यही टॉप है……
“भैया के इशारा करते ही मैने फिटिंग रूम से मूँह बाहर निकाला और उस डाइरेक्षन मे देखा जहाँ भैया ने इशारा किया था. मॅनिकिन को देखते ही मुझे चक्कर आ गये…. वो टॉप बस मॅनिकिन के बूब्स से बस थोड़ा ही नीचे था, यानी कि आधा पेट नंगा ही रहता उसमे….. और यही नही…… इतना डीप नेक था कि मॅनिकिन के बूब्स जैसे बाहर आ जाने को तैयार थे…. मैं फिर से कन्फ्यूज़ थी कि क्या करू….इतने मे मेरे भैया ने फिर से मुझसे बात करनी शुरू की…….
माइ ब्रदर – कम ऑन सिम्मी……. इतना टाइम क्यू लगा रही हो……
मे- भैया ये टॉप तो……. कैसे….यानी……… ये तो……….
माइ ब्रदर – अरे मेरी प्यारी बहना….. ये मैं तुझे लड़को के टॉप थोड़े ही दे रहा हू…. तूने देखा ना कि मॅनिकिन पर भी यही टॉप है यानी कि यही फॅशन है…. अब टेन्षन ना ले और जल्दी जाकर ट्राइ करके आ……………..[/b][/b][/b][/b][/b][/b]
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