RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
[b][b][b][b]“उफ्फ्फ प्रीती आगे क्या बताऊ लेकिन तू बस आज ही रात है तो मैं बता देती हु......”
“एकता अपने दोनों हाथो से मेरे भाई के सर के बालो को जैसे उखाड़ने में लगी हुई थी, उसकी चुत पर मेरे भाई के जीभ का अहसास वो झेल नहीं पा रही थी और पुरे वाइल्ड रूप में सिसक रही थी, वो एक ऐसी सिचुएशन थी की वाकई में उस फ्लोर पर सोना बहुत मुश्किल था. बहुत देर तक ऐसा ही चला और फिर मेरा भाई हट गया उसकी चुत से, और अपनी जीन्स उतरने लगा. ये सबसे इंटरेस्टिंग मोमेंट था क्यूंकि उस दिन मैं पहली बार देखने जा रही थी की आखिर लंड कैसा होता है रियल में और क्यों लड़किया इसके लिए पागल होती है......” सिमरन अपनी बियर को पीते हुए इतना बोल जाती है.
” तो बताओ न की कैसा था आपके भाई का.........” प्रीती भी उत्तेजना में पूछती है.
” उसके लंड को देखने से पहले ही मैं अपनी गीली चुत में उँगलियाँ घुमा रही थी, और पहले उसने जीन्स उतरी और फिर अपनी फ्रेंची और जो मैंने देखा तो उससे मेरी चुत में चल रही मेरी ऊँगली रूक गयी थी
माय गॉड....... क्या मोटा और लम्बा....... देख कर बॉडी कम्पनी लगी और ऐसा लगा की जैसे बॉडी में जान ही नहीं है.
मन मैं आ रहा था की अब ये एकता भागेगी यहाँ से. लकिन ऐसा नहीं हुआ एकता उसको देख कर और खुश हो गयी और बोलने लगी “that’s why I like u” एकता यह भी बोली की मर्द की पहचान उसके लंड से होती है जो की मेरे भाई के पास था.
एकता का ये एक्ससिटेमेंट देख कर मैं शॉकेड रह गयी थी. उसकी बारीक सी चुत… कैसे वो मुसल जैसे लंड को लेगी. लकिन एकता अपने घुटनो के बल बैठे हुए ही उस लंड को हाथ में पकड़ती है और मुँह खोल कर उसे अपने मुँह में ले लेती है.
ऐसे इरोटिक सन देख कर मैं पिघलती जा रही थी, एकता के होंठ में शायद हवा की भी जगह नहीं थी क्यूंकि लंड इतना मोटा था. एकता ने मुँह को आगे पीछे करना शुरू किया और मेरा भाई सातवे आसमान पर पहुँच गया.
उसका मुँह आसमान की दिशा में टर्न हो गया और अपने एक हाथ से वो एकता के बालो को पकड़ कर आगे पीछे करने लगा..... मैं कैसे बताऊ प्रीती की आखिर क्या सिन था वो. दिल में एक डर और दिल में एक इच्छा भी ,
ऐसा लग रहा था की पता नहीं उपरवाले ने हमे किस तरह से बनाया है......” सिमरन फिर से मचल चुकी थी लकिन बियर उसके गले को शायद ठंडक पहुंचा रही थी.
” वाओ दीदी क्या सीन होगा..... मैं समझ सकती हु...... लकिन आगे बताओ प्लीज......”
“एकता मेरे भाई के लंड को चूस रही थी और हालत मेरी ख़राब हो रही थी, दिल में डर एक्ससिटेमेंट नर्वस्नेस और बहुत कुछ एक साथ ही हो रहा था. प्रीती तू तो जानती ही है की लड़कियों में कितनी ईर्ष्या होती है, एकता तो मुझे वैसे ही पसंद नहीं थी और ऊपर से वो ऐसे खुले आम मौज कर रही थी तो मेरा दिमाग और ख़राब हो गया…… लकिन मैं कर कुछ भी नहीं सकती की वो मेरे भाई के लंड को चुस्ती रही और मेरा भाई एक्ससिटेड पे एक्ससिटेड होता रहा. अब मेरा भाई भी भूल चुक्का था शायद की उसकी कोई बहन भी है जो उसी के साइड वाले रूम में है और तभी तो वो और तेज तेज सिसकने लगा. एकता भी अपना मुँह आगे पीछे ऐसे कर रही थी की जैसे पता नहीं कितनी स्किल्ड खिलाडी है. लकिन थोड़ी देर बाद उसने मुँह हटा लिया…….”
सिमरन ऐसे एक्सप्लेन कर रही थी जैसे की अभी भी सब उसकी आँखों के सामने हो रहा हो….
“ ओह्ह्ह्ह…… फिर क्या हुआ दीदी……….??” प्रीती को खुद भी अब याद नहीं था की वो कौन से नंबर की बियर पी रही थी
“ फिर क्या….. अब एकता अपनी चुत चटवा चुकी थी और मेरे भाई का लंड चूस चुकी थी….. अब अगला स्टेप तो बस चुदाई था. उस टाइम तक मुझे भी नहीं पता था की आखिर क्या होने जाना है लकिन थोड़ी ही देर में मुझे क्लियर हो गया की क्या होने जाना है क्यूंकि एकता अब डोगी स्टाइल में आ चुकी थी……… वो पीछे मुड कर मेरे भाई की तरफ ऐसे देखती है जैसे की उससे कह रही हो की अब देर मत कर…………. मेरा भाई अपने लंड को अपने हाथ में पकड़ता है और उसकी चुत पर लगता है…… कसम से ऐसे लग रहा था जैसे की चुदाई एकता की नहीं बल्कि मेरी होने जा रही हो………. मैं सोचने में बिजी थी की एक कचाक की आवाज आती है और एकता की पूरी बॉडी जैसे अकड़ चुकी थी………” सिमरन की आँखे अब और भी लाल हो चुकी थी.
“ तो क्या घुस गया अंदर……….” प्रीती भी अब ओपन वर्ड्स ओपनली यूज़ कर रही की
“अबे वो मुसल तो कहीं भी घुस जाए लकिन बेचारी एकता की चुत सही में फट गयी…………. उसके गले में बस गुण गुण हो रही थी लकिन वो सही से बोल नहीं प् रही थी. उसको कुछ सोचने का टाइम मिलता इससे पहले ही मेरे भाई ने कास कर एक और धक्का लगाया…….. ऐसा लगा की जैसे चुत से होता हुआ लंड उसके मुँह से बहार आ जायेगा…….. मैंने रीलीज़ किया की एकता ने पूरी विल पावर इकट्ठी करके पीछे मुड कर मेरे भाई का विरोध किया लकिन मेरा भाई पता नहीं मस्ती की कौन सी दुनिया में था और वो और कस कस के धक्के लगता रहा और लगता रहा. खचाक्क्क्क खाछक की ऐसी आवाजे आ रही थी की मानो की उसकी चुत में लंड नहीं कोई ट्री घुसाया जा रहा हो…….. क्यूंकि अब उसका चेहरा मेरी साइड था तो मैं देख नहीं सकती थी कितना लंड अंदर जा चूका था…….” सिमरन सुनती जा रही थी.
“ क्या हुआ…. क्या हुआ…. बताओ न……… की आगे क्या हुआ……” प्रीती भी एक्ससिटेड होती बोलती है.
“ मेरा भाई ऐसा हो गया था जैसे की चुदाई के लिए कब से तरस रहा हो……… धक्के पे धक्के लगाए जा रहा था और एकता की पूरी बॉडी हिलती जा रही थी. एकता के मुँह से बस मुझे आह आह आह आह और बस आह ही सुनाई दे रही थी. जिस तरीके से मेरा भाई पीछे और आगे हो रहा था तो मैं आईडिया लगा सकती थी की कितना बड़ा लंड एकता की चुत में बार बार अंदर जार अहा था और फिर बहार आ रहा था. एकता का चेहरा देखने लायक था मैं खुद भी चाहती थी की उस बीच की ऐसे ही चुदाई हो. लकिन थोड़ी देर में उसके चेहरे पर सटिस्फैक्शन के भाव आ गए थे… मेरे भाई के धक्के भी बहुत स्मूथ हो गए थे…… फुछ्ह फुछ की आवाजे आनी शुरू हो गयी थी और मैं भी अपनी अपनी ऊँगली को तेजी के साथ अपनी चुत में घूमने लगी थी……… मैं किस पोजीशन में थी उस दिन मैं बता नहीं सकती…. उधर मेरा भाई उसकी चुदाई कर रहा था और इधर मैं खुद भी अपनी चुदाई अपनी फिंगर कर रही थी……….. और फिर एक टाइम ऐसा आया की मुझे ऐसा लगा की मैं हवा में हु….. पूरी बॉडी हलकी हो गयी….. सर दर्द सही हो गया…….. प्रीती क्या बताऊ वो मेरा पहला मस्टरबैशन था. मैं अपने होश में आयी ही थी की तभी मेरी अंदर की आवाजों पर ध्यान गया……” सिमरन बताती जा रही थी.
“ क्या हो गया था अंदर………..” प्रीती हैरानी से पूछती है.
“ मैं तो खुद अपने आप का मस्टरबैशन करके मस्ती में थी और दूसरी तरफ इस दौरान क्या हुआ मेरा ध्यान नहीं गया लकिन जब मैं अंदर देखा तो एकता और मेरे भाई के बीच कुछ गरमा गर्मी चल रही थी. एकता बेड पर लेट चुकी थी और मेरा भाई अभी भी घुटनो के बल बैठा था. उसका लंड एक दम तना हुआ था और ब्लड से सना हुआ था. मुझे समझते हुए देर नहीं लगी की वो ब्लड एकता की चुत से ही निकला है…… लकिन मेरा भाई मुझे अपसेट नजर आ रहा था और वो एकता से बात कर रहा था
मेरा भाई –“ ये क्या हुआ…… अभी मैं तो बाकी हु और तुम हो की लेट गयी……”
एकता – यू आर मदरफकर ……. ये कैसे जुंगलियो की तरह कर दिया मेरे साथ……. अपने इस बड़े लंड का मिसयूज करते हुए तुम्हे शर्म नहीं आई….. हेट यू…….
मेरा भाई –“- साली भाषण मत दे मुझे……लंड को सहने की हिम्मत नहीं है तो क्यों इतना मचल रही थी. अब जल्दी से आ जा नहीं तो जबरदस्ती चोद दूंगा…….
एकता – “डॉन’ट टच में यू बास्टर्ड……… कर दिया न मेरी चुत का तो काम. सही कहती थी सहेलिया की पहली चुदाई किसी भोले भले लड़के से ही अच्छी लगती है न की तुम जैसे जंगली से……..
मेरा भाई -एकता प्यार से मेरी बात सुन ले….. नहीं तो कसम से आज तेरी चुत का बैंड बजा दूंगा……….
एकता - इतनी ही मर्दानगी है तो जाकर अपनी बहन को चोद ले न जो बराबर में सो रही है……… मुझे अब तुमसे कोई रिश्ता नहीं रखना………….
मेरा भाई - तुझसे हिम्मत वाली तो मेरी बहन ही होगी लकिन आज रात तू ही चुदेगी ……………” और इतना बोल कर मेरे भाई ने उसकी दोनों टाँगे पकड़ कर फिर से अपना लंड उसकी चुत में घुसा दिया…… काफी देर तक मेरा भाई उसकी ऐसे ही चुदाई करता रहा और मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं था. मैं खुद भी चाहती थी की उसकी ऐसे ही चुदाई हो…….. एकता भी पूरी कोशिश करती रही की वो छुट जाए लकिन मेरे भाई की मजबूत काठी के सामने वो अपना बस नहीं चला पायी और फाइनली दबा कर चुदाई हुई.
कुछ मिनट्स के बाद मेरे भाई ने अपना लावा उसके अंदर डाल दिया और वो शांत हो गया……….. जैसे ही लंड एकता की चुत से निकला वो लड़खड़ते हुए खड़ी होती और अपने कपडे पहन ने लगती है…. मेरा भाई उससे पूछता है –
मेरा भाई - कहाँ जा रही हो
एकता - मैं अपने घर जा रही हु….. मुझे तुमसे कोई रिश्ता नहीं रखना…….
मेरा भाई - सिर्फ एक चुदाई से ही डर गयी……… तुम जैसी झंडू बाम लड़कियों में दम तो होता नहीं तो बॉय फ्रेंड क्यों बनती हो…….
एकता –“ मुझे अपनी चुत की हालत ख़राब नहीं करनी……….. जैसा पहले बताया की ज्यादा शोक है तो अपनी बहन के साथ करो…… मुझ पे जोर मत चलाओ…….
मेरा भाई - साली भागना है तो भाग यहाँ से….. मेरी बहन बच्ची है अभी…… अभी ठीक से बड़ी भी नहीं हुई है वो……… ज्यादा मत बोल अब नहीं तो और भी बुरा हो जाएगा…….
एकता - ठीक है वो छोटी है तो छोटी सही….. मैं तो चली…………….“ और ये बोल कर एकता बहार आने लगती है…… मेरी हालत ख़राब थी क्यूंकि मेरी जीन्स और पैंटी अभी भी फ्लोर पर ही पड़ी थी. डर के मरे मैंने जल्दी में जीन्स उठायी और अपने रूम में भाग गयी. अपने रूम की लाइट बंद करि और फिर से दरवाजे की झिर्री से झांक कर देखा तो देखा की मेरी पैंटी वहीँ रह गयी…….. ओह्ह्ह्ह शिट .
एकता रूम से बहार निकली और सीधा भगति चली गयी……. उसकी चाल में थोड़ी लड़खड़ाहट थी लकिन वो इधर उधर देखे बिना ही भाग गयी…. वो सीधा सीढ़ियों से उतेरी और नीचे जाकर बहार निकल गयी….. मैंने थोड़ा राहत की सांस ली और सोचा की बहार निकलू लकिन तभी मेरा भाई नंगी ही हालत में बहार आता है और सीढ़ियों की तरफ देखता है. वो समझ जाता है की एकता जा चुकी है……. वो फिर से अंदर जाने लगा और मैं चैन की सांस ले ही रही थी की तभी…… तभी उसकी नजर मेरी पैंटी पर पड़ी…… वो आगे बढ़ा….. नीचे झुका और फिर मेरी पैंटी को उठता है. वो इधर उधर देखता है और फिर मेरी रूम की तरफ देखता है….. मेरी तो सच में फट कर चार हो गयी… लकिन क्यूंकि मेरे रूम की लाइट बंद थी वो मुझे देख नहीं सकता था………’ सिमरन विस्तार से बताती जा रही थी.
“ तो फिर क्या हुआ…. भैया को पता चल गया की वो आपकी पैंटी थी…… वैसे आई कैन इमेजिन की आपके भाई के… एक्चुअली बड़े भाई के हाथ में आपकी पैंटी …. ओह्ह्ह सो हॉट….. प्लीज आगे बताओ न…..” प्रीती आगे पूछने के लिए रिक्वेस्ट करती है
“ खैर प्रीती मुझे तब थोड़ी रहत की सांस मिली जब वो अंदर चला गया लकिन पता नहीं क्यों मेरी पैंटी भी अंदर ले गया….मुझे इस बात की कोई टेंशन नहीं थी. खैर वो रात आखिर कट ही गयी और मैं उस रात बहुत हैप्पी थी क्यूंकि उस एकता की मेरे भाई ने इतनी बुरी तरह चुदाई जो कर दी थी… लकिन मुझे थोड़ा अफ़सोस इसी बात का था की मेरे भाई को अभी तक मैं बच्ची नजर आ रही थी….. मुझे पूरी रात नींद नहीं आयी क्यूंकि मुझे अपनी बॉडी पर शक हो रहा था. ऐसा लग रहा था जैसे की मैं किसी को भी आकर्षित ही नहीं कर पाऊँगी. लकिन रात में ही मैंने फैसला कर लिया था की अब भाई को दिखाना ही पड़ेगा की आखिर मैं चीज क्या हु….. जब तक भी मेरे दिल में कोई गलत ख्याल नहीं था………” सिमरन की ख़ुशी उसके चेहरे पर दिख रही थी.
“ तो अगले दिन क्या प्लान बनाया आपने…………” प्रीती एक्ससिटेमेंट में पूछती है.
“ मैं ज्यादा कुछ किये बिना बस अपने भाई को ये बताना चाहती थी की एकता से कहीं बढ़ कर हु मैं….. वो इसलिए छायी रहती है क्यूंकि वो छोटे कपडे पहनती है. पूरी रात सोचने के बाद अगले दिन के लिए मैं ीक प्लान बनाया…….” सिमरन प्रीती को बताती है.
“ क्या था वो प्लान मुझे भी बताओ न………..” प्रीती फिर से पूछती है.
“ मैं चाहती तो कोई शार्ट ड्रेस पहन सकती थी , अपने बूब्स दिखा सकती थी और जो आगे हुआ भी लकिन मैं नहीं चाहती थी की मेरे भाई को कोई गलत शक हो मैंने साड़ी पहनने का फैसला किया… साड़ी मैंने उससे पहले वाले टीचर्स डे पर पहनी थी और जाहिर सी बात है की अब मुझे बहुत टाइट आने वाली थी….. साड़ी बहुत ही सिंपल थी जिसमे भाई को भी शक न हो. ब्लाउज थोड़ा सा डीप नैक था और पेटीकोट थोड़ा सा लौ वैस्ट था तो जाहिर सी बात है की वो ही चीज थी जिससे मैं अपने भाई को दिखा सकती थी की आखिर मैं क्या हु………… अगले दिन ऑफ था तो मैंने सुबह उठते ही तैयारी शुरू कर दी….. “सिमरन हर बात विस्तार से बता रही थी.
“ कैसी होगी साड़ी…. ज्यादा बताओ न……” प्रीती क्यूरियस होते हुए पूछती है.
“ तो ये ले वो फोटो आज तक मेरे मोबाइल में है……” सिमरन मोबाइल में सर्च करते हुए फोटो दिखती है.
“ ओह्ह दीदी यू लुक् damn हॉट………. आगे बताओ न की क्या हुआ……….” प्रीती पूछती है.
“मैंने उस दिन पूरी रेडी होकर अपने रूम से ही भाई को आवाज देने लगी………….. भैया ओह्ह्ह भैया…… मुझे पता था की वो उनके उठने का टाइम था तो वो उठ कर सीधा मेरे रूम की तरफ आये………. प्रीती मैं बता नहीं सकती की मेरे भैया की क्या हालत हुई मुझे देख कर लकिन मैंने ऐसा जाहिर नहीं होने दिया की मैं कुछ गौर दे रही हु……. मैंने अपने भैया से बात करना शुरू किया –
सिमरन -” भैया बताओ तो मैं कैसी लग रही हूँ
मेरा भाई --” प्रीती…. वो…. तू.. ये…साड़ी…………..उनकी नजरे हट नहीं रही थी मुझसे और उनकी आवाज लड़खड़ा भी रही थी.
सिमरन -” वो एक्चुअली में न मैंने टीचर्स डे की प्रैक्टिस अभी से शुरू कर दी है तो सोचा की आज साड़ी try करू…… बताऊ न की कैसी लग रही हु……
मेरा भाई --” सिमरन…… तू तो बड़ी हो गयी है सच में…… गजब लग रही है सच में……….. चल में एक बार फ्रेश हो जाऊ और फिर आता हु…… “मेरे भैया मुझे ऐसे ही छोड़ कर भाग गए….. जबकि एक्चुअल रीज़न में समझ गयी थी और उनके शार्ट में दिख भी रहा था उनका लंड जो की फूल चुका था. मुझे न महसूस हो इसलिए वो चले गए……” सिमरन प्रीती को बताती है.
दूसरी तरफ –
आज रात प्रीती नहीं थी तो कुशल जनता था की ऐसा गोल्डन चांस उसको कभी नहीं मिल सकता. प्रीती के निकलते ही उसने अपने आपको रेडी करना शुरू किया बाथरूम में जाकर अपने कॉक के आस पास के बालो को क्लीन करना अंडर आर्म्स भी अच्छे से क्लीन की. कॉक पर आयल लगाया जिससे अच्छी सी शाइनिंग आ गयी थी उसमे.कुशल फिर एक अच्छा सा बाथ लेता है और स्टाइलिश सांडो बनियान और ब्रीफ पहन ने के बाद वो बढ़िया सी टी-शर्ट और जीन्स पहनता है. सेक्सी पेर्फुम लगाने के बाद आज वो पूरा कामदेव बन चूका था शायद वो आज रात के लिए कुछ अच्छी प्लानिंग किये हुए था.खैर अब वो एक स्टाइलिश हीरो बन कर रेडी था और धीरे धीरे नीचे उतर कर आने लगता है. नीचे आने पर पूरा सन्नाटा छाया हुआ था किसी भी चीज की कोई आवाज नहीं आ रही थी.
कुशल पहले गैलरी से हॉल में जाता है और फिर किचन की तरफ जाता है लकिन उसको कोई दिखाई नहीं देता. वो स्मृति को ढूंढ रहा था लकिन वो कहीं पर भी दिखाई नहीं दे रही थी.ग्राउंड फ्लोर के कोने कोने में जा जाकर देखा उसने लकिन कुछ वो कहीं भी दिखाई नहीं दी और वो परेशां हो रहा था. उसको ये भी डर है की अगर आज रात स्मृति कहीं चली गयी तो उसकी तो गूगली हो जायेगी क्यूंकि इसीलिए उसने प्रीती को भी भेजने में हेल्प करि.
वो परेशां होकर इधर उधर भाग ही रहा था की तभी उसे ऊपर से किसी के आने की आहट सुनाई देती है. वो ऊपर नजरे करता है और दिल एक बार के लिए थम ही जाता है क्यूंकि ऊपर से स्मृति ही आ रही थी. स्मृति ने आज गजब ही कर दिया था उसने एक पिंक मैक्सी पहनी थी जो की बहुत ट्रांसपेरेंट थी. सबसे कमल की बात ये थी की उसके नीचे स्मृति ने कुछ भी नहीं पहना था. स्मृति एक स्माइल के साथ ऊपर से नीचे आ रही थी और कुशल का तो मुँह खुला का खुला रह गया था.
“आप ऊपर कैसे पहुँच गयी……… ऊपर से तो मैं आ रहा हु……….” कुशल स्मृति की तरफ देखते हुए बोलता है
.“ जब मैं ऊपर पहुंची तो तू शायद नहा रहा था इसलिए मैं फिर प्रीती और आराधना के रूम को देख रही थी….. जब दोबारा तेरे रूम में पहुंची तो तू नहीं था…… क्या कहीं जा रहा है……?” स्मृति अब सीढ़ियों से नीचे उतर चुकी थी.
“ नहीं ऐसे ही आज सोचा की थोड़ा ज्यादा ही फ्रेश हो जाऊ…. यानि ज्यादा अच्छ बन ने का मन कर रहा था….. तो पूरी क्लीनिंग करि…… अच्छे से नहाया……. बॉयज वाला मेक उप किया और फिर नीचे आया -” कुशल स्माइल करते हुए बोलता है.
“ पूरी क्लीनिंग करि………..?? तू कब से क्लीनिंग करने लगा……….?” स्मृति उसकी तरफ सवालो भरी निगाहो से पूछती है.
“ मैं घर की क्लीनिंग की बात नहीं कर रहा हु…………..” कुशल एक शैतानी मुस्कान के साथ अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए कहता है.
स्मृति को भी उसकी इस बात पर हंसी आ जाती है और वो किचन की तरफ चल देती है. कुशल उसकी गांड की तरफ देखता है जो की बिलकुल क्लियर दिखाई दे रही थी क्यूंकि मैक्सी बिलकुल ट्रांसपेरेंट थी और स्मृति ने नीचे कुछ नहीं पहना था.
“ क्या बात है……… पूरी आजादी दिख रही है आज तो………” कुशल पीछे से कमेंट करता है.
“ क्यों तू मिसयूज करने की सोच रहा है इस आजादी का…. खैर छोड़ और ये बता की कॉफ़ी पियेगा…….?” स्मृति आगे किचन की तरफ चलते हुए पीछे मुड कर बोलती है.
“ मुझे लगा की आज तो पूरी रात मुझे दूध पीने को मिलेगा….. और आप कॉफ़ी की बात कर रही है…..” कुशल पीछे से बोलता है.
“ दूध पीना है……..??? हम्मम्मम्मम्म…….सोचूंगी…… अभी ये बता की अगर कॉफ़ी पीनी है तो…………?” स्मृति फिर से पीछे मुद कर बोलती है
“ चलिए वो ही पीला दीजिये………. अभी तो……” कुशल अभी तो वाली बात पर जोर डालते हुए बोलता है.और एक बार फिर से कुशल सोफे पर आकर बैठ जाता है और थोड़ी देर बाद स्मृति कॉफ़ी लेकर आ जाती है. उसके चेहरे पर एक शैतानी और सेक्सी स्माइल थी
“ ले कॉफ़ी उठा……” और कॉफ़ी देकर स्मृति सामने बैठ जाती है
स्मृति पता नहीं अपनी जवानी से कौन सी आग लगाने वाली थी क्यूंकि उसका बैठने का तरीका ऐसा था की उसकी चुत का छेद अच्छी तरह से विज़िबल था कुशल को.
“ ओह्ह्ह्हह….. काफी अच्छी है…………” कुशल स्मृति की चुत की तरफ देखते हुए बोलता है. और साथ ही कॉफ़ी की सिप भी लेता है.
“ क्या…….?” स्मृति बहुत ही सेक्सी वौइस् में बोलती है
“कॉफ़ी……………” कुशल स्माइल के साथ बोलता है.
“ ओह्ह्ह्हह्हह……..” एक गहरी सांस के साथ स्मृति बोलती है.
“ क्यों आपने क्या सोचा की मैंने किसे अच्छा कहा है……….?.” कुशल एक शैतानी स्माइल के साथ बोलता है.
“ ये तो तू ही जनता है की मैंने क्या सोचा…….” स्मृति बिना हसे बोलती है , वो काफी सीरियस थी.
“ क्या…… क्या सोचा आपने………” कुशल भी सीरियस हो जाता है.
“ कॉफ़ी…….. है है है है है है है…….” स्मृति बहुत ही खुल कर हंसती है.कुशल का मुँह बन जाता है लकिन वो फिर झूठी हंसी के साथ हँसता रहता है.[/b][/b][/b][/b]
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