RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
[b][b]सिमरन'स ब्रदर- एकता...... माइ स्वीटी एक अच्छी खबर है.
मेरा भाई हॅपी होते हुए उसे बताता है.
एकता - बोलो जल्दी क्या बात है. मुझे जाना है.
एकता का बिहेवियर काफ़ी रूखा था उस दिन.
सिमरन'स ब्रदर - पता है मैने सिमरन को राज़ी कर लिया है तुम्हे घर बुलाने के लिए..... और वो मान गयी है.......
एकता - ऊऊऊओह रेअलल्ल्ल्ल्ल्ल्लययययययी....... आइ लव यू अभिनव........
मुझे आइडिया नही था कि एकता इतनी हॅपी हो जाएगी. वो मेरे भाई से ऐसे लिपट गयी जैसे उसी मे समा जाएगी. उसने अपने जुवैसी लिप्स मेरे भाई के लिप्स पर रख दिए..... जवान मैं भी थी और ये सीन देख कर जो मेरी हालत हुई वो मुझे ही पता है. इसके बाद एकता फिर से बोलना शुरू करती है -
एकता - देखा मैने कहा था न कि वो देखने मे छोटी है लेकिन चुदाई के बारे मे सब जानती है.
सिमरन'स ब्रदर - यार तू हमेशा ग़लत मत समझा कर.... उस बेचारी को तो ये पता है कि तू पढ़ने आ रही है.
एकता - ओये होये मेरे भोले हीरो. वो तुम्हारी बहन है तो तेरे से थोड़ी ना बोलेगी कि बुला ले और चोद दे अपनी गर्ल फ्रेंड को. लेकिन छोड़ो तो आज रात मैं आ रही हू और फिर ढेर सारी मस्ती.
सिमरन'स ब्रदर - बिल्कुल ठीक कहा मेरी जान. आज के बाद तेरी कोई सहेली तेरा मज़ाक नही उड़ाएगी कि तू कुँवारी है.
"और इसके बाद वो दोनो अलग हो गये. मैं एक कच्ची जवान लड़की थी. ये सारी बाते सुनकर पागल हुए जा रही थी लेकिन इस एज मे लड़की अपने दिल की बात किसी से शेअर नही करती है. "
सिमरन भी पूरे दम के साथ अपनी आप बीती सुना रही थी. अब सिमरन की बियर ख़तम होती है तो वो भी एक और लेने के लिए फ्रीज़ के पास जाती है.
" श शिट. अभी पूरी रात बाकी है और बियर भी ख़तम......" सिमरन दूख मनाती हुए बोलती है.
" दीदी पहले ये जो एक मिली है इसे तो पी लो. और बताओ ना कि फिर क्या हुआ....." प्रीति फिर से ज़िद करते हुए बोली.
" तो सुन..... हम दोनो स्कूल से आ गये... मेरा भाई बहुत हॅपी था उस दिन.... और होना भी चाहिए क्यूंकी आख़िर उसकी लाइफ मे वो होने जा रहा था जिसका इंतेज़ार सभी को होता है जवानी मे...." सिमरन अपनी बियर खोल कर फिर से शुरू करते हुए बोली.
प्रीति -" ओके.... फिर क्या हुआ......"
सिमरन -" उस दिन आफ्टरनून मे डॅड ने मुझे एक फंक्षन मे ले जाने के लिए बोले. मेरे पास एक येल्लो सूट हुआ करता था जो कि मैने पिच्छले एक साल से नही पहना था. मैने आज वो ही पहन ने का फ़ैसला किया लेकिन उस दिन पहना तो मुझे अहसास हुआ कि लड़की का शरीर कैसे बदलता है. मेरे बूब्स जैसे उसमे समा ही नही रहे थे. खैर जैसे तैसे अपने उभरते हुए बूब्स को दुपट्टे से छुपाया लेकिन क्लीवेज बहुत ज़्यादा था."
प्रीति - " मैं समझ सकती हू....... आपकी बॉडी है ही ऐसी.... एक दम हॉट........ आप आगे बताएए......" प्रीति पर भी रात का और बियर का पूरा असर हो रहा था.
सिमरन -" लाइट मेक अप और स्ट्रेट हेर थे मेरे उस दिन...... स्लीवलेस सूट, उभरते बूब्स और पॅडेड ब्रा, शायद लड़की कुच्छ अलग ही लग रही थी मैं. शौक मे आकर हाइ हील सॅंडल्ज़ पहने और अपने रूम से बाहर निकली और लड़खड़ा कर गिर पड़ी....... अनफॉर्चुनेट्ली मेरा भाई सामने ही खड़ा था. जवानी का वो रूप शायद उसने मुझमे तो क्या शायद कहीं भी नही देखा होगा. अपनी जवान होती बहन के गले को जो सही से नही देख पाया था, उस दिन उसने वो देखा जिसके लिए बाय्स सबसे ज़्यादा मरते है यानी कि बूब्स. मैं गिरी ही ऐसे तरीके से थी कि मेरे अनटच बूब्स उसकी आँखो से हट ही नही रहे थे."
प्रीति - " क्या आपने तो कतल ही कर दिया लगभग अपने भाई का....... फिर क्या हुआ......... जल्दी बताओ..... ये लो ये बियर भी ख़तम हो गयी........ रात तो अभी शुरू भी नही हुई...." प्रीति भी थोड़ी अपसेट हुई अपनी बियर की खाली कॅन देख कर....
सिमरन उसके करीब जाकर फिर से उसे एक मस्त वाला लिप किस करती है. प्रीति भी उसे स्ट्रॉंग होल्ड करके किस करती है. कुच्छ मिनिट के बाद दोनो के होंठ फिर से अलग होते है.
प्रीति का चेहरा बिल्कुल लाल हो चुका था.
" तू टेन्षन क्यू लेती है...... बियर चाहिए.....?" सिमरन प्रीति की आँखो मे देखते हुए बोलती है.
" दीदी पूरी रात बाकी है और आज तो मे पूरी रात जीना चाहती हू......" प्रीति भी मदहोशी वाली बाते कर रही थी.
" तो सामने जा और मेरे भाई के रूम से लेकर आ जा............" सिमरन प्रीति को सजेस्ट करती है
" दीदी प्लीज़ आप ही ले आओ ना...... " प्रीति सिमरन से रिक्वेस्ट करती है.
" आबे तुझे तो अब सारी कहानी पता है. मैने बियर पी है और मेरा भाई भी कुच्छ ना कुच्छ पी ही रहा होगा...... मैं नही चाहती कि मैं वहाँ जाउ और पूरी रात तू मेरा इंतेज़ार करती रहे....." सिमरन की बात मे दम था.
" तो सच मे मैं जाउ........?" प्रीति क्वेस्चन भरी निगाहो से पूछती है.
" जा ना, टेन्षन क्यू लेती है...... " सिमरन प्रीति को हॉंसला देती है.
प्रीति रूम से बाहर निकलती है और धीरे धीरे अभिनव के रूम की तरफ बढ़ती है. रूम का डोर थोड़ा सा खुला हुआ था तो प्रीति उसे नॉक करती है -
" कम इन......." अंदर से आवाज़ आती है.
प्रीति डोर खोलती है और अंदर देखती है. अंदर सिमरन का भाई सिर्फ़ बनियान और शॉर्ट मे चेर पर बैठे हुए स्मोकिंग कर रहा था.
प्रीति गेट पर खड़े होकर एक स्माइल के साथ पूछती है -
" सॉरी भैया लेकिन कुच्छ बियर्स मिलेंगी....... सिमरन दीदी की ख़तम हो गयी है......" प्रीति मुस्कुराते हुए पूछती है. उसकी शर्ट मे उसका क्लीवेज भी विज़िबल था.
एक बार को तो सिमरन का भाई शॉक्ड ही रह गया… हालाँकि उसने आते हुए भी प्रीति को देखा था लेकिन अब नशीली आँखो को देख कर और ज़्यादा हैरान हो गया-
“ क्या सिमरन ही बियर पी रही है……? आँख तो तुम्हारी भी कह रही है कि बियर तुमने भी पी है…….” सिमरन का भाई बोलता है
“ आँखो को अच्छा पढ़ लेते हो भैया…… मैं भी कोई बच्ची नही हू सो मैने भी पी ली है….” प्रीति भी स्टाइल मे बोलती है.
“ ठीक है फ्रीज़ से ले लो…..” सिमरन के भाई की निगाहे प्रीति से हट नही रही थी.
प्रीति आगे बढ़ती है और रूम के कॉर्नर मे रखे फ्रीज़ को खोलती है. झुकने से उसकी लो वेस्ट जीन्स और लो हो जाती है. उसकी पिंक पैंटी की स्ट्राइप भी दिखने लगती है. प्रीति 2 बियर निकालती है और रूम से बाहर जाने लगती है.
“ क्या 2 बियर काफ़ी है……?” सिमरन का भाई प्रीति से पूछता है.
“ अगर ज़रूरत होगी तो दोबारा आ जाउन्गि ना भैया…………..” ये बोलते हुए मस्त तरीके से अपनी गान्ड को मटकाती हुई रूम से बाहर चली जाती है.
प्रीति फिर से सिमरन के रूम मे आ जाती है और बिना टाइम वेस्ट करे अपनी बियर खोलती है और पीने लगती है और एक बियर सिमरन को दे देती है.
“ हाँ तो दीदी आगे बताइए ना कि क्या हुआ जब आप गिर पड़ी……… रहा नही जा रहा सुने बिना…..” प्रीति और भी एग्ज़ाइटेड होते हुए बोली.
“ उस दिन मेरे भाई को मुझसे बहुत ज़रूरी काम था तो मेरे लिए केरिंग भी बहुत था….. दूसरी तरफ मेरे सूट ने उसे हिंट दे दिए थे मेरे कुवर्व्स के बारे मे…… वो मेरे पास आया और अपना हाथ मेरी तरफ बढ़ाया…… काफ़ी अलग सीन था ये……. अपने भाई के हाथ मे जब उस दिन मैने हाथ दिया तो ऐसे लगा कि मेरा हाथ मेरे भाई ने नही बल्कि मेरे बॉय फ्रेंड ने पकड़ा हो……… मैं उठी और सूट टाइट होने की वजह से और गिर कर उठने की वजह से मेरी साँसे उपर नीचे हो रही थी….. दुपट्टा नीचे ही गिरा रह गया था तो सूट से मेरे बूब्स छुपाये नही छुप रहे थे……..” सिमरन अपनी एक और बियर खोल चुकी थी.
“ ओह्ह्ह दीदी….. बताइए ना कि फिर क्या हुआ……..” प्रीति भी बहुत गरम होती जा रही थी.
“ मेरा भाई खुद नीचे झुका और मेरा दुपट्टा उठा कर मुझे ऊढाया……… उसे ऊढाने के लिए मेरा भाई मेरे साइड मे आया और मेरे करीब आकर दुपट्टा ऊढाने लगा……… वो मेरे बहुत करीब था. तभी मुझे अहसास हुआ कि साइड मे कुच्छ चुभ रहा है…. ओह माइ गॉड…… मेरी तो जैसे साँसे ही रुक जाती उस दिन क्यूंकी ये समझते हुए मुझे टाइम नही लगा कि मेरे भाई का लंड खड़ा हो चुका था. तब तक मैं कच्ची कली थी, लंड को देखा भी नही था. बस सुना था, लेकिन एक मामूली से टच ने मेरी पूरी बॉडी को रोमांचित कर दिया………” सिमरन भी खुद बताते बताते बहक रही थी.
“वाउ दीदी….. वॉट आन एनकाउंटर वित ब्रदर’स कॉक……… एनीवे आगे बताइए………” प्रीति पूछती है.
“ मेरी हालत खराब हो चुकी थी….. अगर मैं वहाँ रुकती तो पता नही क्या हो जाता. मेरे पाँव खुद मजबूर होकर आगे बढ़ने लगे…… और मैं घर से बाहर चली गयी. वो एक ऐसा दिन था जब मुझे बस होश नही था…… हाँ मे घर से बाहर थी लेकिन बस मेरी बॉडी ही बाहर थी वरना मेरा मन तो मेरे घर पर ही था….” सिमरन अब अपनी टी-शर्ट उतार रही थी. शायद वो ज़्यादा गरम हो रही थी.
“ गुड दीदी…. फिर क्या हुआ, आप कब वापिस आई घर पर…….?” प्रीति फिर से एग्ज़ाइट्मेंट मे पूछती है
“ मुझे घर आते आते ईव्निंग हो गयी थी…. मैं घर आई तो जैसे मेरा सर बहुत भारी था और बुखार जैसा फील हो रहा था. मैं आई और अपने रूम मे आकर लेट गयी. लेट ईव्निंग मे मेरे भाई ने ही मुझे जगाया……… उसने मुझे चाइ भी दी…… सच मे समझ नही आ रहा था कि हो क्या रहा है…. उस दिन मैं गरम पानी मे नहाई तो थोडा चैन मिला……… रात करीबन 9 बजे मेरा भाई फिर से मेरे पास आया और बोला कि एकता नीचे आ चुकी है और मुझसे रिक्वेस्ट की कि उसे उपर लेकर आ जा नही तो डॅड बहुत सारे सवाल करेंगे………..” सिमरन बोलती जा रही थी. इस टाइम वो बस ब्रा पहन कर बैठी थी.
“ तो फिर आप नीचे गयी तो क्या हुआ……..?” प्रीति अपनी आँखो को बड़ा करते हुए पूछती है.
“ मैं उसकी बात मान कर नीचे गयी… घर के मेन डोर से बाहर निकली और थोड़ी ही दूरी पर खड़ी थी वो……… माइ गॉड उसे देख कर अहसास हुआ कि सेक्सी लड़की क्या होती है. कसम से उसके उस रूप को मैं कभी नही भूल सकती…… उसको देख कर तो मेरी भी बॉडी मे कुच्छ होने लगा था. सेक्सी से भी ज़्यादा सेक्सी लग रही थी वो कसम से……. उसने एक शॉर्ट टॉप पहना था और लो वेस्ट जीन्स, उसने बाल स्ट्रेट किए हुए थे और बूब्स की लाइन टी-शर्ट से बाहर आ रही थी.
मैं उसके पास पहुँच गयी और उसे हग किया….. और उसने भी मुझे हग किया. उसकी बॉडी से उठती खुसबु मुझे आज भी याद है. उस दिन मुझे ऐसा लग रहा था जैसे की शायद वैसे तो मेरे भाई की वाइफ भी बन कर नही आ पाएगी………..” सिमरन एक ही झटके मे अपनी आधी बियर
और पी गयी.
“ देखा लड़की के गट्स को दीदी………….. बताओ ना आगे क्या हुआ…..?” प्रीति फिर से पूछती है.
“ मैं उसे अंदर लेकर आई और जैसे ही उपर पहुँची तो जैसे मेरा भाई तो उसे देख कर बेहोश ही हो गया……… और होता भी क्यू नही…….. मास्टरपीस बन कर जो आई थी वो. मेरे ही सामने दोनो ने एक दूसरे को हग किया… मुझे लगा कि कुच्छ पल के लिए तो वो मेरे रूम मे आएँगे लेकिन दोनो मेरी तरफ देखे बिना ही भाई के रूम मे चले गये…………” सिमरन की साँसे ये बाते बताते हुए और भी तेज हो रही थी.
“ इतनी जल्दी चले गये अपने रूम मे…… तो क्या उन्होने काम शुरू कर दिया……..” प्रीति फिर से पूछती है.
“ काफ़ी टाइम मैने इंतेज़ार किया लेकिन कोई बाहर नही निकला, मेरे सर का दर्द बढ़ता जा रहा था…….. ना चाहते हुए भी लग रहा था कि पता नही वो दोनो क्या कर रहे होंगे अंदर…….. जब मेरे कंट्रोल से बाहर हो गया तो मैने गेट को नॉक करा. गेट लॉक नही था लेकिन बंद था, मैने धीरे से खोला तो देखा की वो चुड़ैल एकता बेड पर बैठी सिगरेट के स्मोक को हवा मे उड़ा रही थी और मेरा भाई उसकी गोद मे सर रख कर बैठा था. उसको स्मोकिंग करते हुए देख कर अजीब लगा लेकिन वो जिस टाइप की लड़की थी तो समझ आ रहा था कि आज रात वो बस एंजाय करने के मूड मे है…….. जब दोनो का ध्यान मेरी तरफ नही गया तो मैने एक बार खांसने की कोशिश की….. मेरा भाई मुझे देख कर उठ कर बैठ गया और बुक हाथ मे ले ली लेकिन वो बिच अभी भी स्मोकिंग ही कर रही थी. उसके उपर कोई फ़र्क नही पड़ा……….” सिमरन सीरीयस भी हो रही थी और उस एकता के लिए जेलस उसके चेहरे पर दिख रहा था.
“ फिर क्या हुआ दीदी… बताओ ना जल्दी………” प्रीति का ध्यान बस यही जान ने पर था कि आगे क्या हुआ.
“ मेरे भाई ने मुझसे पुछा कि क्या बात है तो मैने कहा कि मुझे नींद आ रही है और मैं सोने जा रही हू, अगर कुच्छ चाहिए तो अभी बता दो……. लेकिन मेरे भाई ने कहा कि कुच्छ नही चाहिए और तू जाकर सो जा……… मैं बाहर आ गयी, लेकिन मेरी आँखो मे नींद दूर दूर तक नही थी. मैं बाहर आकर गेट के साइड मे ही खड़ी हो गयी……. दरवाजे की झिर्री मे से फिर देखना शुरू किया तो अगली आवाज़ एकता की थी –
एकता –“ देखा कैसे जासूसी करती फिर रही है…….”
मी ब्रदर –“ अब तू शक करना बंद कर……”
एकता –“ तुम मानो चाहे मत मानो, ज़्यादा दिन चुदे बिना नही रह पाएगी ये……. एक लड़की हू मैं और पहचान सकती हू……….”
मी ब्रदर –“ तू ये सब टेन्षन ना ले और आजा मेरी बाँहो मे आजा……………..”
“और यहाँ से उन दोनो की रास लीला शुरू हो गयी……. एकता आगे बढ़कर मेरे भाई को गालो को पकड़ती है और अपने लिपस्टिक लगे होंठ उसके होंठो पर रख देती है…………. मुआााहाहहह…..उसने ऐसा किस किया कि मेरे भाई के होंठो से तो जैसे खून ही निकल जाता….. अब मेरा भाई भी तेश मे आ गया और उसने एकता के बाल पकड़ कर अपनी तरफ खींचे और…..उफफफफफफफफफफ्फ़………..” खुद सिमरन की बताते बताते चूत पानी छोड़ने लगी थी. और उसकी आवाज़ बहुत हकला रही थी अभी.
प्रीति की भी हालत खराब थी. वो सिमरन के बहुत करीब आकर उसके बूब्स पर हाथ फिराने लगती है और पूछती है – “ बताओ ना दीदी की फिर क्या हुआ……
"उस दिन मैने महसूस किया कि जवानी क्या चीज़ होती है और उसे संभालना कितना मुश्किल है. अभी सिर्फ़ एकता ने मेरे भाई के होंठो को चूसा था और मुझे ऐसा फील होने लगा था कि जैसे मेरे शरीर को कुच्छ चाहिए लेकिन क्या चाहिए ये नही पता था.
एकता की बॉडी लॅंग्वेज मेरे लिए ऐसी थी जैसे कि अगर मुझे पता भी चल जाए कि उसकी चुदाई हो रही है तो उसपे कोई फ़र्क नही पड़ेगा. बहुत ही डिफरेंट और बोल्ड लड़की थी वो."
" उफ़फ्फ़ दीदी बताओ ना कि आगे क्या हुआ......" प्रीति की आवाज़ मे कंपन्न थी.
" मैं अंदर का सीन देख कर फुल हॉट हो रही थी लेकिन कर भी नही सकती थी कुच्छ और. उस दिन मैं समझ गयी कि कोई भी जवान लड़का या लड़की ऐसे सीन को देख कर नही रुक पाएगी. एकता अपनी फॉर्म मे आ रही थी लेकिन जैसे मेरा भाई अभी अनाड़ी की तरह पेश आ रहा था. एकता एक पल के लिए अपने होंठ हटाती है, अपने बाल पीछे करती है और फिर से अपने होंठ मेरे भाई से चिपका देती है."
" वॉवववव......." प्रीति का खूद का हाथ अपने बूब्स पर पहुँच गया था.
" मेरे भाई ने भी अब एकता के होंठ चूसने शुरू कर दिए थे. ये शायद उन लोगो के लिए वॉर्म अप राउंड था तभी तो दोनो ने अभी तक कपड़े नही उतारे थे. उनका ये वॉर्म अप राउंड मुझे बहुत भारी पड़ रहा था लेकिन कंट्रोल कर रही थी. किस्सिंग के दौरान ही मैने देखा कि एकता मेरे भाई का सीधा हाथ पकड़ती है और उस को अपने बूब्स पर रख देती है. उसकी बोल्डनेस देख कर मैं हैरान हो रही थी लेकिन साथ ही ये देख कर भी हैरान थी कि लड़की मस्त है और एंजाय करने के लिए वो कुच्छ भी करेगी. एकता की पीठ मेरी तरफ थी लेकिन मुझे सॉफ अहसास हो रहा था कि मेरा भाई उसके बूब्स बढ़िया तरीके से दबा रहा है. दोनो के होंठ एक दूसरे से गूँथे हुए थे लेकिन फिर भी एकता के मूँह की सिसकारियाँ सांसो मे महसूह हो रही थी."
" डीडीिईईईईईई.......बताती जाओ प्लीज़........" प्रीति भी मस्ती मे अपनी आँखे बंद कर चुकी थी.
" कुच्छ मिनट के बाद दोनो के होंठ अलग हुए तो मैने देखा कि मेरे भाई के होंठो पे अलग शाइन थी और हो भी हो क्यू ना, इतने सॉफ्ट और पिंक लिप्स जो चूस रहा था वो. लिप्स अलग होने के बाद एकता अपनी टी-शर्ट खुद ही उतारने लगती है. उसको देख कर मेरा भाई भी टीशर्ट उतार देता है. मेरे भाई ने टीशर्ट के नीचे कुच्छ नही पहना था, उसकी चेस्ट पर हल्के हल्के बाल आए हुए थे, मेरी पूरी बॉडी मे झन झन हो रही थी और कान लाल हो रहे थे ये सब देख कर. क्यूंकी एकता की पीठ मेरी तरफ थी तो सिर्फ़ उसकी ब्रा की स्ट्राइप ही मुझे दिख रही थी लेकिन ब्रा की स्ट्राइप से मुझे आइडिया लग रहा था कि आगे बूब्स काफ़ी टाइट पॅक्ड है. उसके बाद एकता मेरे भाई से बोलती है -[/b][/b]
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