RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
[b]दीप्ति –“ साड़ी काफ़ी अच्छी है तुम्हारी……. बहुत क्यूट लग रही हो….” दीप्ति आराधना की सारी को टच करते हुए बोलती है.
आराधना – “ आप भी काफ़ी अच्छी लग रही है अपनी ड्रेस मे……. मुझे ऐसी ड्रेसस बहुत पसंद है………” आराधना स्माइल करते हुए कहती है.
दीप्ति – “ अच्छा चलो अब ये तो बताओ कि मूवी कौन सी देखनी है. ?”
आराधना – “ आप ही बताएए ना कि कौन सी मूवी देखे………?”
दीप्ति – “ जिस्म 2 ही सही लग रही है मुझे….. क्यू?”
आराधना – “ जैसा आप ठीक समझे………” आराधना उसकी बात को टालना चाहती थी.
इतनी छोटी बातो मे ही चारो लोग पार्किंग एरिया मे पहुँच जाते है जहाँ पंकज अपनी कार को अनलॉक करके सबसे आगे बैठ जाता है. शेट्टी अपनी वाइफ के लिए डोर खोलता है और उसके बैठने के बाद वो दूसरी साइड आने लगता है. दूसरी साइड आराधना पीछे बैठने के लिए गेट खोल चुकी थी. जैसे ही शेट्टी उसके पास से गुज़रता है तो आराधना शॉक्ड हो जाती है क्यूंकी उसे ऐसा लगता जैसे किसी ने उसकी गान्ड पर चिकोटी काटी. वो घूम कर देखती है तो जब तक शेट्टी आगे वाला गेट खोल चुका था आगे बैठने के लिए.
आराधना को यकीन नही हो रहा था कि उसकी फादर की उम्र का इंसान उसके साथ ऐसे कर सकता है. वैसे आराधना श्योर नही थी लेकिन उसका दिल कर रहा था कि उसका मूँह नोच लू…..
शेट्टी के बैठते ही गाड़ी सिनिमा की तरफ चल देती है.
दूसरी तरफ
सिचुयेशन को थोड़ा थोड़ा फॉर्वर्ड करना पड़ा है. दट ईज़ दा डिमॅंड ऑफ दा सिचुयेशन.
इधर प्रीति जम कर चुद चुकी थी और अब सिमरन के घर जाने की प्लॅनिंग कर रही थी. वैसे भी उसे अपनी मोम की पर्मिशन मिल चुकी थी. पता नही क्यूँ सिमरन के लिए भी वो सूपर हॉट बन कर जाना चाहती थी.
प्लॅनिंग कर ही रही थी कि तभी सिमरन का फोन आता है और प्रीति फोन को पिक करती है.
सिमरन - हाई स्वीटी. कैसी है?
प्रीति - दीदी मैं ठीक हू. आप कैसी है.
सिमरन - बस यार तेरा इंतेज़ार हो रहा है. कब तक आ रही है?
प्रीति - आप बताओ कि कब तक आ जाउ....?
सिमरन - ये भी कोई पुच्छने की बात है. जब चाहे आजा और अभी आ जाए तो और भी अच्छा है.
प्रीति - ठीक है तो मैं थोड़ी देर मे निकलती हू औट वैसे भी घर तो पास ही है.
सिमरन - थ्ट्स ग्रेट...... छोटी सी पार्टी भी करेंगे....... अच्छा फन करेंगे.... आख़िर एक ही रात के लिए तो आ रही है तू तो तेरा ख्याल रखना पड़ेगा.
प्रीति - वो सब तो ठीक है लेकिन मैं एग्ज़ाइटेड हू ये जान ने के लिए कि कैसे आपके भाई और आपके बीच........
प्रीति ये लाइन बोलकर बीच मे चुप हो जाती है.
सिमरन - मेरे भाई और मेरे बीच मे क्या???? अच्छा चुदाई कैसे शुरू हुई..... मेरी जान बड़ी उतावली है ये जान ने के लिए. चल तू टेन्षन ना ले और अब जल्दी से आ जा. तुझे आराम से सुनाउन्गि सारी कहानी. लेकिन तुझे भी बताना पड़ेगा कि कैसे कुशल का लंड लिया तूने.
प्रीति - दीदी आप भी कमाल हो. चलो अब फोन रखते है और मैं घर से निकलती हू.
सिमरन - ओके चल आराम से आ जा.
फोन काटने के बाद प्रीति तैयार होती है. बालो को अच्छे से धोकर ड्राइयर से ड्राइ करती है. स्टाइलिश मेक अप और चेक की शॉर्ट शर्ट पहनती है जिसे बूब्स से नीचे ही टाइ कर दिया जाता है. उसके नीचे उसने अल्ट्रा लो वेस्ट जीन्स पहनी. यानी अब उसके बूब्स और कमर के बीच का सारा हिस्सा विज़िबल था.
स्मृति को बोल कर वो आराम से घर से निकल जाती है. क्यूंकी सिमरन का घर करीब ही था तो प्रीति पैदल ही चली जाती है.
सिमरन का घर आने पर प्रीति डोर बेल बजाती है. दो बार डोर बेल बजाने के बाद डोर खुलता है.
डोर खोलने वाला एक लड़का था, उसने संडो बनियान पहनी हुई थी और शॉर्ट. वो पसीने मे भीगा हुआ था क्यूंकी शायद एक्सर्साइज़ कर रहा था.
प्रीति - भैया नमस्ते...... मैं सिमरन दीदी की फ्रेंड हू.
बॉय - सिमरन की फ्रेंड भी हो और दीदी भी बोल रही हो. एनीवे मैं उसका भाई हू विशाल.
प्रीति - हा हा हा हा. भैया बात अच्छी पकड़ते हो. आक्चुयल मे वो मुझसे थोड़ी बड़ी है ना तो इसलिए मैं उन्हे दीदी कहती हू.
वो लड़का प्रीति को उपर से नीचे तक देखता है और कहता है.
बॉय - वो तुमसे बड़ी है लेकिन कहाँ से..
लड़के का इशारा शायद प्रीति के बूब्स की तरफ था जोकि सिमरन के जैसे ही थे. प्रीति इस बात को ताड़ जाती है कि वो क्या कहना चाह रहा है.
प्रीति - वेरी फन्नी..... आप बताएए कि दीदी कहाँ है.......
बॉय - वो उपर अपने रूम मे है. सीधा उपर जाकर लेफ्ट.
और ये बोल कर वो लड़का प्रीति को अंदर जाने के लिए रास्ता देता है.
प्रीति सीधा उपर जाती है और सिमरन के रूम मे एंटर करती है. सिमरन बेड पर बैठ कर नेल पैंट लगा रही थी.
" हाई दीदी......." प्रीति ये बोल कर आगे बढ़ती है और सिमरन को हग करती है.
" हाई प्रीति....... ग्रेट यार एक दम सूपर हॉट मॉडेल लग रही है. गजब यार....." सिमरन प्रीति को देखते हुए बोलती है.
" कहाँ दीदी.... आप भी कुच्छ ज़्यादा ही बता रही हो...... गजब तो आप हो........" प्रीति भी सिमरन की तारीफ मे दो शब्द बोल देती है.
" यार तेरे लिप्स बड़े जुवैसी लग रहे है. गिव मी आ क़िस्स्स......" और ये बोलकर सिमरन अपना चेहरा प्रीति की तरफ बढ़ाती है और प्रीति अपनी आँखे बंद कर लेती है.
सिमरन एक अच्छा वाला स्मूच लेती है. दोनो एक दूसरे के होंठो को अच्छे से चूस्ते है और फिर अलग हो जाते है.
" चल यार..... आज की रात हमारी है....... खूब मस्ती करेंगे......." सिमरन अपने फ्रीज़ से बियर की दो कॅन निकालते हुए बोलती है.
" लेकिन दीदी वो भैया....... नीचे है..... वो बियर पीते देखेंगे तो कुच्छ कहेंगे नही...." प्रीति उसके भाई के बारे मे पूछती है.
" अबे उसी ने तो मुझे पीना सिखाया है...... और वो ही तो लाकर ये फ्रीज़ भरता है..... तू उसकी टेन्षन ना ले और एंजाय कर......" सिमरन ये बोलते हुए लाइट म्यूज़िक ऑन कर देती है.
" दीदी मैं यही तो जान ना चाहती हू कि कैसे आपके और आपके भाई के बीच मे ऐसी रिलेशन्षिप बन गयी कि आप इतने फ्रॅंक हो. प्लीज़ बताइए ना.........." प्रीति ज़िद करने लगती है.
" चल बियर तो पी और ये ले सलाद... मैं तुझे आराम से बताउन्गि. बोर तो नही होगी ना तू......" सिमरन प्रीति से पूछती है.
" दीदी कैसी बाते कर रही हो........ ओके नाउ लेट्स चियर्स आंड स्टार्ट युवर स्टोरी."
दोनो अपनी बियर की कॅन को टकराती है और सिमरन अपनी कथा सुनानी शुरू करती है.
"ये कहानी तब शुरू होती है जब मैं बस -- साल की थी. मैं एक बहुत ही सिंपल लड़की थी जो एक को एड स्कूल मे पढ़ती थी. मेरा भाई भी मेरे साथ मेरे ही स्कूल मे पढ़ता है. हमारा स्कूल काफ़ी मॉडर्न स्कूल था जहाँ बच्चे काफ़ी जल्दी बड़े हो जाते है. मैं एक लंबी चोटी करने वाली एक सिंपल लड़की थी और जो कभी फेस पर कुच्छ भी नही लगाती थी. मुझे उस टाइम तक कुच्छ भी नही पता था कि आख़िर ये दुनिया क्या है. स्कूल से घर और घर से स्कूल. स्कूल मे वैसे भी मेरा बड़ा भाई हुआ करता था तो मुझे हमेशा इस बात का ख्याल रखना होता था कि मैं हमेशा अपनी लिमिट मे रहू. मेरी फ्रेंड्स अच्छी लड़किया, बुरी लड़किया, ओपन माइंडेड लड़किया, नॅरो माइंडेड लड़किया और सभी तरह की लड़कियाँ हुआ करती थी.
प्रीति -" ओके......"
सिमरन -" घर मे वो ही माहौल जो हर घर मे होता है. भाई बहन के लड़ाई झगड़े और फिर से प्यार. स्कूल मे इज़्ज़त की वजह से मैं कभी अपने भाई से नही लड़ी लेकिन घर मे हमेशा महाभारत होता था. मा बाप के राज मे तो हर किसी को आज़ादी महसूस होती है तो मैं भी खूब लड़ती थी अपने भाई से और वो भी कोई कमी नही छोड़ता था."
प्रीति -" हाँ सच बात है. कुशल और मेरी भी यही कहानी है.... फिर क्या हुआ." प्रीति को बहुत इंटेरेस्ट आ रहा था स्टोरी मे.
सिमरम -" धीरे धीरे मुझ मे भी वो चेंजस आने लगे जो कि हर लड़की ने आते है. बूब्स निकलने शुरू हुए, पुसी और अंडरआर्म्स मे बाल आने शुरू हुए और आवाज़ धीरे धीरे भारी हो रही थी. ठीक ऐसा ही मेरे भाई के साथ भी हो रहा था, यानी कि हम दोनो ही बड़े हो रहे थे. लड़की जवान हो रही है इसका अहसास तो आस पास के लोग ही करा देते है. मोहल्ले के लोग ऐसे घूर घूर कर देखते है जैसे कि कोई अपराध कर दिया हो हमने. लेकिन लड़को की लाइफ ऑपोसिट होती है और वो वैसे ही आज़ाद रहते है. ब्रा पहन नी शुरू करी और शुरू मे तो बड़ा गुस्सा आता था लेकिन धीरे धीरे आदत पड़ी. साइज़ जब तक 32 हुआ तो मेरे भाई को हल्की दाढ़ी मूँछ आ चुकी थी."
सिमरन धीरे धीरे बियर पीते हुए फिर शुरू करती है. प्रीति उसकी बातो को गौर से सुन रही थी.
" क्यूंकी मेरे भाई के और मेरे रूम करीब ही थे तो मुझे आइडिया मिलता रहता था कि वो क्या कर रहा है. मुझे पता चला कि उसने स्मोकिंग शुरू कर दी है और अक्सर उसके रूम से सिगरेट की स्मेल आने लगी. ठीक वैसी ही जैसे डॅड के रूम से आती थी."
प्रीति -" ओके....."
सिमरन -" एक बार इतिफाक से मैने उसे स्मोकिंग करते हुए देख लिया और हमारी नज़रे मिल गयी. वो थोड़ा डरा और उसने सिगरेट फेंक दी. वो मुझसे बात करने आया और बड़े प्यार से बात की. मैं समझ गयी कि ये मुझे अपनी राजदार बनाना चाहता है. मैने भी यही सोचा कि बाय्स तो करते ही है तो इसमे हर्ज क्या है."
प्रीति -" हाँ सही कहा आपने....."
सिमरन -" धीरे धीरे उसने मेरी हेल्प लेनी शुरू कर दी और मैं डॅड के रूम से उसे सिगरेट चुरा चुरा कर लाकर देती थी. लेकिन वो अपनी मस्त लाइफ जी रहा था और काफ़ी हॅंडसम हो गया था "
प्रीति -" हाँ मैने देखा उन्हे नीचे. वाकई मे काफ़ी हॅंडसम है वो तो......"
सिमरन -" 10थ क्लास तक आते आते एक लड़की ने मेरे भाई पर लाइन मारनी शुरू कर दी जिसका नाम एकता था. वो हमारे स्कूल की सबसे सेक्सी लड़की थी. कम उम्र मे ही भगवान ने ऐसी बॉडी दे दी कि शिल्पा शेट्टी फैल हो जाए."
प्रीति -" तो क्या भैया की गर्ल फ्रेंड बन गयी वो....."
सिमरन -" लड़की सेक्सी हो तो क्या नही कर सकती. और वो ही एकता ने किया.... छोटे छोटे कपड़े पहन कर आना. अंजाने मे अपनी बॉडी को मेरे भाई से छुआ देना. मेरा भाई जवान हो चुका था और ये शरीर की आग कैसे भुजति है उसे पता नही था. वो एकता के बारे मे ही सोचता रहता. एक दिन मेरे भाई ने बोला कि सिमरन तू एकता की फ्रेंड बन जा ना. फिर जो कॉन्वर्सेशन स्टार्ट हुई वो कुच्छ ऐसे थी -
सिमरन'स ब्रदर - सिमरन यार तू एकता से दोस्ती कर ले ना.
सिमरन - मैं क्यू करू दोस्ती. वो मुझसे सही से बात तो करती नही.
सिमरन'स ब्रदर - यार ऐसा होता है लेकिन वो शायद अच्छी लड़की है. मुझे लगता है कि तुझे ऐसी लड़किया दोस्त बनानी चाहिए.
सिमरन - तो आप ही बना लो उसे दोस्त. मुझे अच्छी नही लगती, कितने छोटे कपड़े पहन कर आती है और सीधे मूँह बात नही करती.
सिमरन'स ब्रदर - हा हा हा हा. तेरा भाई उसका दोस्त तभी तो बनेगा जब मेरी बहन उसकी दोस्त बनेगी. कर दे ना इतनी हेल्प अपने भाई की.
" मेरे भाई ने इतने प्यार से रिक्वेस्ट की तो मैने उसकी बात मान ली और जैसे तैसे मैने एकता का मोबाइल नंबर अपने भाई के लिए अरेंज कर दिया".
प्रीति -" फिर क्या हुआ???" प्रीति अपनी बियर को पीती जा रही थी.
सिमरन - " फिर क्या होना था. मुझे कुच्छ आइडिया नही मिला कि क्या हो रहा है लेकिन मेरा भाई अपने रूम मे ही फोन पर बिज़ी रहता. धीरे धीरे स्कूल मे मेरे भाई और एकता के अफेर के चर्चे होने लगे. मेरी फ्रेंड्स मुझसे मज़ाक करती कि अब तू भी कोई बॉय फ्रेंड बना ले. लेकिन मैं इन सब चीज़ो के बारे मे नही सोचती थी क्यूंकी मेरा बड़ा भाई खुद उस स्कूल मे था.
प्रीति -" ओके फिर क्या हुआ......."
सिमरन - " मेरे भाई ने सबसे डिस्टेन्स बनाना शुरू कर दिया. मुझे तो ये भी लगने लगा था कि मेरे भाई और उस एकता के बीच सेक्स हो चुका था लेकिन एक दिन मैं अपनी क्लास मे जा रही थी तो स्पोर्ट्स रूम के करीब दोनो की आवाज़े आ रही थी जोकि मैने सुनी. मॉर्निंग मे स्कूल के उस तरफ कोई नही आता था तो दोनो खुल कर बाते कर रहे थे. उस दिन की बातो मे मुझे बहुत सारी बाते क्लियर हुई. "
प्रीति -" बताओ ना.... बताओ ना कि क्या बाते हो रही थी......"
सिमरन - " वो बाते कुच्छ ऐसे हो रही थी. पहली आवाज़ मैने एकता की सुनी -
एकता - कम ऑन अभिनव.... तुम एक ही एक्सक्यूस अपनी गर्ल फ्रेंड को डेली नही दे सकते. मेरी सारी फ्रेंड्स कितनी लकी है जो कभी अपने बॉय फ्रेंड के साथ कहीं रात गुजार कर आती है और कभी कहीं. उन्हे बताने मे भी शरम आती है मुझे कि रात बिताना तो छोड़ो अभी तक मैं कुँवारी हू.
माइ ब्रदर - जितना दिल तुम्हारा करता है तो उससे कहीं ज़्यादा मेरा करता है. पूरी रात खड़ा रहता है तुम्हारी याद मे लेकिन क्या करू कोई जगह नही है जहाँ हम मिल पाए.
एकता - खड़ा होता है..... खड़ा होता है और खड़ा होता है. ये बाते ही सुनती आ रही हू. बॉय फ्रेंड क्या रेस्टोरेंट मे खाना खाने और सिनिमा मे मूवीस देखने के लिए बनाए जाते है. बॉय फ्रेंड के और भी फ़र्ज़ होते है और वो है कि अपनी गर्ल फ्रेंड की फिज़िकल नीड्स का ख्याल रखना. तुम कोई प्लान क्यूँ करते. अगर कहीं और नही तो अपने घर पर ही.
माइ ब्रदर - यार मेरे घर मे मेरी सिस्टर है. और उसका रूम मेरे रूम के बराबर मे ही है. वो क्या सोचेगी?
एकता - वाह वाह....... वो क्या सोचेगी? दूध पीती बच्ची है क्या वो? उसे पता नही कि अगर मैं तुम्हारे रूम मे जाउन्गि तो तुम मेरे साथ क्या करोगे? देखते नही हो लगता है गौर से उसे, खुद लेने को तैयार हो रही है वो.
माइ ब्रदर - वो ऐसी नही है. उसका ध्यान इस तरफ नही जाता है.
एकता - एक भाई की नज़र से देखना बंद करो और गौर से देखो कि कैसे चुदने के लायक हो चुकी है. तुम उसके भाई हो इसलिए वो अपने असली रूप मे नही आती. वैसे मैं क्यू सफाई दू...... मुझे नही पता बस.....
सिमरन - और ये सब बोलकर वो भाग जाती है गुस्से मे. मुझे पहली बार अहसास हुआ कि लड़कियो की खुद की भी कुच्छ इच्छा होती है. एकता भी वोही चाह रही थी लेकिन उसने आज वो बीज बो दिया जो बाद मैं बहुत भारी साबुत हुआ.
“ दीदी वाकई मे एकता तो बहुत आगे निकली. उसकी कोई फोटो दिखाइए ना…… अगर है तो” प्रीति के पुच्छने पर सिमरन एकता का एक फोटो अपने मोबाइल मे दिखाती है
प्रीति - " अच्छा फिर क्या हुआ दीदी......." प्रीति फिर से एग्ज़ाइटेड होते हुए पूछती है. वो अपनी बियर की कॅन भी ख़तम कर चुकी थी.
सिमरन - " होना क्या था...... उस एकता की आग ने मेरे भाई के माइंड मे बहुत सारे चीज़े डाल दी...... मुझे अहसास नही हुआ लेकिन शायद मेरे भाई ने उसके कहने पर मेरी बॉडी को अब्ज़र्व करना शुरू कर दिया. मुझे अहसास था कि अगर एकता को मेरा भाई जल्दी ही नही ठोकेगा तो वो उसे छोड़ देगी और ये सिचुयेशन मेरे भाई को डिस्टर्ब कर सकती थी.
प्रीति -" ओके...... गुड....... दीदी........ वाकई मे काफ़ी इंट्रेस्टिंग है...... आगे बताइए ना......."
सिमरन - " मेरे भाई ने धीरे धीरे मुझे मनाना शुरू किया एकता को घर पर बुलाने के लिए. मीठी मीठी बाते करता और मेरे लिए गिफ्ट लेकर आता था, ना मुझसे कोई लड़ाई और बस प्यार से ही बाते करता था. लेकिन मैं ये सब समझती थी. "
प्रीति -" काफ़ी इंटेलिजेंट हैं आपके भाई...... आगे बताइए क्या हुआ....." प्रीति धीरे धीरे और करीब आ रही थी सिमरन के.
सिमरन अपनी बियर के कॅन को बार बार पीते हुए बोल रही थी.
सिमरन -" एक दिन ईव्निंग मे मेरे भाई ने मुझे बात की जो की कुच्छ ऐसे थी -
सिमरन'स ब्रदर - सिम्मी........ यार एक हेल्प करेगी तू मेरी
सिमरन - बोल भाई क्या बात है.
उसका बोलने का तरीका मुझे बता रहा था कि वो बहुत मक्खन लगा रहा है.
सिमरन'स ब्रदर - वो सिम्मी.... आक्चुयल मे ना एकता को पढ़ाई मे मेरी हेल्प चाहिए तो वो एक रात यही रुकना चाहती है.
सिमरन - कमाल है, वो तुमसे पढ़ना चाहती है. एनीवे तो मेरी हेल्प क्या चाहिए तुम्हे.....
सिमरन'स ब्रदर- वो.... अगर डॅड पुच्छे तो तू बोल दियो कि एकता तेरी फ्रेंड है. आक्चुयल मे तू तो जानती है कि डॅड मुझसे थोड़ा गुस्सा रहते है......
सिमरन - तो ठीक है आप एकता को मेरे रूम मे ही पढ़ा लेना.... मैं डॅड को संभाल लूँगी..... ओके?
सिमरन'स ब्रदर - अरे नही यार..... तू मेरी प्यारी बहन है. तेरी नींद क्यू खराब करूँगा भला मैं. उसे तो मैं अपने रूम मे ही पढ़ा लूँगा..... बस तू डॅड को संभाल लियो......
सिमरन - बड़ा प्यार आ रहा है मुझ पे....... लेकिन चलो तुम भी क्या याद करोगे कि किसी रईस से पाला पड़ा है. मैं डॅड को संभाल लूँगी.....
सिमरन'स ब्रदर - वूव्ववव........ थ्ट्स लाइक माइ स्वीट सिस्टर..... मुआअहह
"पहली बार मेरे भाई ने मुझे हग किया और गाल पर किस किया. उसकी मजबूत बाँहो मे जैसे मे पिघल ही गयी थी. मेरे बूब्स उसकी छाती मे गढ़ गये थे. लेकिन उस टाइम मे इतनी बोल्ड नही थी तो चुप चाप भाई से अलग हो गयी. मेरा भाई बहुत हॅपी था और उससे अपनी खुशी हजम नही हो रही थी"
सिमरन ये सारी स्टोरी प्रीति को जैसे सुना रही थी तो प्रीति का चेहरा भी लाल होता जा रहा था.
प्रीति - " फिर क्या हुआ दीदी....... बताओ ना."
सिमरन - " बताती हू लेकिन तू बिना बियर के क्यू बैठी है. जा फ्रीज़ से और ले ले......"
प्रीति - " सच मे दीदी आपने तो मेरे दिल की बात छीन ली....... दिल कर रहा है कि बियर पीती रही हू और आपकी ये रियल लाइफ स्टोरी सुनती रहू......." प्रीति बेड से उतरते हुए बोलती है.
प्रीति बेड से उतरती है और फ्रीज़ से एक बची हुई बियर ले आती है. उसे खोल कर पीने लगती है.
" आप शुरू करो दीदी...... बताओ मुझे कि क्या हुआ फिर......" प्रीति बेड पर दोबारा बैठते हुए बोलती है
सिमरन -"उस दिन मेरा पूरा ध्यान इसी बात पर लगा रहा कि मेरा भाई कैसे एकता को ये खबर देता है. स्कूल पहुँची तो उनको फॉलो करती रही और मेरा भाई खुद एकता को ढूँढ रहा था. एकता उसे साइन्स लब के पास मिली और वहाँ पर भी उस पीरियड के दौरान स्टूडेंट कम ही होते थे. मेरा भाई उसे एक कॉर्नर मे ले जाता है और फिर जो उनकी कॉन्वर्सेशन हुई वो ऐसे है" -[/b]
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