RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
कुच्छ ही पलो मे दोनो लड़कियाँ प्रीति और आराधना कली से फूल बन चुकी थी.
नेक्स्ट मॉर्निंग
“ आरू……..आरू……………” आराधना जब सुबह नींद के घेरे से बाहर निकलती है तो पंकज उसे जगा रहा था. अपनी आँखो मे हाथ फिराते हुए आराधना नींद से जागती है तो देखती है कि पंकज तो जाने के लिए तैयार हो चुका था.
“ आप….आप इतनी जल्दी तैयार हो गये…………????” आराधना होश मे आते हुए बोलती है.
“ जल्दी नही 10 बज चुके है…….. अब मैं जा रहा हू और ईव्निंग तक आ जाउन्गा. तुम आराम करना और ब्रेकफास्ट कर लेना. कोई ज़रूरत हो तो फोन कर लेना. लंच कल की तरह ही लॉबी मे कर लेना. अगर कहीं बाहर घूमने का मन करे तो मे अपना क्रेडिट कार्ड भी छोड़ कर जा रहा हू………..” पंकज अपनी तरफ से जितना सपोर्ट कर सकता था वो कर रहा था और डॅड होने का पूरा फ़र्ज़ निभा रहा था.
“ थॅंक यू सो मच डॅड…. बाहर जाने का तो कहीं मूड नही है. बस आप ईव्निंग मे जल्दी आ जाना…..” आराधना स्माइल करते हुए कहती है
“ ओके देन…टेक केर आंड बाइ……” ये बोल कर वो होटेल रूम से बाहर चला जाता है
आराधना फिर से सो जाती है, कल रात की मस्त चुदाई का खुमार अभी तक नही उतरा था. वो करीब दोपहर को उठती है और वॉशरूम मे जाकर फ्रेश होती है. रूम मे ही वॉटर बाय्लर के सहारे चाइ बनाती है और फिर नीचे जाकर लंच करती है.
अब आराधना लंच करके अपने रूम मे फिर से आ जाती है. थोड़ी देर बैठ कर टीवी देखती है लेकिन उसको बोरियत हो रही थी. वो पंकज को फोन मिलाती है –
“ हाई आरू….. लंच कर लिया……….??” पंकज फोन पर पूछता है
“ हाँ डॅड कर लिया है….. बस रूम मे मन नही लग रहा है. आप कितने बजे तक आओगे???” आराधना उससे बहुत भोला बन कर पूछती है.
“ वैसे मैं होटेल के करीब ही हू तो थोड़ी देर मे आ जाउन्गा……..इतने तुम कैसे भी टाइम पास कर लो…….ठीक है??”
“ ओके डॅड… आप आइए मैं वेट कर रही हू……” और फिर कॉल डिसकनेक्ट हो जाता है. आराधना तो ऐसे एग्ज़ाइटेड हो रही थी जैसे कि उसके डॅड नही उसके हज़्बेंड आ रहे हो.
वो कुच्छ सोचती है और सोच कर एग्ज़ाइटेड हो जाती है “ क्यू ना आज डॅड को सर्प्राइज़ दे दू……….” वो अपने मन मे सोचती है और भाग कर अपने बॅग के पास जाती है. उसको ये अहसास था कि पंकज जल्दी ही आने वाला है तो वो बॅग से एक नाइट ड्रेस निकालती है.
“ आज डॅड को अपना वो रूप दिखाउंगी कि वो सपनो मे भी मुझे ही देखेंगे…….” ये सोच कर वो बाथरूम मे घुस जाती है.
अपनी फुल स्किल्स को यूज़ करती है वो कुच्छ ही मिनिट्स मे अपने आप को वो एक सेक्सी लुक दे देती है. हेर स्टाइल, लिप्स, आइज़ सब को अच्छे तरीके से उसने मेक अप किया था और उपर से वो डार्क पिंक कलर का नाइट ड्रेस. एक्सट्रा क्लीवेज से वो और भी सेक्सी लग रही थी, शायद इतनी कयामत वो पहले कभी लगी हो. अपने आप को मिरर मे देखने के बाद वो खुद भी शरमा रही थी.
बाथरूम से बाहर आकर वो ड्रेसिंग टेबल के सामने बार बार घूम कर देखती है. उपर वाले का शुक्रिया अदा भी करती है कि उसने उसे इतने सुंदर जिस्म का मालिक बनाया.
एक एक मिनिट भारी कट रहा था उसके लिए…. वो काफ़ी एग्ज़ाइटेड थी अपने इस रूप को दिखाने के लिए वो बेकरार थी. अभी वो अपने बालो को अपने माथे से हटा ही रही थी कि तभी डोर बेल बजती है –
त्रिंगगगगगगगगग……त्रिंगगगगगग………. आराधना के दिल की धड़कने बढ़ जाती है. वो गेट खोलने के लिए आगे बढ़ती है. अपनी ड्रेस को थोड़ा सा और नीचे करती है ताकि पंकज को और भी ज़्यादा दर्शन हो पाए. वो आगे बढ़ कर गेट के करीब पहुँचती है और सर झुका कर गेट खोलती है.
वो शॉक्ड रह जाती है जब अपना सर उठाती है. उसके हाथ अपने आप अपने मूँह पर चले जाते है, उसके सामने एक करीबन 40 साल का आदमी और एक सेक्सी लेडी खड़ी थी. उस लेडी की एज भी 35 के करीब होगी लेकिन देखने मे काफ़ी सेक्सी थी.
आराधना की तो जैसे जान ही निकल गयी क्यूंकी वो थी ही ऐसी कंडीशन मे, एक ही पल मे उसकी आँखो के सामने तारे छा गये लेकिन उसने हिम्मत नही हारी. सेकेंड्स मे ही वो सोचती है कि आख़िर ये कौन है और ये क्या सोचेंगे कि ऐसी ड्रेस को पहन कर मे किसका वेट कर रही हू.
“ जी मिस्टर. ग्रोवर है??” आदमी बड़े ही जेंटल तरीके से पुछ्ता है.
“ वो बाहर गये है, शायद थोड़ी देर मे आ जाएँगे…” आराधना भी थोड़ी हिम्मत जुटा कर जवाब देती है.
“ आप…………??” आदमी आराधना से पूछना चाहता है लेकिन इससे पहले कि आराधना जवाब देती कि उस आदमी के साथ वाली लेडी बोल पड़ती है.
“ ओफफ्फ़ ऊओ…….आइडिया नही लगा सकते कि उनकी वाइफ है…..” वो लेडी आराधना की ड्रेस की तरफ इशारा करती है. आराधना को तो नकली स्माइल करनी पड़ रही थी लेकिन वो ये भी नही बोल सकती थी कि वो पंकज की बेटी है नही तो और बहुत सारे इश्यूस जेनरेट हो सकते थे.
“ बट ही ईज़ वेरी लकी…… वेरी सेक्सी वाइफ…….” सामने खड़ी लेडी एक स्माइल के साथ ये बोलती है.
“ थॅंक यू…… अंदर आइए ना………” आराधना उन्हे अंदर इन्वाइट करती है.
“ नही….शायद आप लोगो का प्रोग्राम कुच्छ और है…. वैसे भी हम उनसे बाद मे मिल लेंगे. हम इसी होटेल मे और इसी फ्लोर पर रुके है….” वो आदमी फिर से जवाब देता है.
“ चलिए ठीक है….. वो आएँगे तो उन्हे बता दूँगी………..” आराधना के ये बोलते ही वो दोनो हाथ पकड़ कर चल देते है. आराधना भी ये आइडिया लगा लेती है कि वो दोनो हज़्बेंड वाइफ है.
जाते जाते वो लेडी आराधना को पीछे मूड कर देखती है और एक प्यारी सी स्माइल देती है और आराधना भी बदले मे उसे स्माइल देती है. आराधना उन दोनो को जाते हुए देखती रहती है और वो लेडी बार बार पीछे मूड कर देख रही थी.
उस फ्लोर पर और कोई नही था. आराधना के रूम के थोड़ी ही दूरी पर वो दोनो अपने रूम मे एंटर हो जाते है, रूम मे एंटर होते होते वो लेडी फिर से पीछे देखती है और आराधना को एक स्माइल देती है. आराधना खुद शॉक्ड थी कि आख़िर ये हो क्या रहा है और ये क्या ड्रामा हो गया.
वो दोनो रूम मे एंटर हो जाते है और ये सब आराधना अपने रूम मे खड़े खड़े ही देख रही थी. रूम मे एंटर होने के टाइम वो अपने गेट को बंद नही करती, आराधना सोच रही थी कि आख़िर ये लेडी बार बार पीछे क्यू देख रही है. पता नही सही था या नही लेकिन आराधना अपना एक दुपट्टा उठाती है और उसे लपेट कर धीरे धीरे उनके रूम की तरफ चल देती है. उस फ्लोर पर और कोई नही था.
कुच्छ कदम बढ़ाने के बाद ही उनका रूम आ जाता है, आराधना चुप से एक कॉर्नर मे खड़ी हो जाती है. अंदर की फुसफुसाहट से अहसास हो रहा था कि अंदर जाते ही वो दोनो लिपट गये थे एक दूसरे से….
“ ओह..ऊऊऊऊ…. छोड़ो प्लीज़….क्यू गरम हो रहे हो उस सूपर सेक्सी वाइफ को देख कर……..” ये शायद उस लेडी की आवाज़ थी. आराधना सोच रही थी कि ये सब ये गेट खोल कर कैसे कर सकते है लेकिन वो समझ गयी थी कि वो लेडी उसी के बारे मे बात कर रही थी.
“ वैसे सिम्मी….. इस साले ग्रोवर ने कहाँ पत्थर से हीरा खोज कर निकाला है. कसम से हिला दिया उस लड़की ने तो……..” ये उस आदमी की आवाज़ थी.
“ .… तो वो हीरा है….चलो अब मे थोड़े हीरे अपने अंदर भी दिखाती हू……….” ये उस लेडी की सेक्सी वाय्स थी. आराधना को ये बात ज़्यादा परेशान कर रही थी कि अब अंदर हो क्या रहा है. वो थोड़ा आगे बढ़ कर अंदर झाँकती है. उसकी नज़र सीधी उस लेडी पर पड़ती है
लेडी को देखते ही समझ जाती है कि अब इनके बीच चुदाई होने वाली है. आराधना देखती है कि वो लेडी आगे बढ़ रही है और आगे बढ़ कर वो उस आदमी की पॅंट खोलती है –
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