antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
12-01-2018, 02:48 PM,
#52
RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
“ तुम्हारी मोम को आते ही हम ने इतना डोज़ दिया कि उसका माइंड इधर उधर की बाते ही ना सोचे……. औरत का माइंड तभी शक करता है जब उसे पूरी खुराक नही मिलती. और वैसे भी शादी के बाद से मैने किसी भी पराई लेडी के साथ कोई रीलेशन नही बनाए….. हाँ आज……” पंकज इससे पहले की अपनी बात ख़तम करता तो आराधना बीच मे ही बोलने लगती है – “ मैं पराई नही हू…..अब आगे बताइए….” आराधना सीरियस्ली उसे आँखे दिखती हुई बोलती है



“ हाँ तो बस मैं यही कह रहा था कि तुम्हारी मोम को दिन रात प्यार किया हम ने….. किचन, बाथरूम, बेडरूम या छत… जहाँ भी मौका मिला वहीं पर ये खिला दिया उसे………” पंकज फिर से अपने लंड पर हाथ फिराता हुआ बोलता ..



“ तभी तो मोम बॅक साइड से……. हे हे हे हे हे” आराधना अपने दोनो हाथो को फेलाते हुए दिखती है क्यूंकी स्मृति की गान्ड काफ़ी ब्रॉड है.



“ ये नॉर्मल बात है….. कोई भी लेडी कैसे ठुकी है ये आइडिया आप उसकी बॅक को देख कर ही लगा सकते हो….. आदमियों की जान बस्ती ही एक सेक्सी बॅक मे. हर आदमी चाहता है कि उसकी वाइफ की बॅक ऐसी ही हो जैसे कि मेरी वाइफ की है……..” आराधना पंकज की ये बाते सुनकर थोड़ा जेलस फील करती है लेकिन कुच्छ बोलती नही है.



“ काफ़ी रोमॅंटिक रहे है आप भी….. मोम ईज़ सो लकी……” आराधना उसकी आँखो मे आँखे डालते हुए बोलती है.



“ हाँ ये तो है….. लेकिन तुम्हारे लिए कुच्छ ज़्यादा सही नही है नही तो देल्ही जाने पर कोई भी आइडिया लगा लेगा कि क्या हुआ है. लड़की की बॉडी मे रॅपिड चेंजस आते है जैसे ही उसके साथ सेक्स होता है……” पंकज आराधना को ये समझाना चाहता था कि ज़्यादा चुदाई से उसकी गान्ड ज़्यादा फेल सकती है और इससे लोगो को शक हो सकता है.



“ सॉफ सॉफ बोलिए ना कि……… आपका…आपका माइंड अभी भी कहीं और ही है….. या उनकी याद आ रही है जिन्हे आप शादी से पहले ही…….” आराधना उसकी बात से थोड़ा सा नाराज़ हो जाती है और अपना मूँह दूसरी साइड कर लेती है.



पंकज चेर से खड़ा होता है और आगे बढ़कर फिर से आराधना को हग करता है और उसके गालो पर किस करता है –“ तुमहरे जैसा तो कोई हो ही नही सकता…. लड़की होने के बाद भी तुम्हे ये अहसास नही है कि तुम क्या हो…….. आटम बॉम्ब से भी ज़्यादा डेंजर हो तुम…” पंकज की ये बात सुनकर आराधना की हँसी छूट जाती है.



“ ऐसे ही बातो से लड़किया पटाते थे आप शादी से पहले………..?” आराधना स्माइल करते हुए पंकज से पूछती है.



“ ये ब्लड मे ही होता है….. कुच्छ इंसानो मे खास. शायद मेरे फादर मे भी होगा…… जिनकी हर बात और हर आइटम स्ट्रॉंग होता है………….” पंकज फिर से आराधना का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख देता है लेकिन आराधना को पता नही उसकी ये बात सुन कर क्या होता है.



वो अचानक पंकज की इस बात के दूसरी ही दुनिया मे पहुँच जाती है. ये चीज़े ब्लड मे ही होती है……… इनके फादर मे भी ऐसा था…… यानी… यानी कुशल का भी………. ये बाते सोच कर आराधना का चेहरा पता नही क्यूँ लाल हो जाता है. लेकिन पंकज को लगता है कि वो शरम से लाल हो रहा है.



“ आरू…… तुम्हारे और मेरे रीलेशन के बारे मे कहीं तुमने कोई हिंट सिमरन को तो नही दिया ना…………………” पंकज आराधना से पूछता है.



“ नही…. नही तो….. मैं भला क्यूँ बताउन्गि…….. मुझे तो खुद नही पता था…… कि हमारे बीच ऐसा हो जाएगा…….” आराधना बात को छुपाना चाहती थी.



“ क्या तुमने कभी मेरे बारे मे ऐसा नही सोचा………?” पंकज आराधना से पुछ्ता है



आराधना उसकी इस बात से थोड़ा घबरा जाती है और उससे मूँह फिराते हुए बोलती है –“ मुझे….. मुझे नही पता……………” आराधना की जैसे साँसे लड़खड़ा रही थी तो उसका सीना भी उपर नीचे हो रहा था. अब आराधना की गान्ड पंकज की तरफ थी.



“ क्या मैं कभी तुम्हारे सपनो मे नही आया…… क्या मुझे सोच कर कभी तुमने मास्टरबेशन नही किया…….. क्या तुम्हारी पुसी मेरे बारे मे सोच कर गीली नही होती………………” पंकज ये बात बोलते बोलते अपने हाथ को नीचे ले जाते हुए उसके टॉप के अंदर ले जाता है. और सीधा उसकी चूत पर रख देता है.



आराधना की चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी और उसकी साँसे बहुत तेज चल रही थी. पंकज उसकी पैंटी को साइड करके अपनी एक उंगली उसकी चूत मे घुसा देता है. स्रर्र्ररर से उंगली उसकी चूत मे घुस जाती है.



“ आआहह……….” और पता नही क्यू इन लस्टी और सेक्सी साउंड के साथ वो वहाँ से हट कर वॉर्डरोब पर अपनी पीठ टिका कर खड़ी हो जाती हो है. उसके बूब्स उपर नीचे हो रहे थे और साँसे तेज तेज चल रही थी.



वो पंकज की तरफ देखती है और एक स्माइल के साथ भाग कर बाथरूम मे घुस जाती है. उसकी इस अदा का गहरा असर होता है पंकज पर.



पंकज भी धीरे धीरे बाथरूम की तरफ चल देता है और आकर बाथरूम के गेट पर खड़ा हो जाता है. वो कुच्छ बोलता नही है और बस गेट पर खड़ा रहता है. अंदर फिर पानी चलने की आवाज़ आती है जैसे पानी किसी चीज़ के अंदर गिर रहा हो.



पंकज कुच्छ मिनिट ऐसे ही खड़ा रहता है और पानी की आवाज़ रेग्युलर आती जा रही थी. जब वेट करते करते कुच्छ ज़्यादा ही मिनिट हो जाते हो पंकज गेट को नॉक करता है.

“ गेट ईज़ ओपन…. कम इन डॅड……..” आराधना के ये बोलते ही पंकज को ये अहसास हो जाता है कि गेट सिर्फ़ बंद था लेकिन लॉक नही था. वो धीरे से गेट को ओपन करता है और फिर अनएक्सपेक्टेड सिचुयेशन….. आराधना बाथ टब मे लेट चुकी थी और उसने कुच्छ नही पहना था. नीचे की बॉडी तो पानी मे कवर थी लेकिन उपर से विज़िबिलिटी थी. आराधना उस टाइम पर कुच्छ ऐसी दिख रही थी –



आराधना इन बाथ टब



पंकज उसे ऐसी हालत मे देख कर और पागल हो जाता है लेकिन अपने जज्बातो पर कंट्रोल रखता है. आराधना पंकज के अंदर आ जाने के बाद भी अपने आप को ऐसे ही रखती है, उसकी बोल्डनेस धीरे धीरे बढ़ती जा रही थी.



“ आपने ये क्यू पुछा था कि सिमरन को कुच्छ पता है या नही……….?” आराधना बाथ टब मे लेते हुए पंकज से ये सवाल करती है.



“ मैने….मैने ये सवाल क्यू किया……….. हाँ…..गुड क्वेस्चन….. आक्चुयल मे सिमरन इन मॅटर्स मे ज़्यादा इंटेलिजेंट लगती है मीन ये लगता है कि उसे सेक्स की अच्छी नालेज है. और फिर वो तुम्हारी बेस्ट फ्रेंड भी है………” पंकज भी अपनी साइड को एक्सप्लेन करता है.



“ हर लड़की की अपनी खुद की लाइफ होती है…… ना मैं उससे कुच्छ पूछती और ना उसे कुच्छ बताती…. हाँ वो खुद ही बताती रहती है कि आज उसके साथ ये हुआ और ये हुआ………..” आराधना धीरे धीरे अपनी बॉडी पे पानी गिराते हुए बोलती है.



“ अच्छा चलो छोड़ो……. ये बताओ कि कल का क्या प्लान है… कॉलेज कितने बजे जाना है?” पंकज आराधना से वॉश बेसिन के सहारे खड़े रहते हुए पुछ्ता है.



“ मुझे…… ह्म्*म्म्ममम…. कल तो कॉलेज नही जाना. कल ईव्निंग मे फोन करके पता करना है कि नेक्स्ट डे कितने बजे जाना है” आराधना को कुच्छ समझ नही आया तो वो यही बोल देती है.



“ तो कल तुम क्या करोगी….. ऐसे तो होटेल रूम मे बोर हो जाओगी……?” पंकज आराधना को इनफॉर्म करता है.



“ आपके साथ चलूंगी ना……….” आराधना स्माइल करते हुए बोलती है



“ मेरे साथ कहाँ जाओगी बेटा….. मैं तो वैसे ही इस बिज़्नेस डील के चक्कर मे परेशान हू…….” पंकज अपने आप की परेशानी बताते हुए बोलता है.



“ बिज़्नेस डील मे परेशानी???? बात क्या है सब सही तो है ना……………?” आराधना भी सीरीयस होते हुए बोलती है.



“ कुच्छ भी सही नही है…… साला एक और कॉंट्रॅक्टर आया हुआ है. वो किसी नेगोशियेशन के लिए तैयार ही नही है. डेली सोचता हू कि कांट्रॅक्ट साइन हो जाएगा लेकिन उसके चक्कर मे नही होता. एक मन तो करता है कि इस कांट्रॅक्ट को भूल कर सीध घर चलु……. लेकिन फिर ख्याल आता है कि इतना बड़ा कांट्रॅक्ट ऐसे ही नही मिल जाता ” पंकज अपने दिल की सारी बाते बता देता है.



आराधना अपने डॅड को परेशान हालत मे देखती है तो बाथ टब से खड़ी होती है. जैसे ही वो पानी से बाहर आती है तो जैसे उस बाथरूम का टेंपरेचर और बढ़ जाता है, उसने कुच्छ नही पहना था और बॉडी पूरी पानी मे भीगी हुई थी. आराधना आगे बढ़ती है और पंकज को हग कर लेती है.



“ सब सही हो जाएगा….. आप टेन्षन ना ले…….” आराधना का भीगा और गथीला बदन, उसके बदन की खुसबु, उसके टाइट बूब्स की पंकज के सीने मे चुभन और इस रोमॅंटिक माहौल मे पंकज एक बार फिर से पिघल जाता है.



वो आराधना के बाल पकड़ कर खींचता है जिससे कि आराधना का चेहरा आगे की तरफ आ जाता है. पंकज अपने होंठ फिर से उसके होंठो पर रख देता है.



आराधना भी अपने आप को नही रोक पाती और पंकज का साथ देने लगती है. बाथरूम मे तो जैसे दोनो लिप्स एक दूसरे को खाने को तैयार हो रहे थे. दोनो लिप्स एक सेकेंड के लिए एक दूसरे से अलग होते है और दोनो एक दूसरे को देखते है और फिर से एक दूसरे से मिल जाते है.



पंकज अपना हाथ नीचे आराधना की चूत पर ले जाता है और और उसके उपर से ही हाथ फिराने लगता है. आराधना भी अपने हाथो को पंकज के सीने पर फिरा रही थी. आराधना के होठ पंकज को और भी ज़्यादा रसीले लग रहे थे.



लिप्स जैसे ही अलग होते है, पंकज फोरप्ले स्टार्ट करता है और आराधना की गर्दन पर किस करना शुरू कर देता है.



“ ओह……लव मी डॅड……… मुझे बहुत प्यार चाहिए…….ह्म्*म्म्मममममममममम” आराधना फिर से एक बार गरमा रही थी.



उसका बदन बहुत ज़्यादा गरम हो चुका था और पंकज भी एक अनिमल की तरह उसे चट रहा था. उस होटेल के एक रूम मे ये टाइम थमने का नाम ही नही ले रहा था. लाइफ मे पता नही कितने ही राज ऐसे होते है जिनका कभी किसी को कुच्छ पता नही चलता और ये उन्ही मे से एक है जहाँ एक जवान और बेहद गरम लड़की अपने ही डॅड की बाँहो मे मचल रही थी.



पंकज उसे प्यार करते करते नीचे पहुँच चुका था. वो उसकी पतली कमर को थामते हुए उसकी गोरी और गहरी नाभि पर किस करता है और धीरे धीरे नीचे उसकी चूत तक पहुँचता है. वो आराधना की थाइस को पकड़ कर उन्हे थोड़ा सा फेलाने का इशारा करता है. पूरी तरह से गरमाई हुई आराधना उसके इशारो पर बंद आँखो से अपनी टांगे फेला लेती है.



पंकज अपना मूँह फिर से उसकी चूत पर लगा देता है. “ह्म्*म्म्मममम……………उफफफफफफफफफ्फ़…………क्या…..आग लगती है इसमे……………” आराधना का इशारा अपनी चूत की तरफ था. पंकज भी अपने घुटनो के बल बैठा हुआ था और उसकी चूत चाट रहा था. एक बार चुदने से चूत बेहद ही मस्त हो चुकी थी. रंग और भी ज़्यादा गुलाबी हो चुका था, उसकी चूत के लिप्स के बीच की दूरी थोड़ी और बढ़ गयी थी जिससे कि वो और भी ज़्यादा सेक्सी लग रही थी.



“ह्म्*म्म्मम………….ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ…….इस्शहस्शसशसशहस्शसशससश्” खुले हुए माहौल मे जहाँ उन्हे कोई जानता भी नही था तो दोनो बहुत अच्छे से मज़े ले रहे थे.



करीबन ऐसे ही बहुत डेट तक पंकज उसकी चूत को चाटने मे लगा रहा…..” नही रहा जा रहा है……. प्लीज़ इसकी आग बुझा दो………………..उफफफफफफफफफफफ्फ़……….” आराधना का अपना एक हाथ भी अपनी चूत पर पहुँच चुका था.



“ तुम……….. दूसरी बार ले पाओगि ना……………??” पंकज अपना मूँह उसकी चूत से हटा कर पुछ्ता है, वो धीरे धीरे अपने शॉर्ट को भी उतार रहा था. लेकिन आराधना तो जैसे होश मे ही नही थी.



“ प्लीज़………. मैं दूसरी बार क्या………..मैं पूरी रात ले पाउन्गि………………….” आराधना की आवाज़ और भी सेक्सी होती जा रही थी. पंकज खड़ा होता है और उसे अपनी गोद मे उठाता है. आराधना पंकज की गोद मे आते ही अपनी दोनो बाँहे पंकज की गर्दन मे डाल देती है और अपने होंठ उसके होंठ पर लगा देती है. पंकज अनएक्सपेक्टेड उसे फिर से बाथ टब मे ले जाता है और फिर से वहाँ ले जाकर खड़ा कर देता है. एक ही झटके मे फिर अपनी टीशर्ट उतार देता है. अब फिर से दोनो बदन पूरी तरीके से नंगे थे.



आराधना को समझ नही आ रहा था कि आख़िर पंकज का प्लान क्या है और वो बेड पर जाने की बजाय फिर से बाथटब मे आ गया था. लेकिन बाथ टब मे काफ़ी जगह थी और पंकज के पूरे पाँव उसमे आ रहे थे. उसमे लेटने के बाद और अपने सारे कपड़े उतारने के बाद वो आराधना का हाथ पकड़ कर खींचता है. आराधना को इतना तो समझ आ जाता है कि पंकज उसे अपने उपर चढ़ाता है. ठीक वैसे ही आराधना पंकज के उपर बैठ जाती है, बैठते ही आराधना को उसके खड़े लंड का अहसास हो जाता है जो कि काफ़ी विकराल हो चुका था.

पंकज आराधना को थोड़ी सी गान्ड उपर उठाने के लिए बोलता है और ठीक उसी के कहने से आराधना अपनी गान्ड को उठाती है. आराधना की चूत अभी भी पानी के अंदर ही थी, पंकज अपना हाथ ले जाकर ठीक अपने लंड को पकड़ता है और सीधा उसकी चूत पर लगाता है. आराधना एग्ज़ाइटेड थी इस बाथटब सेक्स के लिए…….. पंकज उसके सोचने से पहले ही पानी मे छप से उसे नीचे करता है और लंड आधा अंदर.



“आआअहह….. पेन होता है………….आराम से………….” आराधना पानी के अंदर ही एक मुक्का पंकज के सीने मे जमा देती है.



दोनो का बस उपरी हिस्सा पानी से बाहर था. आराधना की चूत मे लंड घुस भी चुका था लेकिन ठंडा पानी उसकी चूत की सर्फेस पे रहते हुए आराम भी दे रहा था. नही तो अगर ये झटका उसे बेड पर लगता तो शायद उसे संभालना बड़ा मुश्किल होता आराधना के लिए.



करीब दो मिनिट पंकज कोई मूव्मेंट नही करता और उस ठंडे पानी मे ऐसे ही आराधना को अपने सीने से चिपका कर रखता है. फिर धीरे धीरे से नीचे हाथ ले जाकर आराधना की गान्ड को उठाता है जिससे कि लंड बाहर आ जाता है और फिर से नीचे टिका देता है. पानी मे भी छप्प की आवाज़ आती है.



धीरे धीरे पंकज स्ट्रोक लगाने शुरू कर देता है. पानी भी ऐसे हिल रहा था जैसे की पता नही कौन सा तूफान आ रहा था पानी मे. थोड़ा थोड़ा पानी हर झटके के साथ नीचे भी गिर जाता था.



“हमम्म्मममममममम……………… लव……..यू…………….प्लीज़ फकक्क्क्क्क मी……….”आराधना की मोनिंग शुरू हो चुकी थी, अपने आप को लकी भी समझ रही थी कि पहले सेक्स बेड पर और दूसरा बाथटब मे हो रहा है तो पता नही तीसरा कहाँ होगा.



बाथ टब के अंदर ही पंकज के दोनो हाथ आराधना की गान्ड पर थे जोकि हर धक्के के दौरान उन्हे उपर उठाते और फिर नीचे लाते. आराधना की आँखे बस मस्ती मे बंद थी.



“आआहहहहहहहः………….म्*म्म्मममह…………………..एसस्स्स्स्स्स्स्स्सस्स……….सस्शसशह………” आराधना की ये आवाज़े शुक्र है कि होटेल मे आ रही थी नही तो किसी घर मे ये आवाज़े किसी के भी कानो मे जा सकती थी.



धक्को की स्पीड धीरे धीरे बढ़ती जा रही थी…… पानी मे भी छप छप ज़्यादा तेज होने लगी थी..



“ कितना………………अछ्ह्ह्ह्ह्ह्हाआअ……लगता……..हाईईीजज़ज़ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज……………..फक मी……प्लीज़………………” पंकज के सामने जब भी आराधना उपर नीचे होकर धक्के लगा रही थी तो उसके बूब्स बेहद ज़्यादा हील रहे थे, ये सिचुयेशन पंकज को और भी ज़्यादा एग्ज़ाइटेड कर रही थी. उसका मोटा लंड आराधना की स्वीट सी चूत मे बार बार अंदर जा रहा था और बार बार बाहर आ रहा था.



“ आआअहह…..आअहह…….आअहह…………..” आराधना अपने लिप्स से और भी सेक्सी वाय्स निकाल रही थी और शायद वो नॅचुरल ही थी.



करीबन 3 मिनिट और बाद आराधना की बॉडी अकड़ने लगती है और उसके नेल्स खुद बे खुद पंकज की छाती को नोच देते है. आराधना को इस ऑर्गॅज़म का अहसास भी नही था, उसे सेक्स का रियल टेस्ट अभी पता चला था. “आआअहह……..आहहहहहहाहा…..आइ………एम्म्म……कमम्मिंग्ज्ज………………” उसकी चूत बार बार खुलने और बंद होने लगी थी, एक अलग ही सेक्सी नज़ारा था ये.



आराधना की चूत अपना सारा रस छोड़ चुकी थी और पंकज अभी भी उस बाथटब के पानी को छेड़ते हुए धक्के लगा रहा था.



आराधना की सिचुयेशन अभी ऐसी ही थी क्यूंकी पंकज के धक्को से अभी भी उसके बूब्स उपर नीचे हो रहे थे. क्यूंकी आराधना अभी नयी लड़की थी तो पंकज उसकी चूत की केर भी कर रहा था और यही सोच कर उसने अपने एक्सपीरियेन्स को यूज़ करते हुए अपने को भी फाइनल अंजाम तक पहुँचाता है.



“ आअहह…….आअहह” और ये होते हुए पंकज आराधना को नीचे झुकाता है और अपने होठ उसके होंठो से लगा देता है.



बाथ टब मे पानी का मूव्मेंट अब थम गया था, ऐसा माहौल हो गया था जैसे कोई तूफान आकर थम गया हो. आराधना की आँखे जैसे ही मिलती है पंकज से वो शरमा जाती है और धीरे से उठ कर बाथटब से बाहर आ जाती है. पंकज के सामने अब उसकी गान्ड थी. आराधना बिना पीछे मुड़े टवल उठाती है और अपने आपको ढक कर बाहर चली जाती है.



कुच्छ ही मिनिट्स के बाद पंकज भी एक टवल लपेट कर बाहर आ जाता है. आराधना बेड पर उस टवल को लपेट कर ही बैठी थी, लेकिन उसकी निगाहे नीचे की तरफ थी. उस रूम मे अभी शांति का माहौल था.



पंकज आगे बढ़ कर अपने बालो को टवल से पुच्छने लगता है. टवल जैसे ही उसकी बॉडी से हट जाता है तो फिर से उसकी नंगी बॉडी पंकज के सामने थी.



“ मॉर्निंग मे आप कितने बजे बाहर जाओगे………….?” आराधना साइलेन्स को तोड़ते हुए पंकज से पूछती है.



“ करीबन 10 बजे…..” पंकज मिरर मे ही देखते हुए रिप्लाइ करता है.



“ और आओगे कितने बजे………..?”



“ डिपेंड करता है कि सिचुयेशन क्या है. अगर सेकेंड कॉंट्रॅक्टर मान जाए तो शायद ज़्यादा जल्दी आ जाउ नही तो ईव्निंग भी हो सकती है…….” पंकज अब तक अपने बाल पोन्छ कर बेड पर आ जाता है और आराधना के साइड मे बैठ जाता है.



“ तो दूसरा कॉंट्रॅक्टर कहाँ देल्ही का ही है…………?” आराधना पंकज से पूछती है



“ ये तो पता नही कहाँ से है लेकिन इसी होटेल मे रूका हुआ है. अब तक ये डील मेरी हो चुकी होती अगर वो ना होता लेकिन किस्मेत ही साथ नही दे रही……” पंकज फिर से सीरीयस हो चुका था.



“ आप टेन्षन ना लीजिए….. मुझे पूरा यकीन है कि सब सही हो जाएगा. अब आप आराम कर लीजिए……….” आराधना पंकज के सर मे हाथ फिराते हुए बोलती है.



पंकज बेड पर बिना कपड़ो के ही लेट जाता है और नींद के आगोश मे थोड़ी देर मे ही चला जाता है. क्यूंकी वो ड्रिंक भी कर चुका था और आराधना ने अच्छे से सॅटिस्फाइड भी कर दिया था. आराधना आज पंकज को देख कर बहुत हॅपी थी और वो भी पंकज के बराबर मे ही लेट जाती है.



दूसरी तरफ



सिचुयेशन काफ़ी बदल चुकी थी लेकिन वहीं से शुरू करते है जहाँ से छोड़ा था.



कुशल स्मृति को अच्छे से फक कर चुका था और तभी उपर प्रीति जाग जाती है.



“कुशल……..कुशल….कुशल…..कुशल………” उपर से प्रीति की चिल्लाने की आवाज़ आती है. शायद वो जाग गयी थी. एक तरफ आज स्मृति ने कुशल को अपपना दीवाना बना लिया था और वो अब उसको बॅक साइड से फक करने का वेट कर रहा था लेकिन प्रीति के इस रिक्षन से वो डर जाता है.



“ प्रीति ऐसे क्यूँ चिल्ला रही है…. ? जा उपर जाकर देख………..” स्मृति कुशल को समझाती है. कुशल अपने कपड़े पहन कर उपर की तरफ भागने लगता है. अभी उसका लंड सही से बैठा भी नही था और वीर्य की बूंदे अभी भी उसमे थी.


प्रीति शॉक्ड थी कि कुशल उसे खुद उसी के रूम मे बंद करके कहाँ भाग गया और वो भी बाहर से गेट बंद करके गया था. विंडो से प्रीति देखती है कि कुशल भाग कर नीचे से आ रहा है, उसको शक होता है की ये इतनी रात मे कहाँ से आ रहा है.
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