RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
पंकज बाथरूम में घुस जाता है और आराधना इधर अपने कुंवारेपन को खोने वाली बात सोच कर मुस्कुरा रही थी.ये काफी पेनफुल एक्सपीरियंस था लकिन आज उसे ख़ुशी थी की पंकज ने उसे अस अ फकिंग पार्टनर एक्सेप्ट कर लिया है. वो धीरे धीरे अपना एक हाथ नीचे ले जाती है और अपनी चुत पे लगाती है. चूत से ऊपर का सारा एरिया पंकज के वीर्य से भरा हुआ था. वो एक ऊँगली को उस वीर्य पे लगाती है और फिर चिपचिपाहट का आईडिया लगाती है, फेविकोल से भी मजबूत.... आराधना उसकी क्वालिटी को देख कर मन ही मन बड़बड़ाती है. उसके चेहरे पर अलग ही मुस्कान थी. वो अभी भी अपनी टाँगे फैला कर लेटी हुई थी उसको ऐसा लग रहा था की जैसे अंदर तक हवा पहुँच रही हो लकिन रियलिटी ये थी की पंकज के मुसल जैसे लंड ने उसकी चूत को अच्छे से खोल दिया था. चूत के दोनों होठ आपस में अलग हो चुके थे.वो फिर अपनी फिंगर से अपनी चूत का इंस्पेक्शन करती है. पहले एक फिंगर डालती है और फिर दूसरी. आज सटासट ऊँगली अंदर जा रही थी वो हैरान थी की कहाँ मस्टरबैशन में दोनों उँगलियाँ मुश्किल से अंदर जाती थी और आज वो ही उँगलियाँ सटक से अंदर जा रही है.पंकज के मरदाना लंड से आराधना अब और भी ज्यादा इम्प्रेस हो चुकी थी
पंकज वाशरूम में एक शावर लेकर बहार आता है. उसने टॉवल बांधा हुआ था, आराधना को थोड़ी हैरानी हुई की कहाँ वो एक दम नंगी पड़ी थी और वो भी अपनी टाँगे फैला कर और कहाँ पंकज अपने लंड पर टॉवल लपेट कर आया था, क्या..... क्या.... मैं भी कपडे पहन लू........., आराधना बहुत ही शरमाते हुए ये बात कहती है, हाँ पहन सकती हो....,पंकज वार्डरॉब से अपने कपडे निकलते हुए बोलता है. आराधना खड़ा होने की कोशिश करती है लकिन अगले ही पल उसे शर्म आने लगती है की क्या वो नंगी ही खड़ी होकर फिर से डैड के सामने जाएगी. वो बेड पर बैठ जाती है और अपने आप को ब्लैंकेट से ढक लेती है,
डैड...... क्या आप मुझे मेरे कपडे दे देंगे...... वो बैग में है..,आराधना फिर से शरमाते हुए बोलती है. उसने बूब्स तक के हिस्से को ब्लैंकेट में कवर किया हुआ था,
हाँ.... हाँ मैं देता हु...... कौन से कपडे लोगी....,पंकज आराधना के बैग में कपडे देखते हुए बोलता है,
जो.... जो भी आपको सही लगे....,आराधना फिर से थोड़ा झिझकते हुए उसे बोल देती है.
पंकज बैग को चेक करने के बाद उसमे से एक ब्लैक एंड रेड ब्रा एंड मैचिंग पैंटी निकालता है. .वो उन दोनों आइटम्स को आराधना को दे देता है. जैसे ही आराधना उन आइटम्स को देखती है तो उसे रीयलाईज़ हो जाता है की पंकज उसे किस रूप में देखना चाहता है. वो चाहती तो बैड पर लेटे लेटे वो कपडे पहन सकती थी लकिन वो बड़ी हिम्मत के साथ बेड से खड़ी होती है और साइड में आकर ब्रा को पहन में लगती है. पंकज ने जो ब्रा और पैंटी आराधना को दी थी वो कुछ डिफरेंट ही थी. ये वो कलेक्शन था जिसे स्पेशली आराधना ने इस दिल्ली ट्रिप के लिए लिया था
ये एक ऐसा सिन था जिससे रूम में टेम्परेचर बहुत बढ़ जाए. आराधना बिना कुछ पहने पंकज के सामने खड़ी थी. पंकज के सामने वो चुत थी जो उसने कुछ ही पल पहले चोदी थी.पंकज भी एक शर्ट एंड स्लीवलेस टीशर्ट पहन चूका था और फिर से एक और पेग पीने की तयारी कर रहा था
गिलास को हाथ में लेने के बाद वो आराधना की तरफ देखता है और तब तक आराधना अपनी ब्रा पहन चुकी थी. उसकी गोरी स्किन पंकज को आकर्षित कर रही थी. ब्रा पहनने के बाद आराधना नीचे झुकती है अपनी पैंटी को पहनने के लिए जब वो झुकती है तो पंकज की आँखों के सामने फिर से उसके बूब्स आ जाते है.
आराधना टांगो में अपनी पैंटी चढाने के बाद पंकज की तरफ देखती है
पंकज की निगाहें फिर से आग उगलने लगी थी और वैसे सीन भी कुछ ज्यादा ही कामुक था
“क्या अभी भी मन नहीं भरा जो ऐसे देख रहे है.???” आराधना अपनी पैंटी को पूरा ऊपर चढाने के बाद और पंकज की तरफ देखते हुए बोलती है.
दूसरी तरफ
सिचुएशन तो काफी बदल चुकी थी लकिन वहीँ से शुरू करते है जहाँ पर ख़तम किया था. प्रीती के बार बार बोलने पर कुशल नीचे का माहौल देखने चला जाता है. उसको ये आईडिया था की स्मृति बहार हॉल में बैठी होगी मगर वो वहां नहीं थी. कुशल धीरे धीरे सीढ़ियों से उतरता है और आगे बढ़ता है. जब उसे स्मृति दिखाई नहीं देती तो वो आगे की तरफ बढ़ता है. हॉल से आगे बढ़ता है और आगे किचन में भी उसे कुछ दिखाई नहीं देता. हालाँकि कोई लेट नाईट का टाइम नहीं था फिर भी पता नहीं क्यों कुशल को ऐसा लगने लगा जैसे की स्मृति सोने चली गयी है. वो धीरे धीरे उसके बेड रूम की तरफ बढ़ता है, रूम से पहले ही उसे कुछ खटपट सुनाई दे जाती है और उसे अहसास हो जाता है की रूम में स्मृति जाग रही है. वो आगे बढ़ता है और सबसे पहला सिन ही उसके लंड को फिर से खड़ा होने पर मजबूर कर देता है. कुशल को आईडिया नहीं था की स्मृति क्या तयारी कर रही थी. उसकी पूरी बॉडी पे कुछ भी नहीं था सिवाय एक जीन्स के. स्मृति को जीन्स में देख कर खुद कुशल हैरान था और जीन्स भी अल्ट्रा लौ वैस्ट थी. सबसे कमाल की बात थी की स्मृति ने ऊपर कुछ भी नहीं पहना है. वो अपने आप को मिरर में देख रही थी लिप्स पे जूसी लिपस्टिक लगी हुई थी.अगर कुशल उसका चेहरा न देख पता तो शायद उसे ये ही लगता की ये कोई और सेक्स बम है लकिन वो उसका चेहरा देख सकता था.वो अपने दोनों हाथो से अपने बालो को पकड़ कर अलग अलग पोज़ में मिरर में देख रही थी. दोनों हाथ ऊपर आ जाने से उसके बूब्स कुछ और ही ज्यादा बहार आ गए थे कुशल अभी ही प्रीती की कुंवारी चुत को फाड़ कर आया था लकिन स्मृति के इस एक्शन ने फिर से कुशल के लंड को 1000 वाट पावर दे दी. इस टाइम स्मृति इस पोजीशन में थी कुशल के सामने
वो धीरे से मिरर के पास जाती है और अपने लिप्स को गौर से देखती है. कुशल का हाथ अब तक अपने लंड पर पहुँच चूका था.स्मृति ने अभी तक कुशल को नहीं देखा था और वो अपने एक हाथ को अपने बूब्स पर ले जाकर उसे प्रेस करके देखती है. कुशल को उसके ये रिएक्शंस और पागल कर रहे थे. मिरर में अच्छे तरीके से अपने आप को देखने के बाद वो अपने रूम के लास्ट कार्नर की तरफ बढ़ती है. अब उसकी पीठ कुशल की तरफ थी. थोड़ा आगे पहुँचने के बाद वो अपनी जीन्स के बटन को दोनों हाथो से खोलने की कोशिश करती है. क्यूंकि वो थोड़ा अंदर की साइड चली गयी थी तो कुशल थोड़ा आगे होकर उसकी मस्त गांड को देखने लगता है.वो अब जीन्स का बटन खोल चुकी थी और धीरे से अपनी जीन्स को नीचे करने लगती है. उफ्फफ्फ्फ़ क्या नजारा है. स्मृति ने अपनी जीन्स के नीचे एक बारीक़ सी पैंटी पहनी हुई थी जैसे ही उसकी थोड़ी जीन्स नीचे होती है तो कुशल को उसकी मस्तानी गांड क्लियर दिखाई दे जाती है.
”Wow.......... ग्रेट......”कुशल अपने लंड पर हाथ फिरता हुआ रूम में एंटर होता है.
स्मृति उसकी प्रजेंस से शॉकेड हो जाती है और अचानक से पीछे मुड कर देखती है और अपनी जीन्स ऊपर करती हुई उसकी तरफ घूमती है
“तू......? यहाँ.... क्या कर रहा है......?” स्मृति घबराती हुई बोलती है
”माँ... आपका बेटा हूँ तो आपका अकेला कैसे सोने दे सकता हु मैं.... पापा यहाँ नहीं है तो क्या हुआ आप टेंशन न ले मैं तो हु न....” कुशल धीरे धीरे आगे बढ़ता है.
“मुझे तेरी कोई जरुरत नहीं है.....” स्मृति अपनी टीशर्ट को उठा कर अपने बूब्स को ढकते हुए बोलती है. और साइड में जाकर अपनी टीशर्ट को पहन ने लगती है
“माँ आईडिया नहीं था की आप जीन्स भी पहन लेती है. वैसे क्या कमल की फिटिंग आती है आपको खास कर आपकी बैक तो ऐसी हो गयी है जैसे जीन्स इसी के लिए बानी है......” ये बात बोलते बोलते कुशल स्मृति के बहुत करीब पहुँच चूका था.स्मृति धीरे धीरे पीछे होती हैं और कुशल धीरे धीरे उसकी तरफ बढ़ता है. कुशल बढ़ता ही जा रहा था और स्मृति पीछे होते होते दिवार से लग जाती है. कुशल पर फिर से भुत सवार हो चूका था. कुशल जैसे ही उसके करीब पहुँचता है स्मृति वहां से अचानक साइड हो जाती है और हँसते हँसते आगे की तरफ भाग जाती है. कुशल को उसके हंसने से आईडिया मिल जाता है की स्मृति भी ट्रैक पर है
“हे हे हे हे .......” स्मृति कुशल की इस हालत पर हंसती है, कुशल को अच्छा भी लग रहा था और बुरा भी , अच्छा इसलिए लग रहा था कि उसको आईडिया मिल गया था की आज स्मृति ज्यादा नखरे नहीं करेगी और बुरा इसलिए लग रहा था की एक परिपक्व लेडी होने के बावजूद वो ऐसे भाग रही थी. कुशल उसको मुड कर जब भागते हुए देखता है तो स्मृति की जीन्स में फसी हुई गांड देख कर वो और पागल हो जाता है.
” प्लीज मुझे मत तड़पाओ.........” कुशल फिर से उसकी तरफ मुड़ता है
स्मृति अपने गेट के पास खड़ी थी और स्माइल कर रही थी.
कुशल अब फिर से धीरे धीरे उसकी तरफ बढ़ता है, जैसे जैसे वो बढ़ता है स्मृति भी अपने पाँव बाहर की तरफ बढाती है.
” प्रीती......” कुशल चिल्ला कर बोलता है और स्मृति डर कर पीछे देखती है
पीछे देखते ही स्मृति को समझ आ जाता है कि वो कुशल की इस चाल में वो फंस चुकी है.
इससे पहले की वो पीछे मुड कर देख पाति कुशल धप्प्प से उसे पकड़ लेता है
स्मृति इस सिचुएशन के लिए तैयार नहीं थी कुशल स्मृति को पकड़ कर फिर से दीवार से लगा देता है
.” आह्ह्ह्हह्ह..... छोड़ मुझे........” स्मृति चिल्लाती है लकिन अब तक कुशल उसके दोनों हाथो को पकड़ कर ऊपर की तरफ कस कर पकड़ लेता है
स्मृति के बूब्स अब उसके सीने में चुभ रहे थे.
” छोड़ मुझे..... मुझे नींद आ रही है.......” स्मृति उससे रिक्वेस्ट करती है.
” ऐसी सिचुएशन में तो किसी को भी नींद नहीं आती तो आपको क्या आएगी......” कुशल ये बोलते बोलते अपने होंठ स्मृति के होंठो की तरफ बढ़ा देता है
स्मृति कभी अपनी गर्दन इस तरफ तो कभी दूसरी तरफ
पुच्च्च्चच .......... जब होंठो से लिंक नहीं हो पता तो कुशल उसके गालो पर ही स्ट्रांग किश कर देता है. इस किश के होते ही स्मृति थोड़ा अपनी मूवमेंट को कम करती है और मुड कर कुशल की तरफ देखती है.
अभी उसकी नजरे ठीक से कुशल से मिल भी नहीं पायी थी की कुशल ने अपने होंठ उसके होंठो से भिड़ा दिए.........
” उन्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह उन्ह्ह्हह्ह्ह्ह .........." स्मृति थोड़ा छटपटाती है फिर से
लेकिन कुशल उसके होठो को चूसे जा रहा था. स्मृति की सारी लिपस्टिक कुशल के होठो पर लग चुकी थी. लेकिन कुशल अभी भी उसके होंठो को चूसने में लगा हुआ था.स्मृति ने भी कुछ सेकंड के लिए विरोध किया लकिन अब उसकी बॉडी मूवमेंट से नहीं लग रहा था की वो कुशल के इस एक्शन से नाराज है.
कुशल के होठो के बीच में उसे एक जीभ आती हुई महसूस होती है और वो सीधी जाकर कुशल के होठो से मिल जाती है. ये कुशल के लिए एक नया एक्सपीरियंस था, ये जीभ स्मृति की ही थी जो अब अपने एक्सपीरियंस का फायदा उठा रही थी. कुछ सेकण्ड्स के लिए अब दोनों के होंठो का द्वन्द युद्ध चलता है जहाँ स्मृति भी अच्छे से कुशल के होठो को चुस्ती है.
कुशल की ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था .धीरे धीरे कुशल अपने लिप्स अलग करता है. लिप्स अलग करने के बाद वो स्मृति की आँखों में झांकता है और स्मृति शर्मा कर अपना चेहरा दूसरी साइड कर लेती है.
” इतनी रात में ये इतनी सेक्सी लिपस्टिक किस लिए लगायी है आपने....?” कुशल स्मृति से पूछता है.
स्मृति अपना चेहरा कुशल की तरफ करती है
“तुझसे मतलब.... लगायी है किसी के लिए....” स्मृति थोड़े ऐटिटूड में बोलती है
.कुशल का तना हुआ लड फिर से स्मृति के करीब था. कुशल उसको लंड को और चुभते हुए बोलता है.” बता दो जरा कौन है वो खुश नसीब..... जिसके लिए मेरी माँ ने इतना सेक्सी मेक उप किया है...” कुशल फिर से पूछता है.
” है कोई मेरा ओल्ड फ्रेंड......... लकिन तुझे क्यों बताऊ........” स्मृति फिर से ऐटिटूड में बोलती है.
” ओल्ड फ्रेंड?????? मैंने तो कभी कोई नहीं सुना.......” कुशल अपने दिमाग पर जोर डालते हुए बोलता है.
” है कोई ओल्ड नेट फ्रेंड.....” स्मृति हँसते हुए बोलती है.
” LION............" कुशल चिल्ला पड़ता है स्मृति के मुँह से नेट फ्रेंड वाली बात सुन कर
स्मृति को एक कस कर स्मूच करता है वो. स्मृति भी उसको पॉजिटिव रिप्लाई देती है कुशल अब कन्विंस्ड था की स्मृति की चुत उसके लंड के लिए बेक़रार है.
कुशल भी पागल हो चूका था वो पीछे होता है और अपने टीशर्ट उतरने लगता है.
” कुशल..... कुशल कहाँ है भाई......” आवाज उन दोनों के कानो में आकर टकराती है जो की प्रीती की थी.
” ओह्ह्ह्ह फ़क......” कुशल के मुँह से ऑटोमेटिकली निकल जाता है.
वो फर्स्ट फ्लोर से ही चिल्लाती रही थी.
” क्या बात है आज तेरी दुश्मन तुझे बड़े प्यार से बुला रही है....?” स्मृति स्माइल करते हुए फिर से बोलती है.
” पागल को कोई काम होगा... इससे पहले की वो नीचे आये मैं ऊपर देख कर आता हु”. और कुशल बहार की तरफ भागने लगता है.
“ पता नहीं कितना टाइम लगेगा लायन को आने में????” स्मृति की ये आवाज कुशल के कानो में पड़ती है और जोकि खुला इनविटेशन था.
” जल्दी ही आएगा वो........” कुशल भी रूक कर स्माइल के साथ जवाब देता है. और फिर से वो ऊपर की तरफ चल देता है.वो भाग कर ऊपर जाता है लकिन उसे प्रीती रेलिंग पर दिखाई नहीं देती. वो धीरे धीरे प्रीती की रूम की तरफ बढ़ता है लकिन उसका गेट खुला हुआ था. वो अंदर जाता है तो प्रीती उसे वहां दिखाई नहीं देती.
” शायद टॉयलेट में गयी होगी...” कुशल अपने मन में सोचता है.और वो टॉयलेट की तरफ बढ़ जाता है.टॉयलेट पहुँचने से पहले ही उसे अपने रूम में अहसास होता है की कोई है और वो अपनी निगाहें फिरा कर देखता है
.” ओह्ह्ह्ह माय गॉड.....” कुशल को आज झटके ही झटके लग रहे थे. प्रीती उसी के रूम में दिवार के सहारे बैठी थी.
पंकज को स्मृति वैसे ही भड़का चुकी थी और जैसे अब प्रीती जिन हालात में बैठी थी तो वो किसी का भी पानी निकलवा सकती थी.
प्रीती ने भी जैसे पिंक लाइफ का सहारा ले लिया था. कुशल के जाते ही उसने कपडे चेंज कर लिए थे और सारे ही ट्रांसपेरेंट थे.
” इतना टाइम..... क्या कर रहा था नीचे.....” प्रीती बेहद ही सेक्सी वौइस् में बोलती है.
कुशल का लंड आज लोहे से भी ज्यादा टाइट हो चूका था. कामुक से भी ज्यादा कामुक लग रही थी प्रीती. उसकी जवानी कहीं पर भी आग लगा सकती थी
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