RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
अब आराधना उठने के लिए पंकज की बॉडी का सहारा लेती है. वो अपना हाथ जहाँ रखती है उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़, उसका हाथ पंकज के लंड पर जाता है.
पंकज एक बार को हड़बड़ा जाता है लेकिन फिर भी अपनी बॉडी को मूव नही करता. आराधना का हाथ पीछे की साइड था तो वो समझ नही पाई थी कि आक्च्युयली उसका हाथ है कहाँ पर. तो वो उस जगह को समझने के लिए हाथ दबाती है और सेकेंड मे ही उसे समझ आ जाता है कि वो लंड है. आप जान कर वो उस पर अच्छे से हाथ फिराते हुए खड़ी हो जाती है.
" सॉरी डॅड......." आराधना उसकी आँखो मे देखती हुई बोलती है
दोनो की आँखे टकराती है. आराधना तेज तेज साँसे ले रही थी और उसकी छाती उपर नीचे हो रही थी.
" कैसा लगा तुम्हे...........?" पंकज सीरीयस होते हुए आराधना से पुछ्ता है.
आराधना तो जैसे शॉक्ड हो गयी. उसको आइडिया नही था कि पंकज ऐसी बात पुच्छ लेगा.
" ठि..... ठि...ठीक है. बस साइज़ कुच्छ ज़्यादा है.........." आराधना भी थोड़ा सा झिझकते हुए बताती है
" हा हा हा हा..... मैं तो शर्ट पुच्छ रहा हू कि पहन कर कैसा लगा तुम्हे........" पंकज ये बात बोलकर हँसने लगता है.
" आप बहुत खराब हो....... जाओ मैं बात नही करती....." और आराधना बेड से उतरने लगती है.
तभी पंकज उसका हाथ पकड़ लेता है.
" छोड़िए ना........" आराधना का चेहरा लाल हो जाता है और वो बिना किसी बॉडी आक्टिविटी के वो बोलती है.
पंकज बेड से उतर कर आराधना के ठीक पीछे आकर खड़ा हो जाता है. बिना कुच्छ बोले वो अपने लिप्स आराधना की नेक पर रख देता है.
" आअहह............. ऊहह..." आराधना की आँखे बंद हो जाती है. पंकज ने उसे प्यार करना शुरू कर दिया था.
अब पंकज अपना एक हाथ आग ले जाकर शर्ट के बटन खोलने लगता है. बटन खोलते टाइम भी पंकज के हाथ आराधना के बूब्स को टच कर रहे थे जिससे आराधना की साँसे और तेज चल रही थी.
शर्ट अब आगे से पूरी खुल चुकी थी. अब एक झटके के साथ आराधना को अपनी तरफ घुमाता है. आराधना के नंगे बूब्स अब पंकज के सामने विज़िबल थे और आराधना की आँखे बंद थी.
पंकज एक झटके के साथ अपने होंठ आराधना के चॉकलॅटी लिप्स से जोड़ देता है और उन्हे पूरी ताक़त से चूसना शुरू कर देता है.
आराधान भी पूरी ताक़त के साथ पंकज के होठ चूस रही थी. आराधना के नंगे बूब्स अब पंकज की छाती मे घुसे जा रहे थे लेकिन पंकज ने अभी टीशर्ट पहनी हुई थी.
आराधना किस्सिंग को कंटिन्यू रखते हुए अपने दोनो हाथो से अपनी शर्ट को उतारने लगती है. वो बहुत तेज़ी के साथ ये काम करती है.
अपनी शर्ट उतारने के बाद वो पंकज की टीशर्ट को नीचे से पकड़ती है और उपर उठा लेती है. एक पल के लिए दोनो के लिप्स अलग होते है और टीशर्ट बाहर और फिर से दोनो के लिप्स चिपक जाते है.
पंकज ऐसे लिप्स को चूस रहा था जैसे की आराधना के लिप्स से कोई रस निकल रहा हो. आराधना फिर से अपना हाथ नीचे ले जाती है और उसके बनियान को पकड़ कर ठीक उसी तरीके से उतार देती है जैसे की उसने टीशर्ट उतारी थी.
अब दोनो छातिया नंगी थी. जब आराधना के बूब्स पंकज की छाती से टकरा रहे थे तो ऐसा लग रहा था कि रूम मे चिंगारियाँ उठ रही हो. दोनो के सीने एक दूसरे मे समा जाने को तैयार थे.
आराधना की कपड़े उतारने की पहल से पंकज भी काफ़ी एग्ज़ाइटेड हो चुका था. किस्सिंग के दौरान ही आराधना अपना हाथ नीचे ले जाती है और उसके लंड को पॅंट के उपर से पकड़ कर दबाने लगती है. वो पत्थर बन चुका था.
आराधना अपने हाथ को लंड से हटाकर नीचे अपनी पैंटी पर ले जाती है और एक सेकेंड को किस्सिंग से हटकर उस वाइट पैंटी को उतार कर अपने पीछे फेंक देती है. आराधना ऐसे पेश आ रही थी जैसे कि कपड़ो से तो कोई दुश्मनी हो.
अब वो धीरे धीरे पंकज की आँखो मे देखते हुए उसे पीछे ले जाती है और वॉर्डरोब से टिका देती है. वो पंकज की बेल्ट खोलती है और उसकी जीन्स को नीचे कर देती है. नीचे करते ही उसके लंड का भयानक रूप उसके अंडरवेर मे था.
अब अंडर वेर को भी नीचे करके आराधना घुटनो के बल पंकज के सामने बैठ जाती है. अंडरवेर अलग होने के बाद दोनो बिल्कुल नंगे थे.
आराधना घुटनो के बल पंकज के सामने बैठी हुई थी और पंकज खड़ा हुआ था. पंकज का खड़ा और तना हुआ लंड आराधना के मूँह के बहुत करीब था. पंकज की आँखो मे देखते देखते ही अपने लिप्स को आराधना पंकज के लंड पर लगा देती है और उसे चूसने लगती है. आज आराधना का कॉन्फिडेन्स गजब का था. पंकज का तो बुरा हाल हो गया जैसे ही उसके लंड पर आराधना के लिप्स पड़ते है
" ओह माइ गॉड........ यू आर......... सो सेक्सी आरू....................." पंकज की आँखे बंद हो चुकी थी. आराधना बड़े ही मस्त अंदाज मे उसका लंड चूस रही थी
" ओह......... लाइकीयीईयीई........ दट ओन्ली............. सूपर गर्ल....................."
आराधना अपने होठ तेज़ी से आगे पीछे कर रही थी. पंकज का एग्ज़ाइट्मेंट सातवे आसमान पर था. बला की खूबसूरत लग रही थी आज आराधना भी, उसके सिल्की बाल बार बार उसके चेहरे पर आ रहे थे जोकि वो अपने हाथ से पीछे कर रही थी.
" अरुउउउ..... यू र्र्र्र्ररर ग्रेट........ ओह........... आअहह....... म्*म्म्ममममह" पंकज की आवाज़ से पूरा रूम गूँज रहा था.
पंकज अपना दोनो हाथ से आराधना का सर पकड़ कर खुद भी हिलने लगता है.
" आहह.......... यू......... सेक्शययययययययी"
पंकज इशारे मे आराधना को रुकने को बोलता है. शायद वो कुच्छ ज़्यादा ही एग्ज़ाइटेड हो चुका था.
आराधना अपने मूँह से पंकज के लंड को बाहर निकालती है. वो अभी भी घुटनो के बल बैठी हुई थी जबकि पंकज आगे बढ़ कर उसी चेर पे जाकर बैठ जाता है जिस पर पहले आराधना बैठी थी.
वो चेर पे जैसे ही बैठता है तो उसका लंड ऐसे आसमान छुने की तैयारी कर रहा था. वो अपने दोनो हाथ पर थूक लगाता है और उसे लंड पर मसलता है.
आराधना उसका इशारा समझ चुकी थी. आराधना भी खड़ी होती है और पंकज की तरफ चल देती है. वो समझ चुकी थी कि पंकज उसे अपने उपर चाहता है, आराधना शुवर नही थी कि फर्स्ट टाइम सेक्स के लिए क्या वो पोज़िशन सही है लेकिन चूत की आग मे वो जले जा रही थी और ज़्यादा इंतेज़ार नही कर सकती थी.
वो भी उस चेर पर जाकर उसके दोनो साइड टाँग करके खड़ी हो जाती है. अब पंकज के ठीक सामने आराधना थी और आराधना की चूत के ठीक नीचे पंकज का लंड था. आराधना एक हाथ से चेर पकड़ती है और दूसरे हाथ पे थूक लगा कर वो भी अपनी चूत पर ले जाकर मसलने लगती है. उसकी चूत वैसे ही बहुत गीली हो चुकी थी.
पंकज के इशारे के बाद आराधना खुद लंड पकड़ कर अपनी चूत पे लगाती है.
अब वो मिज़ाइल जैसा लंड आराधना की चूत पर था. पंकज आगे बढ़ कर आराधना के बूब्स को अपने मूँह मे भर लेता है और आराधना के कंधे पकड़ कर उसे दबा देता है.
ककककरररर्र्र्र्र्ररर.......... साउंड के साथ लंड का सुपाडा अंदर जाता है और आराधना की चूत का मूँह खुल जाता है.
"आआआआआआआआआआआआआआईयईईईईईईईईईईईईई.........." अगर कोई इस साउंड को सुनता तो यही कहता कि रेप हो रहा है. लेकिन नही दर असल आराधना थोड़ा सा ओवर कॉन्फिडेंट हो गयी थी और भूल गयी थी कि लंड का साइज़ क्या होता है.
आराधना की पूरी बॉडी जाम हो गयी थी. और शायद उसके माइंड ने भी काम करना बंद कर दिया था, ऐसी थी पंकज के लंड की मार.
उसके लंड का सुपाडा ही अंदर गया था कि आराधना की चूत तो जैसे फॅट चुकी थी. शुपाडे के अंदर जाने की आवाज़ ही ऐसी थी जैसे कोई बेलून ब्लास्ट हो गया हो. आराधना की गर्दन अभी पंकज के चेहरे के पास थी, पंकज एक एक्सपीरियेन्स्ड मॅन था लेकिन आराधना एक कच्ची कली थी.
एक बार चिल्लाने के बाद अभी तक आराधना की कोई आवाज़ नही निकली थी और ना ही उसकी बॉडी का कोई मूव्मेंट था. कुच्छ ही सेकेंड्स बीते होंगे कि पंकज को अपनी थाइस पर लिक्विड फील होने लगा, उसको समझते देर नही लगी कि आराधना की चूत फट चुकी है.
" आरू..........?" पंकज ऐसे ही चेर बैठे बैठे आवाज़ देता है लेकिन आराधना का कोई रेस्पॉन्स नही था.
पंकज चेर पर थोड़ा सा चेहरा पीछे ले जाकर आराधना को देखने की कोशिश करता है लेकिन आराधना का चेहरा उसे दिखाई नही दिया.
पंकज फिर से आराधना को आवाज़ देता है -" आरू...... क्या हुआ........". जब अब की बार आवाज़ नही आती तो पंकज समझ चुका था कि कुच्छ इश्यू है.
वो एक झटके मे आराधना को थोड़ा सा उपर करके अपना लंड उसकी चूत से निकालता है. आराधना का सपोर्ट ना होने की वजह से पंकज को बहुत मेहनत करनी पड़ गयी थी. लंड भी उसकी चूत से ऐसे बाहर आया जैसे पता नही कितनी टाइट चूत हो उसकी.
लंड बाहर निकालने के बाद पंकज चेर से खड़ा होता है और उसी जगह पर पंकज आराधना को अपने कंधो पर उठाता है और थोड़ी ही देर मे उसे वहाँ बेड पर लिटा देता है. पंकज की हार्टबीट जैसे कभी भी रुक सकती है क्यूंकी वो इस केस मे किसी डॉक्टर की हेल्प भी नही ले सकता है नही तो लेने के देने पड़ सकते थे.
आराधना को लिटाने के बाद वो उसके चेहरे को हिलाता है " आरू...... बेटा आरू....." लेकिन वो नही बोलती है और शायद वो बेहोश हो चुकी थी.
पंकज नीचे होकर उसकी टांगे फैला कर देखता है तो चूत पर ब्लड के धब्बे थे लेकिन वैसे चूत नॉर्मल दिख रही थी. उसको अहसास हो चुका था कि शायद पोज़िशन ग़लत थी और झटका ज़्यादा तेज लग गया.
पंकज को एसी रूम मे पसीने आने लगे थे. समझ नही आ रहा था कि क्या करे.....
वो भाग कर बाथरूम मे जाता है और मग मे पानी लेकर आता है...
पानी की कुच्छ बूंदे वो आराधना के चेहरे पर गिरता है और फिर से उसका चेहरा हिला कर देखता है.
" थॅंक गॉड....." पंकज एग्ज़ाइट्मेंट मे बोलता है क्यूंकी उसे आराधना की आँखे खुलती हुई दिख जाती है.
आराधना अपनी आँखे खोलने के बाद अपने डॅड की तरफ देखती है और ब्लंकेट की तरफ इशारा करती है क्यूंकी अभी भी वो बिना कपड़े के ही थी. पंकज उसे ब्लंकेट पकड़ा देता है और वो उसे ओढ़ लेती है.
" तू ठीक तो है ना.......?" पंकज फिर से आराधना से पुछ्ता है
" हाँ..... बस वहाँ बहुत दर्द हो रहा है.........." आराधना का इशारा अपनी चूत की तरफ था.
" वो मैने..... अभी देखा वहाँ पर....... वहाँ... वहाँ सब सही है बस शायद मैने......." पंकज सेंटेन्स पूरा नही कर पाता
" मैने क्या डॅडी....?" आराधना थोड़ी हिम्मत जुटा कर अपने डॅड से पूछती है.
" वो आरू.... आरू... फर्स्ट टाइम के लिए वो स्ट्रोक ग़लत था...... मुझे ऐसा नही करना चाहिए था." पंकज अपनी निगाहे नीचे करते हुए कहता है.
आराधना अभी लेटी हुई थी और वो धीरे बेड पर बैठ जाती है और अपने डॅड को हग करती है. " डॅड आपकी कोई ग़लती नही है..... शायद मैं ही कमजोर रह गयी नही तो लड़की के साथ तो ये होना ही होता है.... " आराधना भी पंकज को करेज देते हुए बोलती है.
आराधना अभी भी बिना कपड़ो के थी और फिर से उसकी छाती, पंकज की न्यूड छाती से टकरा रही थी. पंकज के हाथ फिर से आराधना की पीठ पर पहुँच जाते है.
तभी आराधना की निगाहे पंकज के लंड पर पड़ती है....
" हा हा हा हा........ इसे क्या हुआ..... ये तो ऐसे हो गया जैसे गुब्बारे से हवा निकल गयी......." आराधना पंकज के लंड को पकड़ते हुए बोलती है. वो हैरान थी कि कहाँ लोहे जैसा लंड और अब वो ठंडा होकर कैसा लग रहा था. ते देख कर उसकी हँसी छूट गयी थी.
" वो.... वो टेन्षन मे ये ऐसा ही हो जाता है...." पंकज उसे एक्सप्लेन करता है लेकिन आराधना को हंसता हुआ देखकर वो हॅपी भी था.
"टेन्षन...???? कैसी टेन्षन डॅड........" आराधना पंकज की आँखो मे देखते हुए बोलती है.
" नही.... वो... वो... तू बेहोश हो गयी थी ना...." पंकज सीरीयस होते बोलता है.
" हा हा हा हा हा....... वेरी क्यूट....... मैं बेहोश हो गयी तो ये ऐसा गया.... अच्छा है. अगर ये ऐसा ही रहे तो अच्छा है. जब ये ऐसाआआआ बड़ा हो जाता है ना तो समझो......" आराधना इशारे मे अपने दोनो हाथो को फेला कर बोलती है.
" नही बेटा..... ये टेन्षन मे कभी काम नही करता.... इसके लिए टेन्षन फ्री रहना ज़रूरी है....." पंकज फिर से एक्सप्लेन करता है और वो हॅपी भी था कि चलो आराधना हॅपी है.
" ओह्ह्ह.... तो ये टेन्षन मे है..... नॉटी नॉटी...." और प्यार से अपना हाथ वो पंकज के लंड पर फिराने लगती है. लेकिन वो काफ़ी एग्ज़ाइटेड थी लंड के मुरझाए हुए रूप को देख कर और उसे बहुत प्यार आ रहा था उस पर.
लेकिन अगले ही पल वो फिर से आकर लेने लगता है....
"ओह.... डॅड..... क्या टेन्षन ख़तम हो रही है क्या जो ये........." आराधना का इशारा था कि लंड खड़ा होता जा रहा था.
" तू छोड़ इसे और ये बता कि तू सही फील कर रही है अब....." पंकज खड़ा हो जाता है और आराधना के हाथ से उसका लंड भी अलग हो जाता है.
" मैं पहले भी सही थी और अभी सही हू...... आप टेन्षन ना ले.... वैसे लग तो रहा है कि टेन्षन कम हो रही है........ हे हे हे हे" आराधना फिर से पंकज की लंड की तरफ देखते हुए बोलती है.
" तो अब.... अब वहाँ सही फील हो रहा है....?" पंकज थोड़ा झिझक तो रहा था लेकिन फिर भी पुच्छ ही लेता है.....
" मैं तो फिट हू एक दम..... लेकिन अगर ...... अगर....... अगर आप देखना चाहे तो देख सकते हैं कि वहाँ सब सही है या नही......" आराधना अभी बहुत खिल खिला रही थी लेकिन इस बात के लिए वो थोड़ा हिचकिचाई.
पंकज एक केरिंग पर्सन था तो उसने ब्लंकेट को थोड़ा सा उपर किया. अब आराधना की न्यूड थाइस उसके सामने थी जो कि एक दूसरे से मिली हुई थी.
पंकज एक टाँग को पकड़ कर थोड़ा सा अलग करता है लेकिन फिर भी इतना स्पेस नही बनता कि वो क्लियर देख पाए कि चूत कैसी है अभी.
" वो....ज़रा.....थोड़ा सा......" पंकज इशारा करता है आराधना को कि प्लीज़ थोड़ा सा टाँगो को फैलाओ ताकि वो देख पाए कि क्या सिचुयेशन है.
उफफफफफफफफ्फ़.... आराधना ने अपनी दोनो टांगे ऐसे फैलाई कि कोई भी पागल हो जाए. उसकी चूत बिल्कुल क्लीन थी, और अपनी केपॅसिटी के हिसाब से वो पूरी टांगे फैला चुकी थी. चूत के अंदर तक का हिस्सा अब पंकज देख सकता था. आराधना की निगाहे बस पंकज पे ही थी कि उसका क्या रेस्पॉन्स होगा.
लेकिन रेस्पॉन्स पंकज से नही बल्कि उसके लंड से पता चल रहा था जोकि फिर से तन कर खड़ा हो रहा था.
आराधना ये देख कर मूँह छिपा कर हँसने लगती है.....
" क्या हुआ आरू.....?" पंकज आराधना से पुछ्ता है.
" नही..... ये आपका वो........." फिर से आराधना अपने दोनो हाथ को खोल कर बताती है कि कैसे उसका साइज़ बढ़ रहा है.
" आरू... वो.... दर असल यहाँ देखने के बाद ये थोड़ा......." पंकज का इशारा आराधना की चूत की तरफ था.
" तो सब ठीक तो है ना...... यहाँ पर......." बड़े ही सेक्सी अंदाज़ मे अपना एक हाथ वो अपनी चूत पे ले जाती है और एक फिंगर को अंदर डाल कर पंकज से पुछ्ने लगती है.
" सब सही ही लग रहा है....... देखने मे तो......" पंकज उसकी चूत की तरफ देखते हुए बोलता है
" क्या आपको बस देखने से ही पता चल गया........." आराधना का इशारा कुच्छ और ही था.
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