RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
प्रीति को लिटाने के बाद कुशल उसकी वॉर्डरोब खोलता है और उसमे से एक ब्रा और पैंटी का मॅचिंग सेट निकालता है.
" तू क्यू टेन्षन ले रहा है. मैं.... मैं ये पहन सकती हूँ......" प्रीति ने उठते हुए बोला
" मुझे लगता है कि मुझे तेरी हेल्प करनी चाहिए...." कुशल सीरीयस होते हुए बोलता है.
प्रीति अब बेड से उतर कर खड़ी हो चुकी थी. उसकी चाल मे एक लड़खड़ाहट थी.
" चल अब चुप खड़ी रह और मैं पहनाता हू...." कुशल प्रीति के करीब आता है.
प्रीति एक झटके से अपनी ब्रा पैंटी उससे छीनती है " तू बस दूर खड़ा होकर देख....." प्रीति उससे बोलती है.
कुशल वहीं खड़ा होकर देखता है. थोड़ी हो देर मे वो दोनो चीज़े पहन चुकी थी. क्या कयामत लग रही थी वो, ऐसे लग रहा था कि वाकई मे किसी कली से कोई फूल निकला हो.
कुशल उसकी खूबसूरती से पागल हो चुका था और वो आगे बढ़ता है.
" दूर रह प्लीज़..... और काफ़ी देर से हम साथ हैं प्लीज़ तू नीचे का माहौल देख कर आजा....." प्रीति कुशल को समझाती है.
" उसके बाद.....?" कुशल सवालो भरी निगाहो से पुछ्ता है.
" यार मेरा तो बॅंड बज चुका है..... लेकिन बाते बाद मे पहले नीचे देख कर आ कि क्या सिचुयेशन है........"
कुशल नीचे चला जाता है.
दूसरी तरफ
हालाँकि आराधना शॉक्ड थी आख़िर कैसा क्या हो गया कि डॅड बाहर चले गये लेकिन फिर भी दिल पर बोझ ना रखते हुए वो आकर बेड पर लेट जाती है.
रूम के सीलिंग की तरफ देखते हुए वो मुस्कुरा रही थी.
" थॅंक यू........" अपने बूब्स की गहराइयो मे झाँकते हुए वो उन्हे खुद ही थॅंक यू बोलती है क्यूंकी उन्होने पंकज को अट्रॅक्ट करने मे पूरी भूमिका निभाई.
बेड पर सीधा लेटने के बाद उसके बूब्स का क्लीवेज उसे ही खुद ही एग्ज़ाइटेड कर रहा था. लेकिन जैसे वो अभी देल्ही मे नयी थी और उसे ये भी नही पता था पंकज को आने मे कितना टाइम लगेगा तो वो सोचने लगी कि वो क्या करे. फिर उसे याद आया कि क्यू ना सिमरन को फोन किया जाए और वैसे भी आराधना ने उसे बोला था कि वो पहुँचने के बाद फोन करेगी. वो उठ कर अपना फोन उठाती है और मिलाती है
सिमरन - "हाँ बेटा...."
आराधना - "हाँ मम्मा. मैं देल्ही पहुँच चुकी हू........" आराधना उसके बेटे वाले शब्द का रिप्लाइ करते हुए बोलती है.
सिमरन -" और सुना अभी कहाँ है......?"
आराधना -" अभी तो मैं....... अपने डॅड के बेड पर लेटी हू........" आराधना बड़े ही सेक्सी अंदाज मे बोलती है.
सिमरन -" इतनी जल्दी बेड पर भी पहुँच गयी...... बहुत फास्ट है यार तू तो..... डॅड कहाँ पर हैं?"
आराधना -" यहाँ नही हैं..... बोल कर गये हैं कि अपनी ईव्निंग ड्रिंक लेने जा रहा हू....मैं उन्ही के रूम मे रुकी हू पर पता नही आज रात क्या होगा..." आराधना सीरीयस होते हुए बोल रही थी.
सिमरन -" ओह्ह यस.... अब तेरा काम हो जाएगा..... पक्का. अकेला रूम, तुझ जैसा हॉट माल रूम मे और उपर से ड्रिंक...... तुझसे देख कर तो नमार्द का भी खड़ा हो जाए और तेरे डॅड तो एक ताकतवर इंसान है..... मेरी रानी तेरी तो फट जाएगी आज रात गारंटी से......" सिमरन उसे और भी एरॉटिक स्टाइल मे समझाती है.
आराधना-" बहुत मेहरबान है मुझपे तू.... क्या बात है क्या कर रही है अभी....."
सिमरन -" मेरी जान...... अपने वॉशरूम मे हू....... एक हाथ मे बियर है और दूसरे हाथ मे मेरा प्यारा डिल्डो है..... मुआाहह...." सिमरन अपने टॉय डिल्डो को किस करती है
आराधना -" तो.... तो क्या तू.... तू मास्टरबेट कर रही है........?" आराधना झिझकते हूर पूछती है.
सिमरन -" येस्स्स्स्स्स....." उसकी आवाज़ ऐसी थी जैसे डिल्डो उसने अपनी चूत मे घुसा लिया हो.......
आराधना -" मस्त गर्ल है यार तू.... लाइफ को एंजाय करती है. क्या साइज़ है तेरे डिल्डो का......" आराधना भी इंट्रेस्टेड होने लगी थी.
सिमरन -" ज़्यादा नही 7 इंच है......" सिमरन तो जैसे हवा मे ही थी.
आराधना -" लेकिन.... तेरा तो बॉय फ्रेंड है ना.... फिर तू डिल्डो क्यू यूज़ करती है......."
सिमरन -" मेरी जान..... वो मेरी चूत मारने के बाद भी मास्टरबेट कर लेता है तो क्या मैं नही कर सकती......?"
आराधना -" तुझे कैसे पता कि वो मास्टरबेट करता है......."
सिमरन -" कम ऑन यार बोर मत कर...... हम अक्सर नाइट मे फोन सेक्स भी करते है..........."
आराधना -" फोन सेक्स??? कैसे करते हो........."
सिमरन - " थोड़ी डर्टी और रोमॅंटिक टॉक...... मैं इधर अपने डिल्डो से मास्टरबेट करती हू और वो उधर अपने कॉक को हिला कर मास्टरबेट करता है...... ऐसे करते है फोन सेक्स....."
आराधना-" ओह माइ गॉड...... यू आर रियली डर्टी गर्ल....."
सिमरन -" मेरी जान जितनी डर्टी थिंकिंग तुम अपने पार्ट्नर के लिए रखोगी वो तुम्हे उतना ही सेक्सी कहेगा. नही तो घूँघट करके बैठने से तो इज़्ज़त मिलेगी नही....."सिमरन की बाते आराधना के सर को घुमा रही थी. वैसे ही वो जिस सिचुयेशन मे थी वो इतनी कामुक थी और दूसरी तरफ सिमरन की ये बाते उसे और पागल कर रही थी.
आराधना -" सेक्सी गर्ल.... मुझे भी तो आगे हिंट दे कि क्या करू.... मुझे बड़ी बेचैनी हो रही है....." आराधना अपने हाथ से ही अपने बूब्स को मसलते हुए बोलती है.
सिमरन -" काश मैं लड़का होती तो तेरी बचैनि मिटा देती...... आराधना सच मे ऐसी बॉडी है तेरी की अच्छे अच्छे का पानी निकल जाए....."
आराधना -" बाते ना बना और जल्दी बता...... अब नेक्स्ट स्टेप क्या है....."
सिमरन -" मेरी जान अब नेक्स्ट स्टेप तो तेरे डॅड को लेना है. तू बस अपने हुष्ण का दीदार करती रह उनको......"
आराधना-" चल ठीक है फिर मैं तैयारी मे लग जाती हू...... तू लगी रह अपने डिल्डो के साथ....."
सिमरन -"कभिईीईईईईई...... तू भी ट्राइ कर ना मेरे साथ......... आअहह....... तू मैं और ये........... तुझ जैसे पार्ट्नर के साथ तो पुच्छ मत...... ओह आरू...... यू आर वेरी हॉट....... आहह......."
आराधना -" ओये लगता है तुझे बियर चढ़ गयी है....... तू मस्त रह.... ठीक है..... आज रात मेरे लिए बहुत स्पेशल है तो टाइम वेस्ट मत कर......."
सिमरन - " अरुउुुउउ......" आराधना को फुच्च फुच्च की आवाज़े भी आ रही थी, वो समझ गयी थी कि वो डिल्डो उसकी चूत मे स्पीड से अंदर बाहर हो रहा है.
आराधना -" चल बाइ......." और वो फोन डिसकनेक्ट कर देती है लेकिन आज वो एक अलग ही रूप देख लेती है सिमरन का.
लेकिन आज वो इन सब बातो को सोचने के मूड मे नही थी क्यूंकी उसका प्लान खुद के लिए था.
ईव्निंग हो चुकी थी, बस रात और ईव्निंग के बीच का टाइम चल रहा था. आराधना बेड से उठती है और फिर से बाथरूम मे जाती है, सिमरन की बातो से पता नही उसकी चूत भी गीली हो गयी थी. वहाँ बाथरूम मे पेशाब करके वो अपने आप को रिलॅक्स करती है.
अब अपने आप को तैयार करने की सोचती है. बाथरूम से बाहर आकर वो अपने बॅग को खोलती है और एक के बाद एक अपने सारे कपड़ो को देखती है. उसके पास एक से एक एरॉटिक क्लॉत्स थे, वो सभी पर एक नज़र डालती है लेकिन तभी उसकी नज़र सामने चेर पर रखी एक वाइट शर्ट पर पड़ती है.
ये शर्ट पंकज की थी. जो कि वाइट और थोड़ी ट्रॅन्स्परेंट थी, आराधना के माइंड मे आज एक डिफरेंट प्लान आता है.
वो आगे बढ़ती है और उस शर्ट को उठाती है, फिर आगे बढ़कर अपने बॅग मे फिर से कुच्छ ढूँढने लगती है. और बाद मे से ढूँढ कर एक वाइट पैंटी निकालती है. उस पैंटी को अपने हाथ मे लेने के बाद उसके चेहरे पर एक शैतानी मुस्कान थी.
वो शर्ट और पैंटी को लेकर खड़ी होती है और रूम के लास्ट कॉर्नर मे जाकर खड़ी हो जाती है.
सबसे पहले वो अपने उस ब्लू स्ट्रिंग टॉप को उतारती है. नीचे ब्रा नही पहनी थी तो उसके बूब्स आज़ाद थे अभी, खुद आराधना भी अपने बूब्स के साइज़ को देखकर हैरान थी. कितने मस्त लग रहे थे वो दो अनमोल रतन.
अपनी पैंटी को उतारने के बाद वो उस वाइट पैंटी को पहनती है. अभी फिलहाल उसकी पीठ डोर के रूम की तरफ थी. अभी उसकी बॉडी पर बस एक पैंटी थी, उसका प्लान ब्रा पहन ने का भी था लेकिन क्या सोच कर उसने कॅन्सल कर दिया और डाइरेक्ट शर्ट पहन ली. शर्ट की हाइट बस पैंटी से थोड़े नीचे थी.
खुले हुए सिल्की और स्टाइलिश बाल, चिकनी बॉडी, नाइल पैंट लगे सेक्सी हॅंड्ज़, मस्त सुडोल गान्ड...... अपने आप पर प्राउड कर रही थी आराधना.
वो अभी भी अपनी पीठ करके ही खड़ी और मस्ती मे अपने कमर को हिला रही थी. शर्ट को खींच कर उसने थोड़ा सा आगे कर लिया था, शर्ट उसकी पतली सी कमर के अंदर घुस चुकी थी. तभी पीछे से गेट खुलता है
धड़क्क्क...... और पंकज की निगाहे आराधना पर थी.
" ओह्ह सॉरी......." पंकज ऐसी सिचुयेशन मे आराधना को देख कर बाहर जाने लगता है.
आराधना पीछे मूड कर आश्चर्य से देखती है.
" आइ.... आम सॉरी. मुझे गेट बंद करके चेंज करना चाहिए था. लेकिन अब बाहर क्यू जा रहे है....." ये बोल कर वो सामने की तरफ घूम जाती है. जो शर्ट उसने फोल्ड करके कमर से बाँधी हुई थी वो भी अब खुल चुकी थी. अब आराधना का फ्रंट पोर्षन पंकज की तरफ था,
पंकज गेट के बाहर जाते जाते रुक जाता है और गेट को अंदर रहते हुए ही बंद करता है. अभी भी उसकी नज़रे आराधना के जिस्म पर ही थी.
" तो क्या ले आए आप...." अपने दुपट्टे को अपनी कमर से लपेट कर बाँधते हुए वो पंकज से पूछती है.
आराधना की पैंटी एक ट्रॅन्स्परेंट दुपट्टे के नीचे थी. कहने को तो आराधना ने इसे ढक लिया था लेकिन दिख अभी भी सब कुच्छ पहले जैसा ही रहा था.
" कुच्छ नही...... बस एक बॉटल ले आया हू अपने लिए... और कुच्छ स्नेक्स हैं......." पंकज अंदर आते हुए बेड पर सारा सामान रखते हुए बोलता है.
" कैसी लग रही हू मैं आपकी शर्ट मैं....." आराधना खुशी से अपने आप को घूमाते हुए बोलती है.
" ग्रेट..... ऐसे एक्सपेरिमेंट्स होते रहने चाहिए...." पंकज भी जैसे उसे हिम्मत दे रहा था.
सामान रखने के बाद पंकज वॉशरूम मे जाता है शायद अपने हॅंड वाश करने के लिए. जिस दौरान आराधना ने अपनी पैंटी ढुंडी थी उस दौरान उसने अपने बॅग को बुरे तरीके से फैला दिया था, सो नीचे झुक कर उसे फिर से अड्जस्ट करने लगती है.
वॉशरूम के अंदर पंकज जैसे ही एंटर होता है, उसे डिफरेन्स फील होता है. ये आराधना की खुसबु थी जो बाथरूम से आ रही थी, हाथ धोने के दौरान पंकज की निगाह आराधना की ब्रा पर पड़ती है जो कि उसने सूट उतारने के दौरान वहीं छोड़ दी थी.
ये पंकज के लिए एक अलग एक्सपीरियेन्स था. आज तक उसका बाथरूम शेअर् बस उसकी वाइफ के साथ हुआ था, अगर कभी बाथरूम मे अंडरगार्मेंट्स देखे भी होंगे तो सिर्फ़ स्मृति के ही देखे थे वॉशरूम मे.
पंकज का माइंड हुआ कि वो उस ब्रा को टच करे लेकिन शायद उसकी मेचुरिटी ने उसे रोक दिया. वो अपने फेस को वॉश करता है और टवल से क्लीन करते हुए बाहर आ जाता है.
आराधना जैसे झुक कर अपने बॅग के सामान को लगा रही थी तो शर्ट के खुले हुए बटन्स ने उसके बूब्स को फिर से एक बार पंकज के सामने परोस दिया था. टवल से क्लीन करते करते पंकज रुक जाता है क्यूंकी उसे बेदाग, सुडोल, गोल और ठोस चुचियाँ नज़र आ गयी थी. आराधना भी अपनी निगाहे उठा कर पंकज को देखती है, पंकज अपना मूँह खोल कर सिर्फ़ आराधना के बूब्स को देख रहा था.
आराधना ने परवाह ना करते हुए बॅग मे सामान को लगाना जारी रखा. पंकज जैसे तैसे अपना ध्यान वहाँ से हटाता है और फिर से टवल को बाथरूम मे टाँग कर बाहर आ जाता है.
" आराधना तुम माइंड तो नही करोगी अगर मैं ड्रिंक करू...... आक्च्युयली सालो से हॅब्बिट बन गयी है कि थोड़ी सी ड्रिंक करके ही बेहतर नींद आती है.. " पंकज बेड पर बैठते हुए बोलता है. आराधना फ्लोर पर झुक कर बैठी हुई थी जो कि पंकज से मुश्किल से एक कदम की दूरी पर थी.
" कम ऑन डॅड.... इसमे पुच्छने वाली क्या बात है. मैं इतनी भी नॅरो माइंडेड नही हू....... " आराधना उसी झुकी हुई पोज़िशन मे रहते हुए बोलती है.
" थॅंक यू बेटा......" और पंकज अपनी शर्ट उतारने लगता है. शर्ट उतारने के बाद अब पंकज अपने बनियान मे था. वॉर्डरोब से वो एक हाफ स्लीव पोलो टीशर्ट निकालता है और उसे पहन लेता है.
दूसरी तरफ आराधना का बॅग भी फिट हो चुका था. और वो उसे उठा कर वॉर्डरोब मे रखने लगती है, पंकज को लगा कि उसे आराधना की हेल्प करनी चाहिए. वो आगे बढ़ता है और आराधना के हाथ से बॅग लेने लगता है. जैसे ही वो बॅग को टच करता है तो दो चीज़े एक साथ हो जाती है - एक तो उसका हाथ आराधना के सॉफ्ट हाथो से टच हो जाता है और दूसरा उसकी एल्बो आराधना के लेफ्ट बूब से टच हो जाती है.
आराधना ने भी हिम्मत से काम लेते हुए अपने आप उसी जगह खड़े रखा. दोनो की नज़रे मिलती है- आराधना की सेक्सी आइज़ पंकज को थोड़ा हिंट देती है लेकिन पंकज चेहरे को दूसरी साइड करते हुए बॅग उठा कर वॉर्डरोब मे रख देता है.
इसके बाद पंकज बिना आराधना की तरफ देखे बेड पे आकर बैठ जाता है. बैठने से पहले एक छोटी सी टेबल को वो बेड के करीब रखता है.
आराधना उस रूम मे रखी चेर पर बैठ जाती है जोकि पंकज के बेड के ठीक सामने थी. पंकज टेबल पर अपनी बॉटल को रखता है और एक ग्लास भी.
" बेटे ज़रा फ्रीज़ से आइस देना....." पंकज आराधना से बोलता है. आराधना खड़े होकर फ्रीज़ खोलती है और आइस निकाल कर पंकज को दे देती है.
आराधना अब आकर फिर से चेर पर बैठ जाती है. जब वो चेर पर बैठ रही थी तो उसकी वाइट पैंटी विज़िबल थी जोकि आराधना के ट्रॅन्स्परेंट दुपट्टे से धकि हुई थी.
पंकज ग्लास मे एक पेग बनाता और उसमे दो आइस क्यूब डाल कर अपने ग्लास मे पीने लगता है. आराधना इधर उधर घूम रही थी चेर पर बैठे बैठे.
" और सुनाओ आरू बेटा.... कैसा चल रहा है तुम्हारा फॅशन डिज़ाइनिंग का कोर्स........" पंकज ग्लास का एक और सीप लेते हुए पुछ्ता है.
" एक दम सही चल रहा है डॅड.... आपको तो पता ही है कि फॅशन का तो आज कल बोलबाला है..... " आराधना ऐसे ही घूमते घूमते रिप्लाइ करती है.
" कह तो सही रही हो तुम लेकिन आज कल का टाइम फॅशन के नाम पर एक्सपोषर है......." पंकज की निगाहे अब आराधना से मिलती है.
आराधना बड़े स्टाइल मे चेर पर आगे की तरफ होती है और ज़्यादा झूक कर बोलती है -" लेकिन डॅड..... एक्सपोषर ही तो सब पसंद करते है...?" वो चेर पे ऐसे झुकी हुई ही थी कि पंकज शर्ट के अंदर उसके बूब्स को बिल्कुल सॉफ देख सकता है.
पंकज हड़बड़ा सा जाता है. आराधना के बूब्स ऐसे दिख रहे थे जैसे कोई 3डी मूवी चल रही हो.
" आप को भी तो वो सिमरन छोटे कपड़ो मे ही अच्छी लगती है......." आराधना फ्रिज से ऐसे झुके हुए ही पंकज से फिर से बोलती है.
पंकज अपने पूरे पेग को एक ही बार मे पी जाता है. लेकिन उसने आराधना की बात का जवाब नही दिया. वो अपने ग्लास मे एक और पेग बनाता है, और स्नॅक्स का एक पॅकेट उठा कर आराधना की तरफ फेंकता है.
" क्या आज...... आज तूने..... ब्रा नही पहनी है..........." पंकज थोड़ा सा झिझकते हुए आराधना से पुछ्ता है. शायद शराब का असर पंकज पर हो रहा था.
आराधना अपने आप को सीधा करते हुए चेर पर पीछे हो जाती है.
" नॉटी हो गये है डॅडी आप....." आराधना स्माइल करते हुए बोलती है, उसका इशारा शायद इसी तरफ था कि पंकज उसकी शर्ट के अंदर झाँक रहा था.
" नही..... नही... कुच्छ ग़लत मत समझ. मैं तो बस बाथरूम मे गया तो वहाँ तुम्हारी ब्रा देखी तो इसीलये पुच्छ रहा था..." पंकज फिर से अपने पेग का एक और सीप लेते हुए बोलता है.
" तो आपको कैसे पता कि मैने अभी कोई ब्रा नही पहनी...... हाआँ.... हो सकता है कि मैने वो उतार कर दूसरी पहन ली हो........" आराधान फिर से स्माइल करते हुए पूछती है.
" मुझे पता है कि तुमने ब्रा नही पहनी है..... इतना एक्सपीरियेन्स तो है मुझे...." पंकज भी अब एक स्माइल के साथ आराधना के बूब्स की तरफ देखते हुए बोलता है.
" यू आर रियली नॉटी........." और ये बोलकर वो हंसते हंसते चेर से खड़ी हो जाती है. अब उसकी नंगी टांगे भी पंकज के सामने थी. वो पंकज की तरफ देखते देखते वॉर्डरोब की तरफ फिर से बढ़ती है और वॉर्डरोब से अपने बॅग से मेक अप किट निकालती है. वॉर्डरोब मे खड़े होने के टाइम आराधना की गान्ड पंकज की तरफ थी. वो इसी सिचुयेशन मे पीछे मूड कर देखती है और पंकज को अपनी गान्ड को घूरते हुए देख कर स्माइल करती है.
अब वो ड्रेसिंग टेबल के करीब जाकर एक लिपस्टिक लगाने लगती है. इस लिपस्टिक का कलर थोड़ा लाइट चॉक्लेट टाइप था.
" रात मे कहाँ जाने की तैयारी हो रही है........." पंकज आराधना से पुछ्ता है.
" कल कॉलेज मे एक स्माल मेक अप सेशन है तो उसकी ही प्रॅक्टीस कर रही हू........" आराधना पंकज को ऐसे ही चलाते हुए बोलती है.
" वैसे इस शेड मे कैसी लग रही हू मैं..... " आराधना अपने चॉकलॅटी लिप्स को पंकज की तरफ दिखाते हुए बोलती है.
" सच बताऊ......" पंकज स्माइल करते हुए बोलता है.
" प्लीज़ सच ही बताएए...." आराधना रिक्वेस्ट करती है.
" एक दम सेक्सी......" पंकज भी अब अपनी बाउंडेशन खोलता जा रहा था.
सेक्सी शब्द सुनकर आराधना शरमा जाती है. और फिर से ड्रेसिंग टेबल की तरफ फेस कर लेती है.
पंकज अपना एक और पेग ख़तम कर चुका था.
आराधना अपनी आइज़ पर मास्कारा लगा रही थी. पंकज की निगाहे बस आराधना की गान्ड पर थी और आराधना सॉफ सॉफ ये मिरर मे देख सकती है.
" आऐईयईई......" आराधना अपने आँख लार हाथ रखते हुए चिल्लती है.
" क्या हुआ बेटा...." पंकज सीरीयस होते हुए बोलता है.
आराधना अपनी एक आँख पर हाथ रखते हुए पंकज की तरफ आकर बेड पर चढ़ जाती है.
" डॅड.... देखना शायद आँख मे कुच्छ गिर गया है......." आराधना बहुत जल्दी ही अपनी आँख को पंकज की आँखो के करीब ले जाती है. आराधना अभी पंकज के बहुत करीब थी.
चॉकलॅटी लिप्स और बूब्स तो जैसे बिल्कुल बाहर ही थे क्यूंकी शर्ट के उपर के बटन खुले हुए थे और शर्ट भी ट्रॅन्स्परेंट थी.
पंकज अपने हाथ को आगे बढ़ा कर आराधना की आँख खोलता है. लेकिन उसे उसने कुच्छ नही दिखाई देता. आराधना अभी पंकज के दोनो साइड अपने हाथ टिका कर डॉगी स्टाइल मे थी.
जब पंकज उसकी आँख चेक कर रहा था कि तभी आराधना का हाथ बेड पर फिसल जाता है
" आअहह........" और वो पंकज के सीने के उपर गिर पड़ती है.
पंकज का सीना और आराधना का सीना टकरा गया था. पंकज भी आराधना के गिरने से थोडा सा नीचे हो गया था.
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