RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
" डॅडी कैसी लग रही हू मैं........" आराधना अपनी आँखे दिखती हुई पंकज से पूछती है. आज वो बहुत हॅपी थी.
" अच्छी लग रही है लेकिन अचानक देल्ही आने का प्लान कैसे बन गया......." पंकज आराधना से पुछ्ता है
" वो.... वो.... डॅडी....... कॉलेज..... लेकिन आप क्यू पुच्छ रहे है. आपको मेरा आना अच्छा नही लगा........" आराधना पंकज की तरफ देखते हुए बोलती है. पंकज का चेहरा सामने की तरफ था क्यूंकी वो ड्राइविंग कर रहा था.
" नही..... नही ऐसी कोई बात नही है. मैं तो हॅपी हूँ कि तुम आ गयी. वैसे रहने का क्या प्लान है......?" पंकज आख़िर वही पुछ लेता है जिसका आराधना को डर था
" डॅडी.... कॉलेज ने तो एक होटेल बुक कर रहा है लेकिन मैं शुवर नही हू वो कैसी जगह है........ फिर भी मैं चली जाउन्गि...." आराधना सीरीयस होते हुए बोलती है.
" नही अगर होटेल के बारे मे शुवर नही हो तो फिर जाने की कोई ज़रूरत नही है.... वैसे भी ये देल्ही है. मैं एक काम करता हू कि अपने होटेल मे ही बुकिंग करा देता हू और एक कॅब फेसिलिटी अरेंज करा देता हू जो तुम्हे डेली पिक आंड ड्रॉप कर लेगी ...... " पंकज की बात से तो जैसे आराधना का मन खुश हो जाता है. और वैसे भी वो तो यही चाहती थी.
" ओके डॅड. जैसी आपकी मर्ज़ी........." आराधना ने ऐसा रिक्ट किया जैसे वो ज़्यादा हॅपी नही है.
करीबन 15 मिनिट की ड्राइव के बाद वो उस होटेल पहुँच जाते है जहाँ पंकज रूका हुआ था. आराधना अपने बालो को अच्छे से कोंब करके कार से उतरती है. पंकज फिर से बॅग लेता है और होटेल के अंदर चल देता है.
" कॅन आइ हॅव आ रूम फॉर माइ डॉटर........" पंकज रिसेप्षन पर जाकर पुछ्ता है.
" सॉरी सर... ऑल रूम्स आर फुल्ली बुक्ड. रूम्स बस दो दिन के बाद ही अवेलबल है........" रिसेप्षन गाइ का रिप्लाइ नेगेटिव था.
पंकज आराधना को लेकर होटेल रिसेप्षन से थोड़ा दूर आता है. " आरू बेटा चल किसी और होटेल मे ट्राइ कर लेते है वैसे भी यहाँ होटेल आस पास ही है..." पंकज आराधना को समझाता है.
" डॅड बस दो दिन की ही तो बात है.... क्यूँ ना मैं आपके साथ ही रह लू......" आराधना ने तो बस जैसे उस होटेल से जाना ही नही चाहती थी.
" लेकिन..... वो..... बेटा....... लेकिन......" पंकज सोच मे पड़ जाता है.
" पापा आप मुझे बता सकते है..... मैं आपकी बेटी हू और समझदार भी हू..... बताइए कि परेशानी क्या है" आराधना भी कुशल के दिल का डर निकालना चाहती थी.
" वो बेटी...... मेरा रूम तो बस सिंगल बेड रूम है........." पंकज ने आख़िर रीज़न बता ही दिया.
" डॅड....... क्या आपको मैं मोटी नज़र आती हू........" आराधना ने सीधा खड़े होते हुए कहा. वो बहुत इनोसेंट बनते हुए सब कुच्छ कह देना चाहती थी और कह भी चुकी थी.
" नही वो ऐसी बात नही है......" इससे पहले कि पंकज कुच्छ कहता आराधना उसका हाथ पकड़ती है और लिफ्ट की तरफ चल देती है.
" वैसे भी फालतू पैसे खर्च होंगे डॅड....... कुच्छ दिन की ही तो बात है...." आराधना ज़बरदस्ती पंकज को उसके रूम की तरफ ले जाती है.
" ओके..... जैसी तेरी मर्ज़ी......." पंकज भी आगे की तरफ चल देता है. अब वो अग्री था आराधना वाले प्रपोज़ल पे कि वो एक ही रूम मे रह लेंगे......
पंकज का रूम सेकेंड फ्लोर पे था. वो लिफ्ट लेकर उपर चले जाते है. आराधना के हाइ हील्स के साउंड से पूरा फ्लोर गूँज रहा था, पंकज भी हैरान था कि कैसे आराधना अपनी गान्ड मटका मटका के चल रही थी.
रूम के बाहर पहुँच कर पंकज गेट खोलता है और गेट खुलते ही आराधना सामने जाकर बेड पे लेट जाती है.
" ओह्ह डॅड...... आइ आम सो टाइयर्ड आंड हंग्री.........." आराधना सीलिंग की तरफ देखते हहुए बोलती है.
" ठीक है तो तुम फ्रेश हो जाओ फिर नीचे लॉबी मे चलते है खाना खाने...."
" डॅड मुझे खाने की भूख नही बल्कि जिस्म की भूख है...." आराधना अपने मन मे ही बड़बड़ाती है.
थोड़ी देर बाद उठ कर वो बाथरूम मे चली जाती है फ्रेश होने के लिए. अंदर घुसते ही उसे अपने डॅड की फ्रेंची दिखाई देती है. आराधना गेट बंद करने के बाद उस फ्रेंची को उठाती है और उसे देख कर काफ़ी रोमॅंटिक हो जाती है. उसे ख्याल आ रहे थे कि यही है वो कपड़े का एक छोटा सा टुकड़ा जिसमे डॅड का एक मस्त हथियार छुपा होता है.
वो अपने डॅड की फ्रेंची पे किस करती है और फिर अपने कपड़े उतारने लगती है. सबसे पहले अपना दुपट्टा हटा कर वॉश बेसिन के करीब रखती है और मिरर मे अपने क्लीवेज को देख कर मस्त हो जाती है और हो भी क्यू ना.
अपना सूट, पाजामी, ब्रा, पैंटी सब कुच्छ उतार कर वो अपने बाथटब की तरफ बढ़ती है. उसने अभी कुच्छ नही पहना था, कितना मस्त बदन था उसका ये अहसास खुद आराधना को भी नही था. उसे वॉश बेसिन मे सिगरेट के छोटे छोटे टुकड़े दिखाई देते है और वो समझ जाती है कि ये डॅड ने ही स्मोकिंग की है.
वो बहुत हॅपी थी कि पहली बार उसे अपने डॅड का बातरूम शेर करने का मौका मिला है. शवर को ऑन करके वो नहाना शुरू करती है. उसके गरम बदन पे गिरता हुआ ठंडा पानी उसकी बाथरूम की तपिश को और बढ़ा रहा था. उसने अच्छे से शॅमपू किया और अच्छे से नहाई.
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