RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
कुशल -" अच्छा !!!! फिर से धमकी. अब आप बताइए पापा को. मैं भी देखता हू कि आप क्या बताती है. क्या बोलेंगी आप उन्हे कि आप लाइयन से चुदि और जब पता चला कि वो कुशल है तो गुस्सा आ गया? या ये बोलेंगी कि मैने ज़बरदस्ती चोद दिया आपको."
स्मृति उसकी बात सुनकर तोड़ा घबरा जाती है. वो उससे नज़रे चुरा कर बोलने लगती है -" मैं तुझसे कोई और बात नही करना चाहती हू."
कुशल आगे बढ़ कर अपनी मा का हाथ फिर से पकड़ लेता है. " छोड़ मेरा हाथ कमिने......". लेकिन कुशल उसकी एक बात नही सुनता और उसे खींच कर अपनी बाँहो मे फिर से भर लेता है.
" मैने कहा छोड़ मुझे...." स्मृति छटपताती है. उसकी पीठ कुशल के सीने मे गढ़ रही थी. कुशल अपना एक हाथ ले जाकर फिर से उसकी गान्ड पर रख देता है.
" लगता है आज इस ऑडियो सीडी को दोनो साइड से बजाना पड़ेगा". कुशल का इशारा अब स्मृति की गान्ड की तरफ था.
स्मृति पूरी ताक़त लगा कर फिर से कुशल की पकड़ से बच निकल जाती है. उसकी साँसे बहुत तेज चल रही थी " तू..... तू ....... क्या सोचता है कि जो तू चाहेगा वो कर सकता है...." स्मृति गिड गीडाती है.
" झूठ से प्यार माँगा तो चूत मिली. लेकिन सच से सिर्फ़ गालियाँ मिल रही है. क्यूँ आपको मेरा लंड पसंद नही आया...." कुशल बोलता है
स्मृति -" मुझसे ऐसी बाते मत कर........."
कुशल -" मैं भी एक यंग अडल्ट हू. आपसे ऐसी बात कर सकता हू. आप मुझे बताइए कि क्या इस लंड मे जान नही है. आपकी चूत क्या सही नही चोदि मैने...." आगे बढ़ कर फिर स्मृति का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख देता है.
स्मृति अपना हाथ झटक कर फिर से पीछे की तरफ हो जाती है. लेकिन कुशल चुप नही होता -
" आप की चूत मे जो रस है , इस गान्ड मे जो दम है वो इस पूरे फार्म हाउस मे किसी लड़की के पास नही होगा. आपकी गदराई जवानी को देख कर मैं पागल हो रहा था. प्लान बनाया और वो सफल भी हुआ लेकिन ग़लती से लाइट जल गयी नही तो आप इस लाइयन से दोबारा मिलती...."
" मैं दोबारा नही मिलती............" स्मृति बोलती है
" खाना अपने हज़्बेंड की कसम..." कुशल उससे पुछ्ता है.
" इस घटिया लाइयन के लिए मे अपने हज़्बेंड की कसम नही खा सकती..." स्मृति बोलती है.
" लाइयन घटिया है. मे जानता हू लेकिन क्या उसका लंड भी घटिया है? क्या आप उससे सॅटिस्फाइ नही हुई?" कुशल पुछ्ता है
स्मृति चुप खड़ी हो जाती है और वो कुच्छ नही बोलती. कुच्छ सेकेंड्स के लिए रूम मे साइलेन्स हो जाता है. लेकिन कुशल फिर से बोलना शुरू करता है -
" मोम, बिलीव मी. हम एंजाय कर सकते है लेकिन किसी को पता भी नही चलेगा. आप को देख कर कोई भी नही कह सकता कि आप मेरी मा है. यहाँ तक कि जवान लड़किया भी आपके सामने पानी नही माँगेंगी. और आप अपने बेटे की हालत का तो सोचिए. भगवान ने मुझे इतना बड़ा लंड दिया है- किसलिए. सिर्फ़ सुबह उठ कर मूतने के लिए. इससे भला हो सकता है. मैं दिन रात आपकी सेवा करूँगा, बदले मे मुझे कुच्छ भी नही चाहिए. किसी और लड़की की तरफ नज़रे उठा कर के भी नही देखूँगा. प्लीज़ मुझे अपना पूरा प्यार दे दो". और कुशल अपना सर स्मृति के कंधो पे रख देता है.
" कुच्छ और कहना है या मैं जाउ...". स्मृति अपना कंधा हटाते हुए बोलती है.
" ट्राइ टू अडनरस्टॅंड मोम.... अब सब हो चुका है. हम इस रिलेशन्षिप को कंटिन्यू कर सकते है. मैने आपको टेस्ट कर लिया है और हमे एक ही घर मे रहना है. सोचिए कि मैं कैसे कंट्रोल करूँगा. आप अपने इस बेटे पे थोड़ा सा तो रहम करिए...." कुशल रिक्वेस्ट करता है.
स्मृति -" तेरे बाप से बोल कर सबसे पहले तेरी शादी करा दूँगी. फिर सब सही हो जाएगा...."
कुशल -" मैं सही कह रहा हू कि मेरा लंड भी खड़ा नही होगा चाहे पूरी रात कोई ट्राइ भी कर ले. अब ये बस मेरी मा के लिए ही खड़ा होगा.."
स्मृति -" बस बहुत हुआ.... अब मैं जा रही हू..." और कह कर वो बाहर निकलने लगती है
कुशल -" क्या आप मुझे साथ लेकर नही चलेंगी......"
स्मृति -" क्यू तू मेरे साथ आया था...."
कुशल -" मैं तो आ जाता लेकिन आप को लाइयन से मिलने मे थोड़ी परेशानी होती, इसीलिए नही आया...."
स्मृति -" मुझे नही पता और मैं जा रही हू..." और ये कह कर वो उस फ्लॅट से बाहर निकल कर ग्राउंड मे आ जाती है.
कुशल उसके पीछे पीछे चल रहा था. कुशल की निगाहे बस उसकी मतकती हुई गांद पर ही थी. कुशल पूरी बेशर्मी वाले मोड पर था. वो पीछे से ही सीटी बजाता हुआ बोलता है -" क्या मस्त गांद है............. वन इन आ मिलियन". स्मृति रुक जाती है. पीछे मुड़ती है और कहती है -
" क्या कहा अभी तुमने......."
कुशल -" मैने..... मैने कहा कि घर कैसे जाउ मे......"
स्मृति -" लुक..... कुशल!! अगर अबसे तूने कुच्छ बोला तो मुझसे बुरा कोई नही होगा.." स्मृति उंगली दिखा कर कुशल से बोलती है और फिर से आगे चल देती है
कुशल अभी भी पीछे पीछे चल रहा था लेकिन कुच्छ बोल नही रहा था. धीरे धीरे स्मृति उस फार्म हाउस से बाहर निकल जाती है. कुशल भी उसके पीछे पीछे बाहर आ जाता है. स्मृति अपनी गान्ड को मॅटकाति हुई फिर पार्किंग मे अपनी कार लेने चली जाती है.
कुशल बाहर आकर रोड पे बैठ जाता है. स्मृति वहाँ से कार लेकर आती है और कुशल को बैठते हुए देखती है. एक जोरदार ब्रेक के साथ गाड़ी उसके पास रुक जाती है. स्मृति विंडो ग्लास खोलती है और बोलती है. "यहीं मरने का इरादा है"
कुशल -" आप रहने दीजिए. मैं कैसे भी चला जाउन्गा.... अगर नही भी आया तो रात को रोड पर ही सो जाउन्गा....." कुशल बहुत मासूम बनते हुए बोलता है.
स्मृति गुस्से मे विंडो डोर बंद करती है और तेज़ी के साथ कार आगे ले जाती है. गाड़ी थोड़ी डोर ही चली थी कि एक बार फिर तेज़ी से ब्रेक लगती है और कार रिवर्स आने लगती है. कार फिर से कुशल के पास आकर रुक जाती है. लेकिन स्मृति कुच्छ बोलती नही.... हॅपी मूड के साथ कुशल खड़ा होकर गेट खोलता है और कार मे बैठ जाता है.
" आइ लव यू मोम....." कुशल स्मृति की तरफ देख कर बोलता है लेकिन तब तक स्मृति कार आगे बढ़ा चुकी थी.
कार एक सुनसान रास्ते से गुजर रही थी. स्मृति ने फुल स्पीड की हुई थी.
" मोम....... मोम......" कुशल बोलता है
" भोंक..... क्या बात है....." स्मृति बोलती है
" वो मोम..... वो.... पेशाब लगा है......." कुशल बोलता है.
पूरी ताक़त के साथ स्मृति फिर से ब्रेक लगाती है. " जा जल्दी कर के आ......" स्मृति बोलती है
कुशल गेट के बाहर निकल कर कार के ठीक सामने अपनी पॅंट खोलने लगता है. कार की हेडलाइट जली हुई थी.
" क्या यही जगह मिली है तुझे.... स्मृति चिल्लाति है
" मोम मुझे डर लगता है....." तब तक वो पॅंट खोल कर अपना लंड बाहर निकाल लेता है. और बाहर निकल कर एक स्माइल देता है.
" तो कम से कम मूँह तो दूसरी साइड कर ले...." स्मृति फिर से चिल्लाति है
ये सुनकर कुशल अपना मूँह दूसरी डाइरेक्षन मे कर लेता है.
कुशल काफ़ी देर तक ऐसे ही पेशाब करता रहता है. स्मृति भी जल्दी मे थी और बार बार उसे हॉर्न दिए जा रही थी. फाइनली कुशल अपनी ज़िप बंद करके भाग कर कार मे आकर बैठ जाता है.
स्मृति फिर से गुस्से मे तेज़ी के साथ गियर डाला और कार फिर से उस सुनसान रोड पे भागने लगी. लेकिन स्मृति का चेहरा तम तमाया ही हुआ था
" इतना टाइम लगता है तुझे पेशाब करने मे..... क्या सालो से रोक रखा था..." स्मृति गुस्से मे बोलती है.
" मोम... क्या आप तो हर बात पर ही गुस्सा हो रही है. मैने कोई टाइम वेस्ट तो किया नही. जितनी देर आया उतनी ही देर तक किया. अगर मुझे पता होता कि आप इतना गुस्सा हो जाएँगी तो मैं जाता ही नही." कुशल बोलता है
" चल अब अपने ड्रामे बंद कर..... " स्मृति कार चलाते हुए सामने देखकर बोलती है.
कार चल रही थी और दोनो शांत थे. कुशल तिर्छि निगाहो से बार बार स्मृति को देखे जा रहा था.
" मोम एक बात कहु....." कुशल बहुत ही पोलाइट स्टाइल मे स्मृति से बोलता है
" नही.... मुझे कुच्छ नही सुन ना....." स्मृति रिप्लाइ करती है
कुशल चुप होकर कार मे साद अंदाज़ मे कॉर्नर मे मूँह करके बैठ जाता है. अब कुशल का मूँह बाहर की तरफ था, स्मृति भी उसे तिर्छि निगाहो से देखती है.
" भोंक जल्दी क्या बात है....." स्मृति उसे थोड़ा सा सॅड देख कर बोलती है.
कुशल खुश होकर अपनी मा की तरफ घूमता है. और बोलता है -
कुशल -" मोम, चाहे जो भी बात है लेकिन एक बात कहु... चलो कही देता हू. आज मैने अपनी वर्जिनिटी खो दी. आज मैं कुँवारा नही रहा." कुशल सॅड स्टाइल मे अपने माथे पे हाथ मारते हुए बोलता है.
स्मृति -" तू फिर शुरू हो गया. मैने कहा ना तुझे कि मुझे ये बकवास पसंद नही है. और वैसे भी तेरा क्या भरोसा....... भूल गया वो बाते... आज मैने पार्टी मे एक लॅडीस के साथ ये किया और ये किया. फिर भी आज तक कुँवारा था तू. पता नही इतना फ्रॉड कैसे हो गया तू". स्मृति उसे वो बाते याद दिलाती है जो वो लाइयन बन कर बोलता था
कुशल -" मोम, चाटिंग मे ऐसा तो चलता ही है. लेकिन सच मे आज तक मैने किसी के साथ ..... नही किया था. आज पहली बार ऐसा हुआ."
स्मृति -" तुझे ये फार्म हाउस किसने बताया था?"
कुशल -" मेरा एक फ्रेंड है. उसका नाम सन्नी है, उसने बताया था यहाँ के बारे मे....."
स्मृति -" तो क्या तूने उसे ये भी बता दिया कि तू आज यहाँ किसके साथ आ रहा है....?"
कुशल -" मोम आप तो मुझे बिल्कुल पागल समझती है. भला ये बाते भी बताने की होती है, ऐसा तो कभी कोई नही बता सकता...."
स्मृति -" इससे पहले भी यहाँ किसी के साथ आया है तू.?" स्मृति कार चलाते हुए ये सारी बाते कर रही थी.
कुशल -" मोम मैने कहा ना कि आज पहली बार आया हू यहाँ. आप कहेंगी तो दोबारा भी आ जाउन्गा.... हाहहहाहा..."
स्मृति उसकी तरफ गुस्से भरी निगाहो से देखती है और ये देख कर कुशल की हँसी फिर से बंद हो जाती है.
थोड़ी देर बाद कुशल फिर से बात करना शुरू करता है-
" मोम एक बात पुच्छू ...." कुशल बोलता है
" हाँ बोल...." स्मृति का बिहेवियर इस बार थोड़ा पोलाइट था
" क्या आपको मेरे साथ...... यानी जो हमारे बीच हुआ अगर हम उस मे रीलेशन शिप को भूल जाए तो क्या आपको अच्छा नही लगा.... प्लीज़ प्लीज़ गुस्सा मत होना. ये एक सिंपल सवाल है" कुशल अपनी मा से पुछ्ता है.
स्मृति गाड़ी चलाने मे बिज़ी थी. उसने कुशल की इस बात का जवाब देना उचित नही समझ. लेकिन कुशल चुप हो ही नही रहा था और वो फिर से बोलता है -
" आप जितनी सेक्सी दिखती है.... उससे कहीं ज़्यादा सेक्सी आप उस दौरान हो जाती हैं जब आप..... जब आप सेक्स करती हैं...." कुशल बोलता जा रहा था लेकिन स्मृति उसकी किसी बात का जवाब देना उचित नही समझ रही थी.
लेकिन कुशल को तो जैसे भूत ही सवार था कि आज वो चुप नही होगा.
" किचन मे काम करते हुए देख कर नही लगता कि आप इतनी आक्टिव हो सकती है सेक्स के दौरान.... रियली यू आर ग्रेट मोम. हर बार मैं आपका ही बेटा बन कर पैदा होना चाहता हू."
" देख कुशल... मुझे एक और ग़लती का अहसास हो गया है कि तुझे मैं साथ लेकर आई. उससे पहले मैं एक ग़लती कर ही चुकी थी, अब मुझसे और ग़लतियाँ मत करा. मैं नही चाहती कि तू मेरे हाथो से एक थप्पड़ और खा ले" स्मृति उसे समझाती है.
" लेकिन आप इतना तेज गाड़ी क्यूँ चला रही है... मुझे डर लग रहा है..." कुशल बोलता है
" क्यूंकी मैं घर जल्दी पहुँचना चाहती हू." स्मृति रिप्लाइ करती है
" आज तक तो कभी आपको इतना तेज गाड़ी चलाते हुए नही देखा. आख़िर बात क्या है."
" क्यूंकी...... क्यूंकी...... मुझे भी बहुत तेज पेशाब लगा है.... अब समझा". स्मृति बहुत तेज चिल्ला कर कुशल से कहती है
" तो मोम, अभी तो घर पहुँचने मे बहुत टाइम लगेगा. और अगर आप ऐसे ही चलाएंगी तो शायद पहुँचनगे ही नही. अभी रोड खाली है, आप चाहे तो आप भी कर सकती है.." कुशल उसे एक आइडिया देता है
" मुझे रोड पर करना अच्छा नही लगता..." स्मृति बोलती है
कुशल -" मोम अच्छा तो किसी को नही लगता. लेकिन मजबूरी मे तो काम चलाना ही पड़ता है. प्लीज़ आप कार रोकिए, मैं वादा करता हू कि कोई परेशानी नही होगी." कुशल उसके हाथ पर हाथ रख कर बोलता है.
स्मृति - " तेरे जैसी बेशर्म नही हू. मुझसे नही होगा ये सब रोड पे. और कितनी घनी झाड़ियाँ है रोड के दोनो साइड, पता नही इनमे क्या होगा. ". स्मृति रोड के दोनो साइड देखती हुई बोलती है
कुशल -" मोम आपको झाड़ियो मे जाने की ज़रूरत ही नही है. आराम से कार के सामने जाकर कर लीजिए वैसे भी रोड पे और कोई गाड़ी दिख नही रही है. ये रोड बस उस फार्म हाउस ही जाती है जहाँ से लोग इतनी जल्दी नही आते...." कुशल सीरीयस होकर उसे समझाता है
स्मृति भी गाड़ी की स्पीड को कम कर चुकी थी, शायद वो कुशल की बातो से अग्री थी. और वैसे भी पेशाब वग़ैरा ऐसी बाते है कि जब कोई करता है तो और आता है.
वो कार को रोड के साइड मे लगा देती है. कुशल समझ जाता है कि उसको बहुत तेज पेशाब लगा है. वो कार को ऑफ करती है, हेडलाइट्स को भी ऑफ करती है.
" अच्छा तू यहीं बैठ....." स्मृति बोल कर कार का गेट खोलती है और बाहर चली जाती है. कुशल ये सब देख रहा था. स्मृति बाहर निकल कर चारो तरफ देखती है, ड्रेस को थोड़ा उपर करके अपने हाथ पैंटी तक ले जाती है और एक झटके मे पैंटी को नीचे कर देती है. कुशल कार मे बैठा ये सब देख रहा था, इस सेक्सी सीन को देख कर उसके हाथ खुद ब खुद अपने लंड पर पहुँच जाते है. स्मृति को भी आइडिया था कि शायद कुशल देख रहा होगा लेकिन वो जल्दी से पैंटी नीचे करके बैठ जाती है. उसकी गान्ड कुशल की तरफ थी, वो बैठते ही ऐसे पेशाब करती है कि उसकी आवाज़ कार मे बैठा कुशल भी सुन सकता था. कुशल समझ जाता है कि वाकई मे उसे बहुत तेज लगा है. कुशल अपने राइट हॅंड पर टर्न होमर गाड़ी की हेडलाइट ऑन कर देता है.
स्मृति की गदराई मस्त गांद, कार की दूधिया रोशनी मे बिल्कुल विज़िबल हो जाती है. लेकिन स्मृति का कोई रियेक्सन नही था, शायद वो पेशाब करने तक कुच्छ नही करना चाहती थी. थोड़ी देर बाद स्मृति खड़ी होती है, उसकी मस्त गान्ड को कुशल एक बार फिर से देखता है. स्मृति खड़े होते ही अपनी पैंटी उपर करती है और ड्रेस नीचे करती है. और वापिस मूड कर कार की तरफ तेज तेज कदमो से आने लगती है.
" कमीनेपन की सारी हदों जो तोड़ दे तू. कुत्ते कुच्छ तो लिहाज कर...." स्मृति कार मे बैठते हुए बोलती है
कुशल -" मोम जब मैं पेशाब करने गया तब भी तो लाइट ऑन थी. मैने तो नही कहा कि आप लिहाज करो. आपने तो मेरा लंड तक भी देखा...." कुशल भी एक झटके मे बोल जाता है
स्मृति -" मैने तेरा.... देखा? अबे जब तू बेशर्मो की तरह खुद ही कार के सामने आकर खड़ा हो गया तो क्या करती मैं..."
कुशल -" मोम चाहे लडो या कुच्छ भी कहो. आपकी गांद 200 आउट ऑफ 100 है. डॅड की तो निकल पड़ी है. ही ईज़ सो लकी..." कुशल अभी भी अपनी बदतमीज़ी वाली बातो से पीछे नही हट रहा था.
स्मृति ( कार को चलाते हुए) - " तेरे डॅड तेरे जैसे नही है. वो कभी मुझे इस नज़र से नही देखते..."
कुशल -" तो क्या आप अभी तक बॅक साइड से......... कुँवारी हो?"
स्मृति कुशल की तरफ देखती है गुस्से मे लेकिन कुच्छ बोलती नही. कुशल फिर से पुछ्ता है
" मोम बताइए ना कि आपको गान्ड को पापा ने चोदा है या नही...."
स्मृति का पारा एक दम से हाइ हो जाता है.
" नही...... नही ....... नही...... और कुच्छ पुच्छना चाहता है तो भोंक जल्दी"
कुशल -" सॉरी मोम... गुस्सा मत होइए प्लीज़. आप बहुत स्वीट है...." कुशल अपनी मम्मी के गालो को पकड़ते हूर बोलता है.
स्मृति -" हाँ सवाल ही ऐसे करेगा.... कि गुस्सा आता ही है"
कुशल -" नही सच मे मोम... यू आर अमेज़िंग. मैने आपको एक मर्द की निगाहो से देखा है..."
स्मृति को उसकी ये बात सुनकर थोड़ी सी हँसी आ जाती है.
" अबे ओ मर्द... अब चुप हो जा. घर आने वाला है.." स्मृति उसे बोलती है
कुशल -" मोम दूध पिलाओगी ना...घर चल कर." कुशल की निगाहे स्मृति के बूब्स पे थी.
स्मृति -" जूते खिलाउंगी.... खाएगा?"
इसी नोक झोंक मे कुच्छ ही देर मे घर पहुँच जाते है. स्मृति गाड़ी पार्क करती है और कुशल वो दोनो फाइनली गाड़ी के बाहर आ जाते है. दोनो घर के अंदर जाने लगते है - सबसे पहली एंट्री स्मृति करती है और उसके पीछे पीछे कुशल.
हॉल मे प्रीति और पंकज दोनो बैठे हुए थे.
पंकज -" क्या दोनो साथ गये थे...?"
पंकज स्मृति की तरफ देखते हुए पुछ्ता है. कुशल की तो जैसे जान ही निकल जाती है. उसके चेहरे पे डर के भाव सॉफ थे.
स्मृति -" नही ये तो आते टाइम रास्ते मे मिल गया था तो इसे भी ले आई...." और स्मृति एक स्माइल देती है कुशल को.
पंकज -" बहुत जल्दी आ गयीं, क्या मन नही लगा पार्टी मे...."
स्मृति -" नही पार्टी मे कुच्छ ऐसी आक्टिविटीस हो गयी कि मैं थक गयी और जल्दी आ गयी.".
" मोम लेकिन ऐसी कौन सी पार्टी थी जिसमे आप इतनी सेक्सी बन कर गयी थी..." प्रीति स्माइल करके अपनी मोम से पूछती है और फिर कुशल की तरफ देखती है.
" अबे क्या बाप बेटी पीछे पड़ गये हो. सेक्सी तो मैं हू ही तो बन कर क्या जाउ..... ला एक ग्लास पानी पिला." स्मृति प्रीति से बोलती है और उसे उठा कर खुद सोफे पे बैठ जाती है.
कुशल सीधा उपर चला जाता है. प्रीति की निगाहे कुशल पर ही थी जाते हुए. प्रीति पानी पिलाती है और खुद भी उपर चली जाती है.
कुशल अपनी टी-शर्ट उतार रहा था. प्रीति उसके रूम मे घुसती है और उसके मूँह के पास अपना मूँह लाती है और फिर दूर कर लेती है.
" मोम भी ड्रिंक करके आई है और तू भी. कहाँ से आ रहे हो तुम दोनो...." प्रीति कुशल से पूछती है.
कुशल -" तुझसे मतलब...... तू डिस्टर्ब मत कर मुझे. वैसे ही आज मूड इतना फ्रेश है और तू आ गयी मेरे रूम मे..."
प्रीति -" तो आज जनाब अपना मूड फ्रेश कर कर आए है. वैसे भी तेरे चेहरे की खुशी बता रही है कि तू कुच्छ करके आ रहा है...." प्रीति साइड मे मूँह करके बोलती है
कुशल -" क्या करके आ रहा हू.... चुदाई?"
प्रीति -" शायद........." प्रीति कुशल की आँखो मे देखती हुई बोलती है.
कुशल -" हा हा हा हा हा...... अबे लंड है मेरे पास. अगर चुदाई ना करू तो क्या गांद मराऊ. वैसे तू निकल यहाँ से अपनी चूत को लेकर...." कुशल उसे अपने डोर का रास्ता दिखाते हुए बोलता है.
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