RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
उसके हाथ में अभी भी उस इंसान का वीर्य भरा हुआ था ,वह अपना हाथ छुपाकर वॉशरूम में आ गई और वॉश बेसिन में जाकर धोने लगी ,जैसे जैसे वह वीर्य उसके हाथ से हट रहा था ,स्मृति को भी टेंशन से आजादी मिल रही थी, स्मृति अपने हाथ को धोकर जैसे ही नैपकिन लेने के लिए पलटी उसकी नजरें आराधना से मिल गई जोकि उसी वॉशरूम में आई हुई थी
स्मृति – “अरे आराधना तुम यहां “
आराधना – “मैं यहां नहीं तो क्या जेंट्स वॉशरूम में जाऊं क्या “
स्मृति– “ अरे मेरा मतलब था कि बाकी सब कहां है” स्मृति ने नॉर्मल होते हुए कहा
आराधना – “फ़ूड कोर्ट में सब तुम दोनों का वेट कर रहे हैं, मुझे लगा कि तुमने ज्यादा टाइम लगा देना है इसलिए मैं यहां आ गई”
स्मृति – “ठीक है तो तू चल मैं बस हाथ धोकर आती हूं “
आराधना – “पर आपने यह हाथ पर क्या लगा लिया था” आराधना ने उसे हाथ धोते हुए देखे लिया था
स्मृति – “वह ...वह... कुशल ने कोई गम चिपका दी थी” स्मृति में घबराहट में और कोई बात नहीं निकली
आराधना – “चलिए तो साथ ही चलते हैं ,आप हाथ पोंछ ले मैं बाहर इंतजार करती हूं “
स्मृति ने अपना फेस वाश किया और आराधना के साथ वॉश रुम से बाहर आ गई, वो अभी वाशरूम से थोड़ी ही दूर चले थे कि दूर से कुशल आता हुआ दिखाई दिया
कुशल – “अरे मा आप कहां रह गई थी” यह कहकर कुशल अपनी मॉम से जा लिपटा
स्मृति – “ बेटे मैं तो तुझे ढूंढ रही थी लेकिन तू कहीं दिखाई ही नहीं दिया” स्मृति ने नॉर्मल सा जवाब दिया
“और तु मोम को परेशान क्यों करता है गम वगरह लगा कर” आराधना कुशल को डांटते हुए बोली
“अब छोड़ भी पहले खाना खा लेते हैं फिर बात करना” इससे पहले कि कुशल कुछ समझ पाता स्मृति ने बात को डालते हुए उसे जवाब दे दिया
आराधना भी कोई बच्ची नहीं थी ,वो समझ गई की दाल में जरुर कुछ काला है,
“ कहीं मोम किसी और के साथ तो ......”आराधना के दिल में ख्याल आ रहे थे ,खैर वो फ़ूड कोर्ट पहुंचे और खाना खाया
सभी लोग थक चुके थे तो घर के लिए रवाना हुए, थोड़ी देर में वो सभी घर पहुंच गए ,सब थक चुके थे, वो सभी अपने अपने रुम में चले गए ,आराधना को जैसे सर दर्द हो रहा था क्योंकि उसे तो यही लगने लगा था कि मोम कुछ गलत कर के आ रही है,
आराधना अपने रूम में पहुंची और गेट को लॉक किया, सारा सामान बेड पर फेंक कर आराधना वॉशरूम में घुस गई क्योंकि उसका शावर लेने का दिल था ,वो शुरू में घुसने के बाद उसने अपना फेस वाश किया और तोलिया लेने के लिए बाहर जाने लगी कि तभी उसकी नजरें बाथरूम के कोने में रखें डस्टबिन पर पड़ी,उसमें कुछ बैलून टाइप चीजें पड़ी हुई थी ,
आराधना देखते ही समझ गई कि वो कंडोम है, आराधना ने करीब जाकर देखा तो वो तीन थे जिनमें वीर्य भी भरा हुआ था
आराधना का तो जैसे खून खौल उठा, वो वाश रूम के बाहर आई तो देखा कि बेड शीट भी अस्त व्यस्त थी ,उसका चेहरा गुस्से में इतना लाल हो चुका था जैसे उसमें खून उतर आया हो, वो एक ही झटके में समझ गई कि जरूर सिमरन ने कुछ गलत किया है क्योंकि वही अपने बॉयफ्रेंड के साथ यहां आने का प्लान बना रही थी
उसने एक झटके में फोन उठाया और तुरंत सिमरन को मिला दिया
सिमरन –“ हाय जान”
आराधना –“ तू घर आई थी”
सिमरन –“हां स्वीटी आई थी ,अभी थोड़ी देर पहले ही हम निकले हैं वहां से”
आराधना –“मेरे बेडरुम में भी आई थी?”
सिमरन –“तेरे ही बेडरूम में थी मैं ,क्यों क्या हुआ?”
आराधना –“यू बिच, तेरी हिम्मत कैसे हुई हमारे घर में ये सब करने की”
सिमरन –“कंट्रोल योर टंग आराधना ,मैं हमेशा हलके में लेती हूं लेकिन आज तो तू कुछ ज्यादा ही बोल रही है”
आराधना –“लेकिन तुझे मेरा ही घर मिला था अपना मुंह काला करने को और ये अपनी गंदगी तुम मेरे बाथरुम में फेंक कर चली गई, किसने दिया तुम्हें ये अधिकार?”
सिमरन – “आरू मेरी दोस्त सुन, मैंने कोई मुंह काला नहीं किया है, मैंने बस वही किया है जो जवानी में करना चाहिए, सभी लड़कियां करती हैं तो मैंने भी किया तो इसमें इतना ओवर रिएक्ट करने वाली कौन सी बात है, यह मेरी जिंदगी है और मेरा जो दिल आएगा मैं वही करूंगी, हाँ तेरे घर पर जो कुछ कंडोम रह गई वह मेरी गलती है और वह मैं मानती हूं ,अगर तू कहेगी तो मैं खुद आकर उन्हें फेंक दूंगी”
आराधना – “अगर तुझे इतनी ही आग लगी है तो अपने घर वालों से बोलती क्यों नहीं कि तेरी शादी कर दे”
सिमरन – “लिसन डियर, मैं फिजिकल रिलेशन के लिए तैयार हूं ना की शादी के लिए, शादी एक फाइनल स्टेप है और सेक्स के लिए मैं शादी तक का इंतजार नहीं कर सकती तो इसमें गलत क्या है और मैं तुझ से पूछती हूं कि आज कोई तेरे शरीर को आकर प्यार करे तो क्या तेरी चुत ये बोलेगी कि नहीं तू तो शादीशुदा है ही नहीं, फिजिकल नीड और मोरल इन्वायरमेंट में फर्क होता है, तू इतना फ्रस्टेट क्यों रहती है क्योंकि यू आल्सो नीड सेक्स ,लेकिन यह एसी अनजान सिचुएशन है जिसे तू कभी नहीं समझ सकती”
आराधना – “ चल मान भी लिया कि मेरा दिल करता है लेकिन मैं फिर भी शादी तक इंतजार कर सकती हूं, तेरी तरह नहीं की अभी अपनी इज्जत लुटाती फिरु और सेकंड हैंड बनकर हस्बैंड के पास जाऊं”
सिमरन – “तू कर ले इंतजार और जीतले नोबेल प्राइज, मुझे तो अपनी ऐसी ही जिंदगी पसंद है, आज ही सेक्स की फुल डोज दी है मेरे बॉयफ्रेंड ने मुझे, सो प्लीज़ मूड ऑफ मत कर, सच बोल रही हूं कि तेरा पति भी तेरी लेते हुए डरेगा, तू मदर टेरेसा टाइप है लेकिन पतियों को कुछ और ही स्टाइल की वाइफ पसंद होती है”
आराधना – “तू कोई मेरी गॉड फादर नहीं है जो मेरा टाइप बताइगी “
सिमरन – “मुझे भी कोई शौक नहीं है लेकिन तू मेरी फ्रेंड है तो तुझे सलाह दे रही हूं ,तुझे लगता है कि सब बुरे हैं और तू अच्छी है ,यार मेरी बात मान लड़की है तो लड़की की तरह रह ,नहीं तो लोग तेरी पहचान भूल जाएंगे, मैं तुझे याद कराना नहीं चाहती लेकिन तेरे डैडी को भी यह एहसास मैंने ही दिलाया कि तू एक लड़की है नहीं तो उन्हें भी यह एहसास नहीं था” सिमरन थोड़ा सा उत्तेजित होकर एक साँस में सब बोल जाती है
आराधना – “क्या कहा तूने डैडी के बारे में?”
सिमरन –“मैंने वही कहा जो तूने सुना, मैं तेरे घर आई और तेरे घर को गंदा किया इसके लिए मुझे माफ कर दे लेकिन आज जो मैंने तेरे से बोला है उन सब बातों पर ध्यान दें “और यह बात बोलते ही वो फोन कट कर देती है
आराधना हेलो हेलो करती रह जाती है लेकिन कोई जवाब नहीं मिलता ,सिमरन की इस 5 मिनट की टॉक ने आज आराधना को एक आइना दिखा दिया था और आराधना सोचने पर मजबूर हो गई थी
बार-बार वो उन कंडोम को देख रही थी ,वो भी एक लड़की थी तो कल्पना करना शुरु कर दिया था कि कैसे उसके बॉयफ्रेंड ने उसे प्यार किया होगा ,उसे गुस्सा भी आ रहा था कि उसने ऐसी बात क्यों बोली कि मेरे डैडी को भी मेरे लड़की होने पर शक है,
“लगता है अब दिखाना ही पड़ेगा कि मैं भी एक लड़की ही हूं “आराधना ने अपने आप से फैसला किया, वो तैयार थी कुछ भी करने के लिए
शॉपिंग से आने के बाद आराधना थक चुकी थी लेकिन उसने सिमरन को फोन करने के बाद जो अपने दिमाग के तारों को छोड़ दिया उससे वो बेचैन हो गई, उसको समझ नहीं आ रहा था कि आखिर क्या हो रहा है, उसको यह लगने लगा था कि कहीं उसकी लाइफ स्टाइल गलत तो नहीं ,कही सिमरन जैसी ही लड़कियां सही तो नही जो सेक्स करती करती हैं
वो अपने आप से बात कर रही थी,
“उसने डैडी के बारे में ऐसी बात क्यों कही ,डैडी ने मुझे वो साड़ी और ब्लाउज क्यों गिफ्ट किया ?, कहीं ऐसा तो नहीं कि खुद मेरे डैडी ही मुझे नहीं सिमरन को पसंद करते हैं ,कहीं वाकई में मेरा एटीट्यूड गलत तो नहीं ,कहीं मेरा टाइप वाकई में मदर टेरेसा तो नहीं “ यह वो सारे सवाल थे जो उसके दिमाग में घूम रहे थे, उसका सिर दर्द बढ़ता ही जा रहा था ,वो उठी और पानी की बोतल उठा कर पानी पीने लगी
इतने में उसने देखा कि सामने से प्रीती जा रही थी, शायद वो वॉशरूम जा रही थी ,आराधना ने फैसला किया कि क्यों ना थोड़ी देर प्रीति से ही बात कर ली जाए शायद उसका सर दर्द थोड़ा कम हो
आराधना –“ प्रीति ?” आराधना प्रीति को आवाज देती है
प्रीति –“हां दीदी “ प्रीति ने बाहर खड़े रहकर ही पूछ लिया
आराधना –“कहां जा रही है, आ थोड़ी देर बैठते हैं “
प्रीति ने आराधना को एक कार्नर फिंगर दिखाते हुए इशारा किया की सूसू लगी है
प्रीति -“ बस दीदी 1 मिनट में आती हूं, मैं नहीं चाहती कि आपका रूम गंदा कर दूँ” प्रीति ने तेज तेज वॉशरूम की तरफ चलते हुए कहा
थोड़ी देर बाद प्रीति अपनी दीदी के रूम में आ जाती है
प्रीति -“ दीदी अब बताओ क्या बात है”
आराधना -“ कुछ नहीं ऐसे ही सोचा कि अपनी बहन से थोड़ी देर बात कर लूँ , आज थोड़ा अच्छा फील नहीं हो रहा “
प्रीति -“ क्या बात है भाई, आज रात में सूरज कहां से निकल रहा है” प्रीति ने थोड़ा मजाकिया अंदाज में कहा
आराधना -“ क्या यार तुम सब लोग मुझे हिटलर क्यों समझते हो, मेरे दिल में भी तुम सबके लिए प्यार है, लेकिन पता नहीं तुम सब क्यों नहीं समझते” आराधना ने थोड़ा सीरियस होते हुए कहा
प्रीति -“ दीदी ये टाइम हमें प्यार करने का नहीं बल्कि अपना प्यार ढूंढने का है” प्रीति ने एक आंख मारते हुए उसे कहा
आराधना -“ तू बहुत बड़ी हो गई है कहीं ऐसा तो नहीं है कि तूने ही अपना प्यार ढूंढ लिया हो”
प्रीति -“ हाय मेरी ऐसी किस्मत कहां, काश ऐसा हो गया होता “ प्रीति ने मजाक में अपना सर पर हाथ मारते हुए कहा
आराधना -“ हा हा हा फनी गर्ल है तू काफी, अच्छा सीरियस होकर बता कि मेरे अंदर क्या-क्या कमियां हैं” आराधना ने सीरियस होते हुए कहा
प्रीति -“ अंदर? कमियां? मुझे तो सब फिट हिट दिखाई देता है” प्रीति ने फिर से मजाक में आराधना के बूब्स की तरफ देखते हुए कहा
आराधना -“ मारूंगी एक, सीरियस होकर बता, क्योंकि आज मेरा दिल दुखी है ,तू ही तो है जो मेरे करीब है, सो प्लीज मेरी हेल्प कर “
प्रीति -“ क्या दीदी आज तो शॉपिंग करके आई हो मस्त वाली, इतनी सीरियस क्यों हो रही हो, सब ठीक तो है ना”
आराधना -“ सब ठीक है, बस ऐसे ही आज मुझे किसी ने एहसास दिलाया कि शायद मैं एक अच्छी पत्नी ना बन पाउं और यहां तक बोला कि मेरा टाइप मदर टेरेसा टाइप है और शायद यही कारण है कि मैं एक अच्छी पत्नी का किरदार निभा सकती “ आराधना ने फिर से सीरियस होते हुए कहा
प्रीति -“ दीदी अब मैं क्या बोलूं, आपसे छोटी हूं लेकिन......”
आराधना -“ लेकिन... क्या ......बोलना “
प्रीती -“ दीदी हां बात सच है कि आपका टाइप आजकल की लड़कियों से मैच नहीं करता और आजकल के लड़के भी बहुत एडवांस हैं ,उन्हें ऐसी ही वाइफ पसंद आती है जैसी कि आप हो लेकिन सिर्फ बाहर की दुनिया को दिखाने के लिए, लेकिन दीदी आजकल के लड़कों को ऐसी पत्नी भी चाहिए जो बेड में शर्माए ना, माइंड मत करना लेकिन शायद आपका स्टाइल एक मॉडर्न वाइफ वाला नहीं है और शायद लड़के तुम्हें एक गर्ल फ्रेंड के तौर पर भी एक्सेप्ट ना करें”
आराधना -“ तो क्या मैं अपने आप को सिर्फ इसीलिए बदल दूं कि कोई मेरा बॉयफ्रेंड बने, तुझे भी पता है कि ये सब मुझे पसंद नहीं ,हां लेकिन पति को खुश रखना हर पत्नी का फर्ज़ है ,वैसे तेरी नॉलेज कमाल की है, कहीं तेरा ही तो कोई बॉय फ्रेंड नहीं बन गया “
प्रीति -“ दीदी अभी तो मैं बस 19 साल की हूं, अभी तो मेरी चीजों में आकार लेना शुरु किया है” प्रीति का इशारा अपने बूब्स की तरफ था
आराधना -“ हा हा हा हा वाकई में बहुत फनी है तू, लेकिन और कितना आकार बदलेगी तेरी चीजें, वैसे ही इतना.........”
प्रीति –“ दीदी आपको पता है, आप हमें हिचकिचाहट बहुत ज्यादा है, आप बिल्कुल मस्त रहा करो, एक बिंदास लड़की बनो, बॉयफ्रेंड और पति ही सब कुछ नहीं है, ये तुम्हारी लाइफ है इसे जीना सीखो, वैसे इतना क्या .........आप बीच में क्यों रुक गई”
आराधना –“ अरे नहीं, वो तू कह रही है ना कि अभी तो तेरी चीजों ने आकार लेना शुरु किया है, मुझे लगता है कि आकार काफी सही हो गया है तेरा 19 साल की उम्र में ही” आराधना का इशारा प्रीति के बूब्स की तरफ था
प्रीति –“ हाय मैं मर जावा, आज मेरी दीदी मेरे बूब्स की तारीफ कर रही है “ प्रीति ने खिलखिलाते हुए कहा
आराधना –“ छी ,फिर से ऐसी बातें शुरु कर दी तूने”
प्रीति –“ आपके चेहरे का रंग बता रहा है कि ऐसी बातें तो आपको भी अच्छी लगती हैं, लेकिन आप शर्माती बहुत हैं, खैर ये मेरा फर्ज नहीं है कि मैं आपकी बॉडी को देखूं या तारीफ करूं, ये तो आपके बॉयफ्रेंड या आपके पति का ही हक़ होगा “
आराधना –“ चुप कर पागल कहीं की, मुझे तो लगता है कि तेरा ही कोई बॉयफ्रेंड बन गया है, कहीं ऐसा तो नहीं है कि तू कुछ कर भी चुकी है, क्योंकि तेरी बॉडी भी ठीक सिमरन जैसी है” आराधना ने थोड़ा मजाकिया अंदाज ने कहा
प्रीति –“ हाय दीदी अगर बॉडी से ही पता चलता तो सबसे बड़ी हिट तो आप हैं, कहां सिमरन ओर कहां मैं, कहीं ऐसा तो नहीं कि आप ही कुछ कर चुकी हैं” प्रीति ने भी मजाक में तीर छोड़ दिया
आराधना –“ चुप कर ऐसा क्या है मेरी बॉडी में?”
प्रीति –“ अरे दीदी अच्छे अच्छे जवानों के छक्के छुड़ाने की हिम्मत रखती हैं, आप बस ड्रेसिंग सेंस बदलिए, मधुबाला से मल्लिका शेरावत पर आइए और फिर देखिए”
आराधना –“ कोशिश करुंगी अगर तू कहती है तो”
प्रीति –“ ओए मेरी ग्रेट दीदी” प्रीति भास्कर आराधना से लिपट जाती है, वो आज बहुत खुश थी क्योंकि आराधना ने पहली बार उसे इतना स्पेस दिया था बात करने का
“अच्छा दीदी अब रात काफी हो चुकी है मैं चलती हूं” प्रीति ने आराधना से कहा
“ओके चल प्रीति अब तू सो जा” प्रीति अपने रूम में चली जाती है, आराधना उन सारे कपड़ों को बाहर निकलती है जिन्हें वो लेकर आई थी
सबसे पहले वो अपने हाथ में उस आइटम को लेती है जो पंकज ने स्मृति को ऑफर किया था ब्लैक नाइटी, ये नाइटी आराधना ने मार्केट से सबकी नजरें बचाकर ले ली थी, वैसे तो आराधना ने किसी को पता ही नहीं चलने दिया था कि उसने क्या क्या लिया है, आराधना उस ब्लैक नाइटी को अपने दोनों हाथों में पकड़ कर देखती है, इतनी छोटी सेक्सी और पारदर्शी नाइटी को देखकर आराधना शर्म से लाल हो जाती है,
स्मृति आज थक गई थी तो जल्दी सो गई, पंकज बाहर हॉल में टहल रहा था, रात काफी हो चुकी थी लेकिन उसके चेहरे पर नींद के नामो निशान नहीं थे, वो तो स्मोकिंग करता हुआ हॉल में इधर से उधर घूम रहा था, थोड़ी देर पहले ही वो किचन में जाता है और शायद इस उम्मीद में कि उसे नींद आ जाएगी वो एक बीयर निकालता है और फिर से हॉल में आकर बैठ जाता है
टेबल पर रखी मेग्जीन को उठाकर पड़ने लगता है, लेकिन उसका दिमाग कहीं और ही था, उसकी बॉडी लैंग्वेज से ही पता चल रहा था कि उसका मन नहीं लग रहा है,
उसने फैसला किया कि “चलो क्यों ना ऊपर घूम कर आया था, लेकिन 12 से ज्यादा बज गए हैं और बच्चे सो गए होंगे “उसके दिमाग में ख्याल आता है
“लेकिन ऊपर जाने में क्या परेशानी है घूमने आऊंगा और एक्सरसाइज भी हो जाएगी “वो फिर से ये सोचकर ऊपर की ओर चल देता है
हाथ में बियर को लिए हुए धीरे-धीरे हो ऊपर की तरफ बढ़ने लगता है ,उसको यही Idea था कि सभी सो चुके हैं लेकिन फिर भी वो उपर जा रहा था, जैसे जैसे सीढियों से ऊपर आता है तो देखता है कि कुशल और प्रीति के रूम और लाइट दोनों बंद हैं लेकिन आराधना का गेट अभी भी खुला हुआ है और लाइट भी जली हुई है
वो धीरे-धीरे आगे बढ़ता है, गेट के करीब पहुंचने वाला ही होता कि वो बोलना शुरू कर देता है “आराधना बेटा.... आराधना बेटा.....” ये बोलते बोलते वो गेट के बिल्कुल करीब पहुंच गया और तीसरी बार बोलने ही वाला था “आराधना बे........” और उसकी सांसें वही की वही रुक जाती है
पता नहीं क्यों उसके हाथ से बीयर की बोतल छूट जाती हैं और नीचे गिर कर टूट जाती है, अंदर का नजारा ही कुछ ऐसा था
दरअसल आराधना को भी आईडिया नहीं था कि कोई आ सकता है और वो अपनी नाइटी को टाई करने के लिए पहन चुकी थी, आराधना का गोरा सुडोल और मांसल बदन अभी उस सेक्सी नाइटी में पूरा विजिबल था, नाइटी की लंबाई बस आराधना की चुत से थोड़ा सा ही नीचे तक थी, नीचे उसकी गोरी गोरी चिकनी टांगे बिल्कुल विजिबल थी, नाइटी का साइज थोड़ा फिट था इसलिए बूब्स की जगह तो ऐसे लग रहा था जैसे जबरदस्ती बंद किया गया हो उन्हें, नाइटी में ब्रा ऑलरेडी थी और पेंटी एडिशनल थी जो की आराधना ने पहनी हुई थी,
ब्रा के ऊपर से आराधना के बूब्स का ऐसा क्लीवेज दिख रहा था कि बस पूछो ही मत, ब्रा के एरिया से नीचे नाइटी ट्रांसपेरेंट थी तो आराधना का पेट साफ साफ नजर आ रहा था और साथ में उसकी नाभि भी, आराधना के बाल खुले हुए थे और फेश वॉश था, वो सुंदर और सेक्सी दोनों का ही परफेक्ट मिक्सचर लग रही थी
दोनों की नजरें मिलती हैं, आराधना साइड पोज में खड़ी थी मिरर के सामने, जैसे ही उसे अपने डैडी की आवाज आती है तो वो अपना चेहरा डोर की तरफ कर देती है और डैडी को देखती है
पंकज उसे देखकर घबरा जाता है, उसे समझ नहीं आता कि क्या करें, लेकिन नजरें नहीं हटा पाता और आराधना भी अपनी जगह से नहीं हिल रही थी
खैर इस चुप्पी को पंकज तोड़ता है और कहता है “सो..... सॉरी ....बेटा, मैं बाद में आता हूं”
पर आराधना आज पता नहीं किस मुड में थी, आराधना आगे गेट की ओर चलती है और डोर पर जाकर खड़ी हो जाती है
पंकज न चाहते हुए भी उस सेक्सी ब्यूटी को देखे बिना नहीं रह पाता
आराधना –“ क्यों कहां जा रहे हैं?” आराधना ने थोड़े एटीट्यूड में कहा
पंकज –“ नहीं... वो ...वो....... शायद तुम सोने की तैयारी कर रही थी, तो सो जाओ “ पंकज बात टालने की कोशिश करता है
आराधना –“ नहीं मुझे नींद नहीं आ रही, और साफ साफ बोलिए ना कि आप मुझे इन कपड़ो में देख कर डर गए है”
पंकज –“ नहीं वो बेटा ऐसी बात नहीं है, ये तो शायद वही नाइटी है जो मैंतुम्हारी मां को दिलवा रहा था” पंकज ने नाइटी की तरफ देखते हुए कहा
आराधना –“कपड़े पहनने के लिए होते हैं ,यह लड़कियों के कपड़े हैं ,सो मैंने पहने, क्यों बुरा किया मैंने?”
पंकज –“ नहीं बेटा.... आप तो बहुत सुंदर लग रही हो”
आराधना –“थैंक्यू डैड, अंदर आइए ना” आराधना गेट पर खड़े रहते हुए अंदर जाने का रास्ता छोड़ती है
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