RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
इस सिसकारी ने कुशल को सारे जवाब दे दिए कि प्रीति कि क्या हालत है. उसका पेट ऐसे काँप रहा है जैसे उसको एलेक्ट्रिक करेंट लगा हो, नाभि ऐसे हिल रही है जैसे पेट मे मछ्ली कूद रही हो.
कुशल अपने होंठ प्रीति की गर्दन पर फिराना शुरू करता है.
प्रीति - " आअहह....... कुशल.... क्याअ कर रहा है." प्रीति की आँखे बंद हो चुकी है और जैसे जैसे कुशल अपने होंठ उसकी गर्दन के आस पास घुमा रहा है, वैसे वैसे उसकी गर्दन भी घूम रही है. कुशल पीछे से प्रीति से बुरी तरह से चिपक चुका है, उसका विशाल लंड प्रीति की जीन्स को फाड़ कर अंदर घुस जाने के लिए तैयार हो रहा था. कुशल का एक हाथ अभी भी प्रीति के पेट पर ही घूम रहा है. कितना सॉफ्ट था उसका बदन, ये बस कुशल ही समझ पा रहा था. कुशल का हाथ उपर की तरफ बढ़ रहा था, बूब्स के, उसके अनटच बूब्स की तरफ. तभी एक झटके के साथ प्रीति उसके हाथ पर अपना हाथ मारती है और उसे उपर बढ़ने ने रोकने लगती है. प्रीति की साँसे बेकाबू हो रही थी, ये एक ऐसी फीलिंग थी जिस से वो अंजान थी. एक कुँवारी लड़की का बदन एक मोम की तरह होता है, थोड़ा गर्मी के करीब आते ही पिघलने लगता है और आज तो वो आग मे ही बैठी थी.
कुशल -" मेरा हाथ क्यू रोका प्रीति?". कुशल अभी भी उसकी गर्दन पे ही किस कर रहा था, और कभी उसके शोल्डर्स पे भी किस कर रहा था
प्रीति( तेज सांसो के साथ)-" जीसस्स....जिस जगह तू बढ़ रहा है वो तेरे लिए नही है...... आआहहुउऊउउ.....". प्रीति का इशारा अपने बूब्स की तरफ था, उसका चेहरा लाल पड़ चुका था.
कुशल ( अभी भी उसके शोल्डर और गर्दन पे किस करते हुए)-" तो क्या मुझे नीचे की तरफ बढ़ना चाहिए, तेरी चूत.....". प्रीति उसे बीच मे ही रोकते हुए बोलती है.
प्रीति -"ओह्ह्ह्ह, ये कैसी बात कर... रहा है. यू अरे ए डर्टी बोययय्यी...". प्रीति अब भी सिसक रही थी. कुशल का हाथ अब नीचे की तरफ बढ़ने लगा था. प्रीति के बूब्स उपर नीचे ऐसे हो रहे थे जैसे कोई बार बार बेलून मे हवा भर रहा हो और निकाल रहा हो. कुशल का हाथ अब उसकी नाभि से होता हुआ फिर से उसकी जीन्स तक पहुँचता है. जीन्स काफ़ी टाइट थी, जिसमे हाथ नही जा पा रहा था, कुशल पूरी कोशिश कर रहा था कि हाथ अंदर चला जाए लेकिन नही जा रहा था. तभी, वो हुआ जो कुशल ने सोचा भी नही था. प्रीति अपनी साँस अंदर खींचती है जिस से उसका पेट अंदर की तरफ हो जाता है, जीन्स थोड़ा लूज होती है और कुशल का हाथ सीधा अंदर उसकी पैंटी तक.
" कुशालल्ल्ल्ल..... प्लीज़..... प्लीज़ रुक जा". प्रीति आँख बंद किए उससे रिक्वेस्ट करते हुए बोलती है. कुशल अपना हाथ बढ़ाता जा रहा था, अब उसका हाथ सीधा उसकी पैंटी मे और सीधा उसकी वर्जिन, कुँवारी छोटी सी चूत पे पहुँच जाता है. कुशल इस बात को देख कर हैरान नही था कि उसकी पुसी पूरी तरह से गीली हो चुकी थी. वो इस गीलेपन मे ही अपनी एक उंगली अंदर घुसा देता है.
"आआअहह......" प्रीति के मूँह से एक और सिसकारी निकलती है.
" मुझे....मुझे पैन्न्न्न्न हो रहा है, फिंगर बाहर निकाल". प्रीति ने कहा
" मेरी जान एक फिंगर से ये हाल है, तो जब मेरा विशाल लंड....." कुशल बोलता है लेकिन प्रीति उसे चुप करा देती है.
" ओह, कुशल ऐसा नही होगा, तू इतना डर्टी कैसे हो गयाआआ". प्रीति आँखे अभी बंद थी लेकिन अब कुशल ने अपनी एक फिंगर को धीरे धीरे उसकी पुसी मे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया था. प्रीति की हालत और भी खराब होते जा रही थी, अब प्रीति अपने सीधे हाथ को हरकत मे लाते हुए पीछे ले जाने लगती है वो भी स्लो मोशन मे. धीरे धीरे उसका हाथ फिर से कुशल के लंड पर पहुँचता है. प्रीति अपने हाथ से उसे आगे से टच करती है, प्रीति का फेस सामने की तरफ है जिस वजह से वो देख नही सकती थी उसके लंड को इसीलिए उसने पहले पीछे हाथ ले जाकर उसके लंड को आगे से छुआ. उस पर प्रीति के गोरे और सॉफ्ट हाथ लगते ही उसका लंड बेहद गुस्से मे आ गया और जैसे ही उसमे जोश आया उसे फील करके प्रीति फिर से घबरा गयी.
" इसे किययाया हो रहा है". प्रीति का इशारा कुशल के लंड की तरफ था
" तुझ जैसी सेक्सी लड़की का आज भोग लगाने की तैयारी कर रहा है ये शेर". कुशल ने ये बात कहते हुए कुच्छ ज़्यादा ही अंदर तक अपनी फिंगर घुसा दी प्रीति की पुसी मे.
" कुशल व्हाट आर यू डूयिंग, आइ आम युवर सिस्टर यार". प्रीति ने थोड़ा गुस्सा होते हुए कहा लेकिन कुशल बहुत हॅपी था क्यूंकी प्रीति ने उसे ग्रीन सिग्नल दिया कि फिंगर चलाता रह लेकिन आराम से
प्रीति फिर से उसके शेर को चेक करने लगती है, अपनी मुट्ठी मे उसे भरना चाहा लेकिन नाकाम. उसकी लंबाई चेक करने के लिए हाथ और पीछे ले जाती लेकिन हाथ और पीछे और पीछे जाता गया और फाइनली प्रीति की फिंगर्स कुशल के पेट को टच करती है जहाँ पे उसके लंड का एंड था.
" ओह्ह्ह, कुशल क्या ख़ाता है तुउुउउ..., ऐसा साइज़......... तेरी वाइफ तो गयी काम से ". प्रीति ने कुशल से कहा
" डार्लिंग, आज कुँवारी हो तो बड़ा लग रहा है. एक महीने बाद देखना, ऐसे खा जाया करोगी और पता भी नही चलेगा". कुशल ने रिप्लाइ किया
" यू आर आ वेरी डर्टी बॉय कुशल, मुझे कुच्छ खाने का शोक नहियीईई है......". प्रीति ने थोड़ा सा स्माइल करते हुए कहा.
अब कुशल अपना हाथ प्रीति की चूत से हटा लेता है और उसे बाहर निकालने की कोशिश करने लगता है. प्रीति इस सिचुयेशन को देख कर अपनी आँखे खोलती है और पीछे मूँह करके आँखो ही आँखो मे इशारे से पूछती कि क्या हुआ. कुशल बिना कुछ जवाब दिए अपने दोनो हाथ आज़ाद करता है, और प्रीति के दोनो शोल्डर्स पकड़ कर अपनी ओर घुमाता है. अब वो दोनो आमने सामने है, सामने आते ही प्रीति अपनी आँखे खोलती है और तभी " आाआईयईईईईईईई" जैसे ही प्रीति की निगाह कुशल के लंड पे पड़ती है और मूँह से चीख निकल जाती है. तुरंत कुशल अपना एक हाथ प्रीति के मूँह पे रखता है और कहता है कि क्या हुआ.
" ये, ये कितना खौफनाक है". प्रीति ने अपनी निगाहे दूसरी तरफ करते हुए कहा
" माइ डियर सिस्टर इसीलिए इसे लंड कहते है, ये डिफरेंट साइज़स मे अवेलबल होता है. यू आर सो लकी कि तुम्हे फुल ऑप्षन मिला है". कुशल ने प्रीति का चेहरा फिर से अपनी तरफ करते हुए कहा.
" छ्हि, कैसी गंदी गंदी बाते करते हो तुम कुशल. कहाँ सीखी तुमने ये बाते, और भला मे इसे क्यू आक्सेप्ट करू". प्रीति मे फिर से बनावटी गुस्से मे कहा
" लड़को वाला लंड और लड़को वाली बाते एक लड़के के पास ही होगी ना, और तू इसे इसीलिए आक्सेप्ट करेगी क्यूंकी तेरी सेक्सी बॉडी इसे डिज़र्व करती है. सच बोल रहा हू कि लकी है तू, नही तो एक से एक सेक्सी लड़की आज भी 5 या 6 इंच से गुज़ारा चला रही है". कुशल ने फिर से उसे रिप्लाइ किया. अब प्रीति का चेहरा कुशल के दोनो हाथो मे है, कुशल की निगाहे उसके गुलाबी होंठो पर है. दोनो की नज़रे मिलती है और जैसे इशारो मे कुशल पूछता है कि तेरे होंठो का रस पीना चाहता हू. जवाब देने की बजाय प्रीति अपनी दोनो आँखे बंद कर लेती है और बिना कुच्छ कहे ही कुशल को रिप्लाइ मिल जाता है. कुशल अपने चेहरे को आगे बढ़ाता है और अपने दोनो लिप्स प्रीति के लिप्स पर रख देता है. दोनो के लिप्स आपस मे मिलते ही जैसे बिजली कडकने लगी हो, मिनिट के पता नही कौन से हिस्से मे प्रीति की सारी लिपस्टिक कुशल हटा चुका था. प्रीति ने भी अपने होठ हिलाने शुरू शुरू कर दिए थे, वो भी कुशल का साथ दे रही थी. इसी दौरान कुशल अपने दोनो हाथ नीचे ले जाकर उसकी टी-शर्ट को नीचे से पकड़ता है और उसे उपर उठाने लगता है लेकिन अपने दोनो हाथो से प्रीति उसे रोकती है. कुशल काफ़ी कोशिश करता है लेकिन प्रीति नही मानती. तभी प्रीति लिप्स को अलग करती है, और कुशल से कहती है.
प्रीति -" कुशल, इस से आगे मे नही जा सकती. वैसे भी हम दोनो आज बहुत आगे बढ़ चुके है." प्रीति कुशल से थोड़ा दूर होते हुए बोलती है.
कुशल प्रीति की ओर बढ़ता है और फिर से उसके चेहरे को पकड़ कर अपने होंठ उसके होंठ से लगा देता है. इस बात प्रीति ने थोड़ी कोशिश की अलग होने की लेकिन नाकाम रही. कुशल अपना एक हाथ प्रीति के राइट बूब पर टी-शर्ट के उपर से ही रख देता है. "ओह, लिट्ल सिस यू गॉट वेरी सेक्सी बूब्स". कुशल अपने मन मे सोचता है. प्रीति उसका हाथ हटाना चाहती थी लेकिन कुशल नही माना और धीरे धीरे उसके बूब्स को प्रेस करता रहा. थोड़ी देर बाद प्रीति का विरोध भी कम हो गया. अभी तक वो दोनो एक दूसरे के होठों का रस चूसने मे बिज़ी थे. इसके बाद कुशल अपना हाथ उपर की बजाय टी-शर्ट के अंदर घुसा देता है. प्रीति के होंठ कुशल के होंठो से जुड़े हुए है तो वो खुल कर विरोध भी नही कर पाई. टी-शर्ट के अंदर हाथ ले जाकर कुशल उसकी टाइट ब्रा के अंदर अपना हाथ घुसा देता है और अपना पंजा ठीक उसके राइट सेक्सी बूब्स पर टिका देता है.
ये पहला चान्स था जब प्रीति के बूब्स को किसी बॉय ने टच किया था. वो पागल हो चुकी थी, उसकी साँसे और तेज हो गयी थी. कुशल के लिप्स को अब वो बहुत जान लगा कर चूस रही थी. कुशल ने फिर से एक बार ट्राइ किया कि वो उसकी ट- शर्ट उतार सके, वो अपने दोनो हाथो से उसकी टी-शर्ट पकड़ता है और उपर की ओर उठा देता है.
इस बात कुशल का प्लान कामयाब हुआ. प्रीति आँख बंद किए हुए लीप लॉक को हटाती है और अपने दोनो हाथ उपर कर देती है जिस से कुशल टी-शर्ट को उतार सके. और एक झटके मे प्रीति बस ब्लॅक ब्रा मे रह जाती है. टी- शर्ट हटते ही प्रीति भाग कर कुशल के सीने से चिपक जाती है अपने आप को छुपाने के लिए.
उसके पेट मे अब कुशल का लंड चुभ रहा था लेकिन वो विरोध नही कर रही थी. अब प्रीति कुशल के सीने मे समाई हुई थी, कुशल ने इस मौके का फ़ायदा उठा कर, एक झटके के साथ प्रीति की ब्रा का हुक भी खोल दिया. और उसे उतारने की कोशिश करने लगा. प्रीति एक बार को सीने से अलग होती है और दोनो हाथ सामने की तरफ कर देती है.
क्या नज़ारा था. आज तक कुशल ने बस सोचा था कि प्रीति के बूब्स कैसे है लेकिन आज वो उसके सामने थे, एक दम वाइट आंड एक दम सुडोल. इससे बेस्ट बूब्स शायद ही किसी फिल्मी हेरोयिन के हो. कुशल इस मौके को नही खोना चाहता था और एक झटके मे उसने अपना मूँह प्रीति के बूब्स पर रख दिया.
" आअहह, लव...... मी........ कुशल, लव मी मोर......." उसकी जीभ का अहसास अपने बूब्स पे पड़ते ही जैसे प्रीति पिघल गयी. उसकी आँखे बंद हो गयी और वो अपने दोनो हाथ कुशल के सर मे फिरा रही थी. एक बूब को कुशल चूस रहा था आंड दूसरे हाथ से प्रीति की जीन्स का बटन खोल रहा था.
" आइ लव........ यू कुशल.................... आअहह, ओह". प्रीति की हालत बेहद खराब कर दी थी कुशल ने. वो अब तक उसकी जीन्स का बटन खोल चुका था आंड उसकी ज़िप भी. वो अपने एक हाथ से कोशिश करने लगा कि उसकी जीन उतार पाए लेकिन वो उसके चुतडो पर बहुत टाइट फँसी हुई थी. प्रीति इसी सिचुयेशन मे दोनो हाथ कुशल के सर से हटाती है और अपनी जीन्स पर ले जाकर उसे नीचे करने लगती है. कुशल इसी सिचुयेशन मे उसे पीछे सरकाता हुआ बेड पे ले जाकर गिरा देता है और खुद सीधा खड़ा होकर अपनी टी-शर्ट उतरता है आंड उसके बाद इन्नर वेर भी. अब कुशल बिल्कुल नंगा है लेकिन बेड पे पड़ी हुई प्रीति की आँखे बंद है और वो उसे देख नही सकती.
प्रीति अपने पाँव के सहारे से अपनी जीन्स को अलग कर देती है. प्रीति के शरीर पर अब बस एक ब्लॅक ट्रॅन्स्परेंट पैंटी है. कुशल आगे बढ़कर दोनो हाथो से उसकी पैंटी को पकड़ता है और एक झटके के साथ उसे उसकी बॉडी से अलग कर देता है. प्रीति शरम मे मारे अपनी दोनो टांगे जोड़ लेती है.
कुशल घुटनो के बल फ्लोर पर बैठा है, प्रीति की दोनो टांगे पकड़ता है और धीरे से उन्हे फेला देता है.
कुशल की तो जैसे लॉटरी लग गयी हो. एक छोटी सी कुँवारी चूत उसके सामने थी, वो टाइम ना वेस्ट करते हुए अपना मूँह सीधा उसकी चूत पर लगा देता है. और अपनी जीभ को अंदर घुसाने की कोशिश करने लगता है.
प्रीति के लिए एक्सपीरियेन्स बिल्कुल नया था. वो आज सातवे आसमान पर थी, इतना शारीरिक सूख मिलने के बाद कोई लड़की अपने आप को नही रोक पाती. पूरा रूम प्रीति की सिसकारियो से गूँज रहा था, लेकिन कुशल भी पूरी मेहनत के साथ लगा हुआ था. उसकी चूत से जैसे पानी की नादिया बह रही हो ऐसा महॉल था.
" ऊऊहह, आअहह......, किस मी मोर........., आआहह. कुशल डू इट प्लीज़........., फक मी टुडे.........,, प्रीति पता नही क्या क्या बोले जा रही थी.
" आअहह, आअहह..... ओह, और अंदरररर.......... प्रीति का इशारा कुशल की जीभ की तरफ था जो प्रीति की छोटी सी चूत के अंदर घुसने की कोशिशी कर रही थी.
आआआआअहह ब्रो........ आइ..........म ......कुम्मींगगगग................और ठीक इसके दो मिनिट बाद प्रीति अपना पूरा पानी कुशल के मूँह मे छोड़ देती है. उसकी चूत का मूँह बार बार खुल रहा था और बंद हो रहा था. आज प्रीति बहुत मस्त हो गयी थी. कुशल अब भी उसकी चूत को चाटे जा रहा था. प्रीति अपने दोनो हाथो से इशारा करती है कि उसका काम हो गया है.
" कुशल...... मेरा हो गया है......, प्लीज़ अब रुक जा". प्रीति ने लेटे लेटे कहा. कुशल एक विजयी मुस्कान के साथ खड़ा हो जाता है. प्रीति बेड शीट से अपने को ढकने की कोशिश करती है.
कुशल -" मेरी जान, आज पता चला कि जवानी की आग कैसी होती है". कुशल प्रीति की तरफ देखते हुए बोला
प्रीति -" दिख रही है कि जवानी की आग कैसी होती है". प्रीति कुशल के विशाल लंड की ओर देखते हुए बोली.
कुशल -" तो अब इसे भी शांत कर दो ना".
प्रीति -" क्या करना होगा मुझे?"
कुशल -" सकिंग"
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