RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
[b][b][b][b][b][b][b][b][b]आराधना -" लेकिन पापा मे तो हमेशा पूरे कपड़े पहन के रहती हू फिर कैसे आपने मेरा..." आराधना ने नज़रे झुका कर शरमाते हुए पुछा. पंकज रूम के चारी तरफ नज़रे फेलाता है जैसे वो कुच्छ ढूंड रहा हो. तभी उसे एक छोटा खरबूजा दिखाई देता है वॉर्डरोब के साइड मे, स्मृति ने आराधना को खाने के लिए दिया था. पंकज उसे उठाता है और उसे बेड पर रखता है, और एक बारीक सी चादर उठा कर उसके उपर डाल देता है.
पंकज-" देखो इस खरबूजे को क्या ये ढक गया". आराधना इस बात का मतलब समझते ही शरम से लाल हो जाती है और धात कह कर बाथरूम मे भाग जाती है.
पंकज -" आराधना इतनी जल्दी क्या है, फ्रेश बाद मे हो जाना".
आराधना-" आज आप बहुत नॉटी मूड मे है, हम बाद मे बात करेंगे". आराधना ने बाथरूम के अंदर से ही कहा.
पंकज -" अरे, यू आर सो स्वीट गर्ल. लगता है मेरे खरबूजे वाले मज़ाक से तुम बुरा मान गयी हो".
आराधना -" बुरा नही बल्कि आपने मुझे अच्छे तरीके से सच्चाई बता दी है, मुझे ही ग़लत लगता था कि पूरे कपड़े पहन ने से ......" आराधना बीच मे ही चुप हो जाती है
पंकज -" पूरे कपड़े पहन से क्या"
आराधना -" कुच्छ नही, आप जाओ यहाँ से". आराधना ने शरमाते हुए कहा
पंकज -"डोंट अफ्रेड ऑफ मी माइ डियर. आइ आम युवर डॅड आंड युवर बेस्ट फ्रेंड. बताओ मुझे कि पूरे कपड़े पहन से क्या?"
आराधना -" आपको पता तो है कि मे क्या कहना चाह रही हू".
पंकज -" मुझे नही पता सच मे"
आराधना -" मुझे लगता था कि पूरे कपड़े पहनने से मेरी बॉडी का कोई आइडिया नही लगा सकता लेकिन मे ग़लत थी. आपको तो मेरे बारे मे सब कुच्छ और सही सही पता है".
पंकज -" हा हा हा हा. चलो देर आए दुरुस्त आए. अब तो तुम्हे यंग लड़कियो की तरह कपड़े पहनने चाहिए आँटी की तरह नही".
आराधना -" तो यानी जैसे कपड़े आपने लाकर दिए वैसे पहन ने चाहिए मुझे". आराधना ने मज़ा लेते हुए कहा
पंकज -" एग्ज़ॅक्ट्ली, इसमे बुराई क्या है. सिमरन को देखो वो भी तो यंग लड़की है".
आराधना -" ताकि अबकी बार कहीं बाहर बटन टूट जाए".
पंकज -" स्वीटी ग़लती मेरे गिफ्ट किए हुए ब्लाउस की नही बल्कि ...." पंकज बीच मे ही चुप हो जाता है
आराधना -" बल्कि क्या". वो बहुत धीमी आवाज़ मे बाथरूम के अंदर से ही पूछती है
पंकज -" ग़लती ब्लाउस की नही बल्कि तुम्हारे फुल जवान बूब्स की है, जो उसमे समा ही नही पाए पूरी कोशिश के बावजूद". ये बात बोलते ही दोनो तरफ पिन ड्रॉप साइलेन्स था. काफ़ी देर तक कोई नही बोला. आराधना का शरम के मारे बुरा हाल था, वो बोले तो क्या बोले. पंकज ही उस साइलेन्स को तोड़ता है.
पंकज -" अरे बेटा मे तो भूल ही गया, मुझे सिमरन का मोबाइल नंबर चाहिए था".
आराधना -" क्यूँ आपको उससे क्या काम है".
पंकज -" नही वो ऐसे ही, तुम्हारी फ्रेंड है ना कभी कोई ज़रूरत हो तो बात कर लूँगा". आराधना उसे नंबर बता देती है.
पंकज -" ओके, अब मे नीचे जा रहा हू"
आराधना -"ओक"
पंकज -" चला जाउ"
आराधना -" हाँ जाइए ना".
पंकज -" पक्का चला जाउ". तभी फिर से बाथरूम का गेट खुलता है और टवल लपेटे आराधना फिर से बाहर निकलती है. पंकज का हाथ पकड़ कर वो उसे अपने बेड रूम के बाहर ले जाती है, और उसे बाहर छोड़ते ही गेट बंद कर लेती है. गेट बंद करने के टाइम उसके चेहरे पर एक मुस्कान थी.
स्मृति बाजार से सामान लेकर घर लौट आती है और आते ही किचन मे पहुँच जाती है. उसने पिंक सूट आंड सलवार पहना हुआ था, बाहर की गर्मी से उसकी बॉडी पसीने मे भीग गयी थी जिससे उसकी पिंक ब्रा विज़िबल थी. घर मे एंट्री होते ही पंकज और उसकी निगाहे मिल जाती है लेकिन पंकज उसे इग्नोर कर देता है क्यूंकी उसका काम सिमरन कर चुकी थी, और वैसे भी उसका ध्यान आराधना के टवल खोलने वाले सीन पर था स्मृति के किचन मे चली जाती है.
थोड़ी देर बाद कुशल जाग जाता है और नीचे आकर सोफे पे अपने डॅड के साथ बैठ जाता है.
कुशल -" मोम चाइ मिलेगी". वो वहॉं से चिल्लाता हुआ बोलता है.
स्मृति -" नही मिलेगी". उसके इस जवाब से पंकज को हँसी आ जाती और इससे कुशल को गुस्सा आ जाता है और वो किचन की ओर चल देता है. किचन मे घुसते ही वो पॉट उठाता है और गॅस पे रख देता है.
कुशल -" मे खुद बना लूँगा चाइ". वो गुस्से मे अपनी मम्मी से बोलता है. और लाइटर ढूँडने लगता है, लाइटर मिलने पर वो गॅस को जलाने की कोशिश करता है लेकिन गॅस नही जलती. ये देख कर स्मृति को हँसी आ रही है. कुशल और ज़्यादा जी जान से लाइटर को क्लिक करने लगता है. अब कुशल का चेहरा स्मृति की ओर था और तभी गॅस जल जाती है. "आआओउुुुउउ" कुशल चिल्ला कर पड़ता है क्यूंकी उसकी एक फिंगर गॅस मे जल जाती है. ये देखार स्मृति भाग कर कुशल की तरफ जाती है और उसका हाथ पकड़ कर देखती है, वो खींच कर उसके हाथ वॉश बेसिन मे पानी नीचे ले आती है.
स्मृति एक मा है जिसे अपने बेटे के हाथ जलने पर दूख हो रहा है. वो वॉश बेसिन मे उसकी फिंगर्स पे पानी डालते डालते उसे डाँट लगाती है.
स्मृति -" कभी तेरे पापा ने भी चाइ बनाई है जो तू बना लेगा. इतने स्किल्ड होते तुम लोग तो बात ही क्या थी". और वॉश बेसिन से हाथ हटाने के बाद कुशल अपना हाथ खुद देखता है, उसकी फिंगर्स पे बर्निंग साइन्स थे.
कुशल -" ओह, फक्क". ऑटोमॅटिकली इसके मूँह से अपनी जले हुए निशान देख कर निकल जाता है. स्मृति ये बात सुन कर शॉक हो जाती है.
स्मृति -" क्या कहा तूने अभी?". स्मृति ने उसे गुस्से मे आँखे दिखाते हुए पुछा
कुशल -" ओह..ह लक्क, माइ बॅड लक आक्च्युयली". कुशल ने बात पलटने की कोशिश की.
स्मृति -" मुझे पागल समझता है तू, तो अब स्कूल मे ये गंदी चीज़े सीखने लगा है" स्मृति ने उसके कान पकड़ते हुए कहा
कुशल-" मोम वो खुद ब खुद निकल गया मूँह से. पता नही कैसे". कुशल ने भोला बनते हुए कहा
स्मृति -" ज़्यादा इंग्लीश सिख गया है तू लगता है". स्मृति अबकी बार थोड़ा लाइट हो गयी थी और थोड़ा सा मुस्कुराते हुए कहा
कुशल -" ठीक है मोम, मे हिन्दी ही सीख लेता हू". कुशल ने नॉटी स्टाइल मे कहा. स्मृति नॉर्मल हो चुकी थी लेकिन जब उसे समझ आया कि कुशल क्या कहना चाहता है तो वो फिर से कुशल के पीछे भागी और कुशल भाग कर अपने डॅडी के पास आ जाता है.
स्मृति -" आपको आइडिया भी है कि ये कितना बिगड़ गया है". स्मृति ने पंकज की तरफ देखते हुए कहा
पंकज -"कितना?"
स्मृति -" गंदी गंदी बाते निकालता है मूँह से"
पंकज -" क्या कह दिया मेरे भोले बेटे ने". पंकज कुशल के सर मे हाथ घुमाता हुआ बोलता है
स्मृति -" हा हा हा हा, भोला और ये. आपका बेटा है ना".
पंकज -" किसी और का भी हो तो लेकिन है तो भोला है ही बेचारा". पंकज ने नॉटी स्टाइल मे कहा. स्मृति गुस्से मे पाँव पटकती हुई किचन मे भाग जाती है. थोड़ी देर बाद स्मृति चाइ लाती है दोनो के लिए, उसे पीकर कुशल उपर चला जाता है. किसी बहाने से पंकज घर से बाहर निकलता है और सिमरन को फोन मिलाता है. सिमरन कॉल पिक करती है.
सिमरन - हेलो
पंकज - हाई सिमरन, हाउ आर यू?
सिमरन - आइ आम ओके, हू ईज़ दिस?
पंकज - क्या मेरी आवाज़ भी भूल गयी हो. आइ आम पंकज, आराधना'स फादर.
सिमरन - ओककक अंकल. सॉरी आइ आम इन वॉशरूम, तो आवाज़ क्लियर नही थी.
पंकज - क्या कर रही हो वॉशरूम मे.
सिमरन - टीवी देख रही हू. सिमरन ने मजाकिया अंदाज़ मे कहा.
पंकज - यू आर आ नॉटी गर्ल.
सिमरन - आप क्वेस्चन ही ऐसे पुच्छ रहे है. वॉशरूम मे गर्ल्स क्या करती है, नही पता तो आराधना से पुछ लो वो बता देगी. बाइ दा वे, आइ वाज़ पेयिंग आंड नाउ आइ आम गोयिंग आउट.
पंकज - ओके ओके. और सूनाओ क्या चल रहा है.
सिमरन - कुच्छ खास नही आप बताइए कि क्या चल रहा है.
पंकज - बस याद आ रही थी तुम्हारी. आज तुमने जो ब्रेकफास्ट मुझे कराया वो मे कैसे भूल सकता हू.
सिमरन - हा हा हा हा. वैसे आदमी मस्त है आप.
पंकज - लड़की तुम भी कमाल हो. चलो कभी प्लान बनाओ ना लंच या डिन्नर का.
सिमरन - अंकल ब्रेकफास्ट का ही जमाना है आज कल. लंच ऑर डिन्नर नो गारंटी.
पंकज - ऐसा ना बोलो यार. ब्रेकफास्ट अधूरा है अगर लंच या डिन्नर ना हो तो.
सिमरन - हा हा हा हा. अंकल मुझे बस ब्रेकफास्ट करना ही आता है. इसके अलावा मुझे कुच्छ नही आता.
पंकज - कौन मा के पेट से सीख कर आता है. जहाँ एक बार लंच किया तुमने वहाँ एक्सपर्ट बन जाओगी.
सिमरन - वेरी फन्नी. हे हे हे हे
पंकज - वैसे जान ना चाहता हू कि क्या आज तक तुमने लंच किया है कि नही. या आज तक बिना लंच के ही गुज़ारा चल रहा है.
सिमरन - अंकल मेरी ओपन नेस से हो सकता है कि सबको लगे कि मे लंच कर चुकी हू लेकिन सच मे आज तक बस ब्रेकफास्ट से ही गुज़ारा चल रहा है. ब्रेकफास्ट भी खुद ही करना पड़ता है.
सिमरन का इशारा मास्टरबेशन की तरफ था.
पंकज - सो सॅड. क्या कोई ऐसा मिला नही जो तुम्हे लंच करा सके.
सिमरन - अंकल मिला तो है लेकिन कभी लंच करने के लिए सूटेबल प्लेस नही मिला. और वैसे भी मेरी फ्रेंड आराधना बिल्कुल कॉपरेट नही करती.
पंकज - हा हा हा हा. अपनी मा पे गयी एक दम, एक दम स्ट्रिक्ट.
सिमरन - तो स्मृति आंटी को तो आप सही से ब्रेकफास्ट और डिन्नर कराते होंगे. हे हे हे हे
पंकज - याद नही लास्ट टाइम कब कराया था. आज कल पता नही स्मृति को ब्रेकफास्ट से क्या परहेज हो गया है.
सिमरन - कहीं लंच कहीं और तो नही चल रहा है आंटी का. हा हा हा हा
पंकज - हर किसी की अपनी लाइफ है. लंच करना तो मे भी कहीं और चाहता हू लेकिन बात नही बन पा रही.
सिमरन - सब्र का फल मीठा होता है अंकल. तो थोड़ा सब्र रखिए.
पंकज - तो ठीक है बेटा. हम इंतेज़ार करेंगे.
सिमरन - ओके अंकल. अब मे इजाज़त चाहती हू. बाइ, टेक केर आंड सेक्सी ड्रीम्स. ओह्ह्ह आइ मीन स्वीट ड्रीम्स.
पंकज - ओके स्वीटी, गुड नाइट आंड स्वीट ड्रीम्स.
कॉल डिसकनेक्ट हो जाता है. और पंकज दोबारा घर मे आ जाता है. किचन मे जाकर रेफ्रिजरेटर से एक बियर निकालता है और हॉल मे आकर पीने लगता है. उसके माइंड से सिमरन निकल ही नही थी, रह रह कर उसके हाथ अपने लंड पर पहुँच रहे थे.
आज सॅटर्डे नाइट है. कुशल अपने रूम मे है और बोर हो रहा है, वो नीचे आता है और अपने डॅड को बियर पीते हुए देखता है. उसने आज तक कभी स्मोकिंग या ड्रिंकिंग नही की है लेकिन उस के दिल मे हमेशा क्वेस्चन्स रहते थे कि लोग अक्सर ये सब क्यू करते है. आज उसके दिल मे ये क्वेस्चन के जवाब जान ने की इच्छा थी. वो किचन मे जाता है जहाँ स्मृति खाना बनाने की तैयारी कर रही थी.
कुशल -" मोम आज बहुत गर्मी है". कुशल बात स्टार्ट करता है
स्मृति -" हाँ है तो, वो माथे से पसीने हटाते हुए बोलती है".
कुशल -" मोम मेरा फ्रेंड मोहित बोलता है गर्मी मे बियर बहुत हेल्पफुल रहती है". ये बात सुन कर स्मृति काम रोक कर उसकी तरफ देखती है.
स्मृति -" तो मोहित ही है जो तुझे वो सब बोलना सिखाता है".
कुशल -" वो बोलना? क्या बोलना मोम?"
स्मृति - " ज़्यादा स्मार्ट मत बन, वो जो तू अभी फक बोल रहा था". स्मृति ने उसे डाँट लगाते हुए कहा
कुशल -" तो बोला तो आपने भी मोम अभी".
स्मृति -" चल ज़्यादा बाते मत बना और भाग यहाँ से".
कुशल -" मोम एक बियर दो ना फ्रीज से". स्मृति उसकी तरफ देखती है, वो पसीने मे नहाई हुई थी, उसके चेहरे पर भी पसीने की बूंदे थी. दुपट्टा उसने कमर से बाँधा हुआ था, काम करने के लिए.
स्मृति -" तुझे नही मिलेगी".
कुशल -" आप नही दोगि तो कौन देगा मुझे मोम". स्मृति इस बात का डबल मीनिंग सोच कर हँसने लगती है.
कुशल -" हंस क्यूँ रही है आप मोम"
स्मृति -" मेने कहा ना कि तुझे बियर नही मिलेगी".
कुशल -" मोम आप भी तो पीती हो, फिर मुझे क्यूँ मना कर रही हो".
स्मृति - "आइ आम ऐन अडल्ट. मे पी सकती हू".
कुशल -" तो क्या मे अडल्ट नही?".
स्मृति-" नो"
कुशल -" तो आप कहाँ से अडल्ट है".
स्मृति - " मे एक मॅरीड लेडी हू, मेरे तीन बच्चे है. क्या इतना काफ़ी नही है अडल्ट होने के लिए".
कुशल-" मोम क्यू पागल बना रही हो. आप मोम है तो इससे अडल्ट होने का क्या लिंक है. आपकी शादी हो गयी तो आप मोम है, अगर मेरी हो गयी होती तो मेरे भी बच्चे हो गये होते". इस बात को सुन कर स्मृति की फिर से हँसी छूट जाती है.
स्मृति " अच्छा तो तू इतना बड़ा हो गया है कि तुझे बच्चे कैसे होते है ये पता चल गया है".
कुशल -" मोम वाकई मे मेरा बड़ा हो गया है".
स्मृति - " क्या? क्या कहाँ तूने अभी". स्मृति काम छोड़ कर उससे पूछती है.
कुशल -" मोम मेने कहा क़ी वाकई मे मे बड़ा हो गया हू". कुशल ने बात पलट दी.
स्मृति -" मुझे पागल समझता है". स्मृति उसके कान पकड़ते हुए बोलती है.
कुशल -" मोम आपने क्या सुना वैसे".
स्मृति -" ज़्यादा स्मार्ट मत बन".
कुशल -" तो दे दो ना अब". कुशल उसकी आँखो मे देखते हुए बोलता है. उसकी इस बात से स्मृति घबरा जाती है, और उसका कान छोड़ कर दूसरी तरफ घूम कर पूछती है
स्मृति -" क्या?". ये बात वो बहुत लो वाय्स मे पूछती है
कुशल -"बच्चा. ओह सॉरी आइ मीन बियर. आपने भी दिमाग़ को हिला दिया है".
स्मृति -" बस एक मिलेगी. बोल अगर ओके है तो".
कुशल -" मोम यू अरे ग्रेट". और भाग कर वो अपनी मोम को हग कर लेता है और उनके गाल पर एक किस कर देता है.
स्मृति - " और कुच्छ खा भी लियो इसके साथ, नही तो नुकसान करेगी." स्मृति उसे फ्रीज से निकाल कर एक बियर दे देती है और वो उसे लेकर उपर जाने लगता है.
स्टेर्स पे ही उसकी मुलाकात प्रीति से हो जाती है जो कि नीचे जा रही थी. उसकी हाथ मे बियर की बॉटल देख कर प्रीति उससे पूछती है
प्रीति -" ते क्या पीने की प्लॅनिंग कर रहा है."
कुशल -" तेरा दूध, आइ मीन तेरा खून. तू भी पीएगी". ये बात बोलते बोलते कुशल लगभग सारी सीढ़ियाँ क्रॉस कर चुका है और प्रीति नीचे वाली सीढ़ियों पे रह जाती है. प्रीति उसकी ये बात सुनकर उसके पीछे भागती है. " मेरा खून पिएगा". ये कहते हुए वो उसके पीछे भागती है. कुशल भाग कर अपने रूम मे घुस जाता है और डोर के साइड मे खड़ा हो जाता है. प्रीति जैसे ही गुस्से मे भाग कर आती है, कुशल उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींच लेता है. " धड़क्क्क" की आवाज़ के साथ दोनो के सीने आपस मे टकरा जाते है और कुशल प्रीति को कस कर पकड़ लेता है. कुशल एक मजबूत शरीर वाला लड़का था और प्रीति एक चुलबुली लड़की.[/b][/b][/b][/b][/b][/b][/b][/b][/b]
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