RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
[b][b][b][b][b]प्रीति के चेहरे का रंग लाल पड़ गया अपनी भाई की ये बात सुनकर. और उठ कर वो अपने रूम मे चली जाती है. अपने रूम मे जाते ही वॉर्डरोब से रेड ब्रा और रेड पैंटी निकालती है. टवल उठाती है और बातरूम मे घुस जाती है. बाथरूम मे घुसने के बाद वो जैसे ही टी-शर्ट उतारती है, अपने बूब्स पे नज़र पड़ते ही वो शर्मा जाती है. टिट्स बिल्कुल टाइट हो चुके थे, वो खुद भी नही समझ पा रही थी कि आख़िर क्या हो रहा आज कल. बॉडी क्यू ऐसा फील करती है, सर दर्द क्यू हो जाता है, होंठ क्यू सुख जाते है, ऐसा क्यू लगता है कि कुच्छ कमी, और वो क्या कमी है. बहुत सारे सवाल उसके माइंड मे चल रहे थे. लेकिन वो फिर भी मुस्कुरा रही थी कि जो भी अहसास है अच्छा अहसास है. उसके बाद उसकी नज़रे अपनी गीली पैंटी पे जाती है, पैंटी के अंदर हाथ डालती है और देखती है कि एक लिक्विड बाहर आया हुआ है. ये लिक्विड क्या है, क्यू आ रहा है.
कहीं ये कुशल की बातो से तो नही...., नही नही ऐसा कैसे हो सकता है आख़िर वो मेरा भाई है. प्रीति ने मन मे सोचा. उसने अपनी पैंटी उतारी और अब वो बिल्कुल नगन सिचुयेशन मे थी. बाथरूम मिरर मे उसने अपने आप को देखा और देखती ही रह गयी. गुलाब की पंखुड़ियो जैसे लिप्स, गोरे गोरे चीक्स, सिल्की हेर, मजबूत अमरूद जैसे बूब्स, और बस क्या बताऊ. उसे बस अपनी बॉडी मे एक चीज़ अजीब लगी जो कि उसकी पुसी पे आए हुए बड़े बड़े बाल. उनको देख कर वो शर्मा गयी, उसने सोचा कि क्यू ना आज क्लीन कर लू इन्हे. उसने अपना एलेक्ट्रिक शेवर सर्च करना शुरू किया लेकिन नही मिला. टवल लपेट कर वो बाथरूम के बाहर आई, और अपने रूम मे ढूँढा लेकिन नही मिला. अच्छे तरीके से सर्च करने के बाद भी नही मिला तो सोचा कि कहीं आराधना दीदी ने तो नही ले लिया है. लेकिन उनके पास तो अपना है, कहीं बाहर टाय्लेट मे तो नही है. हाँ शायद वहाँ हो सकता है, ये सोच कर वो बाहर जाने का फ़ैसला करती है लेकिन सोचती है कि बाहर कुशल है क्या टवल मे जाना सही होगा. फिर उसके मन मे आता है कि क्यूँ जब वो शॉर्ट मे एक्सर्साइज़ कर सकता है तो क्या मे टवल मे बाहर नही जा सकती. और आख़िर कार वो बाहर आ ही जाती है, कुशल के पाँव तले से ज़मीन खिसक जाती है. वो टवल भी कोई फुल साइज़ नही था, उसके बूब्स पे बेहद टाइट था और थाइस तक कवर कर रहा था.
कुशल-" लगता है तेरे पास भी कपड़ो की कमी हो गयी है." कुशल उसे उसी तरीके से छेड़ता हुआ बोलता है जिस तरीके से प्रीति ने उसे छेड़ा था.
प्रीति -" जो ढका होना चाहिए वो ढका हुआ है तो तुझे क्यू लगा कि कपड़ो की कमी है मेरे पास". प्रीति ने भी साइड पोज़ मे अपने बूब्स को थोड़ा बाहर निकालते हुए ये बात कही और अपनी बात का बदला ले लिया. और कुशल के मूँह से कोई शब्द नही निकले. फिर वो फर्स्ट फ्लोर टाय्लेट मे जाकर अपना एलेक्ट्रिक रेज़र सर्च करने लगती है. कुशल उसे देख रहा था कि वो कुच्छ ढूंड रही है. वो अपने रूम मे जाता है और बाहर आता है.
कुशल -" क्या इसे ढूंड रही है?". उसके हाथ मे एलेक्ट्रिक शेवर था, जिसे देख कर प्रीति का चेहरा लाल पड़ जाता है और वो भाग कर कुशल के हाथो से वो छीन लेती है.
प्रीति - " तो बदमाश आज कल तू मेरे रूम मे चोरी भी करने लगा है". प्रीति ने स्माइल करते हुए कहा.
कुशल -" मेने सोचा कि पैसे क्यू वेस्ट करने, इसीलिए तेरा ही यूज़ कर लिया".
प्रीति - " लेकिन अभी तो तेरी शेविंग ठीक से आई भी नही".
कुशल - " तो मेने इसे फेस शेविंग के लिए उसे नही किया". और फेस पे शैतानी मुस्कान थी.
प्रीति - " तो क्या गंजा होने के लिए चुराया था तूने ये".
कुशल-" गंजा तो किया है लेकिन सर को नही किसी और को" और ये कहते हुए उसकी निगाहे नीचे जाती है अपने शॉर्ट की तरफ. प्रीति का मूँह खुला का खुला रह जाता है उसकी इस बात पर और वो शरमा कर अपने रूम मे भाग जाती है. बाथरूम मे पहुँच कर वो अपना गेट बंद कर लेती है. कुशल पीछे पीछे पहुँच जाता है. और चुप चाप जाकर उसके बेड पे बैठ जाता है, वहीं साइड मे उसकी पिंक ब्रा पड़ी थी जिस पे 32 सी लिखा हुआ था.
कुशल - "प्रीति ये 32सी क्या होता है"?
प्रीति - " नलायक तू यहाँ भी आ गया, भाग यहाँ से.
कुशल - " बता पहले कि ये 32सी क्या होता है".
प्रीति - " तेरा सर होता है भाग यहाँ से, और नहाने दे मुझे".
कुशल -" मेरे सर का ऐसा तो ऐसा साइज़ नही होता".
प्रीति -" तो कैसा साइज़ होता है". प्रीति ने अब अपना एलेक्ट्रिक रेज़र स्टार्ट कर लिया था जिसकी आवाज़ बाहर कुशल भी सुन रहा था.
कुशल - " बताऊ कैसा साइज़ होता है".
प्रीति - " हाँ बता". उसने अपनी पुसी को क्लीन करना शुरू कर दिया था.
कुशल -" पक्का बताऊ".
प्रीति -" हाँ बता ना".
कुशल -" कभी नापा नही किया लेकिन 8 इंच से कम नही होगा". ये बात सुनते ही प्रीति के तो जैसे होश ही उड़ गये, उसके पाँव मे जैसे जान ही नही रही. फिर भी उसने अपने आप को संभालते हुए बोला
प्रीति -" ये क्या साइज़ बता रहा है, क्या अपनी हाइट बता रहा है". लेकिन प्रीति पर कुशल की बात का गहरा असर हुआ था और चूत की क्लीनिंग मे उसे साफ अहसास हो रहा था कि वो बुरी तरीके से पानी छोड़ रही है.
कुशल-" ये हाइट नही लेंथ होती है, कहे तो विड्त और बताऊ?"
प्रीति -" मुझे नही पता करनी, तू जा यहाँ से".
कुशल -" सच मे जाउ"?
प्रीति -" मुझे पता है बताए बिना तू नही जाएगा तो बता दे और भाग यहाँ से".
कुशल- " विड्त होगी करीब 3 इंच". ये सुनते ही प्रीति के मूँह से सर्प्राइज़ वाला आन्ह्ह्ह निकला जिसे कुशल ने भी सुना. प्रीति बच्ची नही थी और वो समझ रही थी कि वो किस की बात कर रहा है, वो अपने माइंड मे सोच कर ही डर गयी थी कहीं मेरा भाई मज़ाक तो नही कर रहा है. अगर ये साइज़ सच है तो इसकी वाइफ तो गयी. फट जाएगी बेचारी की.
कुशल -" अब तो बता दे कि ये 32सी क्या है".
प्रीति -" अपनी किसी गर्ल फ्रेंड से पुच्छ ले".
कुशल-" मेरी कोई गर्ल फ्रेंड नही है". प्रीति मन मे सोच रही थी कि अगर कोई बनेगी भी तो तेरा देख के भाग जाएगी.
प्रीति -" तो मम्मी से पुच्छ ले जाकर वो बता देगी". प्रीति ने इतराते हुए कहा.
कुशल -" मम्मी से 32सी क्यू पुछुन्गा, उनसे तो 36डी पुछ्ना पड़ेगा". ये बात सुनकर प्रीति की हँसी छूट गयी. मन मे वो सोच रही थी कि ये तो बड़ा छुपा रुस्तम निकला मम्मी का भी साइज़ पता है. इतने मे नीचे से आवाज़ आती है " कुशल, ओ कुशल". ये स्मृति बुला रही थी कुशल को नीचे, वो हड़बड़ा जाता है और नीचे भाग जाता है.
अब लंच टाइम है, स्मृति के मन मे बस ट्रिपल ऐक्स_लाइयन ही घूम रहा है. उसने फ़ैसला किया था कि अब उससे कभी चॅट नही करेगी लेकिन वो उसके मन से नही निकल पा रहा था. डर डर के उसने फ़ेसबुक लॉगिन किया, पता चला के लाइयन ने उसे मेसेज भेजा हुआ है - तुमसे एक बात पुच्छनी थी, हो सके तो रिप्लाइ करना. स्मृति ने सोचा कि वो रिप्लाइ नही करेगी.
उसने फ़ेसबुक से लोग आउट कर दिया और टीवी ऑन कर दिया. वो चॅनेल पे चॅनेल चेंज किए जा रही थी लेकिन उसका ध्यान कहीं और था. "ये क्या हो रहा है मुझे, मेरा मन क्यू नही लग रहा". उसने आप से सवाल किया. उसे कुच्छ समझ नही आ रहा था, रह रह कर उसका ध्यान फ़ेसबुक पर ही जा रहा था. " ये बदतमीज़ लड़का मुझसे क्या पुछ्ना चाहता है". उसके मन मे ये सवाल चल रहा था. वो अपने
मन मे सोच रही थी अगर अबकी बार इसने कोई बदतमीज़ी करी तो मुझसे बुरी भली सुन लेगा. उसने सोचा क्यू ना जाना जाए क़ि आख़िर ये जान ना क्या चाहता है. बड़ी हिम्मत करके उसने फ़ेसबुक लॉगिन किया और उसे रिप्लाइ किया.
स्मृति - मुझे तुम जैसे बदतमीज़ लड़को मे कोई इंटेरेस्ट नही है, इससे पहले कि मे तुम्हे ब्लॉक कर दू अपनी औकात मे आ जाओ. एक इंसान के नाते पुछ लेती हू कि क्या पुच्छना चाहते हो, अगर ग़लत बात हुई तो मे तुझे ब्लॉक कर दूँगी. और मेसेज कर के शांत बैठ जाती है, इस टाइम ट्रिपल ऐक्स_लाइयन ऑनलाइन शो हो रहा था लेकिन उसका कुच्छ रिप्लाइ नही आया. एक मिनिट, दो मिनिट, 5 मिनिट आंड फाइनली 10 मिनिट लेकिन उसका कोई रिप्लाइ नही आता है. स्मृति उसकी इस हरकत से पागल हो जाती है और फिर से टाइप करती है.
स्मृति - क्यू दम नही रहा पुच्छने का कुच्छ भी.
ये लिखने के बाद स्मृति की स्क्रीन पर लिखा आ जाता है कि ट्रिपल ऐक्स_लाइयन ईज़ टाइपिंग, ये देख कर स्मृति के चेहरे पे एक अलग टाइप की खुशी आ जाती है.
लाइयन - अब क्या पुच्छू, सोचा था मुझे एक अच्छी दोस्त मिल गयी है लेकिन ये दोस्त तो मुझे अपनी औकात मे रहने की बात करती है. मे सच मे ही बहुत खराब लड़का हू, प्लीज़ कर दो मुझे ब्लॉक.
स्मृति - सच मे तुम एक खराब लड़के हो, नही तो उस दिन वैसी बात नही लिखते.
लाइयन - कैसी बात?
स्मृति - तुम्हे सब पता है कि मे कौन सी बात की कर रही हू.
लाइयन - स्मृति जी, मे एक जवान लड़का हू. पता नही कितनी लड़कियो और लड़को से चॅट होती है, हर टाइप की बात होती है इसमे बुरा मान ने वाली कौन सी बात है.
स्मृति - मे उन सब जैसी नही हू जो तुमसे गंदी गंदी बाते करते है. मे एक शरीफ लेडी हू जिसके हज़्बेंड उसे बहुत प्यार करते है और जिसके 3 बच्चे भी है.
लाइयन- हज़्बेंड और प्यार? ये किस चीज़ का नाम है? हा हा हा
स्मृति - यू डॉग, तुम्हे रीलेशन का मीनिंग पता ही नही है. अगर तुम मेरे सामने होते तो एक थप्पड़ पड़ता अभी तुम्हे.
लाइयन - थप्पड़ तो हम खा लेंगे लेकिन बताइए ना कि मेने ग़लत क्या कहा.
स्मृति - हाउ डरे यू पॉइंट आउट माइ हज़्बेंड'स लव.
लाइयन- स्मृति जी, नाराज़ मत होना लेकिन कौन हज़्बेंड प्यार करता है अपनी वाइफ से. वो सब तो बस चूत से प्यार करते है. जिसकी जितनी अच्छी चूत उसको उतना ही प्यार मिलता है. 10 दिन उन्हे चूत मत दो तो पता चल जाएगा की वो कितना प्यार करते है. मेरी डर्टी लॅंग्वेज को माइंड मत करना लेकिन मे क्या करू जब बचपन से ही मेने ये लॅंग्वेज सीखी है.
स्मृति - यू बस्टर्ड, जब तू मरेगा ना तो देखियो कि तेरी लाश को भी कोई नही कंधा देने आएगा.
लाइयन - मेरी लाश को कोई कंधा देने नही आएगा क्यूंकी मेने सच बोला, या मेने चूत को चूत बोल दिया.
स्मृति - तुम चाहते तो उसके लिए कुच्छ और भी शब्द यूज़ कर सकते थे लेकिन तुम हो ही गंदे.
लाइयन - स्मृति जी मेने बताया ना कि बचपन से ही यही सीखा है. हो सके तो आप कुच्छ अच्छा सिखा दो.
स्मृति - अगर कभी तुम्हारी मा के वहाँ प्राब्लम हो जाए और डॉक्टर पुछे कि क्या परेशानी है तो क्या कहोगे.
लाइयन - आप यकीन तो नही करेंगी लेकिन मे तो डॉक्टर से सीधा बोलूँगा कि मेरी मा की चूत मे परेशानी है. जितनी देर मे शरीफो वाली लॅंग्वेज मे डॉक्टर को सम्झाउन्गा उतनी देर मे तो मा का घाघरा फट जाएगा.
उसकी ये बात सुनकर सिमरन अपनी हँसी नही रोक पाती और बहुत ज़ोर ज़ोर से हँसने लगती है. फिर उसे अहसास होता है कि वो कुच्छ ज़्यादा ही एग्ज़ाइटेड हो गयी है, फिर से नॉर्मल होते हुए स्क्रीन की तरफ देखती है.
स्मृति - मुझे लगता है कि तुम एक शरीफ और अच्छे लड़के बन सकते हो.
लाइयन - मुझे किस के लिए शरीफ बन ना है. वैसे मेडम क्या मे जान सकता हू क़ि आप मुझे बदमाश क्यू कह रही है.
स्मृति - वो ही गंदे शब्दो का यूज़ करना. ये अच्छे लड़को की पहचान नही है.
लाइयन - तो आपसे पुछ्ता हू कि अगर आपकी चूत मे कुच्छ परेशानी हो तो आप डॉक्टर को कैसे बताओगि.
स्मृति - मे इशारे से बता दूँगी कि मुझे वहाँ परेशानी है.
लाइयन - अगर डॉक्टर अँधा हुआ तो?
फिर से इस बात पर स्मृति को बहुत तेज हँसी आ जाती है. फिर से कंट्रोल करते हुए वो टाइपिंग करना शुरू करती है.
स्मृति - तो धीरे से उसके कान मे कह दूँगी कि मेरी पुसी मे परेशानी है.
लाइयन - वाह स्मृति जी वाह, चलो कुच्छ तो सीख ही लिया हम ने आपसे. लगता है आपके साथ रह कर तो मे बिल्कुल ही शरीफ हो जाउन्गा.
स्मृति - मे खुद भी चाहती हू कि तुम अच्छे लड़के बनो.
लाइयन - उससे क्या होगा?
स्मृति - सब लोग शरीफ लड़को को अच्छा बताते है.
लाइयन - पता नही आपसे चॅट करते हुए तो डर लगता है. मुझे रोड पे लड़किया धमका दे या मुझे गाली दे दे तो मुझे डर नही लगता लेकिन पता नही आपसे क्यू डर लगने लगा है.[/b][/b][/b][/b][/b]
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