Antarvasna kahani हर ख्वाहिश पूरी की भाभी ने
12-01-2018, 12:19 AM,
#8
RE: Antarvasna kahani हर ख्वाहिश पूरी की भाभी �...
(इतना गुस्सा तो भाभी पहले पहले जब घूरता था तब भी नहीं हुआ था, ये प्रमाण था के भाभी का कोई राज़ नहीं है)

भाभी: नहीं में बिलकुल ऐसी नहीं हूँ... (वो रोने लगती है) आज कल के नौजवानो का यही प्रॉब्लम है, लड़की मोर्डन ही दिखनी चाहिए, जैसे मोर्डन बने के उसके केरेक्टर पर सवाल... जब देखने में मजा आने लगे तो बस एक ही बात के कुछ् तो गुल खिला रही है...
मैं: अरे अरे आई एम् सॉरी भाभी... में बिलकुल आपको दुखी नहीं करना चाहता...
भाभी: तू मुझे घूरता था तो मुझे बिलकुल पसंद नहीं था... मैंने तेरे भैया को भी बता दिया था... पर फिर मैं आज़ाद खयालो की लड़की हूँ... मैंने देखा के तेरे भैया भी मेरी कज़िन सिस्टर्स के साथ कभी कबार मजाक मस्ती कर लेते है... उनका भी मन साफ़ है... पर कहते है न साली आधी घरवाली... तेरे भैया भी कभी मुझे धोका नहीं दिया या नहीं देंगे वो विश्वास है मुझे... पर तब मैंने ये सोचा के चलो ठीक है... साली आधी घरवाली... तो देवर भी आधा घरवाला... तो मैंने थोड़ी छूट ले ली... हालांकि ये बात अलग है.. की मैं थोड़ी और फ्रैंक हो गई... हमारे हसीं अंगत पले मैंने तुजसे शेयर किए... अब तो मुझे उसमे भी अपराध भाव नजर आ रहा है... की मैंने गलत किया....
मैं: अरे भाभी बस... बस प्लीज़... मैं तो बस अरे आप कहो वो माफ़ी मांगने के लिए तैयार हूँ... तू गर्लफ्रेंड है मेरी... मैं तुजे दुखी नहिं देखना चाहती... प्लीज़ प्लीज़ मत रोइए... वैसे १० आउट ऑफ़ १० ज़रूर थी आप... (मैंने बात बदल ने की कोशिश की)
भाभी: (थोडा गुस्सा शांत तो हुआ पर थोडा शरमाई) पर तूने तो फिर भी गलती निकाली... हुह...
मैं: अरे एक ही तो गलती निकाली थी वो के टॉवल पहन के आना था...
भाभी: नहीं... गोटे मुह में लेना?
मैं: हा हा हा हा... वो तो सब सजेशन थे...
भाभी: ह्म्म्म्म, तू कभी अपने भाई को बोलेगा नहीं न?
मैं: भाभी तू मेरा पहला प्यार है.. मैं तुजसे प्यार करता हूँ... मैं कैसे और क्यों किसी को बताऊ? क्योकि ये सब बंध हो जायेगा मेरा... मैं भला अपने पैर पे कुल्हाड़ी क्यों मारूँ?
भाभी: ह्म्म्म... प्यार?
मैं: हा प्यार... मैं प्यार कर बैठा हूँ तुज से... हम दोनों एक उम्र के ही तो है... तू खूबसूरत भी है और सर्वगुण संपन्न भी है... और कल के बाद तो मेरी इच्छाए और बढ़ गई है...
भाभी: स्टॉप... यही पर स्टॉप हो जाओ... आगे की मत सोचना... ओके? (वो शरमाई)
मैं: तो शरम क्यों आ रही है...? क्या मैं नौजवान नहीं हूँ? खूबसूरत नहीं हूँ?
भाभी: समीर, प्लीज़ स्टॉप...
मैं: क्यों? क्या प्रॉब्लम है... मैं अपने दिल की बात बता रहा हूँ...
भाभी: मुझसे बरदास्त नहीं होता...
मैं: क्यों?
भाभी: समीर प्लीज़ ये सब गलत है...
मैं: कीर्ति कुछ भी गलत नहीं है... हम दोनों जवान है... ये सब स्वाभाविक है...
भाभी: मैं तेरे भैया को धोका दे पाउ उतनी मोर्डन नहीं हूँ... तू प्लीज़ बाते चेंज कर...
मैं: भैया को कहा धोका देना है इसमें? धोका वो है जिसमे पकड़े जाओ...
भाभी: तो तू नहीं मानेगा, बाते बंध कर वरना मुझसे वो बाते निकल जायेगी जो मैं दबा रखी है...
मैं: तो में तेरा बॉयफ्रेंड हूँ... मुझे तो तू बोल ही सकती है... प्लीज़ बताना... मेरा हक्क है जानने की...
भाभी: प्लीज़... समीर प्लीज़...
मैं: बोल प्लीज़ वरना मैं गाडी रोक दूंगा...
भाभी: प्लीज़ समीर हाथ जोड़ती हूँ... मैं... प्लीज़ ये... आई लव यु.....

(मैं ये जान गया था... कैसे? याद है? ब्रा पेंटी भाभी की? वो मैंने वही छोड़ दिया था? आज सुबह मुझे वो हाथ लगी थी पर उसमे मेरे वीर्य के दाग अभी भी थे... वो संभाल के रख्खे थे, धोये नहीं थे)

सन्नाटा तो गाड़ी मैं छा गया था... कोई एक भी कुछ बोल नहीं रहा था...

भाभी: प्लीज़ मुझे गलत मत समजना... मैं बहक गई थी... मैं गर्ल्स स्कुल में ही पड़ी हूँ... लडको के साथ मैं उस टाइम पर भी एक डिस्टन्स बनाये रख्खी थी... पर जब शादी के बाद तेरे भैया मिले, क्या सुख होता है वो जाना... पर धीरे धीरे पूरा दिन तेरे साथ रहने लगी... अकेले होते थे... तू मुझे तिरछी नज़र से देखता था... फ्लर्टिंग क्या होता है जाना... मेरी तारीफ करना, मेरे आगे पीछे घूमना... वो अच्छा लगने लगा था... भैया को कंप्लेंट इसलिए की थी ताके मैं अपने आप पर नजर रख सकु और कुछ गलत न कर जाउ... पर वही हुआ जो मुझे डर था... मैं... और...

मैंने उसे पूरा बोलने दिया... रोका नहीं... पर अब शायद पुरे ५ मिनिट तक कोई नहीं बोला...

भाभी: मुझे गलत मत समजना समीर... पर...
मैं: भाभी मैं भी मोर्डन ही हूँ... मैं भी इसी दौर से गुज़र रहा हूँ... मुझे भी तो कोई अपना चाहिए... जो मुझे अपना माने... माँ के बाद आप ही थे... मैं भी जब आपके आसपास घूमता था.. आपकी खुशबु मुझे।मदहोश कर देती थी... माँ मानने की कोशिश करता था... पर आप की खूबसूरती आपकी घर के प्रति निष्ठा के कारन मैं अपने आप से हार गया... और प्यार कर बैठा... तो नार्मल है... मुझे नहीं लगता के कुछ गलत है...

काफी कुछ गंभीर बाते हो गई... हम अब और करीब आ गए थे... हम एक दूसरे को प्यार कर रहे थे... ये हम दोनों जानते थे...

मैं: तो आज से हम सिर्फ गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड नहीं पर एक लवर्स की तरह रहेंगे... हैन?
भाभी: (शरम के मारे पानी पानी हो गई) पर...
मैं: अरे पर पर कुछ नहीं... छोडो सब... मेरी लवर हो बोलो क्या क्या ख्वाहिशे है... पूरी किये देता हूँ...
भाभी: तेरे भैया को पता चला तो?
मैं: ह्म्म्म्म कौन बताएगा? आप?
भाभी: ह्म्म्म वो भी तो है..... समीर कुछ गलत नहीं हो रहा है न?
मैं: बार बार क्यों पूछ रही हो? गलत अभी तक कुछ हुआ तो भी नहीं... कुछ गलत करने का इरादा है क्या?

हम दोनों हस पड़े और अब हम रिश्तेदार के घर के करीब पहोच गए थे... हम पहोंचे और मैं भाभी को घर के बहार ही छोड़ के पार्किंग ढूंढ रहा था... के भाभी मेरे पीछे पीछे आई, गाडी का दरवाजा खोला और बोली...

भाभी: पता नहीं क्यों... मैं तेरे भाई से प्यार करती जरूर हूँ... पर वो प्यार उनके प्यार से जन्मा था... पर ये प्यार मैं तुजे करती हूँ... आई लव यु...
मैं: आई लव यू टू कीर्ति... अब जाओ बाद में बाते करेंगे....

मैं पार्किंग करते समय सोच रहा था... के भाभी का पहला प्यार मैं हूँ... ये गर्व की बात है.. अगर भैया से प्यार बाद में हुआ था फिर भी उसे सब मिला... तो मेरे लिए भाभी क्या क्या नहीं करेंगी? और क्या क्या मिल सकता है??? मेरा दिल और दिमाग के साथ साथ लंड भी उछलने लगा था... उस दिन वो प्रसंग में भाभी ने मेरा खूब खयाल रख्खा... मेरी और उनकी नज़रे काफी बार मिली थी एकदूसरे से... और आँखों आँखों से बाते करने लगे थे... मेसेज मैं एकदूसरे से प्यारी प्यारी बाते कर रहे थे, मैं भाभी को चेलेंज कर रहा था... उसे उकसा रहा था...

कुछ अंश बताता हूँ...

मैं: तू कुछ भी कर ले... गलत हो के ही रहेगा... हा हा हा हा...
भाभी: मैं होने नहीं दूंगी... मैं भी देखती हूँ...
मैं: अपने पहले ही प्यार को यूँ कुछ नहीं देगी?
भाभी: समीर प्लीज़... मैं और कुछ नहीं दूँगी... इमोशनल ब्लैकमेल मत कर...
मैं: चल अब पल्लू गिरा के थोडा मज़ा तो दिला...
भाभी: बेशरम... तू पागल है क्या?
मैं: क्यों तू तो मोर्डन है... मुझे प्यार भी करती है... तो इतना नहीं कर सकती अपने प्यार के लिये?
भाभी: यहाँ सब देख लेंगे बाकी तूने मुझे नंगा देख ही लिया है... और कुछ भी देख लिया है...
मैं: क्या?
भाभी: सेक्स करते...
मैं: चुदते...
भाभी: समीर प्लीज़... बिहेव...
मैं: लवर है मेरी तू... तुजसे कैसे बिहेव करू? तुजसे बिहेव? हा हा हा...
भाभी: नाव शट अप...
मैं: तू कुछ दिखाने वाली थी...
भाभी: यहाँ सब देख लेंगे... गाडी में...
मैं: गाडी में तो मैं और कुछ भी करूँगा... अभी पल्लू गिरा... ये नार्मल है गिर सकता है...

भाभी फटाक से खड़े हुए और कुछ इस तरह से नज़ारा देखने को मिला...
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RE: Antarvasna kahani हर ख्वाहिश पूरी की भाभी �... - by sexstories - 12-01-2018, 12:19 AM

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