RE: चुदाई कि दुनियां एक सेक्स कथा
Update 2.
विक्रांत घर आया तो बच्चे ब्रेकफास्ट कर रहे थे और उसका बूढा नोकर रामलाल रूपिका को मिल्कशेक दे रहा था । तीनों बच्चों ने उसे गुड मॉर्निंग कहा । वो तीनो हैरान थे कि पापा आज लेट कैसे हो गए ।
रूपिका- पापा आज आप लेट हो गए । हमें टेंशन होने लगी थी ।
पलविका-पापा मैंने रामु काका को बोला था कि पापा का वेट कर लेते हैं पर काका ने मेरी बात नहीं मानी ।
राहुल- हाँ हाँ ज्यादा मख्खन मत मार इतनी ही फिक्र थी तो खाना नहीं खाती । पापा इसे बस यही आता है मख्खन मरना ।
पलविका- पापा देखो न राहुल हमेंशा मुझे तंग करता है । पापा हम वेट करते हैं आप फ़्रेश होके आ जाओ ।
विक्रांत खामोश खड़ा अपने बच्चों की नोक झोंक देख रहा था । और अचानक उसे ख्याल आया कि उसकी बेटियाँ अब बड़ी हो चुकी है और आज न कल उन्हें शादी करके जाना होगा यह सोचते हुए उसकी आँखों में आँसू आ गए । पर किसी तरह उसने खुद को संभाला और राहुल को हल्की सी डाँट लगाई।
रूपिका- क्या दोनों बच्चों की तरह लड़ते रहते हो ? यु आर ग्रोन उप नाउ ।
विक्रांत-रूपिका रहने दो बेटा कोई तो न समझ भी होना चाहिए न घर में ।
रूपिका- पापा आप की वजह से ही इन दोनों को कोई मैनर्स नहीं है । कैसे लड़ पड़े थे चड्डा अंकल की पार्टी में ।
राहुल - बस दीदी तुम तो रहने ही दो तुम इंसान नहीं बस पैसा छापने की मशीन हो ...कोई फीलिंग्स ही नहीं है तुममें ।
पलविका- सही कहा । दीदी का दिल तो किसी बूढ़ी औरत का दिल है नो बचपना ।
रूपिका को पलविका की बात चुभ गयी अगर रूपिका का घमंड आड़े न आता तो वो रो देती । पर उसने अपनी भावनाओं पर काबू रख लिया और विक्रांत को गुड बाई कह के निकल गयी ।
विक्रांत डाईनिंग टेबल पर ही बैठ गया । वो जनता था कि रूपिका के ऐसे चले जाने से पलविका के बच्चों से मासूम दिल को ठेस लगी होगी इसिलए उसने बात टालने के लिए रूपिका से पूछा " पल्लू तुम्हारी मिनी कूपर तो ठीक चल रही है ना ?"
पलविका -पापा ज्यादा स्मार्ट मत बनो ....देखो न दी मेरी वजह से चली गयी ।
राहुल- अच्छा हुआ चली गई नकचढ़ी कहीं की ।
विक्रांत- पल्लू वो तुम्हारी वजह से नहीं बल्कि इस गधे राहुल की वजह से गयी है । विक्रांत ने राहुल को आँख मारते हुए कहा ।
राहुल- हाँ हाँ पल्लू-बल्लू ऐसा ही है ।
पलविका- देखो न पापा ये मुझे चिड़ा रहा है । पलविका ने मासूमियत से कहा ।
सारे नाश्ते के दौरान ऐसी ही नोक-झोंक चलती रही । नाश्ता खत्म करके दोनों बच्चे जब अपने-2 कॉलेज चले गए तो रामलाल विक्रांत के पास आया ....
रामलाल - मालिक आपसे एक बात कहनी थी
विक्रांत- बोलो क्या बात है ?।
रामलाल- मालिक मेरे छोटे भाई की बेटी की शादी अगले हफ्ते तो 15 की छुट्टी चाहिए थी ।
विक्रांत- रामलाल तुम तो जानते हो तुम्हारे बिना इस घर को संभालने वाला और कोई है नही और बेटियां जवान हैं और किसी पर मुझे भरोसा नही होता ।
रामलाल- मालिक मैंने अपनी बड़ी बेटी को बुला लिया है । बेचारी को उसके पति ने छोड़ दिया है अब इस उम्र में बेचारी कंहाँ जाएगी । और यहां शहर आएगी तो शायद मेरी नातिन पढ़ लिख जाए । इसी साल उसने बारवीं क्लास पास की 80प्रतिशत अंकों से । मालिक बस एक मौका दे दो मेरी बेटी मुझसे भी ज्यादा ख्याल रखेगी इस घर का और बच्चों का ।
विक्रांत - तुमने तो मुझे मुश्किल में डाल दिया है । पर तुम तो बता रहे थे कि तुम्हारी बेटी का बेटा कुछ मंद बुद्धि है अब ये बेटी कंहाँ से आ गयी ?।
रामलाल- मालिक दोनों बच्चे जुड़वां है । मालिक बस एक मौका दे दो ।
विक्रांत - कब आ रही है तुम्हारी बेटी
रामलाल -मालिक वो तो कल ही आगयी थी ।
विक्रांत- ठीक है , शाम का खाना उसी से बनवाना अगर बच्चों को खाना पसंद आ गया तो मुझे कोई दिक्कत नही है । और आने नाती-नातिन को भी बुला लेना बच्चे एक दूसरे से मिल लें यही अच्छा होगा और उनको किराए पे रहने की ज़रूरत नहीं है । पीछे जो दो कमरे नए बनवाये हैं वंहा उनका सामान रखवा देना ।
रामलाल की आंखों में आंसू आ गए । वो विक्रांत के पाँव पे गिर गया । विक्रांत ने उसे संभाला और चाय का ऑर्डर दे कर अपने रूम की तरफ चल पड़ा । विक्रांत ने कमरे में आके अपना वाट्सएप ऑन किया तो उषा के तीन -चार मैसेज आये हुए थे ।
"गुड मॉर्निंग " विक्रांत ने लिखकर जवाब दिया ।
"विकी कंहाँ थे तुम " दूसरी तरफ से रिप्लाई आया ।
विक्रांत-" बिजी था "
उषा - रिप्लाई तो कर सकते थे ।
विक्रांत- सॉरी यार मैं सच में बिजी था ।
उषा - क्या कर रहे थे जो एक रिप्लाई भी नही कर सके ।
विक्रांत जो उषा के लिए विकी था कैसे बताता की वो उसके उम्र के अपने बच्चों का झगड़ा निपटा रहा था । विक्रांत के पास उषा के इस सवाल का कोई जवाब नहीं था । पर इससे पहले की वो कोई रिप्लाई करता उषा ने अपनी एक फ़ोटो उसे सेंड की इतनी हॉट फोटो उसने आज तक नहीं देखी थी । सिलीवलेस टाइट टॉप और नीचे छोटी सी निक्कर । 'कितने बड़े -बड़े हैं इसके मम्में और इसके निप्पल तो कम से कम एक इंच के होंगे ' विक्रांत के मन में अचानक तस्वीर घूम गयी कि वो इन खूबसूरत स्तंनो से खेल रहा है । उसने अपना लोअर नीचे कर दिया और अपने तने हुए मूसल लन्ड को आज़ाद कर दिया अब खुद को रोक पाना उसके लिए मुश्किल हो पा रहा था । पर वो नही चाहता था कि अपनी बेटी की उम्र की लड़की पर मुठ मारे पर उसके मन के इस विरोध को अगली फ़ोटो ने तोड़ दिया जिसमें उषा थी तो इन्ही कपड़ों में पर पूरी तरह भीगी हुई उसके गोल-2 वॉलीवाल के आकार के मम्में और स्ट्राबेरी के आकार के निप्पल साफ नजर आ रहे थे विक्रांत कुछ और सोच नहीं पाया उसका हाथ अपने आप लन्ड पर चला गया और वो पूरी रफ्तार से मुठ मारने लग पड़ा कितने सालों बाद वो मुठ मार रहा था बाप बनने के बाद तो जैसे वो भूल ही गया था कि वो भी एक मर्द है । 7-8 मिनट में ही उसके लन्ड ने माल उगल दिया । ठंडा होने पर उसने फ़ोन उठाया तो उषा के कई मैसेज आये हुए थे "मिस्टर किधर.....कंहाँ चले गए .....शैगिंग?"
"हम्म्म्म तुमने मजबूर कर दिया था " उसने अपने मन की बात कह दी ।
" यु थिंक मैं हॉट हूँ?" उषा का रिप्लाई आया ।
"इसमें सोचना क्या है तुम तो पत्थर को भी पिघला दो " विक्रांत ने रिप्लाई किया ।
"हा.. हा......अच्छा यह बताओ तुम्हारी उम्र क्या है विक्की?"
"क्यों?"
"बस ऐसे ही पता तो चले कि कौन है जिसे मैं हॉट लगती हूँ"
विक्रांत सोच में पड़ गया ...पर फिर उसे एक आईडिया आया उसने अपनी एक फोटो सेंड कर दी और उषा से पूछा "तुम ही बताओ क्या उम्र होगी मेरी ?"
"ओह वाओ यु हैव ग्रेट बॉडी.....35? " उषा का रिप्लाई आया ।
" नहीं थोड़ी सी ज्यादा है " विक्रांत ने रिप्लाई किया ।
"40?"
" थोड़ी और"
"45?"
"नहीं ....55 रिटार्यड आर्मी ऑफिसर"
"ओह गॉड "
"क्या हुआ?"
"तुम 55 के तो नहीं लगते ...मैरिड?"
" हाँ तीन बच्चे हैं ,वाइफ की डेथ को 10 साल हो गए "
"ओह गॉड....मैं तो कुछ और ही सोची थी"
"बुरा लग रहा है?"
"नहीं बुरा नहीं लग रहा ...बस अजीब लग रहा है "
"अजीब क्यों?" विक्रांत ने सवाल किया ।
"बस ऐसे ही ....पता नहीं।" उषा ने काफी लेट रिप्लाई किया ।
"हम्म बुढ्ढों से कौन बात करेगा "
" प्लीज डोंट टॉक लाइक डिस...."
"फिर बताओ क्यों तुम्हें अजीब लग रहा है "
"रहने दो तुम विश्वास नहीं करोगे?"
" प्रॉमिस मैं विश्वास करूँगा "
" विकी न जाने क्यों तुमसे बात करके मुझे हमेशा लगता था कि मैं एक अलग समय के इंसान से बात कर रही हूँ.... और तुम्हारी बातें मुझे बहुत अच्छी लगती हैं जिसके कारण मैं तुमसे......" उषा ने बात बीच में ही छोड़ दी ।
"मैं तुमसे क्या ?" विक्रांत को लगा कि जैसे वो कहना चाहती हो मैं तुमसे प्यार करती हूँ । काफी देर कोई मेसज नहीं आया ।
" मैं तुमसे कहना चाहती थी कि मेरा नाम उषा नही है ।....मेरा सही नाम है अकीरा "
" ओह ...मुझे भी कुछ ऐसा ही लगा था उषा तुम पर बिल्कुल नहीं जजता"
"क्यों तुम्हारा नाम विकी हो सकता है तो मेरा उषा क्यों नहीं"
"क्योंकि मेरा नाम विकी नही विक्रांत है...विक्रांत राठौर
" बड़े खराब हो राठौड़ जी...."
"अकीरा प्लीज जी मत बोलो "
"अब तो जी बोलना पड़ेगा न मैं 21 की आप 55 " अकीरा ने विक्रांत को छेड़ते हुए कहा ।
"गुड बाई , मुझे आफिस जाना है " विक्रांत ने बुरा मानते हुए कहा ।
" हा हा हा....तुम तो नाराज़ हो गए ...मैं तो मज़ाक कर रही थी । मुझे भी तुम कहना ही अच्छा लगता है आखिर हम दोस्त हैं ? हैं ना?"
" हां दोस्त तो हैं ...अब मुझे आफिस के लिए सच में देर हो रही है ...आफिस पहुँच के रिप्लाई करूँगा "
"ओके ...पर रिप्लाई करना मत भूलना मैं इंतज़ार कर रही हूँ।"
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