RE: Antarvasna kahani प्यासी जिंदगी
दो मिनट बाद ही उसका हाथ उसकी चूत पर चला गया। मैंने उसका हाथ उसकी चूत पर देखा.. तो मैंने अपना हाथ उसके हाथ वाले हाथ पर रखा।
उसने हाथ उठाने की कोशिश की.. पर मैंने अपने हाथ से उसका हाथ वहीं चूत पर दबा दिया।
वो बोली- भाई ये क्या कर रहे हो.. ये ग़लत है.. कोई आ जाएगा।
तो मैंने कहा- कोई नहीं आएगा.. तुम चुप रहो।
बस मैंने उसका हाथ ढीला किया.. तो उसने अपना हाथ खींच लिया.. पर मैंने अपना हाथ उसकी चूत से नहीं उठाया और ऐसे उसकी चूत को सलवार के ऊपर से ही सहलाने लगा।
हनी घबराई हुई बैठी थी और उसके होंठों से एक सेक्स से लबरेज सिसकारी ‘यसस्स.. सीईस्स..’ की हल्की-हल्की आवाज़ में आ रही थी।
अभी ये सब चल ही रहा था कि तभी बाजी ने मुझे आवाज दी- वसीम क्या बात है.. क्यों बुलाया है?
यह कहते हुए बाजी कमरे में दाखिल हुईं और फिर खामोश हो गईं।
हनी ने बाजी को देखा तो खड़ी हो गई और रोने लगी।
तो बाजी ने मुझसे पूछा- ये क्या है वसीम?
मैंने बताया- मैंने अपना काम कर दिया है अब बाकी आपको संभालना है।
यह कह कर मैं कमरे से बाहर निकल गया।
मैं जाते-जाते कमरे का दरवाज़ा बंद करके नीचे चला गया और अब्बू के पास बैठ गया।
अब्बू ने बताया- मैं और तुम्हारी अम्मी कल आउट ऑफ सिटी जा रहे हैं.. रिश्तेदारी में शादी है और उन्होंने बुलाया है.. हालांकि उन्होंने बच्चों को भी बुलाया है.. तो क्या तुम लोग भी चलोगे?
‘नहीं..’ मैंने अब्बू से कहा- मेरे और बाजी के कॉलेज और यूनिवर्सिटी का मसला है और आप ज़ुबैर और हनी से पूछ लो उनका क्या प्रोग्राम है।
अब्बू ने कहा- ठीक है.. उनको बुलाओ ज़रा।
मैंने हनी और ज़ुबैर को आवाज़ दी।
ज़ुबैर से अब्बू ने पूछा तो उसने कहा कि वो फ्री है.. उसे बस बकाया काम कवर करना रह गया है।
तो अब्बू ने कहा- ठीक है तुम हमारे साथ चलो.. बकाया काम बाद में आके कर लेना.. बस 3 दिन ही लगेंगे।
तो ज़ुबैर ने कोई जवाब नहीं दिया और मुँह बना कर बैठ गया।
तभी बाजी और हनी ऊपर से आईं। अब्बू ने हनी से पूछा.. तो वो कुछ नहीं बोली।
बाजी ने कहा- अब्बू आप दोनों अकेले ही चले जाओ.. इन दोनों को रहने दो.. इनकी स्टडी का नुकसान होगा.. घर रहेंगे तो इनका काम भी ठीक हो जाएगा।
अब्बू ने कहा- ये बात भी ठीक है.. फिर ऐसे करो तुम लोग घर रहो और हम दोनों ही हो आएंगे।
बाजी बोलीं- हाँ अब्बू, हनी का काम भी काफ़ी पीछे चल रहा है.. तो हम दोनों ही ऊपर भाई के कमरे में शिफ्ट हो जाते हैं इकट्ठे पढ़ लिया करेंगे।
अब्बू ने कहा- ठीक है.. सुबह तुम दोनों भी अपना सामान ऊपर शिफ्ट कर लेना।
अब्बू के साथ बात खत्म करके बाजी ने मुझे आँख मारी और किचन में चली गईं।
मैं बाजी का इशारा समझ गया कि बाजी ने हनी को मना लिया है इसी लिए उन्होंने ज़ुबैर और हनी को जाने नहीं दिया।
उसके बाद सबने रात का खाना खाया और अब्बू और अम्मी अपने रूम में चले गए।
मैंने बाजी को कहा- आप इन सबको कमरे में लेकर जाओ.. मैं अब्बू को बता कर आता हूँ कि हम पढ़ने जा रहे हैं।
मैंने अब्बू का रूम नॉक करके आवाज़ दी कि अब्बू हम सब ऊपर जा रहे हैं.. पढ़ कर वहीं सो जाएंगे।
अब्बू ने कहा- ठीक है लाइट्स ऑफ कर दो।
मैंने लाइट्स बंद की और ऊपर कमरे में चला गया।
मैंने कमरे में दाखिल होते ही दरवाजा बंद किया और देखा तो बाजी हनी को चेयर पर बैठा कर कुछ समझा रही थीं और ज़ुबैर बिस्तर पर बैठा लण्ड को सहला रहा था।
मैंने बाजी को आवाज़ दी तो बाजी ने मुझे बैठने का इशारा किया और दो मिनट बाद मेरे पास आ कर बैठ गईं।
बाजी ने मुझे बताया- मैंने हनी को सब समझा दिया है और वो तैयार है.. उसने मुझे बताया है कि वो अपनी सहेलियों से ये सब सुन चुकी है।
तो मैंने बाजी से कहा- फिर आप बताओ हनी की सील मैं तोडूं या ज़ुबैर?
बाजी ने कहा- वसीम तुम हनी के ग्रुप में अन्दर आ जाने की वजह से मुझे अधूरा तो नहीं छोड़ दोगे?
मैं बोला- बाजी मैं आपके साथ ऐसा क्यों करूँगा.. असल मज़ा तो मुझे बस आपने दिया है।
तो बाजी बोलीं- फिर तुम इसकी सील ज़ुबैर को तोड़ने दो.. उसके बाद बेशक तुम इसे जितना मर्ज़ी चाहो चोद लेना।
मैंने कहा- ठीक है.. जैसे आप कहो।
बाजी ने हनी को इशारा किया कि बिस्तर पर आ जाओ और ज़ुबैर को कहा- जैसे वसीम मुझे शुरू से लेकर एंड तक चोदता है.. वैसे ही तुम हनी के साथ करो.. पर ये जेहन में रखना कि अभी इसका परदा नहीं फटा है.. थोड़ा आराम से करना।
ज़ुबैर ने ‘ओके’ कहा और हनी को पकड़ कर अपनी तरफ किया।
वो बिल्कुल खामोश बैठी थी।
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ज़ुबैर ने हनी को अपने पास बैठा कर उसकी कमीज़ उतार कर साइड में रख दी।
मैंने देखा कि हनी का जिस्म बहुत पतला था उसके चूचे बिल्कुल छोटे थे.. तकरीबन 28 साइज़ के होंगे।
उसका जिस्म बाजी की तरह ही गोरा था और बिल्कुल साफ कमीज़ के नीचे हनी ने ब्रा भी नहीं पहनी हुई थी। उसके छोटे-छोटे चीकू जैसे दूध के उभार कमाल का नज़ारा दे रहे थे।
उसके बूब्स देख कर मेरे लण्ड ने भी हरकत की..
बाजी भी बिस्तर पर बैठ कर उन दोनों को देख रही थीं।
अचानक बाजी ने मुड़ के मेरी तरफ देखा तो मेरे लण्ड को उठता हुआ देख कर मुस्करा कर बोलीं- उठ गया है तुम्हारा भी..
तो मैंने कहा- क्या करूँ.. दोनों इतनी गर्म बहनें जो हैं।
बाजी वहाँ से उठ कर मेरे पास मेरी गोद में बैठ गईं।
मैंने बाजी से कहा- बाजी हनी भी सेम आपकी तरह ही है.. उसका जिस्म भी आपके जैसा है।
बाजी बोलीं- हाँ ये तो है।
फिर हम दोनों खामोश हो गए और ज़ुबैर और हनी को देखने लगे।
ज़ुबैर ने हनी की सलवार भी उतार दी हनी का जिस्म अभी बिल्कुल नाज़ुक था। ज़ुबैर ने हनी को लेटाया और उसकी टाँगें खोलीं तो हनी की चूत नज़र आई.. जो बिल्कुल साफ थी। ऐसे लग रहा था जैसे आज ही साफ की हो।
ज़ुबैर अभी चूत को चूसने ही लगा था कि बाजी ने आवाज़ दी- क्या हो गया है तुम्हें.. ऐसे करते हैं सेक्स? अकल से काम लो थोड़ा किस से शुरु करो।
तो ज़ुबैर ने अपना मुँह उठाया और उठ कर ऊपर हो गया तभी मेरे लण्ड ने एक और झटका मारा जो कि बाजी को फील हुआ।
बाजी ने मेरी तरफ देखा और अपना हाथ नीचे ले जाकर मेरे लण्ड को पकड़ लिया।
मेरा लण्ड फुल तना हुआ था.. बाजी ने मेरी तरफ देखा और लण्ड को छोड़ कर खड़ी हो गईं।
उन्होंने मुझसे कहा- उठो..
मैं उठ गया तो बाजी ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे भी बिस्तर पर ले गईं।
वे ज़ुबैर से कहने लगीं- ध्यान से देखो अब वसीम जैसे-जैसे मेरे साथ करता है.. तुम भी हनी के साथ वैसे ही करो।
बाजी ने अब मुझसे कहा- भाई चालू करो।
मैंने बाजी की कमीज़ पकड़ी और ऊपर को खींचते हुए उतार के साइड पर फेंक दी।
बाजी ने नीचे सफ़ेद रंग की ब्रा पहनी हुई थी, बाजी का जिस्म देख कर मेरा वही पहले वाला हाल होने लगा।
मैंने बाजी को बाजू से पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और बाजी के होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूमा चाटी करने लगा।
ज़ुबैर ने मुझे किसिंग करते देखा तो उसने भी हनी के होंठों पर होंठ रख दिए और उसको किस करने लगा।
मैंने किस करते-करते बाजी को बिस्तर पर लेटाया और एक मिनट के लिए होंठ अलग किया और बाजी की सलवार को खींच कर उतार दी और अपने लण्ड को बाजी की चूत के ऊपर रख कर बाजी के ऊपर लेट गया।
अब मैंने दोबारा चूमना चाटना शुरू कर दिया।
मेरा लण्ड बाजी की चूत पर दबाव डाल रहा था और बाजी पूरे मज़े से मेरे बाल खींच रही थीं।
मैं बाजी को पूरे दस मिनट तक किस करता रहा।
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