RE: Antarvasna kahani प्यासी जिंदगी
मैं रुक गया.. तो बाजी ने खुद अपनी गांड को आगे-पीछे करना शुरू कर दिया।
कोई 5 मिनट ऐसे करने के बाद मैंने बाजी से कहा- चलो बाजी अब आप चली जाओ..
बाजी ने कहा- अब गरम करके ऐसे ही भेजोगे क्या?
बाजी से मैंने कहा- लो अभी ठंडा कर देता हूँ।
मैंने बाजी की कमर को पकड़ा और धक्के लगाने लगा। बाजी की सिसकारियाँ निकलीं- आहह.. आआहह.. वसीम थोड़ा सा ज़ोर से लगाना.. आआहह.. मैं झड़ने वाली हूँ आआहह..
तब मैंने कहा- बाजी बस समझो मैं भी गया।
मैंने अपने पूरे ज़ोर से बाजी को तीन-चार धक्के मारे और बाजी की चूत में झड़ने लगा। मेरे मुँह से तेज आवाज़ निकली ‘आआअहह..’ और मेरा पानी बाजी की चूत में गिरने लगा।
पानी के गिरते ही बाजी ने भी मादक आवाज खारिज की- आह्ह.. वसीम मैं भी गई..
बाजी की चूत ने पानी छोड़ दिया और हम ज़मीन पर गिर गए।
मैं इसी तरह 5 मिनट बाजी के ऊपर पड़ा रहा।
फिर बाजी ने मुझसे कहा- उठो अब.. मैं जाऊँ।
उन्होंने उठ कर अपने कपड़े पहने.. मुझे भी पहनाए और नीचे चली गईं।
मैंने भी कमरे को बंद किया और बिस्तर पर देखा तो ज़ुबैर वहीं पड़ा हुआ सो चुका था। मैं भी बिस्तर पर गिरते ही सो गया।
सुबह आँख खुली तो कॉलेज जाने का टाइम हो रहा था।
मैं फ्रेश होकर नीचे गया तो ज़ुबैर और बाजी नाश्ता कर रहे थे। मैंने भी उनके साथ बैठ के नाश्ता किया और अपने कॉलेज के लिए निकल गया।
जल्दी में होने की वजह से बाजी से कोई बात नहीं हो सकी.. बाजी भी यूनिवर्सिटी चली गईं।
वापसी पर मुझे दुकान पर भी जाना था इसलिए दिल को तसल्ली दे कर आराम से बैठा दिया कि जो भी होगा.. अब रात को ही होगा।
सारा दिन कॉलेज की पढ़ाई और दुकान के काम में निकाला और रात को 8 बजे घर पहुँचा तो सब अपने-अपने कामों में मगन थे।
मैं कमरे में गया और नहा कर नीचे आ कर टीवी देखने लगा।
कुछ देर बाद ही अब्बू भी आ गए और सीधा अपने कमरे में चले गए।
ज़ुबैर और हनी भी मेरे पास आकर टीवी देखने लग गए।
बाजी को हमारे कमरे में सोने की इजाजत
मैं बाजी का वेट कर रहा था.. पर वो अभी भी किचन के काम में ही लगी हुईं थीं। इसी के साथ मैं यह सोच रहा था कि ऐसा कौन सा बहाना बनाऊँ कि बाजी को रात को ऊपर रहने की इजाज़त मिल जाए।
मैं अभी सोच ही रहा था कि पापा अपने कमरे से निकले और सीधा मेरे पास आकर बैठ गए।
मैंने सलाम किया और कुछ देर दुकान की बातें करता रहा..
फिर मैंने ज़ुबैर की पढ़ाई की बात छेड़ी कि इसे एक्स्ट्रा टाइम की ज़रूरत है।
पहले तो अब्बू चुप रहे फिर वही बोले जो मैं चाहता था।
अब्बू ने ज़ुबैर से पूछा कि क्या ऐसी बात है.. तो उसने एक नज़र गुस्से से मुझे देखा और फिर ‘हाँ’ में सर हिला दिया।
उसके बाद पापा ने सेम वैसे ही किया.. जो मैंने सोचा था।
अब्बू ने बाजी को आवाज़ दी और बाहर बुला कर कहा- अब से तुम रात को ज़ुबैर को पढ़ाया करोगी.. जितनी देर इसका काम कवर नहीं हो जाता और ये रात को तुम्हारे पास ही सोएगा।
अब्बू के मुँह से यह सुनते ही मैंने सोचा कि यह तो काम खराब हो गया है.. पर मैंने अब्बू से कहा- ऐसे तो ये हनी को तंग करेगा.. मैं भी तो रात को पढ़ता हूँ.. आप बाजी को इजाज़त दे दो कि ऊपर जा कर पढ़ा दिया करेंगी और वहीं सो जाया करेंगी.. इससे मेरी भी पढ़ाई में हेल्प हो जाया करेगी।
तो अब्बू बोले- हाँ ये भी ठीक है.. आज से तुम ऊपर एक कमरे में सोया करना और इसका काम ध्यान से कवर करवाओ।
यह सुनते ही मैं खुशी से दिल ही दिल में उछल पड़ा और बाजी को आँख मारी.. तो बाजी ने मुझे गुस्से से आँखें निकाल कर देखा और किचन में चली गईं।
अब मुझे दूसरा काम जो करना था कि हनी को भी अपने साथ मिलाना था।
मैं इस तरकीब में लग गया कि हनी को किस तरह गर्म करूँ.. एक बार वो गर्म हो जाए.. तो उसको शीशे में उतारना आसान हो सकता है।
अभी मैं यही सोच रहा था कि हनी ने मुझसे पूछा- भाईजान मुझे आपके कंप्यूटर पर शाम को दस मिनट का काम करना है.. क्या मैं कर सकती हूँ?
मैंने जवाब दिया- हाँ कर लेना, मुझे कोई दिक्कत नहीं है।
उसके इस सवाल ने मेरे दिमाग की बत्ती जला दी। मैं अपने कमरे में गया और कम्प्यूटर पर एक ट्रिपल एक्स मूवी लगा आया और एक बुक ले कर नीचे आ गया।
मुझे हनी की चूत बेसब्र किए थी।
नीचे सोफे पर बैठ कर मैंने हनी को कहा- मैं ऊपर टेबल पर अपना एक पैकेट भूल आया हूँ.. जब तुम अपना काम करने जाओ तो लेती आना।
‘जी.. भाई जान..’
यह मैं रिस्की काम करने जा रहा था.. पर मुझे शक था कि हनी भी सेक्स के बारे में अब ये सब जानती है और उसकी भी इन सब में रूचि है।
मैंने हनी को ऊपर भेजा था, उसको कम्प्यूटर पर अपना काम करना था।
वही हुआ.. हनी मेरा सामान ले कर जल्दी नीचे नहीं आई.. अपना काम वहीं बैठ कर मूवी देखने लग गई।
मैंने दस मिनट निकाले और किचन में गया और बाजी को कहा- बाजी 5 मिनट बाद ऊपर आना आपसे जरूरी काम है।
मैं सीधा सीढ़ियाँ चढ़ कर ऊपर चला गया। कमरे का दरवाज़ा खुला था। मैं दबे पाँव अन्दर कदम रखा और आराम से अन्दर दाखिल हुआ।
हनी चेयर पर बैठी मूवी देख रही थी और उसका एक हाथ उसकी चूत पर था।
वो एकदम हैरान हो कर ये सब देख रही थी।
मैं ऐसे ही उसके करीब जाने लगा।
मैं उससे चंद कदम पीछे ही था कि उसने मुझे देखा और चेयर से उठ गई।
मैंने एक्टिंग करते हुए गुस्से से उसकी तरफ देखा और कहा- ये तुम क्या कर रही थी.. मैंने तुम्हें कुछ लेने भेजा था।
घबराहट की वजह से हनी के मुँह से चाहते हुए भी कुछ नहीं निकल सका।
मैंने उसे डांटा- तुम्हें शर्म नहीं आती।
तो वो बोली- भाई ये पहले से चल रही थी.. आप प्लीज़ किसी को मत बताना।
मैंने उससे कहा- तुम्हारी शिकायत तो करनी ही पड़ेगी अब्बू से..
वो घिघियाते हुए बोली- भाई प्लीज़ कसम से.. ये पहले से चल रही थी.. आप प्लीज़ किसी को मत बताना।
मैंने उससे कहा- एक शर्त पर नहीं बताऊँगा।
तो बोली- कैसी शर्त?
मैंने उससे कहा- तुम अभी बैठ कर ये मूवी मेरे सामने देखो।
वो बोली- नहीं भाई यह गलत है.. मुझे ये सब नहीं करना।
तो मैंने कहा- ओके.. तो मैं अब्बू को बता देता हूँ।
वो रोने लग गई- प्लीज़ मत बताना भाई.. मुझे मार पड़ेगी प्लीज़ भाई।
मैंने कहा- फिर मेरे सामने बैठ कर मूवी देखो।
तो वो रोते हुए बोली- ओके देखती हूँ।
अब वो वापिस चेयर पर बैठ के मूवी देखने लगी।
मैं भी उसके पास ही चेयर पर बैठ गया और उससे पूछा- पहले कभी देखी है?
तो उसने कहा- नहीं बस दोस्तों से सुना है कि ऐसे लड़का और लड़की करते हैं।
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