RE: Antarvasna kahani प्यासी जिंदगी
मैंने बाजी को बिस्तर पर लेटाया और एक साइड से पीछे खुद लेट कर मैंने एक ही झटके में अपना फौलादी लण्ड बाजी की चूत में डाल दिया.. और धक्के मारने लगा।
इस तरह से बाजी काफ़ी मज़े से चुदवा रही थीं।
बाजी ने मुझसे कहा- वसीम इस स्टाइल में ही चोदते रहो.. इस तरह बहुत मज़ा आ रहा है।
तो मैंने उसी तरह बाजी को तेज़ी से चोदना जारी रखा।
बाजी मस्ती में आहें भर रही थीं- अहह.. वसीम अब तेज़ करो.. स्पीड को बढ़ा दो.. प्लीज़ और तेज़ करो.. आआहह ऊहह.. वसीम मैं फिर गई..’
तो मैंने कहा- बाजी अब मैं भी झड़ने लगा हूँ।
हम दोनों एक साथ ही झड़ने लगे।
इस दफ़ा बाजी की चूत ने फिर से बहुत सारा पानी छोड़ा और मेरा लण्ड भी बाजी की चूत में ही फारिग हो गया।
हम दोनों वहीं वैसे ही पड़े रहे।
कुछ देर बाद बाजी ने मुझसे कहा- वसीम अभी हमारे पास बहुत दिन हैं.. तो अब सो जाते हैं.. ताकि कल फिर जम कर चुदाई कर सकें।
मैंने कहा- ठीक है बाजी, सो जाते हैं।
बाजी ने कपड़े पहने और मुझे एक लंबी किस करके नीचे चली गईं।
बाजी के नीचे जाने के बाद मैंने कैमरा की रिकॉर्डिंग बंद की और मैं भी ऐसे ही सो गया। जब सुबह उठा तो हिम्मत जवाब दे रही थी। किसी तरह मैं नहा-धो कर नीचे गया तो अब्बू सामने बैठे थे।
उन्होंने कहा- मैं तुम्हारा ही वेट कर रहा था.. ये लो चाभियाँ.. और तेरी बाजी यूनिवर्सिटी चली गई है.. वो भी साथ में चाभियाँ ले गई है.. तुम भी ले जाओ।
मैंने नाश्ता किया और कॉलेज चला गया।
कॉलेज से वापसी में मैं दुकान पर नहीं गया.. सीधा ही घर आ गया और जब मैं घर पहुँचा तो देख कर परेशान हो गया कि अम्मी वगैरह सब वापिस आ गए हुए हैं।
मैंने दुआ-सलाम की और सीधा अपने कमरे में आ गया।
मैं ज़ुबैर को डांटने लगा- तुमसे एक काम नहीं ठीक से होता।
वो कुछ बोलता इससे पहले बाजी कमरे में आ गईं और मजे लेकर कहने लगीं- इसका कोई कसूर नहीं है.. वो जिसका पता करने अम्मी ने जाना था.. वो किसी डॉक्टर को दिखाने दूसरे सिटी चला गया है.. इसलिए अम्मी आ गई हैं। अब जब वो आएगा तब वे दोबारा जाएंगी।
बाजी ने मुझे होंठों पर किस की और कान में कहा- आज रात को मुझे दो लण्ड चाहिए.. मेरी चूत बहुत आग से मचल रही है।
मैंने कहा- मेरी जान मिल जाएंगे..
आज बाजी को ज़ुबैर का लण्ड भी खाना था।
बाजी ने मुझे किस की और नीचे चली गईं।
भाई को बाजी की चूत चुदाई की वीडियो दिखाई
मैं नहा-धो कर कपड़े बदले और बिस्तर पर बैठा ही था कि ज़ुबैर ने मुझसे पूछा- बाजी मान गईं क्या?
तो मैंने कहा- अब मुझसे क्या पूछते हो.. एक काम तो तुमसे ठीक से होता नहीं है और बाजी के मानने की पड़ी है।
ज़ुबैर कहने लगा- भाई, इसमें मेरा कोई कसूर नहीं.. अब वो लोग ही डॉक्टर के पास चले गए हैं.. तो मैं क्या करता.. इसी वजह से सारा काम खराब हो गया है। आप गुस्सा क्यों करते हो.. मैं जानबूझ कर थोड़ी अम्मी को वापिस लाया हूँ।
यह कह कर ज़ुबैर मुझे मनाने लगा.. तो मैंने कहा- अच्छा ठीक है.. अब आराम से बैठ जाओ।
उसने फिर कुछ देर रुक कर दोबारा पूछा- भाई बाजी मान गई हैं ना?
तो मैंने कहा- तुमने देख ही लिया है.. तो फिर पूछ क्यों रहे हो?
वो बोला- फिर बताओ ना.. कैसे मनाया बाजी को आपने.. और बाजी इतनी खुश क्यों हैं.. और वो बदली-बदली सी लग रही हैं.. अब तो वो हँसती और खुश रहतीं हैं। मैं जब से आया हूँ.. तब से देख रहा हूँ।
तो मैंने कहा- लगता है तुमको सब बताना ही पड़ेगा.. बिना बताए तुम्हारे पल्ले कुछ भी पड़ने वाला नहीं है।
ज़ुबैर मेरी तरफ देखने लगा।
‘अच्छा.. अब ध्यान से सुनो..’
मैंने ज़ुबैर को सब कुछ बताया जो उस पहली रात को हमारे सोने के बाद हुआ था और कैसे बाजी ने मुझे नीचे जा कर चोदा था और उसके बाद जो हमने किया था।
मैंने उसे ये भी बताया कि मुझे बाजी ने अपनो शौहर बना लिया है और अब वो मेरी ही रहेंगी और हमेशा मुझसे चुदवाएंगी.. मेरे साथ रहेंगी। हम दोनों ने कल ही सुहागरात मनाई है। मैंने कल रात को बाजी को दुल्हन बना कर दो बार चोदा है।
ज़ुबैर मेरी बातें सुन कर चौंक कर बोला- ऐसा नहीं हो सकता.. बाजी तो आपको अपनी चूत में लण्ड नहीं डालने देती थीं.. तो चुदवा कैसे लिया.. मुझे यकीन नहीं आ रहा है।
मैंने कहा- मेरे पास सबूत भी है।
उठ कर मैंने दराज़ से कैमरा निकाला और जो मैंने बाजी की वीडियो बनाई थी.. वो चला कर उसे दिखाई। ज़ुबैर आँखें फाड़-फाड़ कर उसे देखे जा रहा था।
मैंने कहा- क्यों जनाब अब यकीन आया कि नहीं?
तो उसने कहा- भाई ये तो सच में आप बाजी को चोद रहे हो और बाजी कितने जोश और मज़े से चुदवा रही हैं।
मैंने कहा- बस मैंने कहा था ना.. कि देखते जाओ मैं क्या-क्या करता हूँ… और तुमको कहाँ-कहाँ की सैर करवाता हूँ।
ज़ुबैर ने कहा- हाँ भाई.. आपने तो वाकयी बाजी को चोद दिया है.. आपको तो बहुत मज़ा आया होगा।
मैंने कहा- यार बाजी को खुदा ने बहुत गरम बनाया है.. बाजी में बहुत आग है.. और वो अब हमें ही निकालनी है.. पर आराम-आराम से.. एकदम नहीं।
तो ज़ुबैर ने कहा- भाई फिर बाजी को चोदने की मेरी बारी कब है या बाजी आपकी बीवी बन गई हैं.. तो मेरा नम्बर खत्म कर दिया बाजी ने?
तो मैंने कहा- नहीं यार.. तुम्हारी बारी भी है और अभी हमारे साथ तुम भी शामिल हो और आज रात को बाजी आएंगी और हम तीनों जम कर चुदाई करेंगे। अब बाजी अब खुद आया करेंगी कि मेरी चूत मारो।
ज़ुबैर ने खुश होकर कहा- वाह ये ठीक हुआ है भाई.. अब मज़ा आएगा। फिर तो आज रात को बाजी की चूत में मैं भी अपना लण्ड डालूंगा।
ज़ुबैर अपने लण्ड को सहलाने लगा।
मैं उठा और नीचे चला गया।
अम्मी अपने कमरे में आराम कर रही थीं और हनी भी अपने रूम में थी, बाजी किचन में खाना बना रही थीं।
बाजी और मेरा प्यार
मैं बाजी के पास गया और बाजी को पीछे से अपनी बांहों में भर लिया और प्यार करने लगा। बाजी ने आह भरी ‘आअहह..’ और मुझे पीछे को धक्का दे दिया।
वे मुड़ कर मुझे देखने लगीं, बाजी ने कहा- वसीम तुम बहुत बेशरम हो.. कोई आ गया तो?
मैंने कहा- बाजी कोई नहीं आएगा और बीवी को तो किसी भी वक्त प्यार कर सकते हैं।
बाजी ने कहा- वो तो ठीक है.. पर मैं रिस्क नहीं लेना चाहती.. अगर अम्मी को शक भी हो गया तो हमारा रात का सिलसिला सब खराब हो जाएगा।
ये कह कर बाजी ने मुझसे कहा- इधर आओ मेरे पास..
मैं आगे बढ़ा.. तो बाजी ने ज़ोर से मेरे गाल खींचे कहा- एक मिनट यहीं रूको।
बाजी ने फ्रिज से एक जग निकाला.. जिसमें दूध था, उन्होंने मुझे जग दिया और कहा- वसीम ये लो.. इस सारे दूध को पी जाओ।
तो मैंने कहा- बाजी इतना दूध में कैसे पिऊँगा?
बाजी ने कहा- मुझे तुम्हें कमज़ोर नहीं करना है.. इसलिए तुम्हें ये पीना ही पड़ेगा.. मेरी खुशी के लिए तुम इतना भी नहीं कर सकते?
मैंने कहा- बाजी आपके लिए जान भी हाज़िर है.. माँग कर तो देखो।
बाजी ने कहा- जान तुम्हारे अन्दर ही रहे.. मुझे जो चाहिए होगा मैं वो माँग लूँगी.. अभी तुम ये दूध पियो।
मैंने जग को मुँह से लगाया और एक घूँट भरा, फिर बाजी से कहा- बाजी कमजोर तो आप भी हो जाओगी.. तो आपने दूध पीया कि नहीं?
बाजी ने कहा- नहीं.. मुझे नहीं पीना.. बस तुम इसे पूरा पियोगे।
तो मैंने कहा- मुझसे प्यार करती हो।
बाजी ने कहा- हाँ कोई शक है क्या?
‘फिर आओ.. साबित करो..’
और मैंने अपने मुँह में एक घूँट भरा और बाजी को आने का इशारा किया कि आओ ये पियो।
बाजी ने कहा- बस इत्ती सी बात..
उन्होंने आगे बढ़ा कर मेरे सर को पकड़ा और अपने होंठ मेरे मुँह से लगा कर खोल दिए। मैंने सारा दूध बाजी के मुँह में निकाल दिया.. जिसे बाजी मज़े से पी गईं और मुझे किस करके बोलीं- वसीम मेरे साथ ऐसे मत किया करो कि मैं इन चीज़ों की आदी हो जाऊँ और बाद में ये मुझे ना मिल सकें।
तो मैंने कहा- बाजी मैं थोड़ी मरने जा रहा हूँ.. जो आपको छोड़ कर चला जाऊँगा।
बाजी ने फ़ौरन अपने होंठ मेरे होंठों में मिला दिए और किसिंग करने लगीं।
बाजी ने मुझसे कहा- वसीम आइन्दा ऐसे मत कहना.. वरना मैं तुम्हारा मुँह नोंच लूँगी.. चलो अब पूरा दूध पियो।
मैंने एक घूँट लगा कर बाजी से कहा- बाजी में आइन्दा ऐसे नहीं कहूँगा.. पर तब अगर आप भी मेरे साथ पियोगी.. तो एक घूँट में लगाऊँगा और एक आप लगाओगी।
बाजी ने कहा- अच्छा चलो लगाओ घूँट.. फिर मैं लगाती हूँ।
मैंने घूँट लगा कर बाजी को जग दिया.. तो बाजी ने एक घूँट लगा कर मुझे दे दिया। इस तरह सारा दूध मैंने और बाजी ने पिया। आखिरी घूँट बाजी के हिस्से में आया.. बाजी ने घूँट भर के जग को साइड में रखा और मेरे होंठों को अपने मुँह में खींच कर दूध मेरे मुँह में दे दिया और हम दोनों की दूध वाली किसिंग स्टार्ट हो गई।
बाजी ने चूमने के बाद कहा- वसीम ये हमारे प्यार के नाम..
तो मैंने भी बाजी को चूमा और बाजी ने कहा- अब तुम बाहर बैठो.. मैं दस मिनट में आती हूँ.. फिर बातें करते हैं।
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