RE: Antarvasna kahani प्यासी जिंदगी
बाजी ने बेसब्र होते हुए कहा- वसीम एक ही झटके में पेल दो.. इस निगोड़ी चूत में बहुत आग लगी है।
मैंने कहा- ये लो मेरी जान.. झेलो।
और ये कहने के साथ ही मैंने बाजी की चूत पर निशाना साधा और पीछे होकर एक ज़ोरदार धक्का मारा।
मेरा लण्ड जड़ तक बाजी की चूत में उतर गया। इस तरह अन्दर जाने की वजह से बाजी की एकदम से चीख निकली ‘आअहह.. मररर्र.. गई.. आआअहह फट गई मेरी चूत.. आअहह.. उफफ्फ़..’
आज बाजी की चूत को खुल कर चोदने का मौका मिला था..
मैंने बाजी को चूमना चालू कर दिया और नीचे से हल्के हल्के धक्के लगाने लगा।
बाजी की चूत इतनी टाइट थी कि मेरे लंड को चारों तरफ से खिंचाव सा महसूस हो रहा था.. पर मैंने धक्के लगाने जारी रखे।
कुछ ही देर बाद बाजी ने कहा- वसीम, थोड़ा ज़ोर से लगाओ ना..
तो मैं उठा और अपने बाजुओं को बाजी की दोनों साइडों में रख कर ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाने लगा।
बाजी की मादक सिसकारियाँ निकलने लगीं ‘आहह ऊऊऊऊओह.. मेरे बहनचोद भाई.. ज़ोर से चोद मुझे हरामी.. ऊऊऊओह.. आअहह.. ऑश.. मैं गई वसीम..’
अब बाजी की फुद्दी ने खूब पानी छोड़ना शुरू कर दिया.. जिससे मेरा लण्ड बड़े आराम से बाजी की फुद्दी में अन्दर-बाहर होने लगा।
बाजी की फुद्दी ने इस दफ़ा जो पानी छोड़ा था.. उसने मुझे हैरान कर दिया था, उनका पानी इतना ज्यादा निकला था कि नीचे से चादर भी काफ़ी गीली हो गई थी।
मैंने अपने झटके जारी रखे और साथ बिस्तर से फूलों की पत्तियाँ उठा कर बाजी के नंगे बदन पर फेंकने लगा और बाजी के मम्मों को चूसने लगा।
इस तरह मैंने बाजी को बहुत देर तक चोदा।
फिर लण्ड बाहर निकाले बिना ही बाजी को अपनी बांहों में उठाया और खुद लेट गया.. अब बाजी मेरे ऊपर आ गईं।
मैंने बाजी से कहा- बाजी अब आपकी बारी है.. आप मुझे कितना चोदती हो..
तो बाजी ने मेरे सीने में नाख़ून गड़ा दिए और जोर-जोर से ऊपर-नीचे होने लगीं।
बाजी चुदाई के साथ गर्म आहें भी भरने लगीं ‘आआअहह.. ऊओह वसीम.. तुमने पहले क्यों नहीं चोदा मुझे.. इतने दिनों से.. इस खेल में इतना मज़ा आता है.. मुझे पता होता तो कब से तुम से चुदवा चुकी होती।
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तब मैंने कहा- बाजी, आज जम कर आपको चोद रहा हूँ.. अब हर रोज़ ऐसे ही चोदूँगा और ज़ुबैर के आ जाने के बाद हम दोनों मिल कर आपकी चुदाई किया करेंगें।
तो बाजी ने कहा- हाँ दोनों चोदोगे.. तो ही मेरी आग बुझेगी वरना मुझे ठंडा नहीं कर पाओगे तुम लोग।
धकापेल चुदाई के बाद मैंने बाजी को अपने ऊपर से उतारा और घोड़ी बना कर बाजी की चूत मारने लगा।
मैं ज़ोर से स्ट्रोक लगा रहा था और बाजी मजे से मादक आहों की झड़ी लगा रही थीं।
काफी देर तक इस तरह स्ट्रोक लगाने के बाद मैंने बाजी से कहा- बाजी अब मैं झड़ने वाला हूँ।
बाजी ने कहा- मेरी चूत में ही अपना पानी छोड़ दो।
कुछ तगड़े झटकों के साथ ही मैंने ज़ोर से सिसकारी भरी ‘आआआअहह मैं गया बाजी..’ और मैं बाजी की चूत में ही पानी छोड़ने लगा। मेरे लण्ड की पहली धार ही बाजी की चूत में गिरी थी कि बाजी की भी मादक सिसकारी निकली ‘आहह उफफ्फ़.. मैं भी गई वसीम..’
बाजी की चूत ने मेरे लण्ड को झकड़ लिया और ढेर सारा पानी छोड़ दिया।
मैंने भी बाजी के अन्दर ही पानी छोड़ दिया और निढाल होकर बाजी के ऊपर गिर गया।
बाजी ने हाँफते हुए कहा- दवा का वाकयी बहुत असर था.. इससे तो काफ़ी लंबी चुदाई हो जाती है।
मैंने कहा- बाजी अभी तो इसका फुल असर नहीं हुआ था.. वरना ये तो एक-एक घन्टे तक चूत को ठुकवा देती और उसके बाद भी लण्ड को खड़ा रखती है।
बाजी ने कहा- अभी देख लेते हैं।
यह कहते हुए बाजी ने मेरे लण्ड पर हाथ रखा और सहलाने लग गईं।
वो कहने लगीं- वसीम, ज़ुबैर का क्या करना है?
तो मैंने कहा- बाजी आप बताओ.. जैसे आप कहोगी वैसे कर लेंगें।
बाजी कहने लगीं- है तो वो भी मेरा भाई.. पर पता नहीं.. क्यों मेरा दिल उसके साथ नहीं लगता है.. हालांकि वो तुम से ज्यादा घर पर हुआ करता है.. पर मैं उसके साथ ऊपर नहीं जाती थी.. तुम्हारे आने के बाद ही ऊपर आती थी।
मैंने कहा- बाजी फिर आप फ़ैसला कर लो कि क्या करना है.. उससे चुदवाना है कि नहीं.. क्योंकि मैंने अभी तक उसे नहीं बताया कि मैंने आपको चोद लिया है.. बल्कि उससे यही कहा है कि बाजी अभी तक नाराज़ हैं।
बाजी ने कहा- वसीम तुम ही बताओ.. मैं क्या करूँ.. दिल तो करता है कि उससे भी चुदवा लूँ.. क्योंकि अगर उससे ना चुदवाया.. तो मैं रात को तुम्हारे पास भी नहीं आ सका करूँगी।
मैंने कहा- हाँ बाजी आप उससे भी चुदवा लो.. ताकि रास्ता तो खुला रहे।
बाजी ने कहा- चलो आता है तो उसकी मौज भी लगा देते हैं।
बात करने के साथ-साथ बाजी मेरा लण्ड भी सहला रही थीं।
बाजी ने मुझे कहा- वसीम तुमने मुझे यहाँ तक पहुँचाया है अब अगर तुमने मुझे कहीं रास्ते में मेरा साथ छोड़ दिया तो?
मैंने कहा- बाजी कैसी बातें करती हो आप यार.. आज तो इतनी खुशी का दिन है और मैं ये घर छोड़ कर थोड़ी कहीं चला जाऊँगा.. जब भी आपको लगे कि मैंने कुछ ग़लत किया है.. तो मेरे कान खींच देना। आपकी कसम मैं ठीक हो जाऊँगा.. पर उस दिन की नौबत नहीं आएगी।
बाजी ने कहा- अच्छा जी.. मुझे यकीन है तुम पर.. और ये इस चूत में फिर से शोले जल रहे हैं.. अभी इसका कुछ करो न..
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यह कहते हुए बाजी उठीं और मेरे लण्ड को पकड़ कर मेरे पेट पर लेटते हुए मेरे ऊपर आ गईं और अपनी चूत को मेरे लण्ड के ऊपर फिट करके ऊपर से ही रगड़ने लगीं। वे मुझे किस करने लगीं.. मैं भी हल्का-हल्का जोश में आ रहा था।
मैंने बाजी के सर को पकड़ा और बाजी के होंठों को चूसने लगा.. काटने लगा।
बाजी की सारी लिपस्टिक चुस चुकी थी।
अचानक बाजी ने मुझसे अपना सर छुड़वाया और खुद मेरे सर को पकड़ कर मेरे होंठों को अपने मुँह में भरके ज़ोर-ज़ोर से मुँह में खींचने लगीं। मेरी ज़ुबान को भी अपने मुँह में खींच के चूसने लगीं।
मेरे सर को बाजी ने इतनी ज़ोर से पकड़ा था कि मैं हिल भी नहीं पा रहा था और बस बाजी के चूसने का मज़ा ले रहा था।
बाजी नीचे से अपनी चूत को रगड़ रही थीं.. जिससे मेरा लण्ड फिर से फुल टाइट हो गया था। बाजी लण्ड के खड़े हो जाने के बाद भी चूत को रगड़े जा रही थीं।
मैं बाजी की कमर पर हाथ रख कर उनके दूधों को अपने सीने पर दबाने लगा। बाजी जब अपनी चूत रगड़ कर ऊपर होतीं.. तो मेरा लण्ड भी ऊपर को उठता था.. पर मुझे नहीं पता था कि बाजी ऐसे भी कर सकतीं हैं।
मेरी वो बहन जो अबाए के बिना नहीं रहती थी.. वो चूत मरवाने में इतनी तेज होगी।
बाजी ने अचानक से अपनी चूत को रगड़ना बंद कर दिया और थोड़ा सा ऊपर उठ कर आगे को हो कर मुझे और तेज़ी से किस करने लगीं। बाजी के ऊपर होने की वजह से मेरा लण्ड भी हल्का सा जोश में था।
मुझे बाजी की किसिंग में इतना मज़ा आया कि मैं भूल गया कि मेरा लण्ड भी तैयार खड़ा है। पर बाजी मेरे लण्ड पर पूरी नज़र लगाए हुए थीं और अपनी चूत का निशाना सैट कर चुकी थीं।
फिर अचानक बाजी ने नीचे को अपने जिस्म को धकेला और लण्ड चूत से रगड़ता हुआ सीधा चूत में जड़ तक उतर गया।
मेरे मुँह से खुद ही ‘आआअहह..’ निकल गई और बाजी भी ‘आह..’ भरते हुए हँसने लगीं।
वो कहने लगीं- देखा.. मैंने भी तुम्हारी सिसकारी निकाल दी ना.. इसलिए मुझ से बच के रहना..
और बाजी हँसने लगीं।
मैंने कहा- अच्छा बच्चू.. लो फिर मज़े..
यह कहते हुए मैंने बाजी को बांहों में लिया और तेज़ी से बाजी को धक्के लगाने लगा.. तो बाजी सिसकारियाँ लेने लगीं ‘आहह.. रुक तो.. आआहह.. वसीम रूको.. मुझे तुमको चोदना है।’
मैंने बाजी के मुँह से यह बात सुनी तो रुक गया।
बाजी ने कहा- अपने शौहर को मैं खुद चोदूँगी।
बाजी ने ज़ोर-ज़ोर से ऊपर-नीचे होना शुरु कर दिया और तेज़ी से मुझे चोदने लगीं।
मैंने बाजी को अपनी बांहों में भरा और धक्के मारना बंद कर दिए।
बाजी ने अपना काम जारी रखा और आहें भरते हुए चुदवाती रहीं- आह्ह.. उफ़.. वसीम मेरी जान.. आआहह.. दूध चूसो प्लीज़.. आआअहह!
बाजी की बात सुन कर मैंने बाजी के मम्मों को चूसना शुरू कर दिया और खुद भी नीचे से धक्के लगाने लगा।
तभी बाजी ने कहा- वसीम ज़ोर से धक्के मारो.. मैं झड़ने वाली हूँ.. आअहह.. आआहह..
मैंने कुछ तगड़े जर्क मारे तो बाजी की चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया।
मैं अभी दवा के असर में था तो मैं झड़ा नहीं था, मैंने कुछ पल रुकने के बाद धक्के लगाना फिर से शुरू कर दिए।
इस तरह काफ़ी देर तक ऊपर से चुदने के बाद बाजी ने कहा- अब तुम्हारी बारी है.. मुझे नीचे करो।
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