Antarvasna kahani प्यासी जिंदगी
11-18-2018, 12:53 PM,
#67
RE: Antarvasna kahani प्यासी जिंदगी
बाजी की आँखों से आंसू निकलने लगे जो मैंने गिरने से पहले ही थाम लिए और कहा- मेरी जान रो ना बाजी.. आप प्लीज़.. आपके आंसू मुझसे नहीं देखे जाते।
मैंने बाजी के आंसू साफ कर दिए, मैंने बाजी से कहा- अब इजाजत दें.. तो आपको आज मैं फिर से अपनी बीवी बना लूँ?
बाजी ने कहा- हाँ वसीम प्लीज़ मुझे अपनी बीवी बना लो..
बाजी ने कहा- मुझे आज अपना बना लो वसीम..
और बाजी की ‘हाँ’ मिलते ही मैंने बाजी माथे पर किस की और बाजी का दुपट्टा उतार दिया। 
मैंने बाजी के गाल पर किस की और इसी के साथ बाजी के इयर रिंग्स उतार दिए। ये वही इयर रिंग्स थे.. जो कि मैं बाजी के लिए लेकर आया था। 
अब मैंने बाजी के कान के नज़दीक जाकर कहा- थैंक्स बाजी.. आपने मेरे लिए मेरी दी हुई चीजें पहनी हैं.. 
मैं बाजी के कान को चूसने लगा और कान को चूसते हुए मैं बाजी की गर्दन पर आ गया और बाजी को प्यार करने लगा।
चूमने के साथ ही मैंने पीछे से बाजी की कमीज की ज़िप खोल दी और बाजी को कहा- बाजू उठाओ.. 
बाजी ने बाजू उठा दिए और मैंने बाजी की कमीज को ऊपर उठा कर उतार दी।
कमीज के अन्दर का नजारा देखा तो पाया कि बाजी ने मेरी दी हुई ब्रा पहनी हुई थी.. जिसे देख कर एक बार फिर मुझे बहुत खुशी हुई।
अब मैंने बाजी के निचले कपड़े को खोला और खींच कर बाजी की टाँगों से अलग कर दिया।
अब बाजी मेरे सामने बस ब्रा और पैन्टी में थीं।
मैंने बाजी को एक नज़र ऊपर से नीचे तक देखा और कहा- बाजी आप बेहद खूबसूरत हो.. आपका जिस्म बहुत ही प्यारा है.. आज एक अजीब सी कशिश है आप में.. जो मुझे आपका दीवाना बना रही है। आज मैं आपके जिस्म में समा जाना चाहता हूँ.. बाजी आपको आज मैं जी भर के चोदूँगा.. और जी भर के प्यार करूँगा। बाजी आप किसी और की मत होना.. बस मेरी ही रहना। 
तो बाजी ने कहा- मैं बस तुम्हारी हूँ वसीम.. सिर्फ़ तुम्हारी..
फिर मैंने भर कर बाजी के होंठों पर किस की और पीछे हो गया.. तो बाजी ने मुझे नजदीक खींच कर मेरे सर से पकड़ा और कहा- वसीम क्यों तड़फा रहे हो मुझे..
उन्होंने इतना कह कर मुझे ज़ोर-ज़ोर से चूमना शुरू कर दिया, मेरे होंठों पर अपने होंठ धर दिए.. और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगीं।
वो अपने हाथों को मेरे सर में फेरने लगीं और ज़ोर से मेरे मुँह को अपने मुँह में घुसाने की कोशिश करने लगीं। 
इस अचानक हुए हमले से मेरे होश भी गुम हो गए और मैंने बाजी को बांहों में भर लिया, मैं पूरे जोश से उन्हें किस करने लगा। 
बाजी ने आज लिपस्टिक लगाई हुई थी जिससे किस करने का और भी ज्यादा मज़ा आ रहा था। मैंने इतने ज़ोर से किस की कि बाजी से सम्भला नहीं गया और वो ऐसे ही तकिए के ऊपर जा गिरीं।
उनके साथ ही मैं भी बाजी के ऊपर गिर गया.. पर हमने किसिंग नहीं रोकी और पूरे जोश से हम दोनों कुछ मिनट तक किस करते रहे।
कुछ मिनट बाद बाजी ने मेरे सर को बालों से पकड़ कर उठाया और कहा- वसीम अपने कपड़े जल्दी उतारो.. मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है।
यह कहते हुए वे खुद ही जल्दी से मेरे कपड़े उतारने लगीं.. पर जल्दी में बाजी ने बटन खोलने की बजाए ज़ोर लगा के खींचा तो सारे बटन टूट गए। उन्होंने इससे बेपरवाह होते हुए मेरी शर्ट उतार कर दूर फेंक दी और जल्दी से मेरी बेल्ट खोल कर मेरी पैन्ट भी उतार दी। अब मैं सिर्फ़ अंडरवियर में था और बाजी ब्रा और पैन्टी में थीं। 
मैंने जल्दी से बाजी की ब्रा का हुक खोला तो बाजी के वो मम्मे.. जो मैं रोज चूसा करता था.. उछल कर मेरे सामने आ गए।
मैंने बिना देर किए ही बाजी को फिर से लिटा दिया और बाजी के मम्मों को चूसने लगा।
मैं बेसब्री से बाजी के निपल्स को चूसने लगा। 
बाजी मादक सिसकारियाँ भरने लगीं ‘आह्ह.. जोऊररर.. से चूसो.. वसीम और ज़ूओररर सेई..आह्ह.. वसीम आज अपनी बहन को अपनी बीवी का दरजा दे दो वसीम.. और ज़ूओर.. से चूसो.. आह्ह.. यस.. दूसरे को भी चूसोऊ..’ 
यह कहते हुए बाजी ने मेरा सर उठा कर दूसरे चूचे पर रख दिया और मैं बाजी के दूसरे निप्पल को सक करने लगा।
बाजी मादक आहें भरती जा रही थीं। 
‘आआअहह.. वसीम तुम मेरी जान हो.. वसीम.. आह्ह.. अपनी बहन को आज सब खुशियाँ दे दो.. और जोर्रर.. से सक करो.. आआअहह.. उफ्फ़..’
बाजी की चूत
मैं उनके मम्मों को चूसता हुआ नीचे आने लगा और बाजी की बेली को चूसने लगा और पेट पर चूसते-चूसते मैंने बाजी की पैन्टी उतार दी।
अब मैं उनकी चूत को देखने लगा और एकदम से मैंने बाजी की चूत पर अपना मुँह रख दिया और जोर-जोर से चूत चूसने लगा।
मेरे एकदम से चूत पर मुँह रख कर चूसने से बाजी के मुँह से बेइख्तियार सिसकारी निकली- ऊऊऊहह.. कमीने.. चूस..ले.. 
बाजी ने अपने हाथ मेरे सर पर रख कर दबाने लगीं, उन्होंने मस्ती में अपनी आँखें बंद करके सर को पीछे तकिए पर रख दिया।
अब वे अपनी चुदास को अपने ‘आहों’ के जरिए खारिज कर रही थीं।
‘आह्ह.. वसीम.. जोओररर्र से.. आहह.. ऊओह.. शिट आआह..ह वसीम ज़ुबान अन्दर तक डालो प्लीज़.. आआअहह और ज़ोरर्र से चूसो..’ 
मैंने चूसते हुए ही अपनी ज़ुबान बाजी की चूत में दाखिल कर दी और चूत के अन्दर ही हिलने लगा। 
बाजी और जोर से मेरे सर के बालों को खींचने लगीं और कहने लगीं ‘वसीम अन्दर तक करो.. और अन्दर.. आआहह.. अम्मीई.. आअहह.. ऊओह वसीम.. शिट.. मैं गई वसीम..’
बाजी का जिस्म अकड़ने लगा और साथ ही बाजी की चूत ने पानी छोड़ दिया.. जो कि सीधा मेरे मुँह में आने लगा।
मैं भी बाजी का सारा पानी पी गया और बाजी की चूत चाट कर साफ कर दी। 
चूत चूसने और चाटने के बाद मैंने सर ऊपर उठाया तो बाजी ने कहा- वसीम आज का दिन मुझे सारी ज़िंदगी याद रहेगा।
बाजी ने मेरे होंठों पर चूमना शुरू कर दिया और एक मिनट बाद कहा- अपने लण्ड का नज़ारा नहीं करवाओगे.. देखो कैसे तम्बू बना हुआ है।
मैंने कहा- इसे खुद ही बाहर निकाल लो।
बाजी ने मेरा लंड चूसा
बाजी ने अपना हाथ बढ़ा कर मेरा अंडरवियर उतारा और लण्ड को हाथ में लेकर सहलाने लगीं, बाजी के हाथ बहुत तेज़ी से चल रहे थे। 
मैं बिस्तर पर वहीं पीछे की तरफ लेट गया और आँखें बंद करके बाजी के हाथों का स्पर्श अपने लण्ड पर महसूस करने लगा।
तभी अचानक मुझे याद आया कि मैं तो टाइमिंग बढ़ाने वाली टेबलेट भी लाया हुआ हूँ और क्यों ना कैमरा भी ऑन कर लिया जाए.. तो मैंने बाजी को कहा- बाजी एक मिनट रूको.. 
बाजी ने लण्ड पकड़े हुए कहा- नहीं वसीम प्लीज़ मत उठो.. मैं इसे नहीं छोड़ना चाहती हूँ।
पर मैंने बाजी से कहा- बस एक मिनट बाजी.. 
मैं बिना उनकी ‘हाँ’ के जल्दी से उठ गया और मैंने भाग कर टेबलेट निकाली और पानी से खा गया। बाजी ने मुझे टेबलेट खाते हुए देख लिया था।
तभी मैंने कैमरा भी साइड टेबल की दराज से निकाला और उसको भी सैट करके लगा दिया। 
बाजी ने कहा- वसीम किन कामों में लगे हो.. और तुमने खाया क्या है?
मैंने बाजी को किस करते हुए कहा- बाजी, टाइमिंग बढ़ाने वाली टेबलेट खाई है इससे मैं आपको ज्यादा देर तक चोद सकूँगा और आपको भी पूरी संतुष्टि होगी।
बाजी ने मुझे पीछे को धक्का दिया और कहा- तुम बस लेट जाओ.. 
वो एकदम दीवानों की तरह मेरा लण्ड चूसने लगीं, बाजी बहुत तेजी से मेरा लण्ड चूस रही थीं।
मैं भी मज़े में बाजी के सर को अपने हाथों से ऊपर-नीचे कर रहा था और कभी-कभी उनके मुँह के अन्दर अपने लौड़े को पूरा घुसेड़ते हुए बाजी के सर को भी नीचे को दबा देता था जिससे मेरा लण्ड बाजी के हलक तक चला जाता था.. और फिर मैं एकदम से बाजी के सर को छोड़ देता।
ऐसा करने से बाजी की साँसें तेज हो जाती थीं और बाजी फिर से लण्ड को चूसने लग जातीं। 
इस तरह बाजी ने मेरे लण्ड को एक दफ़ा अपने मुँह में सांस के साथ खींचा.. जिससे मुझे इतना मज़ा आया कि मैंने अपने चूतड़ों को ऊपर उठाया और बाजी के मुँह में ही झड़ने लगा।
झड़ते समय मैंने ऊपर से बाजी के सर को दबा दिया.. जिससे सारा पानी बाजी के गले में उतरने लगा और बाजी ने वो सारा अपनी पी लिया।
जब मैंने बाजी का सर छोड़ा तो बाजी एकदम पीछे को गिर गईं और बिस्तर पर लेट गईं। 
वो कहने लगीं- ऊऊहह उउफफ्फ़ वसीम.. क्या लण्ड है तुम्हारा.. मुझे लगता है ये मेरी जान ले कर छोड़ेगा। 
अब मैं सीधा होकर बाजी के ऊपर लेट गया और बाजी को किस करने लगा। 
मैंने बाजी की चूत चाटी
बाजी ने कहा- वसीम, मेरी चूत में आग लगी है। 
मैंने किसिंग छोड़ कर बाजी की चूत को को चूसना शुरू कर दिया.. जिससे बाजी ने अपना हाथ मेरे सर पर रखा और मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगीं और साथ ही वे तेज़ी से सिसकारी भरने लगीं।
‘ऊऊहह वसीम.. आआहह ऊऊहह.. चूसो और तेज़ी से चूसो.. बहनचोद हो ना तुम.. अपनी बहन की चूत को खा जाओ वसीम.. आआहह उफफ्फ़.. अम्मीई..’ 
इतना कहने के साथ ही बाजी ने अपना पानी छोड़ना शुरू कर दिया और मैंने वो सारा पानी अपनी ज़ुबान से चाट लिया और एक साइड में होकर लेट गया। 
बाजी ने मुझे उठाया और कहा- ऐसे मेरी आग नहीं बुझने वाली.. अब तुमने चिंगारी लगा दी है.. अब आग भी पूरी ठंडी भी करो ना.. डालो ना अपना लण्ड.. मेरी चूत में.. मुझे जल्दी से चोद दो।
मैंने कहा- जरूर बाजी.. पर पहले अपने इसको तो खड़ा करो।
मैंने अपने लण्ड की तरफ इशारा करते हुए कहा..
तो बाजी ने कहा- तुमने तो टेबलेट खाई थी.. उसका असर तो हुआ नहीं.. ये क्यों छूट गया?
मैंने कहा- बाजी टेबलेट का असर खाने के आधे घन्टे बाद होता है.. अभी इसको उठाओ.. फिर मैं आपकी चूत की आग को ठंडा करूँगा। 
झट से बाजी ने मेरे लण्ड पर मुँह रखा और तेज़ी से लण्ड को चूसने लगीं। बाजी के लण्ड चूसने में इतना जोश था कि एक मिनट बाद ही मेरा लण्ड तन कर अकड़ गया। 
खड़ा लौड़ा देख कर बाजी ने कहा- चलो उठो.. अब डालो ना मेरी चूत में.. क्यों तड़फा रहे हो।
बाजी का यही जुनून था.. जो उस दिन भी बाजी पर चढ़ा था और बाजी ने खुद ही मेरे लण्ड को चूत में ले लिया था।
मैंने कहा- अच्छा बाबा.. लो डाल देता हूँ.. 
मैंने उठ कर बाजी को सीधा लेटाया.. बाजी की कमर के नीचे तकिया रखा और बाजी की एक टांग मैंने अपने कंधे पर रख कर अपने लण्ड को हाथ में पकड़ा और बाजी की चूत पर रगड़ने लगा। 
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RE: Antarvasna kahani प्यासी जिंदगी - by sexstories - 11-18-2018, 12:53 PM

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