RE: Antarvasna kahani प्यासी जिंदगी
सुबह आँख काफ़ी लेट खुली तो देखा तो टाइम साढ़े ग्यारह का हो रहा था, मुझे बहुत थकान महसूस हो रही थी इसलिए थोड़ी देर रुक कर मैं उठा और नहा कर फ्रेश हुआ।
ज़ुबैर मेरे उठने से पहले ही स्कूल जा चुका था.. मैं कपड़े पहन कर नीचे गया तो अम्मी ने नाश्ता दिया.. मैंने नाश्ता करते हुए अम्मी से पूछा- बाजी कहाँ हैं?
तो अम्मी ने बताया कि वो यूनिवर्सिटी गई हुई हैं।
कॉलेज तो मैं जा नहीं सका.. तो नाश्ता करने के बाद मैंने सोचा कि दुकान पर ही चला जाता हूँ.. शाम तक दुकान का काम देख लूँगा.. यह सोचते हुए मैंने अम्मी को बताया कि मैं दुकान पर जा रहा हूँ.. और घर से निकल गया।
दुकान पर पहुँच कर दुकान के काम में लग गया.. पर बाजी के साथ जो रात को सेक्स किया और जिस तरह बाजी को प्यार किया.. वो मेरे जेहन में सारा दिन एक वीडियो की तरह चलता रहा।
दुकान का काम निपटाते हुए मुझे काफी टाइम हो गया.. करीब साढ़े सात हो रहे थे, मैंने मुलाज़िमात को कहा- दुकान टाइम से बंद करके जाएं.. मैं घर जा रहा हूँ।
मैं खुद वहाँ से निकल आया।
रास्ते में मुझे याद आया कि मैंने तो अपने लण्ड का पानी बाजी की चूत में ही निकाल दिया था.. तो कहीं बाजी उससे प्रेगनेंट ना हो जाएं.. इसलिए बेहतर है कि मैं आई-पिल ले चलूँ।
मैंने मेडिकल स्टोर पर रुक कर उससे टेब्लेट्स लीं.. और साथ अपनी टाइमिंग बढ़ाने वाली कुछ टेब्लेट्स भी ले लीं।
दोनो किस्म की टेब्लेट्स ले कर मैं वहाँ से घर की तरफ निकला और वहाँ से सीधा घर आ गया।
बाजी को बच्चा ना होने की दवाई दी
घर आकर मैं बाजी को ढूँढने लगा, बाजी बावर्चीखाने में काम कर रही थीं।
मैं बाजी के पास गया.. पर मेरे कुछ बोलने से पहले ही बाजी ने धीमी सी आवाज़ में मुझसे कहा- तुम ऊपर चलो.. मैं ऊपर ही आती हूँ.. यहाँ कोई बात नहीं..
मैं बाजी की बात सुन कर उनको ‘ओके’ बोल कर वहाँ से चला गया।
मैंने अपने कमरे में जाकर में फौरन कपड़े उतारे और वॉशरूम में घुस गया। कुछ लम्हे बाद मैं फ्रेश होकर बिस्तर पर लेट गया और बाजी का इन्तजार करने लगा।
करीब दस मिनट बाद बाजी कमरे में आईं तो मैं खुशी से बाजी की तरफ बढ़ा और उनको गले से लगा लिया। मैंने उनके होंठों पर एक किस की.. तो बाजी ने भी किस शुरु कर दी।
कुछ चुम्मियों के बाद उन्होंने रुक कर कहा- वसीम, मैं आज नहीं आ पाऊँगी।
मैंने बाजी की गिरफ्त ढीली करते हुए कहा- क्यों बाजी.. क्या हुआ है.. आप नाराज़ हो क्या?
बाजी ने मेरे बालों में हाथ फेरते हुए कहा- भला अब मैं अपने भाई से कैसे नाराज़ हो सकती हूँ।
मैंने पूछा- फिर आप क्यों नहीं आओगी?
तो बाजी ने बताया कि गाँव वाली खाला बस अभी हमारे घर पहुँचती ही होंगी.. और वो रात को भी यहाँ ही रहेंगी।
यह सुन कर मैं पीछे होने लगा..
तो बाजी ने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और कहा- वसीम मेरे राजा.. क्यों नाराज़ होते हो.. आज नहीं तो कल सही.. कल वो लोग चले जाएंगे और एक मज़े की खबर ये है कि अम्मी.. ज़ुबैर और हनी भी उनके साथ जाएंगे.. वो लोग मुझे साथ चलने का कह रहे थे.. पर मैंने मना कर दिया है.. मैं तो अपने भाई को छोड़ कर कैसे जाऊँ.. उसे प्यार कौन करेगा। और वो लोग वहाँ 4 से 5 दिन तक रहेंगे.. शायद खाला का कोई जानने वाला बीमार है.. इस वजह ज़ुबैर और हनी को खाला के बच्चों के पास छोड़ कर उनकी तबीयत का पता करने उनके घर जाएंगे।
मैंने बाजी की बात सुन कर बाजी से कहा- फिर कल सारी रात आपको मेरे साथ रहना पड़ेगा.. क्योंकि पापा तो जल्द ही सो जाते हैं.. और वो सुबह ही उठेंगे।
बाजी ने कहा- मेरा सोहना भाई.. क्या मेरे भाई का बहुत दिल करता है मुझे चोदने को.. जो सारी रात रहने का प्रोग्राम बना रहा है।
मैंने बाजी से कहा- मेरा बस चले तो मैं आपको अपनी बीवी बना कर रखूँ.. हर रात को आपके साथ सेक्स किया करूँ और आपको सारी रात प्यार करता रहूँ।
बाजी ने मुझे बांहों में भर कर कहा- अच्छा मेरे राजा.. कल सारी रात तुम्हारे साथ रहूँगी.. अपने सोहने भाई के साथ.. तुम जितना मर्ज़ी चाहो.. सेक्स कर लेना और मेरे साथ जितना मर्ज़ी प्यार करना.. पर अभी मुझे जाने दो.. खाने का इंतज़ाम करना है.. खाला भी आती होंगी।
मुझे होंठों पर बाजी ने किस की और ज़ोर से अपनी चूत को मेरे लण्ड के साथ लगा दी। मैं भी पूरे जोश से उनको चुम्मी करने लगा।
बाजी मेरे होंठ ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगीं और मेरी कमर पर ज़ोर-ज़ोर से हाथ चलाने लगीं।
क्योंकि मैंने पूरे ज़ोर से अपना लण्ड बाजी की चूत से लगाया हुआ था और हल्का-हल्का रगड़ रहा था.. तो बाजी भी पूरे जोश से मुझे रिस्पॉन्स दे रही थीं।
कुछ मिनट इसी तरह किस करने के बाद बाजी ने कहा- वसीम अब मैं चलती हूँ.. बहुत टाइम हो गया है।
मेरी गिरफ्त से निकल कर बाजी जाने लगीं.. तो मैंने भी गिरफ्त ढीली कर दी और बाजी को छोड़ दिया।
बाजी दरवाज़े की तरफ जाने लगीं तो अचानक मुझे याद आया कि बाजी को वो दवा दे दूँ।
मैंने बाजी को आवाज़ दी- बाजी एक मिनट रूको..!
दरवाज़े पर ही बाजी रुक गईं और उन्होंने मुड़ कर मेरी तरफ देखा.. तो मैंने कहा- एक मिनट रूको..
मैं जो टेबलेट ले कर आया था.. वो दराज से निकाल कर बाजी को दे दी।
बाजी ने पूछा- यह क्या है वसीम?
तो मैंने कहा- कल रात को मैंने अपना पानी आपकी चूत में ही निकाल दिया था। ये प्रेगनेंसी रिमूवल टेब्लेट्स हैं.. आप आज याद से एक टेबलेट ले लेना ताकि आप प्रेगनेंट ना हों।
बाजी ने कहा- थैंक्स वसीम.. मैं तो भूल ही गई थी। तुमने इतनी खुशी दी है मुझे मेरे राजा कि बता नहीं सकती।
तभी मैंने आगे बढ़ कर बाजी के माथे पर चुम्मी की और कहा- बाजी आई लव यू.. आप तो मेरी जान हो.. फिर अपनी जान का ध्यान तो रखना है ना।
बाजी ने कहा- आई लव यू टू वसीम..
और वो मुझे आँख मार कर नीचे जाने लगीं।
मैंने उन्हें फिर पुकारा- बाजी..
‘अब क्या है?’
‘बाजी कल रात हम दोनों के लिए ख़ास होने वाली हो सकती है क्या?’
‘कैसी ख़ास?’
‘क्या आप कल मेरे लिए दुल्हन का लिबास पहन सकती हो?’
बाजी ने मेरी सोच को समझते हुए कहा- मेरे राजा मैं तो तुम्हारी हूँ इसलिए जो कहोगे वैसा करूँगी.. तैयार भी हो जाऊँगी और तुम्हारी मर्जी के कपड़े भी अच्छे से पहन लूँगी.. और कुछ?
तो मैंने बाजी से कहा- बस मेरी जान आप इतना कर दो.. बाकी काम मैं करने जा रहा हूँ।
मैंने बाजी को सीधा करके उनके होंठों पर किस की और कहा- मैं आधे घन्टे में आ जाऊँगा.. आप भी तब तक तैयार हो जाना।
बाजी ने कहा- ठीक है.. हो जाऊँगी।
अगले दिन शाम को दूकान से निकल कर सीधा फूलों वाली दुकान पर पहुँच गया और वहाँ से फूलों की पत्तियां लीं और बाजी के लिए मैंने ‘रेड रोज़’ लिया और वहाँ से सीधा में ज्वेलरी की शॉप पर गया और वहाँ से बाजी के लिए मैंने इयर-रिंग्स लिए और साथ गारमेंट्स की शॉप से दो ब्रा के सैट खरीद लिए और सीधा घर आ गया।
घर आया तो बाजी अपने रूम में थीं.. और रूम अन्दर से लॉक था। मैंने नॉक किया.. तो बाजी ने थोड़ा सा दरवाज़ा खोला।
मैंने बाजी से कहा- आप तैयार हो गईं कि नहीं..
तो बाजी ने कहा- अभी नहीं बाबा.. बस 20 मिनट में हो जाऊँगी।
मैं बाजी को वो जो चीज़ें लेकर आया था वो दे दीं और कहा- आप इनको पहन लो.. ये मैं आपके लिए ही लाया हूँ।
बाजी ने वो चीजें ले लीं और मुझे ‘थैंक्स’ कह कर दरवाज़ा बंद कर लिया।
मैं भी अपने रूम में चला गया और बेडशीट ठीक करके पूरे बिस्तर पर फूलों की पत्तियां बिखेर दीं.. बल्ब की रोशनी भी बंद कर दी। मैंने धीमी वाली लाईट ऑन कर दी और बाजी का इन्तजार करने लगा।
तभी बाजी की आवाज़ आई- वसीम..
तो मैं भाग कर नीचे गया तो बाजी दरवाज़े से मुँह निकाले खड़ी थीं। मैंने पूछा- क्या हुआ बाजी?
तो बाजी ने कहा- मुझे वॉशरूम से हेयर ब्रश पकड़ा दो.. मेरा वाला तो मिल ही नहीं रहा है।
मैंने कहा- ओके..
मैं वॉशरूम की तरफ चला गया.. वहाँ से ब्रश ले कर मैं वापिस आया तो देखा कि बाजी के कमरे का दरवाज़ा खुला है। मैं अन्दर गया तो हैरान हुआ कि बाजी रूम में नहीं थीं। मैंने टीवी लाउन्ज में भी देखा.. बाजी वहाँ भी नहीं थीं।
तब अचानक मेरे जेहन में आया कि कहीं ये सोच कर मेरे रूम में ना चली गईं हों कि मैं वहाँ ही आ जाऊँगा।
मैं सीढ़ियाँ चढ़ कर ऊपर गया तो कमरे में वो ही मद्धिम लाईट ऑन थी।
मैं अन्दर चला गया..
अन्दर जाते ही मैंने देखा तो मेरी खुशी की इंतिहा ही नहीं थी.. बाजी घूँघट में बिस्तर पर बैठी हुई थीं.. एकदम दुल्हन की तरह का ब्लैक कलर का लहंगा पहने हुए वो बेहद खूबसूरत लग रही थीं।
मैं समझ गया कि बाजी ने मुझसे छिप कर रूम में आने के लिए मुझे नीचे बुलाया था।
मैंने कमरे का दरवाजा बंद किया और बिस्तर की तरफ बढ़ने लगा। बिस्तर के पास पहुँच कर मैं बाजी के पास बिस्तर पर बैठ गया और बाजी का घूँघट उठाने लगा। मैंने आहिस्ता-आहिस्ता बाजी का घूँघट उठाया और मेरे मुँह से खुद बा खुद ही निकल गया।
‘बाजी.. आपको मेरी नज़र ना लग जाए.. आप इंतिहा खूबसूरत लग रही हो.. आप मेरी जान निकाल लोगी बाजी.. कसम से..’
मेरे पास एक गोल्ड का छल्ला था.. जो कि मैं कभी-कभार पहना करता था.. मैं उठा.. वो छल्ला अपनी दराज से निकाला और बाजी के पास जा कर मैं बैठ गया।
मैंने कहा- इस वक्त मेरे पास मेरी बीवी को देने के लिए इस छल्ले से कीमती और कोई चीज़ नहीं है..
और यह कहते ही मैंने छल्ला बाजी का हाथ को पकड़ कर बाजी की उंगली में पहना दिया।
उस छल्ले को बाजी ने किस किया और कहा- ये मेरी ज़िंदगी का सब से अनमोल तोहफा है और आज का दिन मेरी ज़िंदगी का सबसे बेहतर दिन है। मैं ये सब कभी नहीं भूल पाऊँगी.. और मैं अब शादी नहीं करूँगी.. मेरी शादी आज तुमसे हो गई है बस..
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