Antarvasna kahani प्यासी जिंदगी
11-18-2018, 12:52 PM,
#62
RE: Antarvasna kahani प्यासी जिंदगी
बाजी मेरी रानों पर सीधी बैठी.. कुछ देर तक अपनी खूँख्वार आँखों से मुझे देखती रहीं.. फिर उन्होंने अपने दोनों हाथ मेरे पेट पर रख कर ज़ोर दिया और नीचे उतर कर मेरे सिकुड़े हुए लण्ड को पकड़ा और पूरी ताक़त से खींचते हुए भर्राई आवाज़ में बोलीं- उठो वसीम.. जल्दी। 
उनकी आवाज़ ऐसी थी जैसे किसी गहरे कुँए से आ रही हो।
बाजी ने मुझे लण्ड से पकड़ कर खींचा था और लण्ड पर पड़ने वाले खिंचाव के तहत मैं बेसाख्ता खिंचता हुआ सा खड़ा हो गया।
मेरे खड़े होने पर भी बाजी ने मेरे लण्ड को अपने हाथ से नहीं छोड़ा और इसी तरह मज़बूती से लण्ड को पकड़े अपने क़दम आगे बढ़ा दिए। 
मैं सिहरजदा सी कैफियत में कुछ बोले.. कुछ पूछे.. बिना ही बाजी के पीछे घिसटने लगा।
बाजी के लंबे बालों का ऊपरी हिस्सा खुला था.. लेकिन बालों के निचले हिस्से पर चुटिया सी अभी भी कायम थी। ऊपरी घने बाल बिखरे होने की वजह से उनकी कमर मुकम्मल तौर पर छुप गई थी.. लेकिन जहाँ से बाजी के कूल्हों की गोलाई शुरू होती थी.. वहाँ से बालों की चुटिया भी शुरू हो जाती थी.. जो बाजी के खूबसूरत गोल-गोल कूल्हों की दरमियानी लकीर में किसी बल खाते साँप की तरह आती और लकीर के दरमियानी हिस्से को चूम कर कभी दायें और कभी बायें कूल्हे की ऊँचाइयों को चाटने निकल जाती।

बाजी कमरे का दरवाज़ा खोलने को रुकीं.. तो मैंने देखा कि उनकी सलवार वहाँ ही दरवाज़े के पास पड़ी थी.. जो मेरे पास बिस्तर पर आने से पहले बाजी ने उतार फैंकी होगी।
मैं बाजी की क़मीज़ की तलाश में सलवार के आस-पास नज़र दौड़ा ही रहा था कि मेरा जिस्म झटके से आगे बढ़ा। 
बाजी दरवाज़ा खोल चुकी थीं और उन्होंने बाहर निकलते हुए मेरे लण्ड को झटके से खींचा था। मेरा क़दम खुद बखुद ही आगे को उठ गया और इतनी देर में पहली बार मेरी ज़ुबान खुली- यार बाजी कहाँ ले जा रही हो.. कुछ बोलो तो?
बाजी ने रुक कर एक नज़र मुझे देखा और बोली- स्टडी रूम में..
यह कह कर उन्होंने फिर चलना शुरू कर दिया.. मैं भी बाजी के पीछे ही क़दम उठाने लगा..
तो सीढ़ियों के पास मेरे पाँव में कोई कपड़ा उलझा और मैंने गिरते-गिरते संभल कर देखा तो वो बाजी की क़मीज़ थी.. मेरे जेहन ने फ़ौरन कहा मतलब बाजी ने सीढ़ियाँ चढ़ते-चढ़ते क़मीज़ उतारी होगी और ऊपर पहुँचते ही सिर से निकाल फैंकी होगी। 
मेरे लड़खड़ाने पर भी बाजी रुकी नहीं थीं और मैं संभल कर फिर से उनके पीछे चलता हुआ स्टडी रूम में दाखिल हो गया।
स्टडी रूम के दरवाज़े के पास ही मेरे बिल्कुल सामने खड़े हो कर बाजी ने लण्ड को छोड़ा और आहिस्तगी से अपने दोनों हाथ उठा कर मेरे सीने पर रख दिए और अपनी गर्दन को राईट साइड पर झुकाते हुए.. नर्मी से हथेलियाँ मेरे सीने पर फेरने लगीं।
बाजी ने 3-4 बार ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर.. मेरे सीने को सहलाते हुए हाथ फेरे और फिर दोनों हथेलियाँ गर्दन से थोड़े नीचे रखते हुए ताक़त से मुझे धक्का दिया और घूम कर दरवाज़ा लॉक करने लगीं।
बाजी के इस अचानक धक्के से मैं लरखड़ाता हुआ दो क़दम पीछे हट गया.. बाजी की यह कैफियत मेरी समझ में नहीं आ रही थी।
ऐसा लग रहा था जैसे उनके जिस्म में कोई खबीस की रूह घुस गई हो और वो उस खबीस रूह के ज़ेरे-असर ये सब कर रही हों।
बाजी दरवाज़ा लॉक करके घूमीं और लाल सुर्ख आँखों से मुझे देखने लगीं.. यकायक ही बाजी की अंगार आँखों में एक चमक सी पैदा हुई और किसी शेरनी के अंदाज़ में वो मुझ पर झपट पड़ीं।
बाजी मेरे ऊपर टूट पड़ी
मैं बाजी के इस अचानक के हमले के लिए तैयार नहीं था.. इसलिए जब उनका बदन मेरे जिस्म से टकराया तो मैं खुद को संभाल ना पाया और लड़खड़ाता हुआ पीछे की जानिब गिरा और बाजी ने भी मुझ पर चढ़ते हुए मेरे साथ ही नीचे आ गिरीं।
लेकिन फर्श पर नरम कार्पेट होने की वजह से मुझे चोट नहीं लगी थी लेकिन बाजी को तो जैसे कोई परवाह ही नहीं थी कि मैं मरूं या जीऊँ। 
बाजी मेरे ऊपर छा सी गईं।
मैं झटके से ज़मीन पर गिरा.. जिसकी वजह से एक लम्हें के लिए मेरा लण्ड.. जो उस वक़्त कुछ ढीला कुछ अकड़ा सा था.. भी ऊपर पेट की जानिब झटके से उठा था और उसी वक़्त बाजी मेरे ऊपर बैठीं.. तो मेरे लण्ड का निचला हिस्सा मुकम्मल तौर पर बाजी की चूत की लकीर में फिट हुआ और मेरी कमर ज़मीन से टच हो गई।
बाजी ने अपनी चूत की लकीर में मेरे लण्ड को दबाए हुए ही अपने घुटने मेरे जिस्म के इर्द-गिर्द नीचे कार्पेट पर टिकाए और अपने सीने के उभारों को मेरे सीने पर दबा कर वहशी अंदाज़ में मेरी गर्दन को चूमने और दाँतों से काटने लगीं।
मुझे बाजी के दाँतों से तक़लीफ़ भी हो रही थी.. लेकिन हैरत अंगैज़ तौर पर इस तक़लीफ़ से मुझे अनजानी सी लज्जत महसूस होने लगी।
मेरा लण्ड बाजी की चूत के नीचे दबे हुए ही सख़्त होना शुरू हो गया।
बाजी ने दाँतों से काटने के साथ-साथ अब मेरे कंधों.. बाजुओं.. सीने.. गरज़ यह कि जहाँ-जहाँ उनका हाथ पहुँच सकता था.. वहाँ से मुझे नोंचना शुरू कर दिया था और अपने तेज नाख़ुनों से मुझ पर खरोंचें डालती जा रही थीं। 
मैंने बाजी को अपने ऊपर से हटाने की कोशिश नहीं की.. ये अज़ीयत.. ये तक़लीफ़.. मेरे अन्दर जैसे बिजली सी भरती जा रही थी और मेरा अंदाज़ भी वहशियाना होता चला गया।
मैंने भी बाजी की कमर पर दोनों हाथ रखे और अपने नाख़ून उनके नर्म-ओ-नाज़ुक बदन में गड़ा कर नीचे की तरफ घसीट दिया।
बाजी ने फ़ौरन मेरी गर्दन से दाँत हटा कर चेहरा ऊपर उठाया.. उनके मुँह से अज़ीयत और लज़्ज़त से मिली-जुली एक कराह निकली ‘आओउ.. उउफफफ्फ़..’
मैंने इस मौके का फ़ायदा उठा कर फ़ौरन अपना हाथ बाजी की गर्दन पर रखा और गर्दन जकड़ते हुए उनको थोड़ा और ऊपर को उठा दिया।
बाजी के ऊपर उठने से उनके सीने के नर्मोनाज़ुक लेकिन खड़े उभार मेरे सामने आ गए।
मैंने एक लम्हा ज़ाया किए बगैर अपना सिर उठाया और उनके लेफ्ट उभार को अपने मुँह में भर कर अपने दाँतों से दबा दिया।
बाजी ने तड़फ कर एक अज़ीयतजदा ‘आअहह..’ भरी.. अपनी कोहनी को मेरे सिर के पास ही ज़मीन पर टिकाया और हाथ से मेरे सिर के बाल जकड़ा और दूसरे हाथ की मुठी में मेरे सीने के बाल पकड़ कर खींचने लगीं।
हम दोनों बहन-भाई की ही हालत अजीब सी हो गई थी.. जो कि मैं सही तरह लफ्जों में बयान नहीं कर सकता। बस हमारे अंदाज़ में एक दीवानगी थी.. वहशीपन था.. हैवानियत थी.. जुनून था.. शैतानियत थी।
मेरी बहन मेरे लण्ड को अपनी चूत के नीचे दबाए मेरे सिर के बाल खींच रही थी.. दूसरे हाथ से मेरे सीने पर अपने नाख़ून गड़ा कर खरोंचती जा रही थी।
बाजी ने मेरे सीने के बाल मुठी में भर कर खींचे.. तो सीने के बाल टूटने पर मैं तक़लीफ़ से बिलबिला उठा और बाजी को छोड़ने की बजाए मज़ीद वहशी अंदाज़ में उनके सीने के उभार को मुँह से निकाल कर दोनों उभारों के दरमियानी हिस्से पर दाँत गड़ा दिए।
मेरा लण्ड अब मुकम्मल तौर पर खड़ा हो चुका था लेकिन वो ऊपर की तरफ सिर उठाए दबा हुआ था.. यानि मेरे लण्ड का ऊपरी हिस्सा मेरे बालों वाले हिस्से से चिपका हुआ था। 
मेरे लण्ड की नोक नफ़ से कुछ ही नीचे टच थी और मेरे लण्ड का निचला हिस्सा बाजी की चूत की लकीर में कुछ इस तरह बैठा हुआ था कि बाजी की चूत के लिप्स ने मेरे लण्ड की दोनों साइड्स को भी ढांप दिया था। 
बाजी की चूत ने कुछ इस तरह मेरे लण्ड को अपनी आगोश में ले रखा था कि जैसे मुर्गी चूज़े को अपने पैरों में छुपा लेती है।
Reply


Messages In This Thread
RE: Antarvasna kahani प्यासी जिंदगी - by sexstories - 11-18-2018, 12:52 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,514,684 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 545,912 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,237,857 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 935,819 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,661,641 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,087,884 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,962,543 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,093,184 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,047,040 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 286,229 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)