Antarvasna kahani प्यासी जिंदगी
11-18-2018, 12:38 PM,
#43
RE: Antarvasna kahani प्यासी जिंदगी
बाजी नाश्ते के वक्त मेरी छेड़छड़ से इतनी गर्म हो गई कि उन्हें अपने हाथ से मज़ा लेने के लिये अपने कमरे में जाना पड़ा। मैंने बाजी से गुजारिश की कि मैं उन्हें ऐसा करते देखना चाहता हूँ लेकिन उन्होंने मुझे अन्दर नहीं आने दिया।
मज़ीद 3-4 मिनट के बाद बाजी बाहर निकलीं.. तो उनके बाल बिखरे हुए थे.. चेहरा चमकता हुआ सा लाल हो रहा था और पसीने के नन्हे-नन्हे क़तरे उनकी पेशानी पर साफ नज़र आ रहे थे। 
बाजी ने अपने दोनों हाथ अपनी क़मर पर टिकाए और नशीली आँखों से गुस्सैल अंदाज़ में मुझे देखा। 
मैंने आगे बढ़ कर बाजी के चेहरे को थामा और उनके होंठों को चूम कर कहा- तो मेरी बहना ने ये सब बहुत एंजाय किया है और मुझे खामख्वाह गुस्सा दिखा रही थीं।
बाजी ने अपनी कमर से हाथ उठा कर मेरे सीने पर एक मुक्का मारा और फिर मेरे गले लगते हुए अपना चेहरा मेरे सीने में छुपा कर बोलीं- जी नहीं.. मुझे शदीद गुस्सा आ रहा था तुम पर.. वसीम, प्लीज़ कुछ तो ख़याल किया करो.. ज़रा सोचो अम्मी-अब्बू को ज़रा सा भी शक़ हो जाता.. तो हमारा क्या होता? 
मैंने बाजी के कंधों को पकड़ कर उन्हें पीछे किया और उनके चेहरे को फिर से अपने हाथों में भरते हुए कहा- लेकिन बाजी इस सबमें मज़ा भी तो बहुत आता है ना.. अकले में ये सब करने में मज़ा तो है.. लेकिन इतनी एग्ज़ाइट्मेंट नहीं है.. जितनी कि ऐसे टाइम पर आती है कि हम सबके सामने भी हैं और हमारी हरकतें सबसे छुपी हुई भी हैं। आप भी कितनी एग्ज़ाइटेड हो गई थीं ना.. 
‘हाँ तुम सही कह रहे हो.. लेकिन फिर भी वसीम.. प्लीज़ दोबारा ऐसा मत करना।’ 
‘ओके.. मेरी सोहनी बहना जी.. आइन्दा ख़याल रखूँगा… बस?’
यह कह कर मैंने मुस्कुरा कर बाजी की आँखों में देखा और फिर एक बार बाजी के होंठों को चूम कर बाहर निकल आया और बाजी को सोचता हुआ ही कॉलेज को चल दिया।
दिन में कॉलेज से आ कर खाना खाया और आराम करने के बाद.. कमरे में ही अपना एक प्रॉजेक्ट खोल बैठा.. जो 2 दिन बाद लाज़मी कॉलेज में सबमिट करना था।
जब मैं अपना प्रॉजेक्ट पूरा करके उठा तो रात के 8 बज चुके थे।
बाजी आज भी आई सेक्स का लुत्फ़ उठाने
मैं थोड़ी देर जेहन को फ्रेश करने के लिए बाहर निकल गया और दोस्तों के साथ कुछ टाइम गुजार कर घर वापस आया और खाना खा कर उठा तो बाजी ने भी आज रात फिर आने का सिग्नल दे दिया।
मैं रूम में पहुँचा.. तो ज़ुबैर बाथरूम में था..
मैंने अपने कपड़े उतार कर ज़मीन पर फैंके और बिस्तर पर नंगा ही बैठ कर बाजी के आने का इन्तजार करने लगा।
कुछ देर बाद ज़ुबैर बाथरूम से निकला तो मेरी हालत देख के खुश होता हुआ बोला- भाई.. मतलब बाजी आएँगी आज भी?
मेरा जवाब ‘हाँ’ में सुनते ही उसने भी अपने कपड़े उतार कर वहीं ज़मीन पर फैंके और बिस्तर पर आकर बैठा ही था कि दरवाज़ा खुला..
बाजी कमरे में दाखिल हुईं और अपनी क़मीज़ और सलवार उतार कर सोफे पर रख दी। 
मैं और ज़ुबैर तो पहले से ही अपने कपड़े उतारे बैठे थे। बाजी ज़मीन पर पड़े मेरे और ज़ुबैर के कपड़े उठाने लगीं और कपड़े उठाते हुए ही बोलीं- तुम लोग कुछ तो तमीज़ सीखो.. कितना टाइम लगता है इन्हें स्टैंड पर लटकाने में..
यह कह कर बाजी ने हमारी तरफ पीठ की और अल्मारी की तरफ चल दीं। 
बाजी की पीठ हमारी तरफ हुई.. तो मेरी नजरें बाजी के खूबसूरत कूल्हों पर जम कर रह गईं। 
जब बाजी अपना राईट पाँव आगे रखती थीं.. तो उनका लेफ्ट कूल्हा भी ऊपर की तरफ चढ़ जाता और जब लेफ्ट पाँव आगे रखतीं.. तो उसी रिदम में लेफ्ट कूल्हा नीचे आता और साथ ही राईट कूल्हा ऊपर की तरफ उठ जाता। 
क़दम उठाने के साथ ही बाजी की कमर का खम मज़ीद बढ़ जाता.. और कूल्हे बाहर की तरफ निकल आते।
बाजी हमारे कपड़े स्टैंड पर लटका कर मुड़ीं.. तो हमारी शक्ल देख कर हँसते हुए बोलीं- अपने मुँह तो बंद कर लो ज़लीलो.. ऐसे मुँह और आँखें फाड़-फाड़ कर अपनी सग़ी बहन का नंगा जिस्म देख रहे हो.. कुछ तो शर्म करो।

ज़ुबैर ने तो जैसे बाजी की बात सुनी ही नहीं.. उसकी पोजीशन में कोई फ़र्क़ नहीं आया.. लेकिन मैंने एक़दम ही अपना खुला मुँह बंद किया और अपने सिर को खुजाते झेंपी सी मुस्कुराहट के साथ बोला- बाजी कसम से अगर आप खुद अपने आपको ऐसे देख लो.. तो आपकी टाँगों के बीच वाली जगह भी गीली हो जाएगी.. हम तो फिर भी लड़के हैं।
खुद का नंगा जिस्म निहारने लगी बाजी
बाजी ने मुझे आँख मारी और बोलीं- अच्छा ऐसा है क्या?
और यह कह कर वे आईने की तरफ चल दीं।
आईने के सामने जा कर बाजी ने पहले सीधी खड़ी हो कर अपने जिस्म को देखा और फिर एक हाथ कमर पर रखा
और दूसरे हाथ से अपने बालों को जूड़े की शक्ल में पकड़ते हुए साइड पोज़ पर हो गईं..
और खुद ही अपने जिस्म को आईने में निहारने लगीं।
फिर इसी तरह अपने हाथों को चेंज किया और दूसरे रुख़ पर हो कर फिर अपना साइड पोज़ देखा और आईने में ही से ज़ुबैर को देखा.. जो अभी भी मुँह खोले बाजी के जिस्म को घूर रहा था। 
फिर बाजी ने मुझे देखा और नज़र मिलने पर आँख मार के.. एक किस कर दी। 
मैंने भी अपने लण्ड पर अपना हाथ आगे-पीछे करते हुए बाजी को जवाबी किस की.. और हम दोनों ही मुस्कुरा दिए। 
फिर बाजी अपनी पीठ आईने की तरफ करके अपनी गर्दन घुमा कर अपनी गाण्ड को देखने लगीं.. इसी पोजीशन में अपनी गाण्ड को देखते-देखते..
बाजी अपने दोनों हाथों को पीछे ले गईं और अपने दोनों कूल्हों को पकड़ के चीरते हुए अलहदा किया
और अपनी गाण्ड का सुराख देखने की कोशिश करने लगीं।
इसमें उन्हें नाकामी ही हुई.. कुछ देर और कोशिश करने के बाद बाजी ने दोबारा अपना रुख़ घुमाया और अपने सीने के दोनों उभारों को हाथों में पकड़ कर आईने में देखने लगीं। 
बाजी ने अपने दोनों उभारों को बारी-बारी दोनों साइड्स से देखा.. फिर अपने दोनों उभारों को आपस में दबाते हुए आईने में से ही मेरी तरफ नज़र उठाई और मेरी आँखों में देखते हुए अपनी ज़ुबान निकाली और सिर झुका कर अपने खूबसूरत.. गुलाबी खड़े निप्पल्स पर अपनी ज़ुबान फेरने लगीं।
भाई बहन का जिस्मानी प्यार
मेरी बर्दाश्त अब जवाब दे गई थी।
मैं अपनी जगह से उठा और बाजी के पीछे जाकर उनके नंगे जिस्म से चिपक गया।
मैंने बाजी के हसीन और नर्म ओ नाज़ुक बदन को अपने बाजुओं के आगोश में ले लिया और एक तेज सांस के साथ अपनी बहन के जिस्म की महक को अपने अन्दर उतार कर बोला- बाजी ये मक्खन नहीं है.. मैं कसम खा कर कहता हूँ कि मैंने आज तक आप से ज्यादा हसीन जिस्म किसी लड़की का नहीं देखा.. आप बहुत खूबसूरत हो।
फिर मैंने बाजी की गर्दन को चूमा और कहा- आपका चेहरा.. आपके सीने के उभार.. आपके बाज़ू.. पेट.. खूबसूरत गोल गोल कूल्हे.. खम खाई हुई कमर.. आपकी खूबसूरत जाँघें.. हर चीज़ इतनी हसीन और मुकम्मल है कि हर हिस्से पर शायरी की जा सकती है।
बाजी ने मुस्कुरा कर अपने दाहिने हाथ को मेरे और अपने जिस्म के बीच लाकर मेरे खड़े लण्ड को पकड़ा और अपने दूसरे बाजू को उठाया
और मेरे सिर के पीछे से गुजार कर मेरे सिर की पुश्त पर रख कर मेरे गाल को चूम कर कहा- मेरा भाई भी किसी से कम नहीं है.. और मेरा जिस्म जितना भी हसीन है.. इस पर पहला हक़ मेरे प्यारे भाई का ही है।
बाजी ने यह कह कर मुहब्बत भरी नज़र से मेरी आँखों में देखा और फिर मेरे गाल पर चुटकी काट ली। 
‘सस्स्स्स्स्सीईईईई.. आअप्प्पीईईईई कुत्ती..’ मैंने तक़लीफ़ से झुंझला कर कहा।
तो बाजी ने मेरे कान की लौ को अपने दाँतों में पकड़ का काटा और शरारत और मुहब्बत भरे लहजे में सरगोशी करते हुए मेरे कान में बोलीं- हाँ हूँ कुत्ती.. अपने कुत्ते भाई की कुत्ती..
और इसी के साथ ही उन्होंने मेरे लण्ड को भी अपनी मुठी में ताक़त से भींच दिया। 
Reply


Messages In This Thread
RE: Antarvasna kahani प्यासी जिंदगी - by sexstories - 11-18-2018, 12:38 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,517,326 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 546,155 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,238,868 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 936,597 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,662,835 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,088,948 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,964,488 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,099,053 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,049,255 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 286,412 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)