RE: Antarvasna kahani प्यासी जिंदगी
हम इस एक खिड़की का लॉक हमेशा खुला रखते थे कि कभी इसकी कोई जरूरत पड़ ही सकती है और आज इस बात ने फ़ायदा पहुँचा ही दिया था।
वैसे भी हमारा ये कमरा ऊपर वाली मंजिल पर था.. तो कोई ऐसा ख़तरा भी नहीं था कि कोई चोर डाकू आ जाएं। हमारे घर के चारों तरफ लॉन था उसके बाद दीवारें बनी हुई थीं.. वो भी 10 फीट ऊँची थीं और उन पर काँच लगे थे।
बरहराल.. मैंने आहिस्तगी से सिर उठा कर खिड़की से अन्दर झाँका।
इस खिड़की से कंप्यूटर टेबल इस एंगल पर थी कि यहाँ से कंप्यूटर स्क्रीन भी नज़र आती थी और कुर्सी पर बैठे हो बंदे का लेफ्ट साइड पोज़ भी उसकी कमर के कुछ हिस्से के साथ-साथ देखा जा सकता था, ज़रा तिरछा सा एंगल बनता था।
उम्मीद है कि मैंने इस पोजीशन का आपके जेहन में मुकम्मल खाका बना दिया होगा।
यहाँ जरूरी है कि मैं अपनी बाजी के जिस्म के बारे कुछ डीटेल्स बयान कर दूँ ताकि कहानी पढ़ते वक़्त आप लोगों के ज़हन में मेरी सग़ी बहन की तस्वीर बनी हुई हो।
मेरी बाजी मुझसे 4 साल बड़ी हैं.. उनका रंग गोरा नहीं.. बल्कि गुलाबी है.. जिल्द बिल्कुल शफ़फ़ है। उनकी लम्बाई तकरीबन 5 फीट 4 इंच है.. उनका जिस्म भरा हुआ था.. पेट बिल्कुल नहीं था।
उनकी टाँगें काफ़ी लंबी-लंबी और भारी-भारी कदली सी जाँघें हैं और उनके सीने के दोनों उभार काफ़ी बड़े और वैलशेप्ड हैं.. जो शायद खानदानी जींस की वजह से हैं।
मेरे पूरे खानदान में ही सब औरतों के मम्मे बड़े-बड़े ही हैं।
जब मेरी नज़र अन्दर पड़ी.. तो मेरा मुँह हैरत से खुला का खुला रह गया और मेरा लण्ड एक ही झटके लेकर तन गया। सामने मेरी बाजी कुर्सी पर बैठी थीं।
कंप्यूटर स्क्रीन उनके सामने थी और की बोर्ड उनकी गोद में पड़ा था। उन्होंने स्काइ-ब्लू क़मीज़.. जिस पर ब्लैक फूल प्रिंटेड थे.. पहन रखी थी।
सिर पर डार्क-ब्लू स्कार्फ ऐसे ही बाँध रखा था.. जैसे वो बाँधा करती हैं, इसको मैं पहले बयान कर चुका हूँ।
नीचे आपा ने वाइट कॉटन की ही सलवार पहनी हुई थी.. जिसके पायेंचों ने उनके पैरों को आधे से ज्यादा ढक रखा था।
स्क्रीन पर वो रात वाली ही मूवी चल रही थी.. जिसमें सब ब्लैक आदमी और गोरी लड़कियाँ ही थीं।
यह सीन थ्रीसम का था जिसमें एक गोरी लड़की डॉगी पोजीशन में थी और एक डार्क ब्लैक लण्ड उसकी खूबसूरत पिंक-पिंक चूत में अन्दर-बाहर हो रहा था।
उसी वक़्त में ही एक और काले लण्ड को उसके होंठों ने अपनी गिरफ्त में ले रखा था।
सामने बैठी मेरी सग़ी बहन मेरी बड़ी बहन.. मेरी बाजी.. अपने राईट हैण्ड से की बोर्ड को कंट्रोल कर रही थीं और लेफ्ट हैण्ड की 2 उंगलियों से उन्होंने अपने लेफ्ट मम्मे के निप्पल को पकड़ रखा था और उसे चुटकी में मसल रही थीं।
उन्होंने अपनी दाईं टांग पर अपनी बाईं टांग को क्रॉस करके रखा हुआ था.. जिसकी वजह से मुझे अपनी बहन की हसीन रान और बाएँ कूल्हे के निचले हिस्से का भी दीदार हो रहा था।
अपनी सग़ी बहन को इस हालत में देख कर मेरी क्या हालत थी.. इसका अंदाज़ा आप बाखूबी लगा सकते हैं।
मैंने अपनी पैंट की ज़िप खोल के अपने लण्ड को बाहर निकाल लिया था.. लेकिन मैं उसे हाथ भी नहीं लगा रहा था क्योंकि मुझे पता था कि मेरे हाथ टच करते ही मेरा लण्ड अपना पानी बहा देगा.. बगैर हाथ लगाए ही मेरे लण्ड से क़तरा-क़तरा सफ़ेद माल निकल रहा था।
चंद सेकेंड्स के वक्फे से मेरा लण्ड एक झटका ख़ाता था… और एक क़तरा बाहर फेंक देता था। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरे पूरे जिस्म में आग लगी हुई है, मुझे अपने कानों से धुंआ निकलता महसूस हो रहा था।
बाजी कुर्सी पर बिना हिले-जुले ऐसे बैठी थीं.. जैसे कि वो बुत हों। उधर मूवी में अब दोनों लड़के अपने-अपने लण्ड चूत और मुँह से निकाल कर साथ-साथ खड़े हो गए थे और वो लड़की उन दोनों के सामने घुटनों के बल बैठ कर बारी-बारी से दोनों का लण्ड चूस रही थी और हाथ में उनके हैवी लौड़े पकड़ कर अपने हाथ को आगे-पीछे हरकत दे रही थी।
फिर उस लड़की ने लण्ड को अपने मुँह से निकाला और अपने सीने के उभारों पर रगड़ने लगी। फिर उसने लण्ड की नोक को अपने निप्पल पर दबाया ही था कि लण्ड से गाढ़ा सफ़ेद जूस निकल-निकल कर उसके मम्मों पर गिरने लगा।
वो अपने हाथ से अपने दोनों मम्मों पर लण्ड के पानी की मालिश करने लगी।
उसी वक़्त दूसरे ब्लैक आदमी ने लड़की के सिर को पकड़ कर अपने लण्ड की तरफ घुमाया और उस लड़की ने उसके लण्ड को पकड़ कर एक बार में पूरे लण्ड को जड़ तक अपने मुँह में भरा और फिर लण्ड को मुँह से निकाल कर सिर्फ़ उसकी नोक को अपने निचले होंठ पर टिका दिया और अपना मुँह जितना खोल सकती थी.. खोल लिया और लण्ड को अपनी मुठी में पकड़ कर हाथ को आगे-पीछे करने लगी।
फ़ौरन ही उसके लण्ड से भी गाढ़ा-गाढ़ा सफ़ेद पानी निकलने लगा.. जो लड़की के मुँह में जमा होता रहा।
उसी वक़्त बाजी के जिस्म को भी झटका सा लगा.. उन्होंने की बोर्ड अपनी गोद से उठा कर सामने टेबल पर रख दिया। उन्होंने मीडिया प्लेयर के कर्सर को हरकत दी और मूवी वहीं से शुरू हो गई.. जहाँ से लड़की ने जड़ तक लण्ड को चूस कर अपने निचले होंठ पर टिका दिया था।
शायद वो ये सीन फिर से देखना चाहती थीं।
बाजी ने भी अपने दोनों हाथों को सामने टेबल पर रखा और टेबल का किनारा बहुत मज़बूती से पकड़ लिया। उन्होंने अपनी टाँगों को आपस में भींच लिया। बाजी की गर्दन की अकड़ गई थी.. उनकी गिरफ्त टेबल पर मज़बूत होती जा रही थी और पूरा जिस्म अकड़ गया था। सिर गर्दन की अकड़ की वजह से पीछे को झुक सा गया था।
अचानक उनके जिस्म ने 2-3 झटके लिए और उनको हिचकियाँ भी आने लगीं, शायद अपनी सिसकारियों को रोक रही थीं।
इस वजह से सिसकारियाँ हिचकी में तब्दील हो गई थीं।
उसी वक़्त मेरे लण्ड ने भी झटके लिए और दीवार पर पिचकारी मारने लगा।
मेरी जिन्दगी में पहली बार ऐसा हुआ था कि बगैर हाथ टच हुए मैं डिसचार्ज हुआ था।
झटके खाने के बाद भी बाजी का जिस्म तकरीबन 30 सेकेंड तक अकड़ा रहा और फिर उनका बदन ढीला पड़ गया और वो निढाल सी हो गई।
शायद मेरी बाजी भी मेरी तरह बगैर टचिंग के ही अपनी मंज़िल पा गई थीं।
मैं नहीं चाहता था कि बाजी को मेरी मौजूदगी का पता चले।
मैं जिस रास्ते से यहाँ तक आया था.. उसी रास्ते पर चलता नीचे चला गया।
मुझे उम्मीद थी कि बाजी भी अब फ़ौरन ही नीचे आ जाएंगी।
इसलिए मैं बाहर वाले मेन गेट पर आकर खड़ा हो गया कि बाजी को सीढ़ियाँ उतारते देख कर घर में ऐसे दाखिल होऊँगा कि उन्हें ऐसा ही ज़ाहिर हो कि मैं अभी-अभी ही घर आया हूँ।
लेकिन 10-15 मिनट वहाँ खड़े होने के बावजूद भी बाजी नीचे नहीं उतरीं.. तो मैं बाहरी दरवाजे को बन्द करते हुए घर से बाहर निकल गया।
|