RE: Kamukta Kahani दामिनी
दामिनी--37
गतान्क से आगे…………………..
दोनों बुरी तरह चिपके थे एक दूसरे से ...मम्मी भी पायल आंटी की चुदाई देखते देखते बुरी तरह चुदासी थी और मैं भी .....मेरी तो चूत फडक रही थी ...लौडा अंदर लेने को बेताब थी
तभी पापा ने मेरी चूतड़ को थामते हुए मुझे और उपर कर लिया ...अपनी गर्दन तक मुझे उठा लिया ..मैने अपनी टाँगें उनके गर्दन के दोनों ओर रखते हुए सोफे की पीठ पर टीका दिया ..मेरी चूत पापा के मुँह के सामने थी ... पापा ने अपनी उंगली से मेरी चूत की गुलाबी फांकों को अलग किया ....और अपनी लपलपाति जीभ से चाटने लगे ..पूरी लंबाई तक ....उफफफ्फ़ ..मैं कांप उठी ..मेरी टाँगों ने उन्हें और भी जोरों से जाकड़ लिया ...उनकी जीभ सतासट चूत की सफाई किए जा रही थी ...मेरा पूरा बदन सिहर जाता ..फिर उन्होने अपने होंठों से मेरी चूत को जाकड़ लिया और बड़ी जोरों से चूसना शुरू कर दिया ..मुझे ऐसा लगा मेरी चूत से रस की धार निकल रही है और उनके मुँह में जा रही है.......लग रहा था जैसे मेरा पूरा बदन कोई नीचोड़ रहा हो ......पापा ने मेरे चूतड़ भी बड़े जोरों से जाकड़ रखा था .....
मम्मी का मुँह और मेरी चूत की अच्छी चुसाइ हो रही थी .... भैया के लंड की घिसाई भी हो रही थे मम्मी के कमरबन्द से ....और पापा का लंड हवा में लहरा रहा था , एक दम तन्नाया ...
हम सभी सीसक रहे थे , सिसकारियाँ भर रहे थे ....ऊऊऊऊऊ....आआआआआआः ....उफफफफफफ्फ़ ....
'पापा ...पापा ....अब और नहीं ...देखिए ना आप का लंड कितना कड़क है..और मेरी चूत कितनी गीली ....अब प्लज़्ज़्ज़ डाल दो ना लंड मेरे अंदर ..प्लज़्ज़्ज़ पापा ...." मैने अपने हाथ पीछे करते हुए उनका लंड थाम लिया और कहा.
" हाँ ..मेरी रानी बेटी ..हाँ .....मैं भी तड़प रहा हूँ कई दिनो से तुम्हारी चूत के लिए .....लो लो मेरा लौडा ..लो ...." और ऐसा कहते हुए मुझे उन्होने थोड़ा नीचे कर दिया ...मैं उनका लौडा अपने हाथ मे जड़ से थामते हुए अपनी चूत उसके उपर रख बैठ गयी .....चूत इतनी गीली थी ..पूरा लंड जड़ तक समा गया ......और इतनी सिहरन हुई मुझे , मैने पापा को जाकड़ लिया ...उनसे बुरी तरह लिपट गयी ...और पापा नीचे से धक्के लगाने लगे और मैं भी उनके धक्के में ताल मिलाते हुए उपर नीचे होने लगी .....मेरी पीठ झूकि थी ..मेरा चूतड़ उपर उठा था ..और गान्ड के होल ख़ूले थे ....मैं पापा की कमर जाकड़ उन्हें चोद रही थी ..सतासट फतचा फतच ..
तभी शायद मम्मी ने मेरी गान्ड की गुलाबी होल देख ली थी ...उन्होने कहा " उफफफफ्फ़ दामिनी ..क्या गान्ड की होल है रे तेरी ..मन करता है चाट जाऊं ......"
और फिर उन्होने भैया को अपने उपर से हटाया और उनसे फूसफूसाते हुए कुछ कहा ,,मुझे सिर्फ़ आवाज़ सुनाई दी ..मैं तो बस पापा से चुद्ने में मस्त थी ...
थोड़ी देर बाद मुझे अपनी गान्ड की होल में कुछ ठंडक महसूस हुई और कुछ गीलापन भी ..थोड़ा पीछे मूड कर देखा तो मम्मी डॉगी पोज़िशन में बिल्कुल पीछे खड़ी थी ..कमर झुकाए ..जिस से उनका चूत और गान्ड दोनों उपर उठे थे और भैया अपना तननाया लौडा हाथ में लिए सोच रहे थे के कहाँ से शुरू करूँ ..मम्मी की गान्ड यह चूत ..?? दोनों होल मस्त थे उनके और मम्मी झूकि हुई मेरी गान्ड चाट रही थी .......
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