RE: Kamukta Kahani दामिनी
दामिनी--36
गतान्क से आगे…………………..
पायल आंटी तो बस उछल पडी वाइन्स के बॉटल्स को देख " अरे वाह ..जीजू आप भी जानते हो महफ़िल में कैसे रंग ज़माना है.....चुदाई की राउंड के बाद वाइन का एक राउंड ...फिर मस्ती का आलाम और फिर धक्कम पेल चुदाई ....उफफफफ्फ़ .जीजू आइ लव युवूयूयूयुयूवयू....."
और झट उठते हुए पापा के हाथ से ट्रे ले ली और टेबल पर रखा और सब के लिए ड्रिंक्स बनाने लगीं .
सभी ने चियर्स किया " आआज की चुदाई के नाम .... " और सब वहीं कालीन पर नीचे बैठ कर ड्रिंक्स के साथ स्नॅक्स भी ले रहे थे ...
पापा और पायल आंटी एक साथ चिपक सोफे पर बैठ गये ...कभी पापा अपने मुँह से पायल आंटी के मुँह में वाइन डाल देते तो कभी पायल आंटी के मुँह से पापा पूरे का पूरा ड्रिंक चूस लेते ....
और सब से मस्त आइडिया तो भैया ने लगाया ..उन्होने अपना तननाया लौडा मेरे मुँह में सिर्फ़ मेरे होंठों पर रखा और अपनी ग्लास से लौडे पर वाइन डालना चालू किया और मुझे लौडा चूसने को कहा ,, मैं जैसे जैसे लौडा चूस्ति वाइन भी मेरे मुँह में जाता , अफ सतासट उसे चाटि और फिर चूसने लगी.....क्या टेस्ट था ..वाइन , वीर्य और चूत रस के मिला जूला टेस्ट .....
फिर थोड़ी देर बाद मम्मी ने उनका लौडा मेरे हाथों से झपट लिया और अपने मुँह में डाल लिया ...और उन्होने भी इस अद्भुत टेस्ट वाले वाइन का मज़ा लिया ....
हम सब मस्ती में आ चूके थे ....हम सब पर एक अजीब ही शुरूर छाया था , नशे में मदहोश थे झूम रहे थे ....
पापा और पायल आंटी एक दूसरे से लिपटे सोफे पर बैठे थे .एक दूसरे से मस्ती कर रहे थे ...पापा का लौडा उनके हाथ में था ....उसे पायल आंटी सहलाती , निचोड़ती , भींचतीं , चॅम्डी उपर नीचे करतीं ...वो पापा के लंड के लिए पागल थी , कभी झूक कर उसे चूम लेती ....कभी चूसने लगती..पापा तो पहले से ही मस्ती में थे , और फिर पायल आंटी की इन हरकतों से वो भी सिहर रहे थे ..पागल हो रहे थे..उन्होने आंटी को बुरी तरह अपने सीने से लगा रखा था ,,आंटी की चुचियाँ उनके सीने से चिपकी थी , पापा ने एक चूची अपने मुँह में लिया और जोरों से चूसने लगे ...और दूसरा हाथ उनकी चूत में रखते हुए उनके सॉफ्ट चूत को उंगलियों से मसल्ने लगे ..आंटी कांप उठी .उनके चूतड़ उछल रहे थे ...और उन्होने पापा के लंड को अपनी मुट्ठी से और भी जाकड़ लिया ...उनके सुपडे की छेद से लगातार पानी रीस रहा था और आंटी के हाथ में ही कड़क और कड़क होता जा रहा था ...
फिर ना जाने पापा को क्या सूझा उन्होने अपना हाथ जो चूत सहला रहा था उसे वहाँ से हटाया और आंटी के सॉफ्ट पर सुडौल चूतड़ के नीचे से ले जाते हुए उनकी गान्ड की छेद में एक उंगली रख धीरे धीरे हिलाने लगे ...उसे अंदर नही ले गये .....आंटी मस्ती में सिहर उठी ...फिर पापा ने उनको अपने सामने खड़ा कर लिया ...आंटी की कमर थोड़ी झूका दी ..अब आंटी की गान्ड उनके मुँह के सामने था ..पापा ने आंटी की चूतड़ अपने हाथों से फैलाते हुए उनकी गान्ड की छेद खोल दी और अपनी लपलपाति जीभ से टूट पड़े ....चाटने लगे आंटी की गान्ड ..फिर उन्होने वाइन की बॉटल से थोड़ी वाइन गान्ड के होल में डाल दी ...आंटी सिहर गयीं ....और पापा उस मस्त , सॉफ्ट और सुगन्धीत गान्ड से वाइन सतासट चाट रहे थे ..मुझे लगा पापा शायद आज आंटी की गान्ड मारने ही वाले हैं ....
हम तीनों बस एक दूसरे से चिपके पापा और आंटी की मस्ती देख रहे थे ... भैया का लौडा भी इस मस्ती को देख झूम रहा था ..लहरा रहा था ...
आंटी हाई हाई कर रहीं थी ..मस्ती की लहरों में गोते लगा रहीं थी .....पापा का लौडा तो इतना कड़क था , और हिल रहा था ..पापा उनके चूतड़ सहला रहे थे , गान्ड चाट रहे थे और कभी काभ नीचे हाथ ले जा उनकी चुचियाँ भी मसल देते
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