RE: Kamukta Kahani दामिनी
दामिनी--35
गतान्क से आगे…………………..
मम्मी तो इतनी मस्त थी ये सब देख , अपनी चूत सहला सहला कर उनका तो पानी छूट रहा था ...
फिर भैया पायल आंटी के गर्म गर्म होंठों , जीभ और मुँह की चुदाई से रोक नहीं पाए अपने को और पायल आंटी की मुट्ठी से जकड़े लौडे को झटका देते देते उनके मुँह में झडने लगे ....पायल आंटी ने पूरे का पूरा अंदर ले लिया ..उसे पी गयीं ..गले से नीचे उतारती गयीं ....और जो भी थोड़ा उनके होंठों और ठुड्डी में लगा था जीभ से चाट गयीं
और इधर पापा भी धक्के पे धक्का लगाते लगाते उनकी पीठ जकड़ते हुए अपना लंड उनकी चूत में धंसाए झाड़ते जा रहे थे ....झाड़ते जा रहे थे और पायल आंटी तो दो दो लंड की चुदाई के सिहरन से मस्ती में चीत्कार रही थी ....और झड़ती जा रही थी .....उनकी चूतड़ उछाल रही थी ..."उईईईईई माअं ....हाँ ...आज मेरी चूत को शांति मिली .....उफफफ्फ़ ....आआआआआआआआआआः ...." और पायल आंटी भैया के लौडे को मुँहे में लिए लिए उनकी जांघों पर अपना सर रख दिया..
और अंत में मैने भी भैया के मुँह में अपना चूत रस छोड़ना शुरू कर दिया ....
हम सब लंबी लंबी साँसें ले रहे थे और एक दूसरे पर ढेर थे और एक दूसरे के बदन के स्पर्श का आनंद ले रहे थे ......
तभी मम्मी के पैरों की पायल की खनक सुनाई दी ...वह पापा के मुरझाए लौडे को अपने पैरों के तलवों से जाकड़ , सहला रही थी ... पैर के हीलने से पायल की मधुर खनक की आवाज़ ने सब को फिर से मदहोशी के आलाम से वापस जगाया ....
पापा का लौडा भी अपनी नींद से धीरे धीरे जाग रहा था .." ओह डार्लिंग ...तुम्हारा भी जवाब नहीं कम्मो..तुम्हारे हर अंग से सेक्स बोलता है ....उफफफ्फ़ ..क्या मस्त हैं तुम्हारे पैरों का कमाल और उन से निकलती मधुर संगीत ....तुम सही में सेक्स की देवी हो.."
और उन्होने मम्मी को गले से लगाते हुए चूमना शुरू कर दिया ..
" क्या करूँ अभय..तुम्हारा लौडा भी तो कितना मस्त है ...जो इसे छू ले और अंदर ले वोई जान सकता है इसका कमाल ..क्यूँ पायल मैने ठीक कहा ना.."" मम्मी ने पायल आंटी को आँखें मारते हुए कहा .
"हाँ कम्मो ..तुम ने ठीक कहा ....क्या लौडा है और क्या चुदाई है अभय की...चूत के एक एक कोने को चोद डालता है ..पूरी चूत भर उठती है ..दोनों बाप बेटे को तुम ने अच्छी ट्रैनिंग दी है चोदने की .....देखो ना मेरी चूत अभी भी फडक रही है ...... " पायल आंटी ने मस्ती लेते हुए कहा ..
मैने देखा उनका चूत सही में अभी भी मस्ती से कांप रहा था ....
फिर मम्मी ने पापा का लंड अपने हाथों में लिया और सहलाने लगी ...और उनके हाथ की चूड़ीयाँ खनकने लगीं ....उफ्फ क्या अंदाज़ था उनका ...एक मुट्ठी नीचे और उसके उपर दूसरी मुट्ठी और एक के बाद एक मुट्ठी उनके लौडे की चॅम्डी को उपर नीचे करती और चूड़ीयाँ खनक जातीं ...बहुत ही सेक्सी अंदाज़ था ....
पापा का लौडा एक दम कड़क हो मम्मी के हाथों में लहरा रहा था....
मम्मी की आँखों में मस्ती टपक रही थी ...." भाई मैं तो अब रुक नहीं सकती ..अभय तुम लेटे रहो मैं तुम्हें चोदून्गि ...." और उन्होने पायल आंटी की तरफ देखते हुए कहा " किसी को कोई ऐतराज़ ..??"
पायल आंटी ने हंसते हुए कहा " नो ऑब्जेक्षन्स मी लॉर्ड....अपने पति को चोद ने में मुझे क्या ऐतराज़ , और तुम ने कितनी मेहनत की इसे खड़ा करने में ..बस चोद डाल कम्मो ..हम सब देखते हैं ..."
और फिर मम्मी पापा के तननाए लौडे पर अपनी फूली फूली और गुलाबी फांकों वाली चूत को रखते हुए बैठ गयीं .....उफफफ्फ़ क्या नज़ारा था .....उनका पूरा चूत धँस गया ...पापा का लौडा पूरा अंदर था ....मम्मी बस उस पर सवार उपर नीचे , उपर नीचे उछल रही थी और उनके गले का हार , उनके कान की बलियाँ सभी उछल रहे थे ...और मम्मी एक अजीब ही मस्ती में थी ...उनके झट्के से उनके कमर का कमरबन्द भी झटके ख़ाता नीचे लहराते हुए पापा के सुपाडे से छू जाता और पापा इस स्पर्श से सिहर उठ ते ...चूत और गहनों से उनकी चुदाई ..मम्मी ही कर सकतीं थी ..पापा की मस्ती बढ़ती जाती ....वह कराह उठ ते ...कांप उठ ते मम्मी के हर धक्के से और इधर मम्मी भी आँखें बंद किए चूत के हर कोने में पापा के लंड का अहसास ले रही थी .....बीच बीच में पापा भी अपनी कमर उठा उठा कर उनके धक्कों से मिलाते हुए अपना धक्का भी लगा देते .......
.हम सब इस चुदाई को देख देख मस्ती में थे ....और भैया मुझे और पायल आंटी को अगल बगल दबाए दोनों हाथों से चुचियाँ मसल रहे थे और हमे बारी बारी चूमे जा रहे थे ...और मैं और पायल आंटी उनके लौडे को सहलाए जा रहे थे..उनका कड़क और तननाया लौडा ....उफफफफ्फ़ क्या मस्ती थी ...आज तो बस हम सब इस चुदाई ..चुसाइ के खेल में डूबे थे ..ऐसी मस्ती हमें कभी नहीं आई थी ..हम दोनों की चूत से भी लगातार पानी रीस रहा था ....
और भैया का लौडा हवा में लहरा रहा था ...इतना कड़क था के हिल रहा था ....मुझ से रहा नहीं गया ..मैं भैया के बगल से उठी और अपनी टाँगें उनके दोनों ओर रखते हुए उनके लौडे पर बैठ गयी ..चूत इतनी गीली थी मेरी और लौडा उनका इतना टाइट ..मेरे चूतड़ तक मेरी चूत धँस गयी .फतच से ..और मैं सिहर गयी ....भैया ने मुझे और जाकड़ लिया अपने से और पायल आंटी ने मेरी फैली चूतड़ के बीच से मेरी गंद में अपनी उंगली में थूक लगाते हुए पेल दी ......आआआः ...मैं चिहुक गयी ..इस से मेरी चूत और फैल गयी ....और चूत गीली होती गयी ..पानी बहे जा रहा था और मैं भैया के लंड पर उछल उछल कर बैठ ती जाती ..
और मम्मी पापा तो बस अपने में खोए थे .मम्मी के पायल और चूड़ियों का खनकना जारी था ..जोरों से पापा की चुदाई हो रही थी ....माँ मेरे बाप को चोद रही थी और बहेन अपने भाई को ....और आंटी मेरी गान्ड में उंगली किए जा रही थी और अपनी चूत भी मसल रही थी...
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