RE: Kamukta Kahani दामिनी
" आप के इसी अंदाज़ पर तो मैं फिदा हूँ जीजू ....बस मौका मिलते ही लपक लेते हो आप मुझे ...हे हे हे ! " पायल आंटी ने उन से और भी चिपकते हुए कहा और उनके बाहर झाँकते हुए लौडे को हाथ से थाम लिया ..." और आप का ये हथियार हमेशा तैयार रहता है मेरे लिए ....उफ्फ ..क्या कड़क है ..."
"हाँ पायल देखो ना तुम्हारे आने के नाम से ही बेचारा बाहर झाँक रहा है ..तुम्हारा रास्ता बड़ी बेसब्री से देख रहा है...." और पापा ने उनकी एक टाँग उठाते हुए अपनी जांघों पर रख लिया और उनकी फैली चूत को पैंटी के उपर से ही सहलाने लगे ....उनकी पैंटी अब तक पूरी तरह गीली थी और चमक रही थी ... पायल आंटी की सुडौल जंघें भी नंगी थी अब ..उनका स्कर्ट उनके बैठ ते ही उपर हो गया था ...पापा का लंड उनकी हथेली में और उनकी चूत पापा की हथेली में ....
और ये सब देख भैया ने मुझे अपने से और भी चिपका लिया और मेरे होंठ जोरों से चूसने लगे और मेरी छूत अपनी हथेली से जोरों से दबा दी ''आआआआआआआआआआआआआह भैया ,,ज़रा धीरे ...." मैं चीख उठी ..और पायल आंटी का ध्यान हमारी तरेफ बँट गया ..
" अर्रे अभी ..आज लगता है अपनी प्यारी बहेन की चूत और होंठ तू खा ही जाएगा .....आ ना मेरे पास बैठ ..कितने दिनों बाद तो तुझे देख रही हूँ ....दामिनी की चूत तो तुझे रोज ही मिलेगी .....पर मुझे तेरे जैसा लंड रोज नहीं मिलता ना.....आज तो जी भर अभय और अभी के लंड से मुझे खेलना है ...आ मेरे पास आ... "
" हाँ हाँ भैया ..जाइए ना ...."
" अरे नहीं दामिनी ....तू भी मेरे साथ रहेगी ..." और उन्होने मुझे अपनी गोद में उठाया और पायल आंटी से चिपक कर बैठ गये .
" वाह क्या प्यार है दोनों भाई बहेन में ...."और उन्होने भैया का लंड अपने दूसरे हाथ से थाम लिया ....
उधर मम्मी पापा के दूसरे बगल में बैठ उन्हें चूम रही थी और उनके होंठ पर अपने होंठ रखे चूस रही थी ....
क्या माहौल था ..सभी एक दूसरे में मस्त ....एक दूसरे से चिपके , एक दूसरे को चूस रहे थे ,चाट रहे थे और सहला रहे थे ...भैया ने मुझे मेरे चुतडो को थामते हुए उपर उठा लिया था और मैं उनके गर्दन में बाहें डाले उन्हें बुरी तरह चूम रही थी और उनका लंड पायल आंटी अपने हाथों से जकड़े सहलाए जा रही थी इस तरह के वो शायद उसे कभी छोड़ें नहीं .....भैया का बुरा हाल था ..उपर मैं थी और नीचे पायल आंटी ...मस्ती में कराह रही थी ...फिर मैने अपनी चूची उनके मुँह में अपने हाथों से डाल दी और वह उसे बुरी तरह चूसने लगे ...उनका एग्ज़ाइट्मेंट काफ़ी ज़्यादा था ...पायल आंटी का लौडा सहलाना था ही इस कदर मस्त ...उनके लौडे से प्री-कम रीस्ता जाता ..पायल आंटी का हाथ गीला होता और वह उसे चाट जातीं ....
उधर मम्मी की चूत में भी पापा ने उंगली करनी शुरू कर दी थी ..एक हाथ पायल आंटी की चूत में और दूसरा मम्मी को चूत में ..उनके तो दोनों हाथों में चूत ही चूत ..और शायद दुनिया की सब से नायाब दो चूत ...एक कड़ी , टाइट और फूली फूली पायल आंटी की तो दूसरी सॉफ्ट ..गुदाज और फैली फैली फाँक्कों वाली मम्मी की ....
आआआह सब कराह रहे थे ..सिसक रहे थे ...पायल आंटी की चूत से तो नदी बह रही थी इतनी गीली हो गयी थी ....
" उफफफफफ्फ़..अब मुझ से रहा नहीं जाता .....जीजू..जीजू ..आओ ना मुझे चोद डालो ..कितनी प्यासी है हूँ मैं आप के लंड के लिए .... अया अभी तेरा लंड भी मुझे चखना है "...ऐसा कहते हुए उन्होने दोनों लंड अपने हाथों से और भी जोरों से जाकड़ लिया ..जैसे उन्हें निचोड़ लेंगी ..पापा और भैया दोनों तड़प उठे ...
मैं भैया की गोद में ही थी चुसाइ कर रही थी और चूची चूस्वा रही थी
"हाँ पायल तेरे हाथों में लगता है मेरा लंड उखड़ जाएगा ..बहुत टाइट और कड़क हो गया ....अब इसे तुम्हारी गर्म और नरम चूत की ज़रूरत है ..." पापा ने भर्राई आवाज़ में कहा
तभी भैया बोल उठे " कोई मेरी भी सुनेगा ...? मेरा लौडा भी जड़ से उखाड़ने वाला है ..पायल आंटी क्या दो दो लंड लेंगी एक साथ ..?"
" अरे मेरे रहते कोई भी लंड नहीं उखाड़ने वाला ...मैं दोनों लंड लूँगी एक मूँह से मैं चोदून्गि और दूसरा मेरी चूत फाड़ेगा ...." पायल आंटी बोल उठी.
औरउन्होने डॉगी पोज़िशन में होते हुए भैया का लंड अपने मुँह में ले कर होंठों से लगाया और मुँह अंदर बाहर कर चोदने लगीं और पापा पीछे से उनकी चूत में एक ही झट्के में अपना तननाया लौडा पेल दिया ...पायल आंटी है कर बैठी और भैया का लौडा और भी जोरों से चूसने लगीं , जैसे अपने होंठों से नीचोड़ ही डालें ..और मुझे भैया ने और भी जोरों से मेरी चूतड़ को जकड़ते हुए भींच लिया ....और मेरे होंठ चूसने लगे ..मैने भी उन्हें अपने बाहों से अपने से और करीब कर लिया ...और अपना मुँह पूरा खोल दिया ..भैया की जीभ मेरे मुँह में लॅप लपाते हुए जा रही थी और मुझे अंदर ही अंदर चाट रही थी ..
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