RE: Kamukta Kahani दामिनी
फिर मैने अपनी पोज़िशन बदल दी ...मैने अपना मुँह भैया के लंड की तरफ कर लिया ,,और अपनी चूत मम्मी की मुँह की तरेफ ..मम्मी ने मेरी चूत अपने हाथों से फैलाते हुए अपने होंठों से जाकड़ लिया और चूसने लगी ..मेरी चूत में तो रस भरा था ..एक धार सा मेरी चूत से निकलता हुआ उनके मुँह में गया .उन्होने पूरे का पूरा अंदर ले लिए और चूसना जारी रखा ..
मैने भैया का कड़क लौडा अपने होंठों से जाकड़ लिया और सुपाडे को चाट ते हुए पूरा लंड मुँह में ले मैं जोरों से चूस्ति और छोड़ती ..चूस्ति और छोड़ती
और भैया मम्मी की चूत चूसे जा रहे थे तीनों एक दूसरे पर टूट पड़े थे ...चूस्ते ..चाट ते छोड़ते ..मुँह से ... उफफफफ्फ़ तीनों कांप रहे थे..सिहर रहे थे...
भैया बीच बीच में मम्मी की गदराई जांघों को हाथों से जाकड़ लेते और चूत अपनी मुँह मे लगा लेते ...कभी अपनी जीभ अंदर डाल चोद्ते ..सभी पागल थे ..एक दूसरे की मस्ती ले रहे थे..एक दूसरे का रस पी रहे थे .... उफफफफ्फ़ ..इतना प्यार आ रहा था एक दूसरे पर ...जितनी मस्ती बढ़ती उतने हो जोरों से हमारा एक दूसरे को चूसना भी ज़ोर पकड़ता जाता....
हम सभी चिल्ला रहे थे ..कराह रहे थे ...
और फिर सब से पहले मम्मी ने अपनी चूतड़ उछालनी चालू कर दी ..भैया का मुँह उनके पानी से भर गया ....वो पूरा पानी पी गये ..मम्मी बार बार झाड़ रहीं थी उनके मुँह पर ..और उनका मेरा चूत चूसना और तेज हो गया और मैं भी उनके मुँह में झडने लगी ....
तभी मेरे मुँह में भी भैया की पिचकारी छूटी .....मैने अपने हाथों से उनका लंड थामे रही ...उनका झटका मैं मेरी हथेली पर महसूस कर रही थी ..उफफफ्फ़ ...और मेरा मुँह गर्म लावे से भर गया ..मैं पूरे का पूरा अंदर गटक गयी .......तीनों एक दूसरे से चिपक कर निढाल पड़े थे ..जोरों से साँसें लेते हुए ....
माँ और बच्चों का प्यार था .. प्यार की चरम सीमा .... प्यार पीघल पीघल कर एक दूसरे में समा रहा था .....
हम तीनों इस तरह झाड़ रहे थे ..मानो अंदर का पूरा रस बाहर निकल गया हो...पूरी तरह खाली और बहुत हल्का और रिलॅक्स्ड महसूस हो रहा था ...मैं भी भैया की सुबह की चुदाई और फिर मम्मी की चुसाइ से थोड़ी थकि सी थी ...हम तीनों एक दूसरे से चिपक कर सो गये ...कितना अच्छा लग रहा था ..माँ के सीने से लग कर सोना ....एक ओर भैया और एक ओर मैं उनके सीने से लगे लगे सो रहे थे ...मम्मी भी अपने बच्चों को अपने सीने से लगा कर कितना अच्छा फील कर रही थी ..उनके चेहरे पर एक संतुष्टि थी ..
काफ़ी देर तक हम सोते रहे .के .फोन की घंटी बजी .मैने फोन उठाया
उधर से पायल आंटी की आवाज़ आई ..
" अर्रे दामिनी ..तू कब आई ..कैसी रहा तेरा और पापा का हनी मून ..?''
मैं समझ गयी ज़रूर मम्मी ने बताया होगा ..मम्मी और पायल आंटी में बहुत दोस्ती थी ...जैसे दो बहेनें ही हों ..
" अरे क्या आंटी ....आप भी ना ....." मैने शरमाते हुए कहा
" हे हहे ....ठीक ठीक है बाबा ..अच्छा मम्मी कहाँ हैं ..."
"वो तो सो रही हैं आंटी ...जगाऊं क्या ..??"
" नही रहने दे ..बेचारी एक साथ दो दो लंड की चुदाई से थक गयीं होंगी ..उन्हें आराम करने दे ..उन्हें बता देना मैं आज शाम को आ रही हूँ ... ठीक है ना....वो समझ जाएँगी ...ओके मैं फोन रखती हूँ .."
और फोन कट हो गया.
तब तक मम्मी और भैया भी जाग गये थे ..मम्मी ने पूछा "किसका फोन था दामिनी..बड़ी हंस हंस के बातें हो रहीं थी ..?? "
"पायल आंटी थी ..बोल रहीं थी आज शाम को आनेवाली हैं ..."
" अच्छा ?? ...वो भी ना ..पापा और अभी के लंड की दीवानी हो गयी है... चलो आज एक साथ दोनों लौडे से चुद्वा देती हूँ ....फिर सारी दीवानगी ख़त्म हो जाएगी ..क्यों बेटा ठीक है ना ..?"
भैया ने चहकते हुए कहा " क्यूँ नहीं मम्मी ....आप की सहेली जो ठहरी ...कितनी मस्त चुद्वाती हैं ..पर पापा मेरे सामने उसे चोदेन्गे ..??"
''हाँ क्यूँ नहीं ..अब तू भी तो चुदाई एक्सपर्ट और समझदार हो गया है ....अब पापा को तुम्हारे साथ किसी को भी चोदने में कोई प्राब्लम नहीं .."
"ओओओओओओओओओह मम्मी " मैं इस बात से उछल पड़ी "अब तो और भी मज़ा रहेगा ..हम चारों कभी भी , जब चाहें एक साथ सो सकते हैं ...चुदाई कर सकते हैं ....उफफफफफ्फ़ ....तुम ने बड़ी मस्त बात की "
फिर हम लोग उठ गये और अपने अपने बाथ रूम जा कर फ्रेश हुए .
मम्मी और मैं मिनी स्कर्ट और लो नेक वाली ब्लाउस पहने थी बिना पैंटी के और भैया शॉर्ट्स और टॉप में थे .ये मिनी स्कर्ट वाली बात पायल आंटी का मशविरा था ..उन्होने ही मम्मी से कहा था के स्कर्ट पहेन ने से एक तो चूत को अच्छी हवा मिलती है ..हमेशा फ्रेश ...कोई बदबू नहीं और चुदाई के वक़्त सिर्फ़ उपर उठा कर ही काम चल जाता है ..पूरा खोलने की ज़रूरत भी नहीं ...
क्रमशः……………………..
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