RE: Kamukta Kahani दामिनी
दामिनी--33
गतान्क से आगे…………………..
हम दोनों ऐसे ही पड़े थे , एक दूसरे को निहार रहे थे ..एक दूसरे के बदन से खेल रहे थे ...एक ऐसी दुनिया में खोए थे ..जहाँ सिर्फ़ हमारे सिवा और कोई नहीं था ..अगर कोई और था तो हमारा असीम प्यार...
तभी दरवाज़े पर दस्तक हुई ...मैने कपड़े पहने और दरवाज़ा खोला ..देखा तो मम्मी बाहर खड़ी मुस्कुरा रही थी ...
" हाँ हाँ ..अब तो चेहरे पे मुस्कुराहट और होंठों पे गाना तो आएगा ही मम्मी ....पापा से चुदाई जो हो गयी ना ..." मैने उन्हें अपनी बाहों से लगते हुए कहा ..
उन्होने भी मुझे अपनी तरफ भींच लिया और कहा
" हाँ अब तुझे समझ आया ना दामिनी..? अपने प्यारे प्यारे लौडे से अलग रहने का मज़ा..?? तभी तो देख रही हूँ जब से तू आई अभी का लंड यह तो तेरी हथेली में होता है यह तेरी चूत में.....हे हे हे हे !!"
" हाँ मम्मी ...उफफफफफ्फ़ ... मैं तो भैया के लंड के लिए तड़प उठी थी .."
"हाँ मैं समझ सकती हूँ बेटा ..उसका लंड और चोदने का अंदाज़ लाजवाब है ..मैं तो बस निहाल थी इतने दिनों .क्या चुदाई करता है..पर फिर भी मेरे लिए तो बस तेरे पापा के सामने और कोई नहीं ....अच्छा छोड़ो इन बातों को और चलो लंच तैयार है ... सब मिल कर लंच करते हैं ..फिर आराम से बातें करेंगे ...पापा तो गये ऑफीस ...शाम को भी देर से आएँगे ..."
और हम सब ने साथ लंच किया और मम्मी के कमरे में आराम से लेट गये ...
मम्मी बीच में थी और हम दोनों भाई बहेन उनके दोनों ओर ..
मैने मम्मी के सीने में अपना सर रखते हुए कहा " मम्मी ..मैने बहुत मिस किया आप को...अब हम आप को कभी छोड़ के नहीं जाएँगे... "
" हाँ मम्मी .." भैया ने भी मेरी हाँ में हाँ मिलाते हुए मम्मी की टाँगों पर अपनी टाँगें रखते हुए कहा : और कभी जाएँगे भी तो अपनी प्यारी प्यारी मम्मी को भी साथ ले जाएँगे .."
मम्मी ने अपने एक हाथ से मुझे और दूसरे हाथ से भैया को अपने चूचियों से लगाते हुए कहा
" वाह ...मेरे बच्चे कितने प्यारे हैं ..मुझ से इतना प्यार करते हैं .." और बारी बारी से दोनों को चूमने लगीं ..
" क्यूँ प्यार ना करें ..ऐसी मम्मी जो है मेरी ....कितनी मस्त , कितनी सुंदर और फिट ...अभी भी ..." भैया ने उनकी चूचियों को हल्के हल्के दबाते हुए कहा...
"हाँ भैया तुम ने बिल्कुल ठीक कहा ..देखो ना मम्मी की चुचियाँ अभी भी कितनी मस्त ..और शेप्ली हैं .." और मैने उनकी दूसरी चूची अपने मुँह में ले कर उसे आम की तरह चूसने लगी ..
मम्मी अपने बच्चों के दो तरफ़ा वॉर से मस्ती में आ रहीं थी..उन्होने मेरे जीन्स के बटन खोलते हुए एक हाथ मेरी चूत में लगाते हुए उसे सहलाने लगी और दूसरे हाथ से भैया के पॅंट की ज़िप खोल उनके लौडे को सहलाने लगीं ...
तीनों एक दूसरे में मस्त थे ..
कि भैया ने कहा " मम्मी ..चलो ना सब कपड़े उतार देते हैं .... फिर और मस्ती रहेगी ..."
"मैं तो भाई थक गयी हूँ ..पापा की चुदाई से ..जो करना है तुम करो ..मैं बस पड़ी रहूंगी ...अगर कपड़े उतारने हैं तो उतार दो ..पर मैं उठने वाली नहीं "
भैया ने फटाफट पहले तो अपने टॉप और शॉर्ट्स उतारे ..फिर मम्मी की गाउन को बड़े प्यार से उन्हें उठाते हुए उनके बदन से बाहर कर दिया ..मम्मी उनकी गर्दन पर बाहें जकड़े उठ गयीं जिस से उन्हें कपड़े उतारने में आसानी हुई ..और मैं भी नंगी हो कर लेट गयी ...
हम दोनों भाई बहेन मम्मी पर टूट पड़े .....मैं उनकी चुचियाँ चूस रही थी मसल रही थी और भैया उनकी अभी भी पापा की चुदाई से गीली चूत का रस पी रहे थे ..और मम्मी आँखें बंद किए सिहर रही थी और कहते जातीं.
."हाँ मेरे बच्चे मुझे ऐसे ही चूसो ..तुम्हारे चूसने से मुझे कितना अच्छा लगता है //लगता है मैं फिर से जवान हो गयी ..."
ऐसा कहते हुए उन्होने अपनी चूत थोड़ी उपर उठा दी ..जिस से उनकी चूत भैया के मुँह में अच्छे से लग गयी और अपने हाथों से चुचियाँ थाम मेरे मुँह में और अंदर डाल दी
"लो ..लो अच्छे से चूसो ..पूरा रस निकाल दो ..हाँ चूसो .."
भैया मेरी तरफ टाँगें कर लेटे थे ..उनका लौडा मेरी तरफ था और मुँह मम्मी की चूत की ओर ..मैने अपने हाथ से उनके लौडे को थाम लिया ...और जोरों से जकड़ते हुए सहलाने लगी ..उसकी चॅम्डी उपर नीचे करने लगी ....
क्या मस्ती का आलाम था ...भैया का तननाया लौडा मेरे हाथ में और मम्मी की तननई निपल्स मेरे मुँह में ...और मम्मी की चूत भैया के मुँह में ...उफ़फ्फ़ ..पूरा रूम चूसने की चॅयप ..पुcच ..की आवाज़ से भर उठा ,,मम्मी तरथरा रही थी मज़े में ...
और अपने अलग अंदाज़ में मुँह खोले मस्ती में सिसकारियाँ ले रही थी ..उनकी कमर और चूतड़ उछल उछल जाते थे ..इतनी जोरों से भैया उन्हें चूस रहे थे ...मम्मी ने अपनी टाँगें पूरी फैला दी थी उनके लिए ....उनकी गुलाबी चूत की फाँक ..भैया जीभ चलाते ..कभी होंठों से जाकड़ लेते और पूरा पानी उनकी चूत का पीते जा रहे थे..और मेरे हाथ भी उनके लौडे से रीस्ते हुए पानी से गीले हो रहे थे ..मैं उन्हें चाट जाती ...
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