RE: Kamukta Kahani दामिनी
भैया का ई-मैल पढ्ने के बाद मेरी तो बुरी हालत थी ...पढ्ते पढ्ते ही मेरी चूत से लगातार पानी रीस रहा था ....आँखें भी भर आईं थी ...हाँ भैया के मम्मी और मुझ से बे-इंतहा प्यार से ..कितना प्यार था उन्हें हम से ....
मेरे साथ भी लिंग पूजा करना चाहते थे...मैं तो सिर्फ़ इस सोच से ही सिहर उठी थी ...मैं उनका लंड अपनी चूत में लिए दूध और चंदन से घिसाई करूँगी...उफफफफ्फ़ ...मुझे इतना रोमांच हुआ ...मैं झडने लगी ...
मुझे भैया की बहुत याद आ रही थी ..और मम्मी की भी ...मैने सोच लिया था आज शाम को पापा से घर वापस जाने को बोलूँगी ...मुझ से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था ...भैया के लंड के बिना मेरी चूत बिल्कुल खाली खाली सी लगती थी ...
मैने देखा घड़ी में 12 बज चुके थे ..मैने कम्प्यूटर ऑफ किया और बाथरूम चली गयी ..चूत को अच्छी तरह साफ किया ....कितनी गीली हो गयी थी ..जांघों तक चीपचीपा हो गया था ..
नहाने के बाद लंच ऑर्डर किया और फिर लंच ले कर सो गयी...
अचानक मेरी नींद खूल गयी...देखा फोन की घंटी बज रही थी ..मैने फोन उठाया , भैया की आवाज़ आई
" अर्रे दामिनी मैं कितनी देर से रिंग कर रहा हूँ..कहाँ थी ..? सब ठीक तो है ना..??"
" मैं यही थी भैया..ज़रा आँख लग गयी थी ..वहाँ क्या हाल है..मम्मी कहाँ हैं ..?"
" मम्मी अपने रूम में सो रही हैं ..कल की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मस्त सो रहीं हैं .."
"हाँ वो तो है ..उफफफफ्फ़ .भैया कितना मज़ा आया होगा ना लिंग पूजा में ...मैं तो सिर्फ़ पढ़ के गरम हो गयी ...भैया मेरे साथ भी तुम्हारे लंड की पूजा होगी ..."
"अरे हाँ दामिनी बिल्कुल होगी मेरी रानी ..तुम आ तो जाओ ..कब तक आओगी..? मैं बहुत मिस कर रहा हूँ ...तेरे बिना बिल्कुल अच्छा नहीं लगता दामिनी ..प्ल्ज़्ज़ जल्दी आ जाओ .."
"मेरा भी येई हाल है भैया ..बस तुम्हारे लंड के बिना मैं भी तड़प रहीं हूँ ..मेरी छूट बिल्कुल खाली खाली है मेरे राजा भैया ...मन करता है अभी वहाँ पहुँच जाऊं और तुम्हारे लंड के उपर बैठ जाऊं .....उफ़फ्फ़ कितना कड़क रहता है तुम्हारा लौडा ..."
" हाँ दामिनी तुम्हारी चूत भी तो कितनी टाइट रहती है ..जब तक तुम्हारी चूत नहीं मिलती ना मेरी रानी बहना ..मेरे लौडे की भी भूख नहीं मिट ती ..आ जाओ रानी ..बस अब और देर मत करो ..."
" हाँ भैया मैं आज ही पापा से जाने को बोलती हूँ ..."
" ठीक है ..अरे हाँ ये सलिल कौन है दामिनी..??"
" अरे मेरे कॉलेज का दोस्त है...क्यूँ क्या हुआ ..?? "
" आज थोड़ी देर पहले यहाँ आया था .. मम्मी उस समय जागीं थी ...तुम्हारे बारे पूछ रहा था ..मम्मी ईज़ इंप्रेस्ड ...काफ़ी हॅंडसम है ....कुछ चक्कर वक्कर तो नहीं है ना...और अगर है भी तो डॉन'ट वरी ....मम्मी बोल रही थी काफ़ी सीधा साधा है....अगर ऐसे लड़के से तेरी शादी हो जाए तो फिर उसे भी हम अपने साथ मिला सकते हैं ..."
" ओओओओओह भैया ....दिस ईज़ ग्रेट......मुझे आने दो मैं एक दिन उसे लाऊंगी और फिर मम्मी उस से अच्छे तरह बात कर लें ....अगर जैसा मम्मी सोच रहीं हैं ..हो जाए तो फिर कितना अच्छा रहेगा ...ऊवू ....बस अब और नहीं मैं तो कल वहाँ आउन्गि ही आऊँगी ..भले पापा नहीं आयें ...."
" हाँ दामिनी ..कितना अच्छा रहेगा ....ओक फिर तू पापा से बात कर ले और कल ही आ जा ....मैं फोन रखता हूँ ..बाइ ...मुआााआआआआआआआआः "
" मुआााः ..मुआााआः भैया ..लव यू सो मच " और मैने भी फोन रख दिया.
शाम को जैसे ही पापा आए ..मैं उनसे लिपट गयी ...और उन से कहा " पापा ....मुझे मम्मी और भैया की बहुत याद आ रही है ...मुझे घर जाना है .."
"हा .हा ,"उन्होने भी मुझे अपनी बाहों से जाकड़ लिया और मुझे चूमते हुए कहा " मैं जानता हूँ दामिनी ..तुम दोनों भाई बहेन कितना प्यार करते हो....मैने कल सुबह की फ्लाइट से बुकिंग करा ली है ..मेरा भी अब यहाँ का काम पूरा हो गया है... "
और उन्होने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और सोफे पर बैठ गये ... मैं उनके गोद में उनके लंड से खेल रही थी .और वो मेरी चूचियों से ...ऐसे ही हम ने चाइ पी .. और फिर कल सुबह जाने की तैयारी में में लग गये ...
क्रमशः……………………..
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