RE: Kamukta Kahani दामिनी
दामिनी--31
गतान्क से आगे…………………..
मैं तो जैसे इस पल का इंतेज़ार ही कर रहा था ..मैने उन्हें उनको अपनी बाहों में लेते हुए अपनी गोद में लिया ..मम्मी मेरे गले को अपने हाथों से जकड़ते हुए मुझ से चिपक गयीं ..मैने उन्हें उठाया और थोड़ी ही दूर पर पड़े बेड पर लीटा दिया.
उफफफफफफ्फ़ .क्या बताऊं दामिनी रानी ..पूजा का असर था ..या फिर पता नहीं क्या बात थी ..हम दोनों एक दूसरे के लिए पागल हो रहे थे .....मन कर रहा था मम्मी को अपने से इतनी जोरों से चिपका लूँ के बस उनके अंदर ही समा जाऊं ...मेरा लौडा फिर से तननाय्या था ....हिल रहा था ..इतना कड़क था ..और मम्मी को जैसे मैने बीस्तर पर लीटाया ..उन्होने अपनी टाँगें फैला दी और बाहें फैलते हुए तड़प्ते हुए मुझ से कहा :
" बेटा आ जा ..आ जा अब देर मत कर ..मेरी बाहों में आ जा ना ....उफफफफफ्फ़ ...मैं मर जाउन्गि ...मेरा एक एक अंग तुम्हारे लिए तड़प रहा है ......आ जा ...आ जा मेरे बेटे ..."
उनकी आवाज़ में इतनी कशिश ...तड़प और प्यार था ..मैं बिल्कुल कूदते हुए उनके टाँगों के बीच अपनी जंघें रखता हुआ उन से बुरी तरह चिपक गया .....मेरा तननाया लौडा उपर से ही उनकी चीकनी चूत को जोरों से दबा रहा था .... और मैने अपने होंठ उनके होंठों से लगाता हुआ उन्हें चूसने लगा ,,मानो उन्हें आम की तरह चूस जाऊँगा ..मम्मी ने भी मेरी पीठ को जकड़ते हुए और भी खींच लिया अपनी तरफ ..हमारी साँसें टकरा रही थी ....बुरी तरह एक दूसरे को चूस रहे थे ...एक दूसरे को भींचे जा रहे थे ..ज़ोर और ज़ोर ..जैसे मम्मी मुझे और मैं मम्मी को अपने अंदर लेने की लगातार कोशिश में लगे थे ..
उनकी चुचियाँ मेरे सीने से ऐसी चिपकी थी के स्पंज की तरह चिपटि हो गयीं थी ...हम एक दूसरे को चाट रहे थे ..चूम रहे थे .चूस रहे थे उर मम्मी मेरे नीचे टाँगें फैला फैला कर , टाँगों से मेरे चूतड़ जाकड़ जाकड़ मेरे लौडे को चूत में अंदर लेना चाह रहीं थी ..पर मुझे तो मम्मी का पूरा स्वाद लेना था ....अपनी माँ का स्वाद ..कितना मीठा ..अमृत अगर होता होगा तो बस मम्मी के मुँह के टेस्ट जैसा ......फहीर मैं उनकी टाँगों के बीच आ गया और उनकी चूत फैलाता हुआ अपने होंठों से उनकी चूत जाकड़ ली और दशहरी आम की तरह चूसने लगा ......आआआआआआआः ...दामिनी ...उनकी चूत के अंदर से मेरा वीर्य , दूध और चंदन और उनका रस सब एक साथ मेरे मुँह में पिचकारी की तरह घुस गये ..इतनी जोरों से मैने चूसा था ....ये भी एक अलग ही टेस्ट था ...शायद अमृत से भी बढ़ कर ...
मम्मी की चूतड़ उछाल रही थी .उनकी टाँगें कांप उठी और वह चिल्ला उठी " अभिईीईई ...आआआआआआआआआः ......ऊऊऊऊऊः बस बस बेटा बस ......और नहीं ....अब चोद डालो बेटे राजा ..तुम्हारी चूत है ..अब तो तेरी है मेरे राजा .....चोदो ना .....उफफफफफफ्फ़ "
उनकी आवाज़ों से मेरा लौडा और भी तन्ना गया था ..दर्द सा हो रहा था ..पर मैं माँ का अमृत चूस रहा था ..उसे अपने अंदर समा रहा था और मम्मी तड़प रहही थी ...बार बार चूतड़ उछाल रही थी ..टाँगें जाकड़ रही थी ..और मैं लगातार उनकी चूत चूसे जा रहा था ...उफफफ्फ़ माँ को चूसने का इतना मज़ा क्यूँ होता है दामिनी ....तुम्हें भी मैं ऐसे ही चूसूंगा ...हाँ दामिनी ....उफ़फ्फ़ ..मन नहीं भरता ..
मम्मी सहन नहीं कर सकीं और उनका चूतड़ उपर और उपर हवा में उठता गया ..और मेरे मुँह के अंदर उनके रस का फव्वारा छूट रहा था ..मैं पीते जा रहा था ....पूरे का पूरा ....मम्मी शांत हो गयीं ..पर मेरा लौडा जैसे जड़ से उखाड़ने की तरह कड़क हो गया था
अब मैने मम्मी की चूतड़ उठाते हुए उनके रस से सराबोर चूत के अंदर अपना लौडा डालते हुए एक झट्के में ही अंदर पेल दिया और उन्हें जकड़ते हुए , उनकी चुचियाँ चूस्ते हुए जोरदार धक्के लगाने लगा ..हाए धक्के में मम्मी " हाई हाई ...मार डालो ..फाड़ डालो .." की रट लगती जाती ..मैं पागल था ..मदहोश था .....पागलों की तरह उन्हें चोदे जा रहा था ....चोदे जा रहा था ....उउफफफ्फ़ .....सतासट ..फतचफतच ....."हाँ बेटा ...ये चूत तुम्हारी है ..उफफफ्फ़ ,..हाँ ..हाआँ जोरों से चोद ..चोद ...."
और मैने उन्हें बुरी तरह जाकड़ लिया ....उनसे चिपक गया उन्होने भी मुझे अपनी बाहों से चिपका लिया अपने सीने से ..और मेरा लौडा उनकी चूत में इतनी तेज़ धार मारते हुए झाड़ रहा था ..उनका एक एक अंग सिहर उठा ..मैने उन्हें जाकड़ रखा था ..फिर भी उनका पूरा बदन कांप रहा था मेरी बाहों में .......
उनकी चूत का एक एक कोना मेरे वीर्य की धार से फडक रहा था ..मैं अपने लौडे पर महसूस कर रहा था उनकी चूत का फड़कना ...उनका झड़ना ...
हम दोनों एक दूसरे से चिपके लंबी लंबी साँसें लेते हुए लेटे थे ...
एक दूसरे को अपने अंदर महसूस कर रहे थे .....ये था शायद लंड और चूत का सम्पुर्न मिलन ....
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