RE: Kamukta Kahani दामिनी
मम्मी की चूत से भी पानी टपक रहा था , और नीचे रक्खी थाली में जमा हो रहा था ,,उनकी साँसे भी तेज़ थी ...
फिर उन्होने अपनी टाँगें और चूत फैलाते हुए तीपाई और पास खींच लीं , इतने पास की उनकी चूत मेरे लौडे को छू रही थी ...फिर उन्होने अपनी चूत में मेरे लौडे के सुपाडे को अंदर घुसा लिया ..बस सिर्फ़ इतना के बाकी लौडा बाहर था और सिर्फ़ सुपडा अंदर था ..मम्मी खूद भी कांप उठी ..और मेरा तो बुरा हाल था ही .
अब उन्होने एक हॅतेली की उंगलियों से लौडे को थामे रखा जिस से की बाहर ना आ जाए ..और दूसरे हाथ से दूध की कटोरी लेते हुए लौडे के उपर धीरे धीरे दूध बूँद बूँद कर डालने लगी ..उन्होने लौडे को थोड़ा उपर उठाया जिस से दूध लौडे के उपर से होता हुआ उनकी चूत तक जाता रहा और फिर वहाँ से नीचे रखी थाली पर गिर रहा था ..और लौडे को धीरे धीरे अपनी चूत में उपर नीचे घिसने लगीं ...
उफफफफ्फ़....मैं पागल हो रहा था ..उनके चूत के अंदर की गर्मी और दूध की ठंडक , मैं मदहोशी के आलम में था ...लगातार मम्मी दूध डाले जा रही थी और चूत की घिसाई भी कर रहीं थी मेरे लौडे से ..उनका लौडा थामना भी अब काफ़ी टाइट हो गया था ...चूत के अंदर मेरे लौडे से होते हुए दूध और चंदन जाने से चूत में काफ़ी फिसलन हो रही थी और उन्हें भी मज़ा आ रहा था मेरा लौडा चूत में घिसने से .उनकी आँखें भी बंद हो रहीं थी ..धीरे धीरे कराह रहीं थी ...कटोरे का दूध भी अब ख़त्म होने वाला था ..अब उन्होने अपनी तीपाई आगे करते हुए मेरे लौडे को अपनी चूत के अंदर ले लिया ... दूध अंदर जाने से चूत काफ़ी गीली थी और थोड़ा बहुत चंदन भी था दूध के साथ ..जिस से उन्हें अंदर और भी ज़्यादा सिहरन हो रही थी ...मुझे लगा की मैं उन्हें थाम लूँ और जोरदार धक्के लगाऊं ...पर मुझे तो छूना मना था ...... मैं बेबस था ..मेरी आँखों में तड़प थी , एक बेबसी थी ,,,
मम्मी ने मेरी आँखों में देखते हुए मेरी बेबसी को भाँपते हुए अपने हाथ से लौडे को , जो आधा अंदर था , जोरों से चूत के अंदर ही अंदर घिसने लगी ..दूध और चंदन के होने से इतना घर्सन था अंदर मैं कांप उठा ..मम्मी भी कांप उठी ...दो चार बार काफ़ी जोरों से उन्होने घिसाई की ..मुझ से रहा नहीं गया , मेरा लौडा झट्के ख़ाता हुआ उनकी चूत में पिचकारी छोड़ना चालू कर दिया ....इतने जोरों से आज तक मैं नहीं झाड़ा था ... मम्मी मेरे गर्म लावे की धार से मस्त हो उठी और चूतड़ हिलाते हुए झडने लगीं मेरा वीर्य ..दूध और उनका रस सब रीस रीस कर उनकी चूत से बहते हुए नीचे रखी थाली में जमा हो रहे थे...
मम्मी की चूत का रस ..मेरा वीर्य दूध और चंदन के साथ मिलता हुआ नीचे रखी थाली में जमा हो रहा था ..हम दोनों हाँफ रहे थे ..तीपाई पर बैठे थे और हमारा रस रीस रहा था , थाली में जमा हो रहा था ..
हम दोनों ऐसे ही बैठे रहे जब तक की हम दोनों पूरी तरह खाली नही हो गयी .
मैं उन्हें छूने और अपनी बाहों में लेने को तड़प रहा था ... उनका भी येई हाल था ...
फिर वो उठी ..और मुझ से भी उठने को इशारा किया ..थाली में जमा मेरे वीर्य , दूध , उनके चूत रस और चंदन के मिक्स्चर को दूध के कटोरे में डाल दिया ..अफ क्या गाढ़ा मिक्स्चर था ..कटोरे से पहले उन्होने अपनी हाथों से उसे मुझे पिलाया और बाकी का खूद पी लिया ..और बचा कूचा जो भी कटोरे में था उसे जीभ से चाट चाट कर पूरा साफ कर दिया .
" बेटा अब हमारी चूत और तुम्हारे लंड का मिलन पूरा हो गया ..अब आओ मुझे अपनी गोद में उठा लो और चोद डालो अपनी चूत को ..आज से पूरी तरह ये चूत तुम्हारी और तुम्हारे पापा की है ..बस जैसे जी चाहे चोद लो .."
क्रमशः……………………..
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