RE: Kamukta Kahani दामिनी
मेरा चूची चूसना और उनका धक्का लगाना ज़ोर पकड़ता जा रहा था ..मैं पागलों की तरह उनकी चूची चूस रहा था , मानो पूरा खा जाऊँगा .... और वे धक्के पे धक्का लगाए जा रहीं थी ..मुझे चोद रहीं थी पायल आंटी ....
फतच ..फतच //ठप ठप और साँसों की आवाज़ .और दोनो की हाँफने की आवाज़ थी पूरे कमरे में ... दोनों पागल थे ......
फिर थोड़ी देर धक्कों ने ज़ोर पकड़ ली और पायल आंटी चूत अंदर किए किए मुझ से बुरी तरह चिपक गयीं ..उनका चूतड़ झट्के खा आ रहा था मेरे लंड पर
"हाईईईईईईईईईईई,, उईईईईईईईईईईईई ,...अभी .अभिईीईईईईईईईईई .." मैने भी उन्हें अपनी बाहों मे जाकड़ लिया ..दोनों झाड़ते जा रहे थे , झाड़ते जा रहे थे ...झट्के पे झटका देते हुए .....
दामिनी इतना ज़्यादा झटका मेरे लंड ने सिर्फ़ तुम्हारी चूत में ही खाया है ..दामिनी क्या बताऊ .उफफफफ्फ़
काफ़ी देर तक हम दोनों एक दूसरे से चिपके सोफे पर पड़े थे ..हानफते हुए ... अलग होने को दिल नहीं कर रहा था ...
दोनों एक दूसरे की निहारे जा रहे थे .. जैसे कभी देखा नहीं हो ..सही में पायल आंटी जानती थी सेक्स का मज़ा कैसे लिया जाता है .....
भैया की ई-मेल पढ्ने के बाद मेरी चूत का तो बुरा हाल था ...लगातार पानी रीस रहा था ..मुझे तो बस लंड चाहिए था अंदर और अभी ...उफफफफ्फ़ ..क्या मस्ती की चुदाई थी पायल आंटी और भैया की....मैं भी भैया के लंड को मिस कर रही थी ...सही में उनका लंड था भी ऐसा ....और पायल आंटी ने भी ठीक कहा था उनकी चोदने की स्टाइल ....पूरा बदन हिल जाता है ..जब उनके जोरदार धक्के लगाते हैं ..पूरी चूत का एक एक कोना उनके लंड से भर उठता है ...
पर अभी भैया तो थे नहीं ..मेरी नज़र पापा पर पड़ी ...वो अभी भी मॅगज़ीन पढ्ने में ही लगे थे ...
मैने फ़ौरन अपने सारे कपड़े उतार दिए और बिल्कुल नंगी हो कर उनके पास सॅट कर लेट गयी ...और उनके हाथ से मॅगज़ीन छीन लिया और नीचे फेंकते हुए कहा
" उम्म्म्मम..दूल्हे राजा ...आप की जवान और प्यासी दुल्हन लंड को तरस रही है और मेरा दूल्हा मॅगज़ीन पढ़ रहा है ..ये क्या बात हुई ..??"
पापा भी अब तक के आराम से फ्रेश हो गये थे ..उन्होने मेरी हालत देखी और फिर मुस्कुराते हुए मुझे अपने उपर खींच लिया ...
" अरे वाह मेरी दुल्हन रानी ...आइ आम सॉरी ....ऊवू ....अले अले मेरी बच्ची ..मेरी रानी को लौडे के भूख लग गयी ......लो ना ..ले लो ना ..पूरा तो तुम्हारा ही है ..."
उन्होने भी अपने शॉर्ट्स और टॉप उतार दिए और अपना लौडा मेरे हाथ में थमा दिया ..
लेकिन मान ना पडेग .अभी भी इस उम्र में मुझे नंगी देखते ही उनका लौडा तन्न हो गया था ...कड़क हो गया था ...मुझे भी हाथ से थामने में मज़ा आने लगा
मैने अपनी चूतड़ उनके मुँह की तरफ कर दिया और अपना मुँह उनके लौडे की तरफ और लौडे को जोरों से मुट्ठी से जाकड़ लिया ...उनके लौडे की छेद से पानी के बूँदें रीस रहीं थी ...मैने अपनी जीभ से चाट लिया और सूपडे को अपने होंठों से चूसने लगी ....उधर पापा ने भी मेरी चूत को अपने हाथों से फैलाते हुए अपनी जीभ अंदर घुसेड दी और सतासट चाटने लगे ...
"उईईई ...अयाया ..हाँ ...." मैं सिहरते हुए कराह रही थी और मइए उनके लौडे को और भी ज़ोर से अपने होंठों के बीच जाकड़ लिया . और उनके लौडे को होंठों से चोदने लगी ..मेरी चूत उनकी जीभ से चुद रही थी और उनका लौडा मेरे होंठों से ...
उफफफफफफफ्फ़ ...चूत चाटाई का भी अलग ही मज़ा होता है..पूरा बदन झनझणा उठता है ..और वो भी जब पापा जैसे एक्सपीरियेन्स्ड से हो रहा हो...मेरा पूरा बदन कांप रहा था ..चूतड़ थरथरा था और मस्ती इतनी थी के मैं उनके लौडे की जड़ हाथों से जकड़ते हुए जोरों से उनका लौडा चूस रही थी ...और अपने थूक और लार से गीला और भी गीला किए जा रही थी
फिर पापा ने मुझे अपने उपर से हटा लिया और मुझे लीटा दिया ..मैने अपनी टाँगें फैला दी ..उनके लौडे के लिए ...उन्होने भी मेरी चूत फैलाते हुए अपने तननाए लौडे को एक ही झट्के में मेरी चूत के अंदर एक जोरदार झट्के के साथ अंदर पेल दिया ..लौडे की जड़ तक ...मेरी टाइट चूत को चीरता हुआ अंदर घुस गया ..मैं कांप उठी ..."हााईयईईईईईईईई ..पपाााआआआअ ....उफफफफफ्फ़ .."
अब पापा ने मेरी चूतड़ को अपने हाथों से जकड़ते हुए लगातार धक्के पे धक्का लगाए जा रहे थे .जैसे की उन्हें मेरी चूत अब और नहीं मिल्लने वाली ..भूखे जानवर की तरह ...उनके होंठ कभी मेरी होठों को चूस रहे थे ..कभी मेरी चूचियों को तो कभी मेरी गर्दन को ....उफफफफफ्फ़ उपर से नीचे मुझे नोच रहे थे ..खा रहे थे , चूस रहे थे और चोदे जा रहे थे ..
मैं बदहाल थी ..मस्ती में चिल्ला रही थी ...उनकी कमर और चूतड़ हाथों से जकड़ते हुए अपनी तरफ खींचे जा रही थी ..पास , पास और पास ..जैसे उन्हें अपने अंदर समा लेना चाह राही थी
मेरी चूत फैलती धक्के के साथ और जब लौडा उपर आता सीकूड जाती ..पॅच ..फतच ..पॅच फतच ..उफ़फ्फ़ क्या चुदाई चल रही थी ...
फिर पापा "उफफफफफ्फ़ दामीणिूऊऊऊऊऊऊऊ ..." करते हुए मुझ से चिपक गये ..मेरी चूचियों पर अपना सर रख ढेर हो गये और उनका लौडा मेरी चूत में झट्के पर झट्के खा रहा था ..मेरी चूत में उनका गरम लावा हर कोने में धार मार रहा था ..मेरी चूत गन गॅना गयी उस धार से .
और मैने भी अपनी चूतड़ उछाल उछाल कर झडने लगी , पापा के गर्म वीर्य के साथ मेरी चूत के रस की धार मिलती जा रही थी ....
मैं आनंद और मस्ती के मारे पापा को जकड़ते हुए सीसक , सीसक कर चीख रही थी ...चिल्ला रही थी क्रमशः……………………..
|