RE: Kamukta Kahani दामिनी
हम होटेल वापस आ गये और डिन्नर का ऑर्डर प्लेस कर दिया ..
हम डिन्नर का इंतेज़ार कर रहे थे कि फोन की घंटी बजी ..भैया की आवाज़ आई ..
" दामिनी ...क्या हाल है मेरी बहना रानी...."
" भैया , कुछ मत पूछो ..बस मस्ती ही मस्ती ...आज मैं और दूल्हे राजा ने समुंदर के किनारे चुदाई की.....खुली हवा में ...उफफफ्फ़ कितना मज़ा आया ...."
" अच्छा ? ....समुंदर के किनारे ...वाह वाह मेरी रानी ...मुझे जलन हो रही है.... "
" पर क्यूँ भैया ?आप भी तो वहाँ अपनी स्वर्ग की अप्सरा जैसी दुल्हन के साथ कम मस्ती नहीं मार रहे होंगे ....पर अपनी दुल्हन की चूत का ख़याल रखना ..भैया ...तुम्हारा लौडा मैं तो आसानी से झेल लेती हूँ , पर मम्मी जैसी नाज़ुक चूत वाली को ज़रा मुश्किल हो सकती है ना...."
"हा हा !! बिल्कुल ख़याल रख रहा हूँ दामिनी रानी ..तभी तो मैने आज दिन भर मम्मी की चूत को हाथ नहीं लगाया ..उसे आराम करने दिया ..."
" पर फिर आप का लौडा कैसे शांत हुआ ..?क्या किया आप ने .....हनी मून के दिनों में भी मूठ मार ली..??"
" नहीं ....बिल्कुल नहीं ... मम्मी ने अपनी चूत के बदले दूसरी चूत का इंतज़ाम कर दिया दामिनी रानी ..."
"उफफफ्फ़ ....जल्दी बताओ ..जल्दी बताओ ना ..किस की चूत .? तुम तो बड़े लकी निकले , एक ही हनिमून में दो दो चूत .....वाह .."
" अरे बड़ी मस्त चूत थी ...पायल आंटी की....बस क्या बताऊं दामिनी ... उस दिन वाली पायल आंटी और आज वाली में कितना फ़र्क था ... अच्छा सुन ..मैने ई-मेल में सारे डीटेल लीख दिए हैं ..पढ़ लेना ...."
" ओके भैया ...गुड नाइट ." और भैया ने फोन कट कर दिया .
मैने जल्दी से डिन्नर किया ...पापा दिन भर के काम की थकान और शाम की चुदाई से शायद थक गये थे ..वे डिन्नर लेने के बाद पलंग पर लेटे लेटे कोई मॅगज़ीन पढ़ रहे थे और मैं कम्प्यूटर ऑन कर भैया और पायल आंटी की चुदाई का मज़ा लेने बैठ गयी ..अपनी पैंटी उतार कर...
भैया का ई-मैल ;( उनके ही शब्दों में )
रात भर की चुदाई के बाद मैं और मेरी दुल्हन एक दूसरे से चिपके देर सुबह तक सोते रहे ...मेरा लंड सीकूडा हुआ मम्मी की चूत के अंदर ही था ...
मम्मी की नींद मुझ से पहले ही खूल गयी और उन्होने मुझे अपनी बाहों में जकड़ते हुए जगाया ..मैने आँखें खोली और उन्हें चूमने लगा ..चूसने लगा ..मेरा लौडा फिर से तननाया था , मैं चोदने को तैयार था ..पर मम्मी का तो रग रग टूट रहा था रात की चुदाई से ....मेरे जवान लंड ने उनकी चूत को रौंद डाला था ...अभी फिर सुबह की चुदाई से वह डर रही थी ,,उन्हें अपनी चूत की बड़ी फिक्र थी
" उफफफफ्फ़ ....मेरी चूत का भोंसड़ा मत बनाओ मेरे राजा ..इसे चूत ही रहने दो ना ...अब रात को ही चूत मिलेगी तुम्हें..."
" उम्म्म्म..पर मैं क्या करूँ मम्मी ....इसे मैं कहाँ लिए फिरू ..देखो ना कितना कड़क है..??" मैने अपने लौडे को हाथ में लेते हुए उन्हें दिखाया .
" बाप रे बाप..कितना कड़ा हो गया ...अच्छा एक काम करते हैं ,,मैं अभी तो अपने हाथ से शांत कर देती हूँ ....पर तुम्हें चूत चाहिए दिन में ...उसका भी इंतज़ाम कर देती हूँ ..पर मेरी चूत को तो बक्श दो...इसे मैं संभाल कर रखती हूँ ...हमेशा टाइट रहता है ..है ना..?? "
और वे मुझ से चिपक कर बैठ गयीं मैं उनकी चूची अपने मुँह में लगाता हुआ चूसने लगा और मम्मी बड़े प्यार से मेरे लौडे की चॅम्डी उपर नीचे करने लगी ...अयाया दामिनी उनके हाथ में जादू है .....उन्होने अपनी हथेली में इस तरह जाकड़ लिया , मुझे लगा चूत में ही है मेरा लंड ...और कहा
" देख नाश्ता वाश्ता कर के तैयार हो जा और पायल के यहाँ चला जा ..जब से तुम ने उसकी चुदाई की है ना ..वो तड़प रहीं हैं तुम्हारे लौडे के लिए ..जा आज दिन भर वहाँ मज़ा ले ले..तब तक मैं भी आराम कर लूँगी .. और अपनी चूत को भी आराम मिल जाएगा ....इतनी बेरहमी से तुम ने चोदा है .....उफफफ्फ़ " और उनका मेरा लौडा हिलाना तेज़ हो गया ..उन्हें भी मेरे लौडे को हाथ में जकड़ने में काफ़ी मज़ा आ रहा था ..उनकी चूत भी लगातार पानी छोड़ रही थी
क्रमशः……………………..
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