RE: Kamukta Kahani दामिनी
दामिनी--25
गतान्क से आगे…………………..
मैं सही में एग्ज़ाइट्मेंट से कांप उठी थी ..पापा मेरी चुचियाँ चूस रहे थे ...उनका लौडा मेरे हथेली में कड़क और कड़क होता जा रहा था ..मेरी हथेली में समा नहीं रहा था ...और लगातार मेरी हथेली चीपचिपी होती जा रही थे ..
वह भी बहाल थे ..चुसाइ , चाटाई ने हमें पानी पानी कर दिया था अब वो पूरी तरह बाहर होना चाह रहा था ..बदन का सारा रस एक जागेह जमा था ..निकलने को बेताब ...
पापा मेरी टाँगों के बीच आ गये ..मैने खुद बा खूद टाँगें फैला दी ...चूत की फांके चौड़ी हो गयी ...दूल्हे ने अपनी उंगलियों से फाँक चौड़ी की ..और लौडे को चूत से लगाया , चूतड़ का हल्का पुश और लौडा आधा अंदर था ...पर आज इतना कड़ा और मोटा था ..मैं झेल नहीं पाई "" अया .धीरे धीरे दूल्हे राजा ...उफ़फ्फ़ दर्द होता है ...." मैं कराह उठी ..
थोड़ी देर उसी पोज़िशन में लौडे को अंदर रहने दिया मेरे राजा ने ..अपनी रानी का कितना ख़याल तहा ..
मेरे राजा ने मेरे होंठों पर फिर से अपने होंठ लगा दिए और चूसना चालू कर दिया ..मैं चूत का दर्द भूल गयी
तभी उस ने एक और पुश की और फत्चाक से पूरा लौडा अंदर था ..मैं उछल पडी " हाऐईयईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई ...उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ ...कितना मोटा हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई आअज्जजज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज ....."
मैं उन से चिपक गयी , लौडा चूत के अंदर ही था ....कितनी गर्मी थी लौडे में ...मेरा पूरा चूत भरा था ..कहीं भी जागेह नहीं थी , हवा भी नहीं जा सकती थी मेरी चूत में ...
पापा ने धीरे धीरे लौडे को बाहर निकाला ..साथ में चूत का पानी भी बाहर आ रहा था.उनका लौडा सराबोर था मेरे रस से ...कितना चमक रहा था ...
अब उन्होने फिर से फ़ौरन अंदर डाल दिया ..अब तक चूत फैल चूकि थी ..अब दर्द कम और सूर्सूरी ज़्यादा महसूस हुई.." हाँ ..हाँ मेरी जानंनननननननननननननननननननननननननननननननणणन् ...आब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्बबब रूको मत्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त ....उउउफफफफ्फ़ ..मारे जाओ धक्के .....उउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउईईईईईईईईईईईईईईइ"
अब दूल्हे राजा लगातार धक्के लगाए जा रहे थे मेरी कमर जकड़े , मेरी चूतड़ उछल जाती हर धक्के पर ..दोनों एक दूसरे को जकड़े थे .मेरी टाँगें उनके कमर के गिर्द थी , मैं चुद रही थी अपने दूल्हे से ..मेरा दूल्हा मुझे चोद रहा था ..चूस रहा था , चाट रहा था ..मेरा पूरा स्वाद ले रहा था ..अंदर का भी बाहर का भी ..आज में अपना सब कुछ उसे दे रही थी ,अपने राजा को ..अपने मालिक को ....उफफफफफफफ्फ़ कितनी मस्ती होती है अपने आप को किसी को सौंपने में ....मेरा पूरा अस्तित्व उस में खो रहा था , विलीन हो रहा था ..मैं अपने आप को कितना हल्का महसूस कर रही थी
दूल्हे राजा ने भी मुझे लेने में कोई कसर नही छोड़ रखी थी ..पूरे जड़ तक लौड पेल रहा था ..मेरी चूत की पूरी गहराई तक ...उसकी जंघें मेरी जांघों से टकरा जाती हर धक्के में ..ठप ..ठप ..की आवाज़ गूँज रही थी ...सिसकारियाँ ले रहे थे हम ...आहें भर रहे थे हम ...
फिर दूल्हे राजा के धक्कों ने बहुत ज़ोर पकड़ लिया , जल्दी और जल्दी अंदर जा रहा था .और उन्होने मुझे जाकड़ लिया बुरी तरह ...चिपका लिया ..लौडा अंदर डाले रखा ...मेरी चूत में झट्के खाते हुए गर्म गर्म लावा छ्छूट रहा था उनका ..झट्के पे झटका ..मैने भी उन्हें अपने से और भी चिपका लिया ....और मेरी चूतड़ भी उछल मार रही थी ..मैं भी झाड़ रही थी ...
दूल्हा और दुल्हन एक दूसरे से चिपके पड़े थे ...हानफते हुए ...दुल्हन ने दूल्हे के सर को अपने सीने से लगा रखा था ..अपनी चूचियों पर ...उसके बाल सहला रही थी ..उसे पूचकार रही थी ...उसके पसीने और अपने पसीने को एक होता देख रही थी ...
एक तूफान के बाद की शांति थी हमारे चेहरे पर ...कोई गिला नहीं .कोई शिकायत नहीं , बस हमारे चेहरे पर थी एक हल्की मुस्कान ..तृप्ति और संतुष्टि की ...सारी दुनिया से बेख़बर हम एक दूसरे की बाहों में थे ....
हम दोनों इसी तरह एक दूसरे पर अपनी टाँगें रखे आमने सामने लेटे रहे काफ़ी देर ..एक दूसरे को निहारते हुए ..मैं तो बस पापा की हरकतों से हैरान थी ....आज उनका हाव भाव बिल्कुल एक दूल्हे का था . एक जवान का ...वोई छेड़ छाड़ , वोई चुलबुलापन वोई मस्ती ..और मैं भी उनके इस रूप का भरपूर मज़ा ले रही थी .
ळेटे लेटे ही वो कभी मुझे चूम लेते , कभी चूचियों को , तो कभी मेरे पेट को कभी मेरे आर्म पिट चाट लेते कभी जोरों से चिपका लेते ....उफफफ्फ़ ..कितनी बेचैनी और तड़प थी उनके इन हरकतों में ..कितना प्यार था ... मैं आँखें बंद किए इस प्यार के सागर में गोते लगा रही थी ..मस्ती की ल़हेरो में कभी उपर कभी नीचे हो रही थी ,,एक नशा सा छाया था मुझ मे ..ऐसा नशा जिस से होश में आने की मुझे कोई परवाह नहीं थी ... सारी जिंदगी इस नशे में डूबी रहना चाहती थी .." पापा ..पापा उफफफफफ्फ़ ...पापा आइ लव यू ..लव युवूयूवूऊवूयूयुयूवयू पापा .." मैं बार बार सिसकारियाँ ले रही थी ..कुछ भी कहे जा रही थी ...
फिर मेरा दूल्हा उठा ..मेरे उपर आ गया ..मेरे उपर लेट गया ...मुझे पूरी तरह जाकड़ लिया और मुझे चूसने लगा .मेरे होंठ ..मेरी चुचियाँ ..मेरा पेट ..मेरी नाभि ..हर जागेह बारी बारी चूस रहा था ..मेरे बदन का स्वाद अपने अंदर लिए जा रहा था ..मैं कराह रही थी ..कांप रही थी उसके इस बेसब्री से चूसने की हरकत से ... फिर जो हरकत मेरे दूल्हे ने की ...उउउफफफफफ्फ़ ..मैं उछल पड़ी ..दूल्हे राजा ने अपने होंठ पेट से नीचे लाते हुए मेरी जांघों के बीच रख दिया ..मेरी टाँगों को अलग किया और पूरी चूत अपने होंठों से जाकड़ लिया और जोरों से चूसने लगे ..अभी तक उसका वीर्य और मेरा रस अंदर ही था ..उसने इतने जोरों से मेरी चूत चूसी कि ..सारा अंदर का माल खींचते हुए उनके मुँह में जाता रहा ...उनका चूसना जारी था ..जब तक की मेरी चूत पूरी खाली नहीं हो गयी .. मैं बार बार उछल रही थी .....मैने भी दूल्हे राजा के सर को जोरों से भींचते हुए अपनी चूत में लगाए रखा ... .... ..चूस्ते चूस्ते मेरी चूत सूख गयी थी ....मेरे दूल्हे ने अब अपनी लॅप लपाति जीभ फिराना चालू कर दिया ....उफफफफफ्फ़ ..चारों ओर ...पहले उस ने मेरी चूत के बाहर जांघों के बीच लगे वीर्य को साफ किया ..फिर अपनी उंगलियों से चूत की गुलाबी फांकों को अलग करते हुए जीभ वहाँ लगा दी और सटा सत चाट रहा था मेरी चूत ..मेरा राजा ..मेरा दूल्हा ..और दुल्हन उछल रही थी ...चूतड़ उठा उठा कर ....चूत फिर से गीला हो रहा था ...उस ने मेरी चूतड़ जोरों से जाकड़ ली थी ...जिस से उसे चाटने में आसानी हो रही थी ..पर मैं इतनी मस्ती में थी के उसके जकड़ने के बावज़ूद मेरा चूतड़ बल्लियों उछल रहा था..
दोनों बुरी तरह हाँफ रहे थे.....मेरे पैर कांप रहे थे ..जंघें थतरा रही थी ...के अचानक दूल्हे राजा को क्या सूझा उस ने अपना तननाया लौडा मेरी नाभि में घुसेड कर जोरों से घूमाने लगा ..मेरे मुलायम पेट के अंदर घुसेड दिया ..जैसे मक्खन मथ ते हैं ..मेरे नाभि के अंदर से मेरे पेट को मथ रहा था ..ये मेरे लिए बिल्कुल नया तज़ुर्बा था ...उफफफफफफ्फ़ ....पेट में लौडे की गर्मी और उस से रीस्ते पानी की ठंडक ...मैं बहाल हो रही थी ...मैने उसके लौडे को जाकड़ लिया अपने हाथों से और टाँगों के बीच लगाने की कोशिश की....मुझ से बर्दाश्त नहीं हो रहा था ..और दूल्हे का लौडा भी एक दम कड़क खड़ा था ..
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