RE: Kamukta Kahani दामिनी
दामिनी--19
गतान्क से आगे…………………..
हम तीनों एक साथ चाइ और एक दूसरे का मज़ा ले रहे थे ...ऐसा मज़ा जो इस रिश्ते की मधुरता में ही मिल सकता था ...कितना मधुर , कितना मादक था हमारा ये रिश्ता ,,,
मैं रात को होनेवाली चुदाई के बारे सोच सोच मुस्कुरा रही थी ..और सिहर उठ ती ..
भैया और हमे बस रात होने का बेसब्री से इंतेज़ार था...
डिन्नर के टेबल पर उस रात कोई खास बात नहीं हुई ..बस ऐसे ही थोड़ी छेड़ छाड़ ,,सभी को जल्दी बेड रूम जाने की पड़ी थी ..और पापा भी ऑफीस से काफ़ी देर से आए थे ..थके थे ...मम्मी और पापा जल्दी ही अपने कमरे में चले गये ..और इधर भैया पहुँच गये मेरे कमरे में.
आते ही मुझे चिपका लिया और सारा बदन चूमने लगे..इतने दिनों की प्यास थी ,,मैं भी उनसे लिपट गयी थी .जैसे पेड़ से लता ..पागलों की तरह एक दूसरे को चूसे चाटे जा रहे थे..हाँफ रहे थे दोनों .थोड़ी देर रुक कर सांस लेटे फिर टूट पड्ते एक दूसरे पर ..जैसे हम एक दूसरे को खाने पर उतारू थे ..एक दूसरे को अपने में सिमट लेना चाहते थे ..सिसक रहे थे ..
" भैया ..भैया ..आइ लोवे योउ ...लव यू सो मच .." और भैया " दामिनी ..दामिनी ..मेरी रानी बहना ..लव यू टू.." की रट लगाए थे ..थोड़ी देर बाद हम शांत हुए और अगल बगल हानफते हुए लेट गये ..
" दामिनी ..." भैया ने कहा
" हाँ भैया बोलो ना .."
" तू तो और एक दो दिनों में पापा के साथ चली जाएगी छुट्टियाँ मानने ..मैं यहाँ अकेला रह जाऊँगा .." बड़े उदास होते हुए उन्होने कहा .
मैने उनका चेहरा अपनी तरफ खींचा
" अकेले कहाँ भैया ..मम्मी तो रहेंगी ना आप के साथ ..खूब मज़े करना ..तुम लोग भी खूब घूमना यहाँ .."
" हाँ वो तो है पर दामिनी तू तो जानती है ना के तेरे बिना मुझे कितना सूना सा लगता है सब कुछ .." उन्होने मेरे बाल सहलाते हुए कहा ..
" आप मुझे इतना प्यार करते हो भैया .. ??"
"हाँ दामिनी .बे-इंतहा .. "
" मैं जानती हूँ भैया .. मैं आप को एक नायाब तोहफा दूँगी , जिसे आज तक किसी को नहीं दिया ..पापा को भी नहीं .."
भैया की आँखों में चमक आ गयी " अच्छा क्या है वो नायाब तोहफा .दामिनी..??"
" भैया ...पापा को मैने अपनी चूत दी थी ...पहला लंड उनका था ..और आज अपना दूसरा होल तुम्हें दूँगी ..वहाँ तुम्हारा लंड जाएगा आज पहली बार.."
ये सुनते ही उनकी आँखों की चमक गायब हो गयी और फिर चिल्लाते हुए बोल उठे ....
" ऊ दामिनी ...तू जानती है क्या बोल रही है..?? कितना दर्द होगा ? पहली बार चूत में लंड जाता है उस से भी ज़्यादा ...और तू क्या सोचती है मैं तुझे इतना दर्द दे सकता हूँ.? तुम्हे इतना दर्द सहते देख सकता हूँ ...? तेरे दर्द से मुझे कितना दर्द होगा .? क्या तू मुझे इतना दर्द देगी..? "
कहाँ मैं सोचती थी भैया उछल पडेन्गे मेरे गान्ड की ऑफर से , पर यहाँ तो पासा उल्टा ही पड गया ..पर मुझे तो बस गान्ड मर्वानी थी भैया से तो बस मर्वानी थी ...
" पर भैया मैने सुना है इसमें मज़ा भी बहुत आता है बाद में ... चूत से तो नदी बहती है .....उफ़फ्फ़ कितना मज़ा आएगा भैया गान्ड में तुम्हारा लंड और चूत से पानी.... भैया ..भैया ...मेरे राजा भैया ..प्ल्ज़्ज़ मान जाओ ना .......इतने मज़े के लिए थोड़ा दर्द सह लूँगी ...प्लज़्ज़्ज़...."
और मैने अपने शॉर्ट्स उतार अपनी गान्ड उनके लौडे के उपर घिसने लगी ..."प्ल्ज़्ज़ भैया ..देखो ना कितनी मस्त है मेरी गान्ड..." और उनके हाथ पकड़ अपनी चूतड़ पर लगा दिया ..." दबाओ ना इन्नहें भैया ..."
" देख दामिनी ....क्यूँ मुसीबत मोल ले रही है ...मैं जानता हूँ बहाना ..मुझे भी बहुत मज़ा आएगा ...पर अपने मज़े के लिए मैं तुम्हें इतना दर्द कैसे दे सकता हूँ ... कैसे मेरी बहना..??"
" देखो भैया मैं वो सब कुछ नहीं जानती ... अगर तुम सीधे सीधे नहीं मानते ..तो मैं अपनी सूखी गान्ड लिए ही तुम्हारे कड़क लंड के उपर बैठ जाउन्गि... और फिर कितना दर्द होगा मुझे ये भी तुम जानते हो ..और मैं ऐसा कर सकती हूँ ये भी तुम जानते हो .....अब चाय्स तुम्हारी है ...तुम क्या चाहते हो ...आज मेरी गान्ड में तुम्हारा लंड जाएगा ,,यह ऐसे यह वैसे.....अब कैसे ये तुम सोचो"... ""
" तू भी ना दामिनी ... बहुत ज़िद्दी है ..मानेगी नहीं ..." और उन्न्होने नीचे खिसकते हुए अपना मुँह मेरी चूतड़ पर लगाया और उसे चूम लिया .. " पर देख मैं अपने हिसाब से करूँगा ..ठीक है ..? तुम बीच में कुछ मत बोलना ...बस चूप चाप लेटी रहना ....."
"ऊवू ..मेरे राजा भैया ....बस मैं वोई करूँगी जो आप बोलोगे ..बस मुझे आप से ही गान्ड मर्वानी है ....आइ लव यू भैया ..यू आर सो स्वीट ..""
भैया ने उस समय तक अपने कपड़े नहीं उतारे थे ..वो बेड से नीचे आ गये , किचन की ओर गये ...और झट वापस भी आ गये ..उनके एक हाथ में उनके फॅवुरेट फ्लेवर वाली आइस क्रीम का बड़ा पॅकेट था और दूसरे हाथ में ऑलिव आयिल की छोटी वाली बॉटल..
मेरे कुछ कुछ समझ में आ रही थी भैया इन सब चीज़ो का क्या करने वाले हैं ..पर मैं चूप थी और मन ही मन आनेवाली हरकतों की कल्पना में खोई थी .
भैया ने दोनो चीज़े साइड टेबल पर रख दी ..गर्मी के दिन थे इसलिए ए/सी ऑन था कमरे में ..आइस क्रीम के पिघलने का चान्स कम था ...
भैया ने अपने कपड़े उतार दिए ..मैं तो पहले से नंगी लेटी थी बीस्तर पर ..
उन्होने मुझे पेट के बल लीटा दिया और दो तकिये मेरी चूत के नीचे रख दिया ..मेरी चूतड़ उपर उठ गयी थी ..मैं मुस्कुरा रही थी ..पर चूप थी ..बस आँखें बंद किए वो जो भी करते उन्हें करने देती जाती..
भैया ने मेरी टाँगें फैला दी और मेरी टाँगों के बीच लेट ते हुए अपना मुँह मेरे चुटड पर लगा दिया और चाट ने लगे ..मैने आज वहाँ की सफाई की थी ..एक भी बाल नहीं था वहाँ ..एक दम चिकने चूतड़..उन्नकि जीभ फिसल रही थी ... मुझे गुदगुदी हो रही थे .. दोनों चुटडो को पहले उन्होने जी भर चाटा ...
फिर दोनों चूतड़ हथेली से जकड़ते हुए अलग किया ....भैया अंदर का नज़ारा देख बोल उठे .." उफफफ्फ़ दामिनी ..तुम ने लगता है पूरी तैयारी की है आज ..देखो ना अंदर एक भी बाल नहीं ......ऊवू कितना चिकना है यहाँ ...और कितनी मस्त सुगंध है ..."
"हाँ भैया मैने आपकी वोई फॅवुरेट पर्फ्यूम लगाई है वहाँ ..आप को अच्छी लगी ना .." मैने पड़े पड़े ही कहा ...
" बहुत पसंद है रानी बहाना ...बहुत " और उन्होने अपना मुँह मेरी चुतड़ों के अंदर घुसा दिया और चूतड़ के बीच की जागेह दाँतों से हल्के हल्के चबाने लगे ...मैं सिहर गयी ... जीभ से चाट ते और फिर दाँत लगा देते ....मुझे इतनी गुदगुदी हो रही ठेए ..
" उफफफफ्फ़ दामिनी मन करता है तुम्हारे चूतड़ खा जाऊं ....कितनी मस्त है ..ज़रा भी फट नहीं ..बस सिर्फ़ गुदा ही गुदा है .... "
काफ़ी देर तक वो चाट ते रहे मेरी चूतड़ के बीच ..जीभ की गर्मी से मैं बहाल थी ..मेरी चूत से लगातार पानी रीस रहा था .....
वहाँ चाट ने से मेरी गान्ड का होल कुछ मुलायम हो गया था ..अब उन्होने चूतड़ को फैलाया और गान्ड के होल को एक्सपोज़ किया ...
गोल गोल गुलाबी होल ...भैया तो बस देखते ही रहे .. उन्होने मेरी गान्ड के होल को जितना हो सकता था फैलाया ..और अपनी जीभ वहाँ डाल दी ..हथेलियों से चूतड़ फैलाए हुए थे और जीभ अंदर डाल चाट रहे थे मेरी गान्ड .....
" आआआआआआआआआह ऊवू भैया ..क्या कर रहे हो आप ...उफफफफफ्फ़ ..." मैं सिसकारियाँ ले रही थी ..मस्ती में ..
"दामिनी तेरी गान्ड का टेस्ट तो ऐसे ही कितना मस्त है मेरी बहना ..उउफफफफफ्फ़ मन करता है बस चाट ता रहूं .." काफ़ी देर तक वो चाट ते रहे ..लॅप लॅप..चॅप..चॅप ...कभी कभी दाँतों से हल्के से जाकड़ पूरा चूस जाते ....."
मेरी चूतड़ उछल रही थी उनके मुँह पर उनकी चुसाइ , चाटाई से . और गान्ड के होल में बार बार जितनी बार भैया की जीभ लॅप लापते हुई अंदर जाती..मैं कांप उठती ...इस चाट ने में कितना प्यार और मेरे लिए उनका स्नेह भरा था ...मैं समझ रही थी वो इतना क्यूँ चाट रहे थे मेरी गान्ड ..एक तो उनका प्यार और दूसरा कारण था ...उनके चाटने की वाज़ेह से मेरी होल काफ़ी मुलायम हो गयी थी , वो मेरी तकिलफ कम कर रहे थे ...जिस से उनका दम दमाता लौडा आसानी से अंदर जा सके ..उन्हें कितना ख़याल था मेरा ...मैं आनंद विभोर थे उनके इस लाड और प्यार से.
मैने एक बार अपना हाथ पीछे करते हुए उनके लौडे को अपनी हथेली से थामा ...उफफफफ्फ़ ..कितना कड़क हो गया था ..और उनके लौडे से पानी टपक रहा था ...
"भैया ...अब डाल दो ना ..प्ल्ज़्ज़ .."
" अरे अभी नहीं दामिनी ..बस ज़रा थोड़ी देर और ..."
अब उन्होने साइड टेबल पर रखी ऑलिव आयिल के बॉटल को अपने हाथ में लिया और चूतड़ की फाँक में थोड़ा सा तेल डाल दिया ..चाटना बंद होने से होल भी बंद था इसकी वाज़ेह से तेल जमा था ..फिर उन्होने अपनी उंगलियों का जो कमाल दिखाया ,,मैं सिहर उठी ..
उन्होने अपने अंगूठे को मेरे गान्ड के होल पे रखते हुए दबाया ..गान्ड का होल खूल गया ...और वहाँ जमा तेल होल के अंदर धीरे धीरे रीस्ने लगा ..तेल के अंदर जाने से मुझे थोड़ी ठंडक का अहसास हुआ उफफफफ्फ़ तेल के रिसाव से एक अजीब झूरजूरी सी महसूस हुई मुझे ..फिर उन्होने गान्ड की होल में अंगूठा धीरे धीरे डाल ते हुए वहाँ मालिश करने लगे .....पहले हल्का सा दर्द महसूस हुआ फिर तो बस मैं बयान नहीं कर सकती ..इतना मज़ा आ रहा था ...मालिश करते करते तेल सूख गया ...फिर उन्होने और तेल डाला वहाँ और अब अपनी एक उंगली वहाँ हल्के से घुसाया और बार बार अंदर बाहर करते करते और गान्ड की दीवारों को छूते हुए मालिश करने लगे ..बीच बीच में गान्ड चाट ते भी जाते ...
अब गान्ड काफ़ी मुलायम हो गयी थी और उनकी उंगली भी आराम से जा रही थी ..
क्रमशः……………………..
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