RE: Kamukta Kahani दामिनी
दामिनी--15
गतान्क से आगे…………………..
तभी भैया भी बोल उठे " मम्मी मेरी भी तारीफ करो ना ..मैने भी तो कसम खाई थी बिना तुम्हें और दामिनी को चोदे कभी किसी को नही चोदून्गा ..." और उनका सीना चौड़ा हो गया..
" देखा ..कितना प्यार है हमारे बीच ...पर एक बात का ख़याल रखना अभी ये बात सिर्फ़ हम तीनों तक ही रहेगी ..पापा को मत बताना ..समय आने पर मैं उन्हें खूद बताऊंगी ..दामिनी तुम ये ख़याल रखना के पापा ये समझें कि तुम्हारे और उनके बीच की बात सिर्फ़ तुम दोनों ही जानते हो ...और कोई नहीं ..समय आने पर सब को सब मालूम हो जाएगा ..ठीक है ना ..??"
" ऊओह मोम आप चिंता मत करो ..आप जैसा कहेंगी वैसा ही होगा .... " हम दोनों एक आवाज़ में बोल उठे ..
" और एक बात मेरे प्यारे बच्चो... देखो हम जिस रिश्ते में हैं ये बड़ा ही नज़ूक रिश्ता है..हमें अपनी जिंदगी में और भी रिश्ते करने होंगे ... जो ज़रूरी हैं ..और साथ में इस रिश्ते को भी बनाए रखना है ..मेरा मतलब जब तुम दोनों की शादियाँ होंगी ... इस के लिए बहुत सी बातें जान ना ज़रूरी है ..जो किसी स्पेशलिस्ट से जाना जा सकता है ... वो तुम को बताएँगे कैसे दोनों रिश्तों में ताल मेल रखा जाए ..."
" पर मोम अभी तो शादी वादी बहुत दूर की बात है....जब होगी तब देखेंगे ... '"
" नहीं बेटे हो सकता है शादी से पहले भी तुम दोनों के अफेर्स होंगे ..?? उन्हें कैसे संभाला जाए ..? यह कहीं हमारे रिश्ते से तुम लोग इतना प्रभावित तो नहीं हो गये के उन रिश्तों की अहमियत भूल गये ..? यह फिर किसी और से सेक्स करने में नाकामयाब हो गये ..?? ये सब बातें अभी से मालूम होने से बाद में प्राब्लम नहीं होता है .."
" हाँ मम्मी आप बात तो बिल्कुल सही कह रहीं हैं .... " भैया ने कहा ..
" हाँ बेटे अभी मैं इसलिए भी कह रहीं हूँ के मेरी एक बड़ी अच्छी दोस्त हैं ..मेरे क्लब की दोस्त ..डॉक्टर. पायल ...वो सेक्शोलॉजिस्ट हैं और इनसेस्चूयियल रिलेशन्षिप की स्पेशलिस्ट हैं ... बहुत भरोसे की हैं ..मैं चाहती हूँ तुम दोनों एक बार उन से मिल लो ..तुम उनसे सब कुछ कह सकते हो ..बस ये समझो तुम मुझ से ही बातें कर रहे हो ...बिल्कुल बेझिझक .... उन से बातें कर के देखना तुम्हें कितना अच्छा लगेगा ... "
"ओके मोम ....बोलिए कब जाना है ..? उनकी उम्र तो काफ़ी होगी ..??" भैया ने कहा ...भैया अब तक मम्मी की नाइटी के अंदर से उनकी एक चूची से खेल रहे थे और मैं दूसरी से ... मम्मी भी मज़े ले रहीं थी ..
" नहीं रे ..येई तो खूबी है , उनकी उम्र सिर्फ़ 30 साल है ...और बाकी तुम खूद ही देख लेना ...बहुत होशियार हैं डॉक्टर. पायल .. "
" ओऊओह मोम आप कितना ख़याल रखती हैं हमारा .... " भैया ने अब तक उनकी नाइटी सामने से खोल दी थी ... मम्मी अब नंगी थी सामने से ....और अपनी टाँगें फैला दी थी ..उनकी चूत भी फैली थी ...पर रात की कोई निशानी नहीं थी ..बिल्कुल साफ ..गुलाबी और फ्रेश .. पर पानी की बूँदें चमक रही थी..जैसे सुबह सुबह गुलाब की पंखुड़ियों में ओस की बूँदें ....भैया से रहा नही गया और वी उनकी टाँगों के बीच बैठ कर उनकी चूत पर टूट पड़े ..मुँह डाल दिया और चूसने लगे ...
मेरा बुरा हाल था ..लगातार पानी टपक रहा था मेरी चूत से ... ..
." भैया ...दिस ईज़ अनफेर ..एक तो आधे रास्ते मुझे लटका दिया ...और अब मेरी चूत छोड़ मम्मी की चूत चाट रहे हो ..मम्मी आप ही कहो ना ये कहाँ का इंसाफ़ है .."
" हाँ बेटा दामिनी बिल्कुल सही है ..बिचारी रात भर से तरस रही है... और मेरे अचानक आने से आधे रास्ते में ही लटक गयी ...ठीक है अभी बेटा तुम लेट जाओ .....मैं अपनी चूत तुम्हारे मुँह से सटा कर लेट ती हूँ ..तुम मेरी चूत भी खाओ और दामिनी तुम्हें चोदेगि ..क्यूँ ठीक है ना बेटी ...??"
" बिल्कुल ठीक है मम्मी ..."
और भैया लेट गये उनका तननाया लौडा उनकीी जांघों के बीच से उपर लहरा रहा था ..मम्मी अपनी चूत उनके मुँह से लगा कर लेट गयीं और मैं अपनी टाँगें भैया के दोनो तरफ कर उनके तननाए लौडे पर धीरे धीरे बैठ गयी ..घतचक ..और मेरी चूत उनके लौडे की जड़ तक पहुँच गयी ..मेरी चूत इतनी गीली थी और उनका लौडा इतना मोटा हो गया था ..उनके लौडे और मेरी चूत की दीवार से पानी का फवारा मेरी जांघों पर पड़ा...मैं इतनी एग्ज़ाइटेड हो गयी ...धक्के पर धक्का लगाना शुरू कर दिया ..हर बार मेरी जंघें उनकी जांघों से टकराती .... अयाया मैं मस्ती में भैया को चोद रही थी और भैया मम्मी की चूत चूसे जा रहे थे ...पूरे का पूरा अपने होंठों से दबाते हुए ..मम्मी का पूरा पानी उनके मुँह में जा रहा था ...मैं चूतड़ भैया की जांघों पर उछाल रही थी और मम्मी अपने चूतड़ उनके मुँह से ... भैया एक साथ माँ और बहेन का मज़ा ले रहे थे ..एक साथ पूरी फॅमिली मस्ती के सागर में गोते लगा रही थी ...लौडे और चूत से पानी की गंगा बह रही थी..और हम सब सिसकारियाँ ले रहे थे ....कराह रहे थे ...एक दूसरे को चूस रहे थे , चाट रहे थे ..चोद रहे थे ....उफफफफफ्फ़ एक अजीब मौज़ की लहर में तीनों हिचकोले ले रहे थे
फिर मम्मी जोरों से अपनी चूतड़ उछालते हुए अपने चूत से पानी का फव्वारा छोड़ने लगी भाई के मुँह में ..उन्हें देख मैं भी एग्ज़ाइटेड हो गयी और मेरी चूत से भी पानी छूटने लगा ..भैया की जांघों में ..भैया भी एक साथ दो दो हसीन चूतो के पानी की धार बर्दाश्त नहीं कर पाए ...और उनके लंड ने भी मेरी चूत में गरम गरम वीर्य की पिचकारी छोड़ना चालू कर दिया ..मैं कांप उठी ..मेरा रोम रोम सिहर उठा ... और मैं भैया की लंड अपनी चूत से जाकड़ उनके लौडे के झट्के का मज़ा ले रही ठेए....
थोड़ी देर बाद तीनों हानफते हुए ढेर हो गये ..
सब से पहले मम्मी उठी , नाइटी पहनी ..फिर बाहर जाते हुए हमें कहा " तुम दोनों जल्दी तैयार हो जाओ ...कामवाली बाई आती ही होगी ..और हाँ आज या कल शाम को डॉक्टर. पायल से ज़रूर मिलना "
" हाँ मोम ..मैं भी बहुत बेचैन हूँ अब उन से , पायल आंटी से मिलने को .." भैया ने कहा .
मम्मी बाहर निकल गयीं और भैया ने मुझे फिर से चिपकते हुए चूमा और चले गये बाथरूम ..
मैं लेटी थी , मुस्कुरा रही थी और सोच रही थी मम्मी ने कितना सही कहा था ..ये हमारा रिलेशन्षिप कितना प्यारा ..कितना मधुर और कितना मज़ेदार था ...और शायद पायल आंटी से मिलने का बाद और भी मधुर हो जाए....??
मम्मी ने तो बस रंग ही जमा दिया उस दिन ..क्या एंट्री मारी उन्होने ..मैं और भैया तो बस देखते ही रह गये ...उनकी सोच कितनी उँची थी ..औरों से बिल्कुल अलग ..उनका कहना कितना सही था ...अब हमारे बीच कोई टेन्षन नहीं था ..मैं एक आज़ाद पंछी की तरह महसूस कर रही थी ..हम आपस में किसी भी तरह बेरोक टोक मिल सकते थे ..एक दूसरे से कोई परदा नहीं ..ना सोच में ना व्यवहार में ..हम कुछ भी कर सकते थे , कुछ भी बोल सकते थे...इस भावना से कितनी शक्ति मिलती है..कितना हिम्मत बढ़ जाता है..कुछ भी कर गुजरने का हौसला हो जाता है...और कितना रिलॅक्स्ड फील होता है ...
"मोम यू आर दा ग्रेटेस्ट मोम ...."
उस दिन नाश्ते के टेबल पर तो बस मज़ा ही आ गया ...
भैया पहले से ही तैयार हो कर बैठे थे टेबल पर ..की मैं भी आ गयी .. मैने जीन्स ओर टॉप पहने थे कॉलेज के लिए ..जीन्स काफ़ी लो थी ..ओर टॉप काफ़ी उपर ..और मेरी चूचियों की गोलाई टॉप से मानों बाहर उछल कर आना चाहती थी ..भैया बस देखते रहे ..मैं उनके सामने वाली कुर्सी पर बैठ गयी ..
भैया अपनी कुर्सी से उठे और आ कर मेरी बगल वाली कुर्सी पर बैठ गये ..
" भैया प्ल्ज़्ज़ ...अब कुछ मत करो ..मेरी पैंटी गीली हो जाएगी ...अभी कॉलेज जाना है .प्ल्ज़ .."
" अब देख दामिनी ..तू इतनी मस्त लग रही है ..अगर तुझे थोड़ा बहुत छू छा नहीं किया तो तुझे बुरा लगेगा ..लगेगा ना..? आइ प्रॉमिस मैं ज़्यादा कुछ नहीं करूँगा..मुझे भी तो कॉलेज जाना है ना..आ मेरी गोद में बैठ जा ..मैं अपने हाथ से तुझे खिलाऊँगा."
भैया की इतनी प्यारी प्यारी बातों से मैं झूम उठी .और मैं धीरे से उनकी गोद में आ गयी ..
उन्होने अपनी नाक मेरे चेहरे से लगाते हुए कहा " आआह कितनी अच्छी स्मेल है दामिनी तेरे पर्फ्यूम की .. "
''हाँ भैया ... आप को पसंद आई..मैं अब इसे ही लगाऊंगी रोज .." मैं उनके गाल पर अपनी उंगलियाँ फेर रही थी ..भैया मेरे पेट सहला रहे थे ..कितना अच्छा लग रहा था ...
तभी मम्मी भी आ गयीं ..और हम दोनों को देख कर कहा " वाह देख दोनों भाई -- बहेन कितने प्यारे लग रहे हैं , कितना प्यार है दोनों में ..."
मैने कहा " मोम आप भी आ जाइए ना हम एक साथ नाश्ता करेंगे ..प्ल्ज़्ज़ आइए ना ..कितना अच्छा रहेगा .."
" हाँ मोम ..दामिनी ठीक कह रही है आइए ना प्ल्ज़्ज़ .." भैया ने भी मेरे हाँ में हाँ मिलाई .
" तुम लोग भी ना ... " और हमारे बगल की चेर पर बैठ गयीं
" मम्मी ऐसे नहीं ...तुम बीच में आ जाओ .." मैने कहा और भैया की गोद से उतर कर मम्मी के बगल में आ गयी .." और आप बस बैठी रहो ..हम दोनों आप को खीलाएँगे ..है ना भैया ..?"
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