RE: Kamukta Kahani दामिनी
दामिनी--14
गतान्क से आगे…………………..
मैं समझ गयी वे मम्मी को लेटी रहने को क्यूँ बार बार बोल रहे थे..उन्हें पता था के मैं ज़रूर बाहर खड़ी हूँ ..और कहीं मम्मी मुझे देख ना लें ....मैं मन ही मन हँसी जा रही थी ...
भैया बाहर आए ,दरवाज़ा फिर से उधका दिया , और अब मैं अपने आप को रोक नहीं सकी ...मैं उछलते हुए भैया की गोद में आ गयी ..उनके कमर की गिर्द अपनी टाँगें करते हुए और गर्दन के गिर्द हाथ रखते हुए उन्हें जाकड़ लिया और उन्हें पागलों की चूमे जा रही थी...भैया ने भी मुझे अपने से चिपकाते हुए अपने कमरे की ओर जाने लगे...मैं उन्हें चूमे जा रही थी और कहती जाती ..
"ओओओओह ..भैया ..भैया ..यू आर ग्रेट , सिंप्ली ग्रेट ..क्या चुदाई की ..ऊओह ..उफफफफफ्फ़ .."
"उफफफफ्फ़...हाँ दामिनी ..मैने आखीर मन की मुराद पूरी कर ली....ऊवू मम्मी को चोद लिया ....ऊऊह क्या चूत है उनकी...दामिनी .... " भैया भी खुशी से पागल थे ..
"हाँ ..अब तो मेरी चूत को कौन पूछता है .....???अब तो आप को उठते बैठ ते बस मम्मी की चूत दिखेगी ..अब मैं कहाँ और मेरी चूत कहाँ ...??"
" दामिनी देख मैं आखरी बार बोलता हू..तू फिर कभी ऐसी बात नहीं करेगी ..तू जानती है ना मैं तुझे
कितना प्यार करता हूँ ? उनकी चूत और तुम्हारी चूत में कोई कंपॅरिज़न नहीं ..दोनों नायाब हैं ..अपनी
अपनी जागेह बेमिसाल ..मेरी रानी बहना .. तुझे भी तो पापा का लंड इतना अच्छा लगा ...पर क्या
मेरा लंड तू भूल गयी..?? बोलो ..??"
" ऊह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह भैया ..मान गये आप को क्या मिसाल दी आप ने ....आइ लव यौउउउउउउ...सो मच..."
कमरे में पहुँचते ही उन्होने मुझे लीटा दिया और मेरे बगल लेट गये ..मैं उनके सीने पर अपना सर रख दिया और हथेली से सीना सहलाते हुए कहा " भैया...."
" क्या है दामिनी ..?? " उन्होने मेरी चुचियाँ दबाते हुए कहा
मैं चिहूंक उठी " अया ..रात भर मम्मी की चूचियों से मन नहीं भरा ..?? ...भैया मैं भी तुम दोनों के साथ शामिल होना चाहती हूँ .." मैने इठलाते हुए कहा..''प्ल्ज़्ज़ भैया कुछ करो ना ..."
" हाँ दामिनी ..मैं भी येई सोच रहा था...कितना मस्त रहेगा ..मेरे दोनों सब से अज़ीज़ और प्यारे मेरे साथ रहेंगे ...साथ मज़ा लेंगे एक दूसरे का ... पर मम्मी को कैसे राज़ी किया जाए ..??"
" वो आप मुझ पर छोड़ दो मेरे भैया ..बस तुम देखते जाओ .." मैने उनके निपल्स दबाते हुए कहा ...
" आआअह ..दामिनी तुम भी ना .. हाँ दामिनी तू तो है ही दिमाग़ वाली ...तेरी चूत और दिमाग़ दोनों मस्त ..." और उन्होने मेरी चूत मसल दी ..
" उईईईईईईई ....क्या भैया ..देखते नहीं कितनी गीली है ..तुम दोनों की चुदाई देखते देखते कितनी फडक रही है ..भैया प्ल्ज़्ज़ चोदो ना ..जल्दी से ... कुछ तो रहेम करो ...मैं कितनी चुदासी फील कर रही हूँ...रात भर तुम दोनों को देख ..प्ल्ज़्ज़ भैया ..?"
" उफ़फ्फ़ .मेरे पास कोई चाय्स है क्या ..? मुझे मालूम है तू मानेगी नहीं ...चल खोल अपने शॉर्ट्स .."
उनका लंड तो पहले ही कड़क था मेरी बातों से और मेरे चिपकने से ..मैने फटाफट शॉर्ट्स उतारी और अपनी टाँगें फैलाए उनके लौडे का बेसब्री से इंतेज़ार करने लगी ..
भैया फ़ौरन मेरी टाँगों के बीच आए और एक ही झट्के में लौडा अंदर पेल दिया ...चूत इतनी गीली थी के उनका लौड फतच से पूरा अंदर , टाइट फिट होता हुआ धँस गया ..और मेरी चूतड़ थामे धक्के लगाने लगे ...दोनों चुदाई में मस्त थे ..
एक दम से दरवाज़ा खुला ..मैं चौंक गयी ...भैया की पीठ थी दरवाज़े की तरफ ..उन्हें कुछ मालूम नहीं पड़ा ..
मम्मी हाथ में चाइ की ट्रे लिए दरवाज़े के अंदर आ रही थी ....
मुझे तो काटो खून नहीं ...भैया भी मुझे सकपकाया देख चौंक गये ...उनका धक्का लगाना ऐसे रुका जैसे एक दम से ब्रेक लगाने पर कोई कार..." क्या हुआ दामिनी ..तुम ऐसे क्या देख रही हो ..." उन्होने झल्लाते हुए कहा ...
मैने चूप थी ..क्या बोलती ..बस आँखें फाड़ मम्मी की तरफ एक तक देखे जा रही थी ...भैया समझ गये शायद कोई बला उनके पीछे खड़ी है.उन्होने अपनी गर्दन मोडते हुए पीछे देखा ..
मम्मी अब तक दरवाज़ा बंद कर अंदर आ चूकी थी और हम दोनों इतने घबडाये थे के हमें जैसे लकवा मार गया हो..हमें कपड़े पहेन ने का भी होश नहीं था ..हम बस वैसे की वैसे पड़े थे ,,सिर्फ़ भैया मेरे उपर से हट कर बिस्तर के चोर पर सर झूकाए बैठे थे..
मम्मी ने चाइ की ट्रे साइड टेबल पर रख दी ..हम दोनों अगल बगल सर झूकाए बैठे थे ...
मम्मी हम दोनों की तरेफ देखते हुए खड़ी थी कमर पर हाथ ..चेहरा एक दम सीरीयस ...
और फिर जो उन्होने कहा ..हम दोनों दुबारा भौंचक्के थे ...
उन्होने हम दोनो की ओर चिल्लाते हुए कहा , " अरी बेवकूफो ...ऐसी हरकत करने के पहले कम से कम दरवाज़ा तो ठीक से बंद कर लिया होता ..जानें तुम लोगों को कब अकल आएगी..??".....
मम्मी का ये रूप भी मैने कभी नहीं देखा .... कहाँ तो भैया के साथ चुदाई के पहले कितना रोई , और अभी हमे चुदाई करते देख ..गुस्सा करना तो दूर ..हमें हिदायत दी जा रही थी दरवाज़ा बंद रखने की..मैं हैरान थी ,,भैया भी मुँह फाडे देख रहे थे .... हम दोनों एक दूसरे को बस ऐसे देखे जा रहे थे ..मानों मम्मी ने अब बम फोड़ा ... पर ऐसा कुछ नहीं हुआ .
रूम में एक अजीब सन्नाटा था ....मम्मी कुछ बोल नहीं रही थी और हमे उनके बोलने का इंतेज़ार था .
तभी मम्मी ने हम दोनों की जांघों को थामते हुए अलग किया और हम दोनों के बीच बैठ गयीं
मैं मम्मी की एक एक हरकत से एक अजीब सी उलझन में थी ..आख़िर ये चाहती क्या हैं..? कुछ बोलती क्यूँ नहीं ,,डाँट ती क्यूँ नहीं ..?? हंगामा खड़ा क्यूँ नहीं करतीं..?? और तो और अब हम दोनों के बीच बैठ भी गयीं ...मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा था....
अगर जंगली शेरनी आप के सामने आप को अपना मुँह खोले , बजाय आप को खाने के अपनी जीभ से आपको सहलाए तो कैसा फील होगा ..?? कुछ वैसी ही हालत हमारी थी ..कभी खुश होते की चलो मम्मी ने बुरा नहीं माना ..पर फिर डर भी लगता के पता नहीं ये चूप्पि आनेवाले तूफान का इशारा तो नहीं ....
फिर शायद मम्मी ने हमें और ज़यादा सस्पेंस में रखना ठीक नहीं समझा ..शायद उनको हम पर तरस आ गया .....वो ठहाका लगा जोरों से हँसने लगीं ...उनकी हँसी से हमारी जान में जान आई ..चलो और कुछ भी हो कम से कम मम्मी गुस्सा तो नहीं हैं ...
फिर उन्होने अपनी बाहें फैलाते हुए दोनों को अपने सीने से लगाया और कहने लगी
"मैं जानती हूँ तुम दोनों भाई बहेन को इस हालत में देख मेरे रिक्षन से तुम लोगों को हैरानी हो रही होगी ...पर मैं और मम्मियो की तरह नहीं मेरे बच्चे ..अगर मैं अभी से चुद्वा सकती हूँ ..तो मेरी दामिनी अगर अभी से चुद्वाये तो क्या गुनाह है..?? तुम दोनों मेरे बच्चे हो ,मुझे मालूम है तुम जो करोगे सोच समझ कर ही करोगे ... इस तरह की रिलेशन्षिप में कितना प्यार , कितना ख़याल और एक दूसरे के लिए कुछ भी कर गुजरने की हिम्मत आ जाती है ...है ना ..??"
" हाँ वो तो है मम्मी ..पर आप को ये कैसे मालूम हुआ के मुझे आप के और भैया के बारे पता चल गया ..?? "मैने हैरान होते हुए पूछा ..
" ह्म्म्म ...जिस दरवाज़े से तू रात भर हमारी चुदाई देख रही थी ना मेरी दामिनी रानी ..मैने जान भूझ कर खुला रखा था ...मैं इतनी भी नशे में नहीं थी ..मैं चाहती हूँ कि हमारे परिवार में एक अटूट प्यार और स्नेह का रिश्ता रहे ..जो बिना सेक्स के पूरा नहीं होता ...इस से हमारे बंधन और भी मजबूत होते हैं ... "
हम दोनों मम्मी से लिपट गये और उन्हें चूमने लगे ...." ऊऊओ मोम यू आर दा ग्रेटेस्ट मोम ..हम दोनों कितने लकी हैं ..आप जैसी मों हमें मिलीं .." हम दोनों एक साथ बोल उठे ..
" और मैं भी लकी हूँ मेरे बच्चे ..तुम दोनों जैसे समझदार और प्यारे प्यारे बच्चों को जन्म दे कर .... अच्छा दामिनी एक बात बता तू अपने पापा से चुदि या नहीं ....जैसा तुम दोनो के बीच चल रहा था ..अब तक तो ये शूभह कम हो जाना चाहिए था...?'"
" हाँ मोम ..शुभ काम हो गया है.... ऊओह मोम पापा कितने अच्छे हैं ..कितने प्यार से चोद्ते हैं .. आप कितनी लकी हैं ...और मोम मैने तो कसम खाई थी के मेरी चूत पे पहला हक़ पापा का है ....जब तक वो मुझे नहीं चोद्ते ना ..मैं किसी और से नहीं चुद्ति ..चाहे मुझे जिंदगी भर कुँवारी ही क्यूँ ना रहनी पड़ता...! "
" वाह इतना प्यार अपने पापा से ..? "
क्रमशः……………………..
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