Kamukta Kahani दामिनी
11-17-2018, 12:47 AM,
#23
RE: Kamukta Kahani दामिनी
दामिनी--13

गतान्क से आगे…………………..

मम्मी फिर से सकते में आ गयीं ...उनकी आँखों से भी आँसू टपक रहे थे ,पर अब दूख से नहीं अपने बेटे के बेइंतहा प्यार से ..उन्होने आगे बढ़ भैया की शॉर्ट्स उतार दी एक झट्के में और उनसे बुरी तरह चिपक गयीं ,उन्हें चूमते हुए कहा ..

" अरे बूद्धू ..जिस के लिए तू सब कुछ छोड़ने को तैयार है ..क्या उसे यूँ ही बिना चोदे छोड़ देगा ..?? अभय बन कर तो चोद लिया मुझे ..अब अभी बन कर मुझे कौन चोदेगा ? तेरा बाप ..??"

"ऊवू मोम मोम यू अरे ग्रेट ,,तुस्सी ग्रेट हो जी ....हा हा .हो हो ..ऊवू मोम .." भैया ने मम्मी को अपनी गोद में उठा लिया और पागलों की तरह चूमने लगे और बीस्तर पर पटक दिया ...

मैं रो रही थी खुशी के आँसू मेरी आँखों से लगातार बहे जा रहे थे...

मोटे गद्देदार बिस्तर पर मम्मी भैया के पटाकने से उछल रही थी...भैया उन पर टूट पड़े ..उनसे बुरी तरह लिपट गये , अपने लौडे को मम्मी की चूत के उपर दबाए जा रहे थे ..घिस रहे थे ..उन्हें चूम रहे थे पागलों की तरह ..कभी होंठ चूमते ..कभी चुचियाँ चूस्ते ..कभी चूचिया मसल देते ...कभी पेट चूमते ..बस उन्हें चूमे जा रहे थे ..मम्मी मुँह खोले " अया ..ऊओह हाऐी .." किए जा रही थी ... फिर उन्होने उनके होंठ अपनी होंठों से जाकड़ लिया और जोरों से चूसने लगे ...जैसे उसका पूरा रस ..पूरा गीलापन अपने अंदर ले लेंगे ..मम्मी उनकी बाहों में छट पटा रही थी ..उनकी जवान और मजबूत बाहों में , अपने बेटे अभी की बाहों में ... उन्हें एक एक हड्डी टूटने का अहसास हुआ ...

""बेटा ..मैं मर जाउन्गि .आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह चूसो , चूसो ..आज मम्मी को चूस डालो ..." उन्होने अपनी टाँगों से भैया को जाकड़ लिया था और अपनी ओर खींचे जा रहीं थी ..जैसे दोनों एक दूसरे में समा जाना चाहते हों ...मम्मी भी नीचे से अपनी चूतड़ घूमाते हुए भैया के लौडे को घिस रहीं थी ...उनका लौडा कड़ा और कड़ा होता जा रहा था ...फिर एक दम से भैया उठे ,मम्मी को गोद में उठाया ..मम्मी उनके कंधों पर अपना सर रखे अपने आप को उन के उपर छोड़ दिया था ,,सौंप दिया था ..भैया ने उन्हें बगल में रखे टेबल पर बिठा दिया ...उनकी टाँगें टेबल से नीचे लटक रहीं थी...उनकी चूत से पानी रीस रहा था ...भैया उनकी टाँगों के बीच एक कुर्सी रख बैठ गये ..उनकी टाँगें फैला दी ..मम्मी की चूत फैली थी ..उसकी गुलाबी फांके चमक रही थी ...गीलेपन की वाज़ेह से और भी खूबसूरत लग रही थी मम्मी की चूत ...उन्होने चूत की फांके हथेली से फैला दी ...और एक दम से अपनी जीभ चूत की फांकों के बीच उपर नीचे करने लगे ...मम्मी कराह उठी ...

"अया...ऊवू उईईईई......उूुुउउ...हाई.. क्या कर रहे हो अभी.....मैं मर जाउन्गि ..." उनके पैर कांप रहे थे ..बदन सिहर रहा था ...और पानी टपक रहा था चूत से लगातार ...भैया लॅप लॅप चाटे जा रहे थे उनकी चूत ..उस चूत को चाट रहे थे ..उस चूत का स्वाद ले रहे थे जिस से खुद बाहर आए थे ...इस सोच से भैया भी शायद बहुत एग्ज़ाइटेड थे ..उनका लौडा इतना कड़ा कभी नहीं था ...मम्मी पागल हो रहीं थी ...भैया ने उनकी चूतड़ भी हाथो से जाकड़ रखी थी ..उनकी सॉफ्ट और गुदाज चूतड़ ...चूतड़ मसल रहे थे और चूत चाट रहे थे ...मम्मी का पूरा पानी चूस रहे थे ... फिर उन्होने अपनी जीभ उनकी चूत में डाल दी ..और अपनी जीभ से ही चोदने लगे ...

मम्मी उछल रहीं थी ..उनका चूतड़ उछल रहा था ...हिचकोले ले रहा था ..

""आआआह्ह्ह्ह ...मेरे राजा बेटा ...कितना चूसोगे अपनी माँ की चूत ..ऊवू इतना मज़ा मुझे आज तक नहीं आया ...ऊवू ...अब चोद डालो ना अभी ....मैं और से नहीं सकती .....देखो ना तुम्हारा लौडा भी कितना सख़्त है "... और उन्होने थोड़ा नीचे झूकते हुए उनका लौडा हाथ से थाम लिया ...उनकी मुट्ठी से बाहर था उनका लंड ..उनके हथेली में समा भी नही रहा था ..इतना मोटा और लंबा था ...मम्मी के सहलाने से भैया कराह उठे ..."आआह्ह्ह्ह ...मम्मी ...अया .."

और फिर वे कुर्सी से उठ गये ,खड़े हो गये ..अपना लौडा अपने हाथों में लिया और मम्मी की चूत में घिसते हुए उनकी गुलाबी चूत में धंसा दिया ...मम्मी का मुँह खूल गया .."आआआह ...' उनकी आँखें बंद हो गयीं ..भैया ने उनके कमर को हाथों से जकड़ते हुए अपनी ओर खींचते हुए धक्के पे धक्का लगाना शुरू कर दिया ...मम्मी हर धक्के में कराह उठती ..चिल्ला उठती

"" अया हाँ बेटा ,,चोदो ..ज़ोर से चोदो ..ऊह तेरा लंड कितना मोटा और लंबा है ....मेरी चूत में इतना अंदर आज तक लंड नहीं गया ...आह मेरी चूत की खुजली ...आह आज खुजली मिट रही है...पेलो अभी ..मेरा राजा बेटा ..माँ की चूत पेल दो ..फाड़ दो ...अया "

भैया मम्मी से चिपके खड़े खड़े चोदे जा रहे थे ..खड़े खड़े चोदने से धक्के में इतना ज़ोर रहता था मम्मी का पूरा बदन हिल जाता ... पूरा बदन झनझणा उठता ...भैया भी कभी उनकी चूची चूस्ते ..कभी उनके होंठ ..

.वाह क्या नायाब तरीका था चोदने का टेबल पर ..अगली बार मैं भी ऐसे ही चुद्वाउन्गि भैया से..

अभिईीईईईईई आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह और नहीं बेटा ..अब मैं और नहीं सह सकती ...मैं आने वाली हूँ ..." भैया ने फ़ौरन अपना लंड बाहर कर दिया और उन्हें फिर गोद में ले बीस्तर पर लीटाया और उनके टाँगों के बीच लेट ते हुए उनकी चूत अपने होंठों से जाकड़ ली और चूसने लगे ..मम्मी की चूतड़ उछल रही थी ..उपर , उपर और उपर उठती जाती उनकी चूतड़ ..उनका पानी भैया के मुँह में फव्वारे की तरह जा रहा था ..भैया पूरे का पूरा मुँह मे गटक रहे थे ..अपनी मम्मी का पानी ...उनका शरीर जिस पानी से बना ...अया भैया के चेहरे पे एक अजीब मस्ती थी "बेटॅयायीययाया ...मैं गाइिईई ऊऊहह "...मम्मी चुटड उछाल उछाल कर ढीली पड गयीं ...

भैया का लंड जो अब इतना कड़ा था ...वीर्य के उसमें भरे होने की वाज़ेह से ..हिल रहा था ..हल्का हल्का झट्के खा रहा था ..मम्मी ने फ़ौरन उसे अपने हाथों में लिया और अपनी जीभ सुपाडे पर चलाते हुए मुँह के अंदर ले लिया..मुँह की गर्मी और जीभ के स्पर्श से ..भैया रोक नहीं सके अपने आप को और मम्मी के मुँह में झट्के देते देते झडने लगे ....मम्मी उनके गर्म वीर्य की पिचकारी पूरे का पूरा अपने मुँहे में ले रहीं थी ... " आआह ऊवू ..मोम ..मोम हहान आआआआआआः .."

दोनों शांत हो गये एक दूसरे के अंदर अपने अपने रस डाल ... भैया मम्मी के उपर ढेर हो गये हानफते हुए ..मम्मी ने उनके सर पर हाथ फिराते हुए उन्हें अपनी ओर खींचते हुए अपने सीने पर रख दिया ...दुनिया की सब से महफूज़ जागेह ..माँ का सीना...भैया निश्चिंत थे वहाँ ....

इधर मैं भी बुरी तरह से पानी छोड़ रही थी अपनी चूत से ,,मेरी हथेली पूरी गीली हो गयी थी ..इतना पानी निकला था मेरी हथेलियों से टपका रहा था ...

माँ और बेटे की चुदाई शायद दुनिया की हर चुदाई से नायाब होती है ......

भैया और मम्मी की चुदाई का ग्रांड शो देखते देखते मैं भी कई बार झड़ी , दोनों की चुदाई से ज़्यादा मज़ा मुझे उनका एक दूसरे के लिए प्यार और तड़प देखने में आ रहा था ..भैया के हर धक्के में एक ऐसी भूख होती थी ..ऐसी कशिश होती जैसे वो मम्मी के अंदर घुस जाना चाहते हों .उनसे मिल जाना चाहते हों ...और मम्मी भी इतनी मस्त चुद्वा रहीं थी ...टाँगें इस तरह फैला रखीं थी उन्होने जैसे वे भैया को वापस अपने अंदर लेना चाहती हों ..वापस उनका और अपना वज़ूद एक कर लेना चाहती हों .....माँ और बेटा एक शरीर के दो रूप ...फिर से आपस उनके मिलने की कसक ..तड़प ...इस कोशिस को कामयाब करने का ..हसील करने का .छुदाई से बढ़ कर और कोई ज़रिया नहीं हो सकता ...और भैया और मम्मी की कोशिश जोरों से जारी थी ...देर रात तक....

मम्मी दो दो बार अपने जवान बेटे के लंड से ताबड तोड़ चुद्ने के बाद थक गयीं थी ..उनकी आँखें लग गयीं ..दोनों एक दूसरे की बाहों में सो गये ...दुनिया से बे परवाह ..बेख़बर ..

मैं भी अपने कमरे में बीस्तर पर लेट गयी ...ये सोच ने लगी के अगर आज मैं भी इन के साथ शामिल रहती तो कितना मज़ा आता ...ये ख़याल आते ही मैं सिहर उठी ...ऊवू ...कैसा रहेगा जब मम्मी बीच में होंगी और एक तरफ भैया और दूसरी तरफ मैं ..उनकी एक चूची मैं चूसू और दूसरी भैया ..मम्मी दोनों को अपनी बाहों में ले कर अपनी चूचियों की ओर खींचें ..आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह और बीच बीच में भैया का मुँह चूची से हट कर मेरे मुँह से लग जाए ..और वो मेरे होंठ चूसें .....आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह इस कल्पना से ही मैं झडने लगी ...मेरी पैंटी फिर से गीली हो गयी ..इतने बार झडने की वजेह से मैं बिल्कुल सूस्त पड गयी ...और अपनी टाँगें फैलाए आँखें बंद कर पड़ी रही...और मैं मम्मी की गोद की कल्पना करते करते नींद की गोद में चली गयी..

सुबह उठते के साथ मैं भागते हुए मम्मी के कमरे की ओर गयी ...और देखा दरवाज़ा अभी भी भिड़ा था ..किसी को भी रात में दरवाज़ा बंद करने का होश नहीं था ...मैने देखा मम्मी जागी थी..और भैया अभी भी गहरी नींद में थे ...मम्मी ने उन्हें बड़े प्यार से अपने सीने से अलग किया और उन्हें चूमते हुए जगाने की कोशिश की...भैया ने आँखें खोल दी..मम्मी ने उनके चेहरे को अपने हाथों से थामते हुए कहा

" बेटा उठ , अपने कमरे में जा..पता नहीं कहीं दामिनी आ गयी तो क्या सोचेगी .."

भैया ने कुछ सोचा , फिर मुस्कुराए और जल्दी से उठ कर कहा

" ठीक है मोम ..मैं जाता हूँ..पर तुम अभी लेटी रहो ...तुम काफ़ी थकि लग रही हो ...थोड़ा और आराम कर लो फिर उठना ..."

"वाह मेरे बेटे को मेरा इतना ख़याल है..मैं तो निहाल हो गयी ..इतना प्यारा बच्चा है मेरा ...और उस से भी प्यारा है उसका ये ..." और ये कहते हुए उन्होने उनके लंड को अपने हाथों से जकड़ते हुए चूम लिया ..

" उफफफफफफ्फ़..मोम ..अया अगर दामिनी का ख़याल नहीं होता ना तो मैं अभी के अभी चोद डालता ..."

" बिल्कुल ..अपने बाप पे गया है ..इतनी बेसब्री ..मेरे लाल..?? अब तो सभी रातें हमारी हैं . मैं भी कहीं भागी नही जा रही ..? जा बेटा अब जा ... "

भैया ने मम्मी को गले से लगाया ..एक जोरदार किस की उनके होंठों पर ...फिर

शॉर्ट्स पैर में डाला और रूम के बाहर निकलते हुए ये कहना नहीं भूले "पर आप अभी लेटी रहना .."

क्रमशः……………………..
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Kamukta Kahani दामिनी - by sexstories - 11-17-2018, 12:43 AM
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